डोईवाला:
सीएम धामी द्वारा नगर निगम महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों से संवाद के दौरान नगरपालिका परिषद डोईवाला अध्यक्ष नरेंद्र नेगी द्वारा मुख्यमंत्री धामी को डोईवाला में उपकोषागार से सम्बंधित ज्ञापन दिया।
स्वीकृति प्रदान होने पर भी नहीं खुल पाया उपकोषागार
उपकोषागार खुलने में देरी होने के कारण मुख्यमंत्री से मिले पालिकाध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी
डोईवाला - उपकोषाकर की संबंधित ढांचे की स्वीकृति लगभग अक्टूबर 2024 में मिल गई थी लेकिन अभी तक उपकोषागार खोलने की करवाई धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है, गौरतलब हो कि डोईवाला में उपकोषागार खोलने स्वीकृति की पूर्व वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा प्रदान की थी, जिससे यहां के संबंधित विभाग,कार्य करने वाले कार्मिकों, पेंशन धारकों एवं विभागों को लाभ मिल सके ।
इसी संबंध में पालिकाध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह से मुलाकात कर उपकोषागार को जल्द खोलने की मांग की है ।
नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर डोईवाला में जल्द उपकोषागार खोल दिया जाएगा ।
जिससे वहां के विभागों और अन्य लोगों को इसका लाभ मिल सके ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता हेतु तैयार तीन वेब पोर्टल लॉन्च किए
मुख्यमंत्री ने नगर निकायों के कार्यालयों को डिजिटल करने, रजत जयंती पार्क बनाने, नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाने, भारत सरकार से टाइड फंड को अनटाइड करने का अनुरोध करने की घोषणा की
सीएम ने राज्य की प्रत्येक नगर निगम में 10, नगर पालिका में 5 तथा नगर पंचायत में 3 हाई -टेक हैयर सैलून / पार्लर स्थापित करने हेतु स्थानीय महिला एवं पुरुषों हेतु प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाने की घोषणा भी की
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी केवल सत्ता में बने रहने की ही नहीं , बल्कि असल जिम्मेदारी जनता की सेवा करने की है।
मातृ शक्ति को राज्य की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने में माताओ- बहनों की सबसे बड़ी भूमिका रही है।
साथ ही सीएम धामी ने राज्य के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी है कि वे अपनी भूमिका को केवल एक "पद" के रूप में न देखें, बल्कि इसे जनसेवा के एक मिशन के रूप में अपनाएं।
सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी "ट्रिपल इंजन" सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यों का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।
आप सभी अपने-अपने निकाय कार्यालय को केवल एक प्रशासकीय इकाई ही नहीं, बल्कि उसे एक 'सेवा केंद्र' के रूप में विकसित करें, जहाँ प्रत्येक नागरिक बिना झिझक के पूरे विश्वास के साथ आएं।
आप सभी पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को अपनी कार्यशैली का मूल मंत्र बनाएं। आप लोग नियमित रूप से विशेषकर उन कार्यों की मॉनिटरिंग स्वयं करें, जिनमें भ्रष्टाचार की संभावना अधिक रहती है क्योंकि प्रशासनिक स्तर पर आपकी सतर्कता ही सुशासन की सबसे बड़ी गारंटी बन सकती है।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं और अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को ये स्पष्ट संदेश दें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्ट आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मेरा मानना है कि हमारी जिम्मेदारी केवल सत्ता में बने रहने की ही नहीं है, बल्कि हमारी असल जिम्मेदारी जनता की सेवा करने की है।
*मुख्यमंत्री ने याद दिलाई नगर निकायों की जिम्मेदारिया*
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, कई नगरों में जल निकासी की समस्या बनी हुई है।
साथ ही शहरों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सशक्त करने की आवश्यकता है। ट्रैफिक जाम अब शहरों में एक आम चुनौती बन चुका है, जिसे नियंत्रित करने के लिए स्थानीय निकायों को भी को विशेष प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्राथमिकता के साथ कार्य करना होगा।
सभी नगर निकायों से अनुरोध करते हुए
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आप लोगों को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने होंगे। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार नगर निकायों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के सिद्धांत पर चलते हुए भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से आज देश के लाखों शहरों, कस्बों और नगरों में साफ-सफाई की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। अमृत योजना के द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज और हरित स्थानों को सशक्त किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शहरी विकास को तकनीक और नागरिक सुविधा के साथ जोड़ते हुए एक आदर्श नगर विकास का मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों गरीब परिवारों को अपने स्वयं के पक्के घर प्राप्त हुए हैं।
*राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए प्रयासरत*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारी सरकार ने राज्य में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने का काम किया है | स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक नगर में ठोस कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है।स्मार्ट सिटी मिशन, पीएम स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत मिशन जैसी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को देने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही “विकास भी, विरासत भी” के मूलमंत्र के साथ राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में भी निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य की मातृ शक्ति द्वारा प्रदेशभर में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है |
उनके बनाए उत्पाद मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों से भी बेहतर है | मातृ शक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत है| उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने में माताओ- बहनों की सबसे बड़ी भूमिका है |
*ट्रिपल इंजन सरकार लिख रही विकास का नया अध्याय*
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज हमारा राज्य नीति आयोग की SDG इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा है। साथ ही, युवाओं को रोजगार देने में भी हम अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं |हमने एक वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की है, जो राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। हमारी सरकार विकास कार्यों के साथ ही देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। साथ ही, प्रदेश में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को भी लागू किया है।
इस अवसर पर मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल, सहित सभी नगर निगमों के मेयर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, सचिव श्री नितेश कुमार झा, नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल, शहरी विकास विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न स्थानीय निकायों के 100 से अधिक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे |