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Elephant moving in residential area
ऋषिकेश/हरिद्वार:

रविवार शाम को ऋषिकेश में बैराज कॉलोनी में अचानक बैराजपुर से होते हुए एक  हाथी घुस आया। जिसे आता देखकर कॉलोनी वीडियो में हड़कंप मच गया और सब इधर-उधर भागने लगे देहाती कॉलोनी से होता हुआ मीरा बहन की कुटिया से होता हुआ आगे निकल गया परंतु इसी बीच इसने सड़क पर चल रहे एक मुक बधिर व्यक्ति को उठाकर पटक दिया।

उसे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाया गया परंतु मुख बधिर होने के कारण उसकी पहचान नहीं हो पाई है।

हरिद्वार बहादराबाद क्षेत्र से भी इसी प्रकार की घटनाएं सुनने को मिल रही है रोहलकी किशनपुर गांव में भी हाथी चहलकदमी करते हुए देखे गए है। रोहलकी किशनपुर से सटे से हुए खेतों में भी हाथियों ने तूफान मचाया है। किसानों का कहना है कि किसी  हथिनी ने बच्चों को जन्म दिया है,इसकी खबर है। परंतु वन विभाग कोई बात सुनने को तैयार नही है। उनका कहना है कि हाथी तो आएगा ही।

बड़े बड़े विकास कार्यों , पुलों, फ्लाई ओवर, हाईवे के निर्माणों ने हाथियों के कॉरिडोर को ध्वस्त कर दिया जिस कारण वे इधर उधर इंसानी मानव बस्तियों रुख करते है।इसके अतिरिक्त वन क्षेत्र में कमी आना भी इसका महत्वपूर्ण कारण है। खासतौर से उत्तराखंड में जंगलों को भारी नुकसान पंहुच है, जिसका खामियाजा इन जानवरों को चुकाना पड रहा है।ऐसे में ये भोजन के लिये बस्तियों की और खेतों की और जाते है।


चूंकि हाथी विशालकाय जीव है अतः इसे कोई डर भी नही होता। अमूमन सर्दियों में हाथी अपने कॉरिडोर में विचरण करते हुए अपने स्थान को परिवर्तित भी करते है।अपने रास्ते को आजीवन याद रखते है। उनके रास्ते मे आये निर्माणों पर उनका आक्रोशित होना स्वाभाविक है।  गन्ने की फसल की तरफ भी आकर्षित होते है क्योंकि यह उनका पसंदीदा भोजन है। शाकाहारी यह जीव शांत स्वभाव का होता है परंतु आक्रोशित हो जाने पर आक्रामक होता है। जंगल की तरफ और खेतों की तरफ रहनेवाले किसानों और राहगीरों को चाहिए कि सावधान रहें।

हाथियों के कॉरिडोर को लेकर समीक्षा की आवश्यकता भी है।

विशेषज्ञों और वन विभाग को चेतने की आवश्यकता है अन्यथा दुष्परिणाम हो सकते है।

कुल मिलाकर विकास के नाम पर पर्यावरण को नष्ट करना और उसके अनदेखी करना मनुष्य कर सकता है सकता है परंतु जीव जंतु प्रकृति को नष्ट होते हुए नहीं देख सकते हैं और अपने घरों पर कब्जा तो कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता तो हाथी भी क्यों करें?


 समाज में बदलाव के लिए गंगधारा की तरह विचारों की अविरलता भी आवश्यक

दून विश्वविद्यालय में देवभूमि विकास संस्थान की दो दिनी व्याख्यानमाला आरंभ


-सीएम पुष्कर सिंह धामी और महामंडलेश्वर स्वामी अवघेशानंद गिरी ने किया शुभारंभ

-22 दिसंबर को चार सत्रों में शिक्षा, संस्कृति, विकास हिमालयी क्षेत्रों की चुनौती पर होगा मंथन

देहरादून;

Gangdhara , doon university dehradun


 हिमालयी क्षेत्रों की चुनौती और विकास को लेकर देवभूमि विकास संस्थान का दो दिनी गंगधाराःविचारों का अविरल प्रवाह


व्याख्यान माला का कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो गया। 


दून विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ सीएम पुष्कर सिंह धामी और जूना अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने किया। इस मौके पर कहा गया कि गंगधारा की तरह ही विचारों की अविरलता भी आवश्यक है। विचारों का प्रवाह आदमी को थकने नहीं देता और मंजिल तक पहुंचा देता है।

दून विश्वविद्यालय इस दो दिनी व्याख्यानमाला में सह आयोजक है। शनिवार को इस कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मुख्य अतिथि बतौर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में परिवर्तन लाने के वाहक बनते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विचारों के आदान-प्रदान की परंपरा रही है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पर इकोलाजी और इकोनोमी का संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने विकल्प रहित संकल्प पर जोर देते हुए प्रदेश सरकार की तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने जल्द ही भू-कानून लाने और जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू करने की बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दून विश्वविद्यालय में जल्द ही सेंटर फार हिंदू स्टडीज पर कोर्स शुरू करने जा रही है।

मुख्य वक्ता बतौर जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति का चिरंतन प्रवाह पर अपने विचार रखे। उन्होंने गंगधाराः विचारों का अविरल प्रवाह कार्यक्रम के इस दिव्य अनुष्ठान, अभियान की सराहना की। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने इस कार्यक्रम के जरिए एक दिव्य अनुष्ठान का बीड़ा उठाया है। जो समाज में बदलाव लाने के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारा आभार यह है कि कहीं से विचार आए, हम उनका स्वागत करते हैं। सभी दिशाओं से जो विचार आते हैं उन्हें हमने अपने सुविचार, कल्याण के लिए जीवन के उद्धार और सिद्धि के लिए आत्मसात भी किया है। कहा कि भारतीय जीवन के मूल में परमार्थ है। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता की तरह ही विचारों की अविरलता भी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोचने के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। आवश्यक यह है कि हम यर्थाथवादी रहें। उन्होंने कहा कि जो सत्यनिष्ठ होता है, वो ही प्रतिष्ठित भी होता है।

स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत ने दुनिया को सुविचार दिए हैं। जब व्यक्ति सत्य की ओर यानि यर्थात की ओर बढ़ता है तो तब उसकी बहुत सी दुविधाएं, न्यूनताएं, उसके भीतर के दुराग्रह उसी समय ध्वस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि असत्य से सत्य की ओर चलूं, मैं अंधकार से प्रकाश की ओर चलूं, मैं मृत्यु से अमृत्व की ओर चलूं, दुनिया को यह ज्ञान भारत ने दिया है। 

उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियों और विकास विषय के साथ ही पारिवारिक मूल्यों पर भी मंथन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वैंडिंग का चलन तेज हो रहा है, लेकिन आवश्यक यह है कि हम अपने मांगलिक कार्यों के लिए गांवों का रूख करें। 

देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम की प्रस्तावना को सामने रखा। हिमालयी सरोकारों को लेकर एक अविरल चलने वाले कार्यक्रम का उनका सपना था, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लोगों के सहयोग से इसके लिए कारपस फंड तैयार किया गया है, जिससे इसके लगातार आयोजन में आर्थिक दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के सुझाव जानने के लिए पांच पर्यवेक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है, ताकि कार्यक्रम भविष्य में और बेहतर हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज विवाह जैसी संस्था प्रभावित हो रही है और रिश्ते बहुत जल्द टूट रहे हैं, उसे देखते हुए प्री वैडिंग काउंसलिंग के कार्यक्रम करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय के डा नित्यानंद सभागार में ही इस आयोजन को हम करना चाहते थे, क्योंकि डा नित्यानंद ने हिमालय के अभूतपूर्व सेवा की है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों को लेकर विचार बहुत किया जाता है, लेकिन इसे गंगधारा के रूप में क्रियान्वित किया जाना महत्वपूर्ण है। इससे पहले, अतिथियों का स्वागत करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने कहा कि दुनिया तमाम समस्याओं के समाधान के लिए भारत की तरफ देख रही है, इसलिए हमारा चिंतन दुरूस्त होना चाहिए।

 कार्यक्रम का संचालन डा हरीश पुरोहित ने किया। देवभूमि विकास संस्थान की मेन ट्रस्टी कृति रावत, सचिव सतेंद्र नेगी, डा दीपक भट्ट के अलावा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक प्रो आरसी डंगवाल, प्रो आरती ममगाईं, डा डीसी नैनवाल आदि इस मौके पर उपस्थित थे। संस्था की ओर से आयोजकों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। इससे पहले, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। ट्रांस ब्रिज स्कूल के बच्चों ने मांगल व गंगा गीत की सुंदर प्रस्तुति दी।

 *के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं -मुख्यमंत्री*





मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जल संरक्षण और वृक्षारोपण अभियान, 2024 के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण और जल संचय की दिशा में तेजी से कार्य किये जाए। नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके लिये सभी संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। 10 से 16 जून 2024 तक प्रदेशभर में जल उत्सव सप्ताह व्यापक स्तर पर मनाया जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में दिये। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक आधार पर जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए तेजी से कार्य किये जाए। इसके लिए यूकॉस्ट, यूसर्क एवं जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कार्य करने वाली अन्य संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी अभियान को सफल बनाने में जन सहभागिता बहुत अहम होती है। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में कार्य करने वालों के साथ ही इस दिशा में जन भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन नदियों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए अभी तक चिन्हित किया गया है, उनका बेस लाईन डाटा भी बनाया जाय। इनके पुनर्जीवीकरण के लिए लघुकालिक और दीर्घकालिक योजना के साथ कार्य किये जाए। वर्षा जल संचय की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बनाई गई नीति का नियमानुसार पालन सुनिश्चित करवाया जाय। 


मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि से संभावित क्षेत्रों में वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए ऐसे क्षेत्रों में नमी संरक्षण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए वन विभाग पूरी योजना बनाकर कार्य करें। जो जल स्रोत तेजी से सूख रहे हैं, उनके संरक्षण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्य किये जाएं। चाल-खाल और अमृत सरोवरों के निर्माण में और तेजी लाई जाय। शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण संचय और संरक्षण के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किये जाएं।  


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि आगामी हरेला पर्व से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए। यह अभियान एक माह तक चलाया जाए। फलदार और छायादार वृक्षों का अधिक रोपण किया जाए। वृक्षारोपण के साथ उनका संरक्षण सबसे अधिक जरूरी है, इनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वृक्षारोपण अभियान को न्याय पंचायत स्तर तक चलाया जाय। न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठी के माध्यम से जल संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम किये जाएं। न्याय पंचायत स्तर, विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में वृक्षारोपण अभियान के तहत फलदार पौध वितरित किये जाएं। 


वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में जन सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को मनरेगा से जोड़ने से लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। इस वर्ष इस अभियान को न्याय पंचायत स्तर तक विस्तार किया जायेगा। वन विभाग द्वारा सेक्टर बनाकर वृक्षारोपण किया जायेगा।

  

पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण जरूरी है। जल संचय और संरक्षण के परंपरागत तरीकों पर नियमित कार्य करना होगा। इस अभियान को जन अभियान बनाना जरूरी है।

  

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री एच.सी. सेमवाल, डॉ. पराग मधुकर धकाते, शासन के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।


 देहरादून;

Save khalnga forest dehradun campaign


अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति द्वारा  देहरादून मे पर्यावरण की रक्षा हेतु पेड़ो/वृक्षों पर रक्षासूत्र बाँध सरकार को पर्यावरण की रक्षा हेतु चेताया।

विकास के नाम पर देहरादून को लगातार विनाश की तरफ धकेलते कार्य की कड़ी मे पुनः हज़ारो पेड़ो की बलि खलंगा वन क्षेत्र तपोवान मे देने के विरोध मे समिति द्वारा पेड़ो /वृक्षों पर रक्षा सूत्र बाँध पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया गया।

ब्राह्मण समाज सदैव सर्वत्र कल्याण की कामना करता आया है मानव के साथ साथ पेड़, पौधे, पक्षी, वनस्पति, जल, वायु, गृह, नक्षत्र, जीवो, अग्नि आदि की रक्षा हेतु समाज को जागृत करता आया है। सब की शांति ओर कल्याण के लिए शांति पाठ प्रदान कर जन जागरण का कार्य किया।


"ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,

पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।

वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,

सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥"

अर्थात 

शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,

अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,

सकल विश्व में अवचेतन में!

शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में

जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

भारतीय सभ्यता संस्कृति मे साल भर के व्रत ओर त्यौहार भी इस क्रम मे है जिससे की मौसम के अनुसार प्रकृति के हर कण की रक्षा की जाये।


देवभूमि उत्तराखंड जो अपने शांत ओर स्वच्छ वायु के वातावरण के लिए विख्यात रही उसको विकास की दौड़ के नाम पर विनाश की ओर लगातार धकेला जा रहा है।

कुछ समय पहले सहस्त्रधारा रोड पर हज़ारो पेड़ो की बलि सड़क के विस्तार मे दीं गई। डाट काली मंदिर के पास हज़ारो पेड़ काट प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया गया जिसका परिणाम देहरादून नगर का आग उगलता वातावरण चीख चीख कर कह रहा है विनाश का खेल बंद करो। 42 डिग्री तापमान की देहरादून मे कल्पना भी नहीं थी परन्तु अब लगता है की यदि विकास के नाम पर विनाश का खेल यूँही चलता रहा तो देहरादून का तापमान 50 डिग्री तक भी चला जायेगा।

सरकारे नई नई योजनाओं के नाम पर लगातार पेड़ो को काट रही है परन्तु यह विचारणीय है की नए जंगल लगाने का कितना कार्य कर रही है। किसी भी योजना हेतु यदि पेड़ काटने आवश्यक है तो उन पेड़ो के सापेक्ष दसगुणा पेड़ लगाने भी आवश्यक है जिससे प्राकृतिक संतुलन को बचाया जा सके।

 एक तरफ सरकार  खलंगा क्षेत्र मे वाटर ट्रीटमेंट योजना को स्थगित करने का संदेश दे रही है दुसरी तरफ इनके विभाग पेड़ो को चिन्हित कर उन पर निशान लगा रहे है इस दोहरे रूप के कारण पर्यावरण पर विनाश की तलवार लटकी हुई है।

  खलंगा मे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसी विनाशकारी योजना सिर्फ स्थगित नहीं निरस्त होने तक जनजागान चलता रहेगा।

  आज के जनजागरण कार्यक्रम मे समिति के संरक्षक श्री लालचंद शर्मा, श्रीमती आभार बड़थवाल समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा, सचिव रूचि शर्मा, उत्तराखंड प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एडवोकेट राजगीता शर्मा,महासचिव डॉ अजय वशिष्ठ, भारती जोशी,

वासु वासिष्ठ,वसुधा वशिष्ठ रविन्द्र आनंद, पंकज सैनी, अभय उनियाल, पूजा चमोली, हिमांशु जोशी, प्रेम वालाभ चमोली, सोनिया आनंद, विचित्र शर्मा,  देवाशीष गौड़, राजेश पंत  आशीष शर्मा, मधु शर्मा, आचार्य डॉ राजदीप  डिमरी, प्रेम खुराना, वसुधा, शिवम् रावत, यतेंद्र प्रसाद जोशी, ऊषा जोशी, विजय जोशी, सुरुचि तिवारी, विजय सिंह गुसाई, विलोचना गुसाई,डॉ राजीव गुप्ता, गोपाल सिंह, सिशंत राणा, हर्षिता रावत, मधुसूदन सुंदरियाल,अंकित, अंशुल डोबरियाल ,एशवरिय आदि सम्मलित रहे।



       


 




ऋषिकेश-चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रतीक एम्स ऋषिकेश ने 28 मार्च 2024 को गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस ;जीसीपी पर एक दिवसीय कार्यशाला की मेजबानी की। यह कार्यक्रम समझ को मजबूत करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश के रिसर्च सेल द्वारा आयोजित किया गया था। और नैदानिक ​​​​अनुसंधान में नैतिक सिद्धांतों और गुणवत्ता मानकों का पालन जो स्वास्थ्य देखभाल को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं।

एम्स ऋषिकेश की निदेशक और सीईओ प्रोफेसर मीनू सिंह के नेतृत्व में चिकित्सा जगत के दिग्गजों ने उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई जिनके प्रेरक शब्दों ने ज्ञान और सीखने के एक दिन के लिए मंच तैयार किया। उन्होंने आधुनिक चिकित्सा के समकालीन प्रबंधन में साक्ष्य आधारित चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपनी व्यावहारिक टिप्पणियों से प्रतिनिधियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत में साक्ष्य आधारित बाल स्वास्थ्य में अपनी विशाल विशेषज्ञता और अग्रणी योगदान के साथ प्रोफेसर मीनू सिंह ने मजबूत साक्ष्य और वैज्ञानिक अनुसंधान पर चिकित्सा निर्णयों को आधारित करने के अपरिहार्य महत्व पर जोर दिया। कोक्रेन इंडिया नेटवर्क के सह अध्यक्ष के रूप में अपने व्यापक अनुभव से प्रेरणा लेते हुएए उन्होंने स्वास्थ्य अनुसंधान के परिदृश्य और गुणवत्तापूर्ण जीसीपी प्रशिक्षण के निहितार्थों पर प्रकाश डालने वाले उपाख्यान और मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की।

गणमान्य व्यक्तियों में अनुसंधान के डीन प्रोफेसर शैलेन्द्र हांडू उल्लेखनीय थे। जिनकी अनुसंधान सेल के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका ने कार्यशाला के सफल निष्पादन का मार्ग प्रशस्त किया। अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता पूरे आयोजन में गूंजती रही। जो नवाचार और नैतिक अनुसंधान प्रथाओं की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के समर्पण को रेखांकित करती है।

देश भर के प्रतिष्ठित वक्ताओं जैसे केईएम मुंबई से डॉ निथ्या गोगटे और एम्स ऋषिकेश से प्रोफेसर पुनीत धमीजा ने जीसीपी सिद्धांतों पर प्रवचन को समृद्ध करते हुए अपनी गहन अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में रोश इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिष्ठित अतिथि व्याख्याता शामिल थे जिनमें सुश्री भावना गुप्ता, डॉ वाणी देवधर, महेश पाटिल, सुश्री निधि दास और डॉ वर्षा प्रधान शामिल थे, जिनकी विशेषज्ञता ने चर्चाओं में अमूल्य दृष्टिकोण जोड़े।

अच्छे क्लिनिकल प्रैक्टिस के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता,खासकर भारत जैसे गतिशील स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में। जैसा कि देश चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, नैदानिक ​​​​परीक्षणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और नैतिक अखंडता सुनिश्चित करने के लिए जीसीपी सिद्धांतों का पालन सर्वोपरि हो जाता है। इसके अलावा नैदानिक ​​​​अनुसंधान स्वास्थ्य देखभाल नीतियों और हस्तक्षेपों को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और रोगी परिणामों में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालाँकि हमारी विविध आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को सही मायने में संबोधित करने के लिए अनुवादात्मक नैदानिक ​​​​अनुसंधान की तत्काल आवश्यकता है जो बेंच साइड खोजों और बेडसाइड अनुप्रयोगों के बीच अंतर को पाटता है। भारत जैसे विकासशील देशों में जहां स्वास्थ्य देखभाल संबंधी असमानताएं प्रचलित हैं,स्थानीय स्वास्थ्य चुनौतियों को प्रभावी ढंग से और न्यायसंगत रूप से संबोधित करने के लिए अनुवादात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देना अनिवार्य हो जाता है।

कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ अमित सहरावत ने कहा की इस कार्यशाला की सफलता नैतिक अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। हमारे स्वास्थ्य पेशेवरों को उच्च गुणवत्ता वाले नैदानिक ​​​​अनुसंधान करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करके  हम न केवल चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि अपने समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण में भी सुधार कर रहे हैं।

एम्स ऋषिकेश में जीसीपी कार्यशाला की शानदार सफलता अनुसंधान और शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति संस्थान के अटूट समर्पण का प्रमाण है। जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं,हम नैतिक और परिवर्तनकारी अनुसंधान प्रथाओं के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल को आगे बढ़ाने के मिशन में दृढ़ हैं। कार्यशाला आयोजन टीम में डॉअश्वनी महादुले,डॉ बेला गोयल,डॉ राजराजेश्वरी और प्रोफेसर फरहानुल हुदा शामिल थे,जिन्होंने जीसीपी कार्यशाला के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 पारंपरिक हिमालयी चिकित्सा प्रणाली की उभरती


प्रासंगिकता” विषय पर हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून एवं गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान कोसी अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।


 संगोष्ठी में उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों से लगभग 145 प्रतिभागियों ने अपने पत्र प्रस्तुत किया संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में  विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोo प्रदीप कुमार भारद्वाज , कुलपति प्रोo काशीनाथ जैना मुख्य वक्ता के रूप में डॉo मायाराम उनियाल , आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर अरुण कुमार बडोनी   प्रोo आरoसी o सुंदरियाल , डॉक्टर सर्वेश उनियाल , हेमती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय   हिमालयीय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोoअनिल कुमार झा, डॉ निशांत राय जैन  प्रोo पुष्पा रावत आदि गणमान्य विद्वान उपस्थित रहे उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने हिमालयी क्षेत्र में वनोषधियों  का महत्व एवं उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान में आयुर्वेदिक औषधियां के महत्व को बताया  प्रातः कालीन  सत्र का मंच संचालन हिंदी विभाग की डॉ मनीष अग्रवाल के द्वारा किया गया एवं तकनीकी सत्र का मंच संचालन डॉo निधि उपाध्याय के द्वारा किया गया संगोष्ठी के समन्वयक डॉoअनूप बलूनी सहसमन्वयक हरीश ढोंढ़ियाल डॉक्टर एस के श्रीवास्तव मौसमी जैना  डॉoइंदु भारती नवानी डॉक्टर विपिन भट्ट डॉo महेश जगोटा डॉ रोहित पाल दीपाली तोमर गुरप्रीत कौर डॉo गजानंद वानखेडे डॉo शिवचरण नौडियाल  एवं सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष  हिमालयीय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के द्रव्य गुण विभाग के छात्र एवं प्राध्यापक संगोष्ठी में उपस्थित रहे तकनीकी संचालन मोहित पोखरियाल जी एवं राहुल देव जी राकेश पोखरियाल जी प्रशासनिक व्यवस्थाओं में योगदान हेतु हरीश नवानी जी  जनार्दन प्रसाद भट्ट जी ने पूर्ण रूप से संगोष्ठी  में अपनी सहभागिता देकर सभी आगंतुकों का आभार अभिवादन स्वागत किया।

 सिविल जज डोईवाला श्रीमती मीनाक्षी दुबे द्वारा बच्चों को दी गई कानूनी जानकारियां 


Civil judge Doiwala Meenakshi Dubey


Civil judge aware school children about related law




आज दिनांक 15/12/2023 को GIC  भानियावाला/डोईवाला में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट डोईवाला श्रीमती मीनाक्षी दुबे जी की अध्यक्षता में   जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डोईवाला के तत्वाधान में एक विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया।

 शिविर का सुभारंभ   विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय द्वारा माननीय न्यायाधीश महोदया को पुष्प गुच्छ भेंट करते  हुए स्वागत भाषण से  किया गया व साथ ही अपने विद्यालय में  इस प्रकार के शिविर आयोजन हेतु जिला विधिक के प्रति   समस्त विद्यालय परिवार की ओर से आभार प्रकट किया गया।

उक्त शीविर का संचालन  जिला विधिक के plv सुभाष तिवारी द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन एवं उसके उदेस्यों पर  प्रकाश डालते हुए किया गया। 

उक्त शिविर में जस्टिस मीनाक्षी दुबे  ने प्रतिभागियों से अपने विचार सांझा करते हुए अवगत कराया कि प्रत्येक सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय में यौन उत्पीडन निवारण समिति का गठन करना अनिवार्य  है इस समिति में महिला सदस्य भी अनिवार्य रूप से शामिल होती है इस समिति में महिला अपनी कार्य स्थल पर  यौन उत्पीड़न संबंधित  शिकायत दर्ज करा सकती है 

महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कई अधिनियम बनाए गए हैं जिनमें कुछ अधिनियमों यथा घरेलू हिंसा और पोक्सो अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी गयी  साथ ही उपस्थित सभी बच्चों को उनसे संबंधित महत्वपूर्ण कानूनों यथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम ,बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम,बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम ,मोटर व्हिकिल एक्ट और बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम के बारे में महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियां  प्रदान की गई। इसके साथ ही अवगत कराया गया कि वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से  किस प्रकार विधिक सहायता लेकर अपनी  समस्या/शिकायत का समाधान कर सकते हैं   ।

 इसके अतिरिक्त शिविर में पीएलवी सुभाष तिवारी द्वारा राज्य सरकार से  छात्राओं को प्रदत गौरा कन्या  धन योजना  एवं सभी वर्ग की विधवा महिलाओं और अनुसूचित जाति जन जाति की पुत्रियों की शादी के लिए अनुदान और छात्रवृति इत्यादि प्राप्त करने की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी प्रदान की गई व इसमें किसी भी प्रकार की असुविधा हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया गया। 

समय-समय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं /स्कीमों की जानकारी  भी दी गई ।

मोदी सरकार अगले 25 वर्ष मे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने  को संकल्पबद्ध,अंग्रेजी मानसिकता को खत्म करने का काम कर रही मोदी सरकार, कानूनो को बना रही जनता के लिए अनुकूल व उपयोगी: डा.नरेश बंसल। ।

Naresh bansal ,Uttarakhand,member of arajysabha


सासंद राज्य सभा डा.नरेश बंसल ने आज संसद मे "निरसन और संधोकम9 विधेयक 2023" पर हो रही चर्चा मे भाग लिया । डा.नरेश बंसल ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से संसद मे अपना पक्ष रखा ।डा.नरेश बंसल ने चर्चा मे भाग लेते हुए कहा कि हमारे यशस्वी प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व मे जब से सरकार आई है वह न्युनतम सरकार अधिकतम शासन के मंत्र पर काम कर रही है।गुलामी की मानसिकता वाली सभी चीजो के विरूद्ध अभियान चला व उन्हे हटाने व बदलने का काम हो रहा है । आदरणीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने हर क्षेत्र मे स्वच्छता अभियान चलाया है व हर क्षेत्र मे शुचिता लाने व सुशासन लाने का काम किया है। 

डा. नरेश बंसल  ने कहा कि अंग्रेजो द्वारा बनाए कानून आज अप्रासंगिक है व केवल भारतीयो को प्रताड़ित करने के लिए थे जिन्हे आजादी के बाद बदला जाना चाहिए था परन्तु किसी ने ध्यान नही दिया। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह पुराने बरडन हटाने का बीडा उठाया व इन्हे हर तरफ से बदलने व खत्म करने का काम किया है, चाहे 370 हो ,वन रेंक वन पेंशन का मुद्दा हो,नई शिक्षा निती,तीन तलाक हटाना आदि। इसी प्रकार कानून के अंदर 1486 कानून को निरस्त किया जो सब पर बोझ थे,जो जनता के लिए हरडल थे,दो सदस्यीय समिती की रिपोर्ट के आधार पर निरसित किया गया ।

डा. नरेश बंसल ने कहा कि कानून को निरसित करने का उद्देश्य इज आफ डुईग व इज आफ लिविंग के सुधार नागरिको को देना है।सासंद बंसल ने कानून मंत्री जी दवारा रखे इस बिल का समर्थन किया व कहा कि हर क्षेत्र मे सरकारी हस्तक्षेप कम से कम हो व नागरिको को इसका पूरा लाभ मिले व दा इस पर मोदी सरकार काम कर रही है।डा.बंसल ने कहा कि देश के अंदर विदेशो से फडं ऐसे एनजीओ थे जो देश को तोड़ते थे व तोडने वाली ताकतो के साथ थे उन्हे बंद करने व लाखो शेल कम्पनी को खत्म करने का काम मोदी सरकार ने कर देश को बचाया है ।देश को हर क्षेत्र मे सुधार का काम इस सरकार मे हो रहा है।

पिछले दिनो CRPC,IPC,Evidence act को निरस्त करने काम भी मोदी सरकार ने किया है उसे अपने नागरिको के अनुसार बनाने का काम किया है।डा.नरेश बंसल ने कहा कि मोदी जी का अगले 25 वर्षो मे देश को विकसित बनाने का संकल्प है जिसे हर क्षेत्र मे पुरा किया जा रहा है व निश्चिंत रूप  से अगले 25 वर्ष मे भारत विकसित होगा।




स्वच्छता ही सेवा के लिए देहरादून को प्रथम पुरस्कार




आज 01 अक्टूबर, 2023 को मुख्य सेवक सदन मुख्यमंत्री आवास परिसर में एक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया ,जिसमें  मुख्यमंत्री  द्वारा स्वच्छता ही सेवा के अन्तर्गत ओ0डी0एफ0 प्लस गांव को दिये जाने हेतु सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रथम जनपद के रूप में जनपद हरिद्वार और द्वितीय पुरस्कार जनपद टिहरी गढ़वाल को प्रदान किया गया ।


इस क्रम में स्वच्छता ही सेवा के अन्तर्गत सर्वाधिक उत्कृष्ट कार्य किए जाने हेतु प्रथम पुरस्कार देहरादून जनपद को और द्वितीय पुरस्कार जनपद उधमसिंह नगर को प्रदान किया गया। 

कार्यक्रम में  मुख्यमंत्री  द्वारा राज्य में स्वच्छता की सेवा-2023 के अन्तर्गत किये गये कार्यों की सराहना की गयी।  

​स्वच्छता ही सेवा पखवाडे के अवसर पर स्वच्छ भारत मिषन (ग्रामीण) के अन्तर्गत दो श्रेणियों में

1. ओ0डी0एफ0 प्लस आच्छादन तथा

2. ’’स्वच्छता ही सेवा’’ पखवाडे में उत्कृश्ट प्रदर्षन वाले जनपदों को पुरस्कृत किया जा रहा है।

श्रेणी-1 ओ0डी0एफ0 प्लस आच्छादन के लिये-

1. जनपद हरिद्वार- प्रथम पुरस्कार

ऽ जनपद हरिद्वार द्वारा जनपद में अवस्थित शत-प्रतिशत 482 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस की श्रेणी में लाया गया है।

ऽ उक्त के तहत कुल 473 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस मॉडल श्रेणी में भी लाया जा चुका है।

ऽ जनपद के भगवानपुर विकास खण्ड की शत-प्रतिशत 75 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस मॉडल श्रेणी में लाया गया है।

2. जनपद टिहरी गढ़वाल- द्वितीय पुरस्कार

ऽ जनपद टिहरी गढवाल द्वारा जनपद में अवस्थित समस्त 1761 ग्रामों में से 1754 (99.49 प्रतिशत) ग्रामों को ओ0डी0एफ0 प्लस की श्रेणिेयों (एस्पाईरिंग/राईजिंन/मॉडल) में लाया गया है।

ऽ जनपद टिहरी गढवाल द्वारा 06 विकासखण्डों (भिलंगना, चम्बा, जौनपुर, कीर्तिनगर तथा प्रतापनगर) की शत-प्रतिशत ग्रामों को ओ0डी0एफ0 की श्रेणियों (एस्पाईरिंग/राईजिंन/मॉडल) में लाया जा चुका है।


ऽ जनपद टिहरी गढवाल द्वारा  विगत दो माह में लगभग 1500 से अधिक ग्रामें को ओ0डी0एफ0 प्लस की श्रेणी में लाया गया है।

श्रेणी-2 स्वच्छता ही सेवा के अन्तर्गत उत्कृश्ट प्रदर्शन के लिये-

1. जनपद देहरादून-प्रथम पुरस्कार

ऽ जनपद देहरादून द्वारा ’’स्वच्छता ही सेवा-2023’’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न 510 गतिविधियों को संचालित किये जाने हेतु जनपद की कुल ग्रामीण जनसंख्या 7,54,753 के सापेक्ष 3,14,644 (41.69 प्रतिशत) कुल 1488 घण्टे नागरिकों द्वारा प्रतिभाग/श्रमदान किया गया।

2. जनपद उधमसिंहनगर-द्वितीय पुरस्कार

ऽ जनपद उधमसिंहनगर द्वारा ’’स्वच्छता ही सेवा-2023’’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न 107 गतिविधियों को संचालित किये जाने हेतु जनपद की कुल ग्रामीण जनसंख्या 10,62,142 के सापेक्ष 2,72,404 (25.65 प्रतिशत) कुल 342 घण्टे नागरिकों द्वारा प्रतिभाग/श्रमदान किया गया।

इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में शहरी विकास के द्वारा भी अपने नवनियुक्त कर अधीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर मानननीय मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी, महापौर श्री सुनील उनियाल, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, निदेशक, स्वजल निदेशालय, श्री कर्मेन्द्र सिंह जी एवं शहरी विकास निदेशक, श्री नितिन भदौरिया, इकाई समन्वयक (तकनीकी),  स्वजल निदेशालय, श्री सुनील तिवारी एवं श्री संजय पांडे, सलाहकार, स्वजल निदेशालय सहित पुरस्कृत किए जाने वाले सम्बन्धित जनपदों के परियोजना प्रबन्धक/अधिकारी/सलाहकार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग 350 लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


हल्द्वानी : 

    


      *मन में रखो एक ही सपना स्वच्छ बनाना है भारत अपना यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वच्छता ही सेवा पखवाडा कार्यक्रम के तहत शहीद पार्क में कही।* 

*उन्हांेने कहा लंदन दौरे से उत्तराखण्ड में 12 हजार 50 करोड के एमओयू से उत्तराखड मंे रोजगार के साथ ही पर्यटन को मिलेगा बढावा- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी* 


     मुख्यमंत्री ने रविवार को शहीद पार्क में स्वच्छता ही सेवा पखवाडा में उपस्थित स्कूली बच्चों, महिलाओं, स्वयं सहायता समूह को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं माननीय प्रधानमंत्री के सपनों को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनता के स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर व गांव में 12 करोड़ इज्जत घर को बनवाकर स्वच्छता से जोड़ने के साथ ही देश की महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान दिया है वह अनुकरणीय हैं। 2014 से शुरु हुआ स्वच्छता अभियान आज जन-जन का अभियान  बन चुका है। 


      मुख्यमंत्री ने अपने लंदन दौरे के दौरान जी 20 में भारत आए इंग्लैंड के मंत्रियों व डेलीगेट्स से मुलाकात के अनुभव साझा करते हुए कहा कि भारत की मेजबानी में इस वर्ष हुए जी 20 से उन्हें भारत को काफी नजदीकी से देखने को मिला। भारत के लगभग 200 स्थानों पर हुए इस कार्यक्रम से भारत की अनुपम सांस्कृतिक छटा के साथ ही भारत का एक नया उभरता स्वरूप भी देखने को मिला। उनका मानना था की नया भारत अपने विशालतम स्वरूप में विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। विकसित देशों की तरक्की का एक मुख्य कारण स्वच्छता है जिसे भारत ने भी जन अभियान के माध्यम से जोड़कर महाअभियान बना दिया है। आज भारत ने अपनी संकल्प शक्ति से दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्रों से नजदीकियां बढ़ाते हुए विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।

   भारत आए जी 20 के डेलीगेट्स भारत का संदेश लेकर पूरे विश्व में भारत के ब्रांड एंबेसडर बनकर भारत की ख्याति बिखेर रहे है। आज विदेशों की धरती पर भी भारत का नाम रोशन हो रहा है व श्रद्धा भाव से भारत को देखा जा रहा है। विदेशी डेलीगेट्स का मानना है कि उन्हें जी 20 के दौरान भारतीयों में वसुधैव कुटुंबकम् व भाईचारे की भावना पूर्ण रूप से देखने को मिली। 

    मुख्यमंत्री ने स्वच्छता अभियान पखवाड़े के तहत शहीद पार्क में झाड़ू लगाते हुए पार्क में सफाई भी की साथ ही शहीद पार्क में शहीदों को श्रद्वासुमन अर्पित किये। 

    इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट प्रदेश, अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, जिलाध्यक्ष  प्रताप बिष्ट, जिला पंचायत  अध्यक्ष बेला तोलिया, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, नैनीताल सरिता आर्य, मंडी, मेयर डा0 जोेगेन्द्र पाल सिहं रौतेला,  अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डब्बू, डी आई जी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी वंदना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी एन मीणा, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, हेमन्त द्विवेदी, सहित अन्य लोग मौजूद थे। 






हरिद्वार जिले के ब्लॉक बाहदराबाद के ग्राम औरंगाबाद में स्वच्छता अभियान के माध्यम से लोगों को किया गया जागरूक

उत्तरकाशी में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत मां गंगा के किनारे एवं घाटों पर चलाया गया स्वच्छता अभियान


आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 15 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का आयोजन देशभर में किया जा रहा है। इसी के तहत आज दिनांक 24 सितम्बर को विश्व नदी दिवस के अवसर पर उत्तरखंड राज्य की शहरी निकायों में स्वच्छ नदियांः बेहतर कल का अवसर  विषय पर नदी घाटांे/किनारों/अमृत सरोवारों/नौलों/अन्य जल स्रोतों के समीप वृह्द स्वच्छता अभियान व जागरूकता अभियान चलाया गया तथा कई निकायों में अभियान चलाया जायेगा।

इस अवसर पर स्थानीय व राष्ट्रीय महत्व की 22 से अधिक नदियों/बरसाती नदियों/गाढ़ यथा भागीरथी, अलकनन्दा, नन्दाकिनी, भिलंगना, रामगंगा, सरयू, गोमती, पिंडर, पूर्वी नायर, आसन, बिन्दाल, रिस्पना, सौंग, सोलानी, षिप्रा, जलकुर, बहला, लपकना, लेवरा, गडरी, कल्याणी, बाउली साहिब, बड़ी नदी, कमल नदी आदि के घाटों/किनारों पर तथा अमृत सरोवोरों, नौलों व अन्य जल स्रोतों के निकट भी नागरिकों के सहयोग से विषेश स्वच्छता अभियान चलाया गया तथा नागरिकों को स्वच्छता की शपथ भी दिलायी गयी।


इस दौरान घाटों/जल स्रोतों के निकट, 100 से अधिक गारबेज वल्नरेबल प्वाईंट की सफाई की गयी और नदियों में मिलने वाले 60 से अधिक नालों में जाल लगाये गये या पुराने खराब जाल बदले गये। 107 से अधिक स्थानों पर कूड़ा फंेकना निषेध है के संदेशात्मक बोर्ड भी लगाये गए। अभियान के दौरान 375 से अधिक हरे/नीले कूड़ेदान (100 ली0 से कम क्षमता के) लगाये गये और 428 से अधिक नागरिकों द्वारा स्वच्छता अभियान की सेल्फी स्वच्छता ही सेवा पोर्टल पर अद्यतन की गयी। ये अभियान नदी घाटों/अन्य जल स्रोतों के निकट 45 वर्ग किलो मीटर से अधिक क्षेत्र में चलाया गया। इस दौरान 2335.50 किलो गीला तथा 6241.50 किलो सूखा कुल 8577 किलो से अधिक कूड़ा एकत्र किया गया। इसमें लगभग 10000 से अधिक युवाओं/नागरिकों/निगम कार्मिकों/स्वयं सहायता समूहों/अन्य के द्वारा स्वेच्छा से इस स्वच्छता अभियान में प्रतिभाग किया गया।


इस अवसर पर देहरादून तथा बागेश्वर द्वारा साईकिल रैली भी निकाली गयी, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं व अन्य नागरिकों द्वारा भाग लिया गया।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और नागरिकों को नदियों के महत्व के बारे में जागरूक करना, नदियों को कचरा मुक्त करना तथा नदियों को स्वच्छ कर इनकी धारा को अविरल बनाये रखना है। ताकि आने वाला कल इन स्वच्छ नदियों/जल स्रोतों से नई पीढ़ी को बेहतर अवसर प्रदान कर सके।


उत्तरकाशी में जिला गंगा समिति स्वज़ल विभाग एवं नगर पालिका परिषद के तत्वाधान में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत मां गंगा के किनारे एवं घाटों पर आज वृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया.


हरिद्वार जिले के ब्लॉक बाहदराबाद के ग्राम औरंगाबाद के लाइट हाउस इनिसिटिव ग्राम में निदेशक स्वजल महोदय द्वारा एवं हिमाली जोशी, श्री सुनील तिवारी यूनिट कोऑर्डिनेटर आईटीसी के कार्मिकों और डीपीएमयू हरिद्वार की टीमों द्वारा ग्राम वासियो की उपस्थिति में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा अवधि मे आयोजित कार्यक्रम में निदेशक महोदय द्वारा स्वच्छता शपथ दिलाई गई साथ ही पर्यवारण मित्रों को सम्मानित किया गया और क्लीन ड्राइव के अंतर्गत लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया भी किया गया। निदेशक महोदय द्वारा समस्त लोगों से अपील की गई कि सभी लोग स्वच्छता को व्यवहार मे लाएं और सप्ताह मे एक घंटे स्वच्छता हेतु श्रमदान करें। ही साथ सूखा और गीला कूड़ा का सेग्रीगेशन अपने अपने घर पर अनिवार्य रूप से करे। कूड़ा वाहन के माध्यम से निस्तारण हेतु कूड़ा वाहन में ही रखें।  प्रधान श्रीमती कमलेश देवी की अध्यक्षता में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती विमलेश देवी के साथ महिला समहू के सदस्यों और स्कूल के बच्चों व ग्राम वासियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

शिप्रा नदी में चलेगा वृहद स्वछता अभियान*


*जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के क्रम में 15 सितम्बर से  02 अक्टूबर, 2023 तक "स्वच्छता ही सेवा- 2023" कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में विभिन्न गतिविधियों का सम्पादन किया जा रहा है*मुख्य विकास अधिकारी*


मुख्य विकास अधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि "स्वच्छता ही सेवा- 2023" कार्यक्रम के अन्तर्गत "कचरा मुक्त भारत" एवं समग्र स्वच्छता की अवधारणा को प्राप्त किये जाने के उद्देश्य से दिनांक 25 सितम्बर, 2023 को प्रातः 10:00 बजे से शिप्रा नदी में  विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। शिप्रा नदी की सफाई के लिए नदी को 11 सेक्टर में बांटकर 11 सेक्टर अधिकारी भी नामित किए गय है। यह विशेष अभियान शिप्रा नदी के किनारे साफ करने एवं अपशिष्ट (प्लास्टिक सहित ) हटाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक जन समुदाय से अभियान में शामिल होने की अपील की है।

 


देहरादून :


Polythene waste bank inaugrated


शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने छावनी परिषद देहरादून द्वारा स्थापित पॉलीथिन कचरा बैंक का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा।। इसके अलावा इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाये जाएंगे। डॉ अग्रवाल ने छावनी परिषद द्वारा सैन्य क्षेत्र की RWA (Resident welfare association ) के बीच में Polythene and E Waste collection competition किया गया था। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे RWA को माननीय मंत्री जी द्वारा पुरस्कृत किया गया।


रविवार को कैंट रोड स्थित पॉलीथिन कचरा बैंक का उद्घाटन कर डॉ अग्रवाल ने बताया कि छावनी परिषद देहरादून ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए गढ़ी व प्रेमनगर में पालीथिन कचरा बैंक की स्थापना की है, जो कि सराहनीय है।


डॉ अग्रवाल ने कहा कि इन संग्रहण केंद्रों में पालीथिन अपशिष्ट जैसे पालीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड, पॉलिथीन बैग, केक, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, कुरकुरे, दूध, तेल, शैम्पू, हैंडवाश तरल साबुन, चिप्स / वेफर्स, कैंडीज, गद्दे, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, आइसक्रीम दही, छाछ, जूस आदि की पन्नी तथा कँडीज, नूडल्स, अनाज / कॉर्नफ्लेक्स / नाश्ता अनाज के साथ लेपित चीनी, मिष्ठान्न आदि तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे। कहा कि गढ़ी कैट में बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म व प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पालीथिन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह प्रारंभ कर दिया जाएगा।


डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पालीथिन कचरा खरीदने का लक्ष्य है। जिसका मतलब है कि प्रतिदिन 2300 से 3300 किलो पालीथिन कचरा कैंट क्षेत्र व शहर से एकत्र होगा। जिससे टाइल, बोर्ड सहित कई उपयोगी उत्पाद तैयार किये जाएंगे।


डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह सर्कुलर इकोनोमी का अच्छा उदाहरण है। पालीथिन कचरा बैंक में आम लोग पालीथिन कचरा बेच सकते हैं। उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा। कहा कि इस प्लास्टिक कचरे से टाइल्स व बोर्ड बनाने वाली कंपनी को इसी दर पर बेच दिया जाएगा। कहा कि कैंट क्षेत्र के अलावा आसपास के लोग भी पालीथिन कचरा बैंक आकर अपना पालीथिन कचरा बेच सकते हैं।


कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पालीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार हैं और न बाजार कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, कांच आदि को उठा लेते हैं पर पालीथिन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। कहा कि पालीथिन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा। बताया कि पालीथिन आदि से दुर्गन्ध नहीं आती है, लोग 15-20 दिन का पॉलीथिन कचरा एक साथ इकट्ठा कर बेच सकते हैं।


इस मौके पर सेना मेडल अध्यक्ष छावनी परिषद ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता, सीईओ छावनी परिषद देहरादून अभिनव सिंह, शायना ईको यूनिफाइड कंपनी के डायरेक्टर नितिन आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छता सेवा पखवाड़ा-2023 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2023’ से मुख्यमंत्री ने 15 ग्राम पचायतों को सम्मानित किया।
 मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले 05 पर्यावरण मित्रों को भी सम्मानित किया। ‘स्वच्छता ही सेवा गीत’ का भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। 
CM honored 15 grampanchayat for cleaning


     मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2023 पुरस्कार के लिए चयनित राज्य की उत्कृष्ट 15 पंचायतों को सम्मानित होने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के इस महा अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाली सभी पंचायतों और स्वच्छता दूतों के वे आभारी हैं, जिनकी संकल्प शक्ति और प्रयासों ने राज्य में स्वच्छता का एक नया अध्याय लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता दूत ही स्वच्छता अभियान की धुरी हैं और जो सम्मान राज्य ने प्राप्त किया है वो इनके बिना असंभव था। भारतीय संस्कृति और दर्शन में स्वच्छता हमेशा से सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। ये हमारे मूल्यों और संस्कारों का अभिन्न अंग हैं।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन की वजह से देश स्वच्छता के प्रति, पुनः जागृत हुआ है। स्वच्छता के इस महा अभियान की सफलता की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। जब सरकार के प्रयासों में जन भागीदारी जुड़ती है तो उन प्रयासों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि धार्मिक, पौराणिक भूमि है। इस भूमि के कण-कण में देवताओं का वास है और देवता वहीं वास करते हैं जहां स्वच्छता होती है। वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर आज उत्तराखंड ने एक नया स्थान अर्जित किया है। स्वच्छता और पर्यटन का आपस में गहरा संबंध है, जहां स्वच्छता होती है वहां पर्यटन में भी वृद्धि होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक ’’स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कचरा मुक्त भारत के भाव को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देवभूमि के समग्र स्वच्छता के इस महा अभियान में समस्त पंचायत प्रतिनिधि, समुदाय स्तरीय संगठन, स्वयं सेवी संगठन एवं समस्त नागरिक अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे तथा पिछले वर्षों की भांति अभियान को सफल बनायेंगे।

*स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023’’ में पुरस्कृत होने वाली ग्राम पंचायतें*
*जनसंख्या श्रेणी 2000 से कम*

1. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत-पस्तोला, विकासखण्ड-भीमताल, ग्राम प्रधान श्रीमती खष्टी राघव
2. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- बोहराकोट, विकासखण्ड- रामगढ़, ग्राम प्रधान श्री बसंत लाल शाह
3. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- जमराड़ी, विकासखण्ड-ओखलकांडा, ग्राम प्रधान श्री बलवीर सिंह
4. जनपद चंपावत से ग्राम पंचायत- चौकी, विकासखण्ड- चंपावत से ग्राम प्रधान श्री मोहन चन्द पाण्डे
5. जनपद चंपावत से ग्राम पंचायत- ठांटा, विकासखण्ड- लोहाघाट से ग्राम प्रधान श्री शिव शंकर पाठक

*जनसंख्या श्रेणी 2000-5000 तक*

1. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- किशनपुर सकुलिया, विकासखण्ड- हल्द्वानी, ग्राम प्रधान श्री विपिन चन्द जोशी
2. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- कनिया, विकासखण्ड- रामनगर, ग्राम प्रधान श्रीमती सुनिता घुघतियाल
3. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- हल्दूचौड़ जग्गी, विकासखण्ड- हल्द्वानी से ग्राम प्रधान श्रीमती मीना भट्ट
4. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- हल्दूचौड़ दीना, विकासखण्ड- हल्द्वानी से ग्राम प्रधान श्रीमती हेमन्ती जोशी
5. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत- भगवानपुर जुल्हो, विकासखण्ड- सहसपुर से ग्राम प्रधान श्री दीपक जोशी

*जनसंख्या श्रेणी 5000 से अधिक*
1. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत- डाकपत्थर, विकासखण्ड- विकासनगर से ग्राम प्रधान श्रीमती मंजु 
2. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत-खदरी खड़कमाफ, विकासखण्ड- डोईवाला से ग्राम प्रधान श्रीमती संगीता थपलियाल
3. जनपद हरिद्वार से ग्राम पंचायत- खेड़ा जट, विकासखण्ड-नारसन से ग्राम प्रधान श्रीमती अवध कुमारी
4. जनपद हरिद्वार से ग्राम पंचायत-भगेरी मेहबातपुर(एल), विकासखण्ड-रूड़की विकी से ग्राम प्रधान श्री नरेन्द्र कुमार
5. जनपद उधमसिंह नगर से ग्राम पंचायत- विगराबाग, विकासखण्ड-खटीमा से ग्राम प्रधान श्रीमती माधवी देवी। 

*स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित होने वाले पर्यावरण मित्र-* श्री पप्पू, श्री विनोद, श्री शिव कुमार श्रीमती मीना, श्रीमती सविता।
  
      इस अवसर पर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्रीमती सविता कपूर, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, निदेशक शहरी विकास श्री नितिन भदौरिया, निदेशक स्वजल श्री कर्मेन्द्र सिंह उपस्थित थे।





डोईवाला:

आज दिनांक 26.8.2023 को शहीद दुर्गा मल्ल महाविद्यालय डोईवाला में भारतीय जनता युवा मोर्चा जिले ऋषिकेश और भारतीय जनता युवा मोर्चा डोईवाला द्वारा कार्यक्रम संयोजक जिला महामंत्री हिमांशु भट्ट और मंडल अद्यक्ष युवा मौर्चा नितिन कोठारी के नेतृत्व में  वोटर चेतना अभियान चलाया गया। जिला सह प्रभारी भा0ज0पा 0 नलिन भट्ट ने कहा वोटर  चेतना अभियान प्रदेश भर में , उत्साह के साथ मनाया जा रहा है इसी क्रम में युवा मोर्चा द्वारा महाविद्यालय के नव मतदाता छात्र-छात्राओं का मतदाता पंजीकरण कराया गया है, जिला महामंत्री राजेंद्र तड़ियाल ने कहा कि वोटर चेतना अभियान के तहत महाविद्यालय के 200 छात्र-छात्राओं ने अपना मतदाता पंजीकरण करवाया है ,युवा मोर्चा द्वारा कई जगहों पर यह अभियान चलाया जाएगा, कार्यक्रम संयोजक हिमांशु भट्ट ने कहा कि छात्र-छात्राओं में प्रथम बार वोट देने के लिए उत्सुकता है ,इसलिए सभी ने बढ़ चढ़कर अपना पंजीकरण करवाया है। प्रभारी युवा मोर्चा रविन्द्र बेलवाल ने कहा कि वोटर चेतना अभियान के तहत 21 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक प्रदेश भर में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और सभी कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं का पंजीकरण अभियान चलाया जा रहा है ,सभी नव मतदाताओं से अपील है की सभी अपने निकटतम बूथ पर जाकर संबंधित बीएलओ से अपना नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करवा सकते हैं ।कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा अंकित बिजलवान मं,डल अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी,  मंडल महामंत्री रविन्द्र बेलवाल,जिला उपाध्यक्ष प्रतीक कालिया

 पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम डोभाल, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रकाश कोठारी ,मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा नितिन कोठारी ,जिला संयोजक आईटी सुबोध नौटियाल , मंडल उपाद्यक्ष तुषार नेगी , प्रदेश मंत्री ओबीसी मौर्चा विशाल छेत्री,  महामंत्री मनमोहन नौटियाल

  , संयम पुंडीर,  ,मनीष  नैथानी ,महिला मौर्चा मंडल अद्यक्ष आरती लखेड़ा, मंडल मंत्री  कृष्ण तड़ियाल  , मंडल मंत्री संतोषी बहुगुणा, मंडल मंत्री  अंकित काला, हौसला पवार, मनिंदर सिंह ,नरेश रावत , विकास रावत , राज किरण शाह ,प्रशांत डोभाल,  साक्षी कुकरेती ,हिमानी पाल ,मोहित ममगई, आयुष कोठारी, निकिता पटवाल ,गरगी शर्मा ,अंजली चौधरी ,जलज कालरा,  कैलाश भट्ट ,नेहा प्रियंका ,ओम ,कार्तिक अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।

 धनौल्टी:



 ग्राम पंचायत धनौल्टी स्वच्छता समिति द्वारा प्रत्येक दुकानदार को  कूड़ेदान वितरण किया गया.

 ग्राम प्रधान धनौल्टी नीरज व्यापार मंडल अध्यक्ष रधुवीर रमोला ईको समिति सचिव मनोज उनियाल स्वच्छता समिति अध्यक्ष नीरज बेलवाल   द्वारा  समस्त व्यापारियों को  कहा गया कि जैविक तथा अजैविक कूड़ा अलग अलग रखें और स्वछता  बनाने में पूर्ण सहयोग दें।

 उत्तराखंड मे इन दिनों हरेला उत्सव की धूम मची है, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों मे लोग वृक्षारोपण कर प्रकृति के इस उत्सव मे अपनी भागीदारी निभा रहे है। 





इसी कड़ी मे आज गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक व उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजयपाल सजवाण ने देहरादून स्थित सिदेश्वर मंदिर केदारपुरम मोथरोवाला मे युवा कांग्रेस के साथियों के साथ वृक्षारोपण कर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। 


हरेला के इस उत्सव मे उन्होंने अपने संदेश मे कहा कि-

अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ जल, हिमालय तथा पर्यावरण आदि को बचाए रखने के लिए पेड़ों के महत्व को हम भली-भांति समझते हैं, और ऐसे अवसरों पर वृक्षारोपण करने से हमारे आसपास स्वस्थ वातावरण का निर्माण होता है। उन्होंने आह्वान किया कि आइये, इस पावन अवसर पर हम संकल्प लें कि हर प्रदेशवासी एक पौधा अवश्य लगाए।

उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।


इस अवसर पर श्री त्रिलोक सिंह सजवाण , श्री ललित भद्री  , श्री बबलू पंवार , श्री प्रमोद रावत , श्री आदित्य बिष्ट , श्री शशांक जोशी , श्री प्रदीप बिष्ट जी, श्री गौरव रावत  व अन्य युवा साथी मौजूद रहे।

अठुरवाला:

सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कोटि अठुरवाला  में  बूथ नम्बर 108 में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा एवं भारतीय जनता पार्टी डोईवाला मंडल द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा आरती लखेड़ा  के नेतृत्व में किया गया।



 प्रदेश उपाध्यक्ष रुचि भट्ट एवं जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश भर में हरेला पर्व को पूरे उत्साह के साथ मना रही है| हरेला पर्व आम जनमानस को प्रकृति के साथ जोड़ता है| पूर्व राज्य मंत्री करण वोहरा और जिला महामंत्री राजेंद्र तड़ियाल ने कहा कि हरेला पर्व भावी पीढ़ी को पर्यावरण से जोड़ने का अच्छा प्रयास है ।भारतीय संस्कृति में वृक्षों को देवताओं से जोड़ा गया है, यह पर्व  आम जनमानस को प्रकृति से जोड़ता है, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा आरती लखेड़ा ने कहा कि डोईवाला मंडल में यहां कार्यक्रम विस्तृत रूप में मनाया जा रहा है । पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम डोभाल  ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि जो यह पौधे हम लगा रहे हैं ,इनकी भविष्य में भी देख रेख होनी चाहिए  ।पौधारोपण कार्यक्रम में मुख्य रूप  से  पूर्व राज्य मंत्री करण वोहरा ,प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा रुचि भट्ट, जिला महामंत्री राजेंद्र तड़ियाल, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा आरती लखेड़ा, पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम डोभाल, सांसद प्रतिनिधि रविन्द्र बेलवाल, प्रदेश मंत्री ओबीसी मोर्चा विशाल छेत्री ,प्रधानचार्य महिताब सिंह गुसाईं ,मंडल मंत्री संतोषी बहुगुणा,   महामंत्री महिला मोर्चा पूनम तोमर, माया अधिकारी, मधु भिडोला, हौसला पवार, कुसुम पंवार,  हेमलता जोशी,   मंजू नेगी आशा सेमवाल,भावना नीरज किशोर, कमलेश ,  हृदय राम डोभाल , बूथ अध्यक्ष मुकेश बिष्ट, अमरदेव बिजल्वाण, बेताल सिंह नेगी, अंकित काला, अंकित कैंतुरा, रोशन भट्ट आदि उपस्थित रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास परिसर में वृक्षारोपण किया। उन्होंने आम की पूषा श्रेष्ठ प्रजाति का पौधा लगाया। 

CM Dhami planted tree on harela festival

Narela mahotsav uttarakhand



मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है। हरेला पर्व के उपलक्ष्य में प्रदेश में सामाजिक संगठनों, संस्थाओं एवं विभागों के माध्यम से व्यापक स्तर से वृक्षारोपण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा जल संरक्षण एवं जल धाराओं के पुनर्जीवन की दिशा में राज्य में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश में जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सभी को आगे आने का अहवाहन किया गया है। राज्य में इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य में 1200 से अधिक अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इस दिशा में आगे भी लगातार कार्य होंगे।


हरेला पर्व के अवसर पर श्रीमती गीता पुष्कर धामी एवं कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने भी वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में विभिन्न प्रजातियों के 51 पौधे लगाए गए।


इस अवसर पर अपर सचिव श्री रणवीर सिंह चौहान, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. मीनाक्षी जोशी, उद्यान प्रभारी श्री दीपक पुरोहित उपस्थित थे।

 विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में पूर्णानंद घाट पर महाआरती का हुआ आयोजन

पूर्णानंद घाट पर मां गंगा का अभिषेक, मां गंगा को अर्पित की 108 मीटर की चुनरी

Rishikesh purnanand ghat


ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट द्वारा महिलाओं द्वारा की जा रही विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में दिल्ली से आनन्द गुप्ता के तत्वावधान में शिप्रा गंगा माता की पूजा अर्चना कर चुनरी अर्पित की गई। मां गंगा की महाआरती की और पूर्णानंद घाट पर उपस्थित हजारों श्रद्धालु इस अद्भुत पल के साक्षी बने। मां गंगा की महाआरती से पहले षोडशोपचार विधि से मां गंगा का विधिवत पूजन अर्चन हुआ। वहीं श्रद्धालुओं की माने तो उन्होंने गंगा आरती का इतना भव्य नजारा इसके पहले कभी भी यहां नहीं देखा। बताते चले कि पूर्णानंद घाट पर मां गंगा को भोग लगाया गया इसके अलावा गंगा मैया को 108 मीटर की चुनरी भी चढ़ाई गई। पं. हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने षोड्षोपचार विधि से पूजन अर्चन के साथ 5 लीटर दूध से मां गंगा का अभिषेक किया गया फिर महाआरती हुई। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन में समां बांधा।

गंगा माता की महाआरती के उपरांत भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया गया।


गंगा भक्त आनन्द गुप्ता ने कहा कि कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे वातावरण और पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा है, लेकिन लोग आज भी इस खतरे को लेकर गंभीर नहीं हैं। पिछले पांच साल के आंकड़ों को देखा जाए तो प्लास्टिक वेस्ट का उत्पादन दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। 

ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा गंगा आरती उद्देश्य गंगा और इसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिए जन सहभागिता व जन जागरूकता लाना है। साथ ही लोगों को जल स्रोतों के संरक्षण के लिए जागरूक करना है। जिससे लोग जल स्रोतों को स्वच्छ रखने के लिए उसमें कचरा और पॉलिथीन आदि न डालें। खुद जागरूक होने के साथ ही दूसरों को भी जागरूक करें।

महिला गंगा आरती में मुख्य डॉ. ज्योति शर्मा, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विशाल भट्ट, दिल्ली से आनन्द गुप्ता, अर्चित गुप्ता, यतिन बंसल, प्रमिला, वंदना, रीता, मंजू, आशा, रेशमा नेगी और गायत्री आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय   पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव एवं प्रदेश के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को मोतीचूर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क का भ्रमण किया। 

इस अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र से लाई गई एक बाघिन को राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर वन क्षेत्र में बाड़े से छोड़ा गया। 

                                             



safari at rajaji national park

cap of rajaji park viral as on the head of CM Dhami


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा  कि राजाजी नेशनल पार्क का यह क्षेत्र पर्यटन हब बने, लोग यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने आएं, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आज राजाजी नेशनल पार्क के मोतीचूर रेंज में एक बाघिन को छोड़ा गया है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाए रखने एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।

A tigeress left in rajaji national park

CM Dhami at safari in rajaji national park


इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री समीर सिन्हा उपस्थित थे।


दैनिक जीवन में सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ’इनर्जी स्वराज यात्रा’ का एम्स ऋषिकेश पहुंचने पर संस्थान द्वारा स्वागत किया गया। इस दौरान संस्थान के अधिकारियों, विभिन्न फेकल्टी सदस्यों सहित मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने यात्रा में शामिल सोलर बस की खूबियां जानी और यात्रा के उद्देश्यों को साकार करने की बात कही। 


सोलर आधारित इनर्जी का इस्तेमाल करने के प्रति जन-जागरूकता लाने के उद्देश्य से ’इनर्जी स्वराज यात्रा’ इन दिनों उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है। तीन साल पहले 26 नवम्बर 2020 को मध्य प्रदेश से शुरू हुई ’इनर्जी स्वराज यात्रा’ सोमवार को एम्स ऋषिकेश पहुंची। यहां संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह सहित डीन एकेडेमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी ने फेकल्टी सदस्यों के साथ स्वराज यात्रा का स्वागत किया और यात्रा के संचालन के उद्देश्यों को बारीकी से समझा। इस दौरान यात्रा का संचालन कर रहे आईआईटी, मुम्बई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोयला, पैट्रोल और डीजल चलित वाहनों और उपकरणों के अलावा विभिन्न प्रकार के मैटिरियलों के अंधाधुंध उपयोग से पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बढ़ता तापमान न केवल पर्यावरण के लिए घातक है अपितु यह समस्त मानव जाति के जीवन के लिए भी सीधा खतरा है। उन्होंने कहा लगातार बढ़ रहे वैश्विक तापमान में 85 प्रतिशत भागादारी जीवाश्म से प्राप्त ऊर्जा ( कोयला, पैट्रोल और डीजल जैसे ईंधन ) से है। इनके उपयोग में कमी नहीं की गई तो 6 साल बाद वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि पृथ्वी के बढ़ते तापमान से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है और सबका जीवन खतरे में है। यदि जीवन बचाना है तो हमें सोलर इनर्जी को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल कर इसे जन-आन्दोलन के रूप में अपनाना होगा। 

Energy swaraj foundation head  reached AIIMS rishikesh with thei theme


Solar man journey reached Rishikesh AIIIMS


संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि लगातार उत्सर्जित किए जा रहे कार्बन की वजह से बिगड़ते पर्यावरण के लिए प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदार है। साल दर साल बढ़ रहे वायुमण्डल के तापमान का एक कारण यह भी है कि अपनी सुख-सुविधाओं के लिए हम जिन उपकरणों और संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं, उन सभी से कार्बन उत्सर्जित होता है और इसका असर सीधा हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। हमें चाहिए कि हम कोयला, पैट्रोल और डीजल आधारित इनर्जी का उपयोग कम से कम करें और सोलर इनर्जी को बढ़ावा दें। प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वह अपने जीवन में सोलर आधारित इनर्जी सिस्टम को अपनाएं और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए संकल्पित हों। 


इस दौरान संस्थान के फेकल्टी सदस्यों और मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने ’इनर्जी स्वराज यात्रा’ में चल रही सोलर बस की खूबियों को जाना और सोलर इनर्जी की महत्ता समझी। सोलर आधारित 6 किलोवाट की बैट्री से संचालित इस बस का कुल क्षेत्रफल 108 वर्ग फिट है। इसमें 3.2 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगा है। पूर्ण तौर से सोलर सिस्टम से चलने वाली इस बस में किचन, पूजा घर, कार्यालय, लाईब्रेरी और शयन कक्ष सहित शौचालय का निर्माण कर  उन्होंने इस बस में ही घर बना लिया है। अनेकों खूबियों को समेटे इस सोलर बस की विशेषताओं की सभी ने सराहना की और सोलर इनर्जी को अपनाने का संकल्प लिया।



इंसेट-

प्रोफेसर सोलंकी ’इनर्जी स्वराज फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं और वर्तमान में आईआईटी मुम्बई के ऊर्जा अभियांत्रिकी विभाग में प्रोफेसर हैं। उन्हें भारत के सौर पुरूष और सोलर गांधी के रूप में भी जाना जाता है। विश्व स्तर पर ऊर्जा स्वराज की स्थपना हेतु वह विशेष तौर से निर्मित की गई सोलर बस के माध्यम से देश भर की यात्रा पर निकले हैं। शिक्षक होने के साथ-साथ वह एक शोधकर्ता भी हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनके अभी तक 100 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। प्रोफेसर सोलंकी लंबे समय से सोलर इनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। सोलर मिशन के लिए उन्होंने वर्ष 2020 में इस यात्रा की शुरुआत की थी। यह यात्रा 10 साल अनवरत रूप से जारी रहेगी और दिसम्बर 2030 में विराम लेगी। 2 लाख से अधिक आबादी वाले देश के बड़े शहरों, विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनेकों राज्यों से होकर सोलर इनर्जी अपनाने का संदेश देते हुए यात्रा आगे बढ़ रही है। उत्तराखंड में अभी तक देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार, आईआईटी रूड़की और एम्स ऋषिकेश के शिक्षण संस्थानों में यात्रा का पड़ाव हो चुका है। 16 मई को यह यात्रा ग्राफिक ऐरा यूनिवर्सिटी देहरादून में छात्र-छात्राओं को जागरूक करेगी।

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