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 नगर पालिका अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी के नेतृत्व में छात्रसंघ पदाधिकारी का प्रतिनिधिमंडल  उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत  से मिला उन्होंने शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर  महाविद्यालय में एमएससी तथा एमकॉम की कक्षाएं संचालित करवाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन  उच्च शिक्षा मंत्री  को दिया गया.



 जिसमें उन्हें अवगत कराया गया कि पिछले काफी समय से छात्र संघ तथा छात्र-छात्राओं द्वारा महाविद्यालय में एमएससी तथा एमकॉम की मांग की जा रही है साथ ही महाविद्यालय हेतु जनरेटर के लिए ज्ञापन दिया गया। इसमें  उच्च शिक्षा मंत्री  ने आश्वासन दिया कि इसी सत्र से महाविद्यालय में एमएससी तथा एमकॉम की कक्षाएं संचालित की जाएगी तथा महाविद्यालय में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मौके पर छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित डंगवाल, छात्रसंघ UR आशुतोष सिंह, छात्र नेता अभिनव गोपाल राणा आदि उपस्थित रहे।

 ऋषिकेश :

मामला सरकारी माध्यमिक विद्यालय ऋषिकेश विधानसभा के अंतर्गत  राजकीय अटल उत्कर्ष इंटर कॉलेज छिद्दरवाला वाला का है जहां महीनों से अपनी बच्ची को एडमिशन दिलाने के लिये एक पिता भटक रहे है।हद हो गयी है,शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के आदेश को ठेंगा और बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के नारो की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

school deny to give admission girl in school


दो महीने से अभिभावक को चक्कर लगवाने के बाद भी अधिकारियों और प्रिंसिपल की मिलीभगत इस कदर है कि बच्ची को एडमिशन दिया ही नही है ।

जबकि अप्रैल माह मे  सरकारी माध्यमिक विद्यालयो मे विशेष प्रवेश अभियान  चलाये जा रहे थे। इसीकी पोल खोल रही यह शिकायत ।

  ऋषिकेश विधानसभा के राजकीय अटल उत्कर्ष इण्टर कालेज,छिददवाला  मे नौवी की छात्रा को प्रवेश  को लेकर अभिभावक रणवीर सिंह पोखरियाल ने तक हार  सीएम हेल्पलाइन मे शिकायत दर्ज करवायी ।

 जहा  उन्होंने बताया कि स्कूल प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षा उच्च अधिकारियों तक मामला पहुचाने  पर भी मौखिक रूप से शिकायत का सज्ञान ना लेने पर अब सीएम हेल्पलाइन मे बच्चे  के प्रवेश के लिये गुहार लगायी है।

उन्होने बताया की दो माह से विघालय के चक्कर कटवाने के बाद सीट फुल होने पर प्रवेश देने से मना कर दिया है।

 अब देखने वाली बात होगी की सीएम हेल्पलाइन मे दर्ज शिकायत पर क्या कार्यवाही होती है ?

 

निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी में किशोरावस्था शिक्षा पर दो दिवसीय सीबीएसई कार्यशाला का विधिवत आयोजन ।

ऋषिकेश;



 निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश में किशोरावस्था शिक्षा (Adolescence Education) विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यशाला का समय प्रातः 9:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक रहा।


सर्वप्रथम कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ डॉ. वंदना पांडे, अतिरिक्त निदेशक, गुरुकुल शिक्षा, भारतीय शिक्षा बोर्ड, एवं श्रीमती नीलम थपलियाल, प्रधानाचार्या, दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपोखरी के करकमलों द्वारा किया गया।


इस प्रशिक्षण सत्र में 9 प्रतिष्ठित विद्यालयों के लगभग 60 शिक्षकों ने सहभागिता की, जिनमें निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश

निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल, ऋषिकेश, एस.सी.बी. एकेडमी, नथुवावाला, देहरादून, हैप्पी होम मोंटेसरी स्कूल, खदरी, ऋषिकेश, जानकी चिल्ड्रन एकेडमी, कुंज विहार, देहरादून, ग्रेस एकेडमी, न्यू कैंट रोड, देहरादून, एस.जी.आर.आर. पब्लिक स्कूल, बालावाला, देहरादून, संत कबीर एकेडमी, हर्रावाला, देहरादून, एस.एस.बी. इंटरनेशनल स्कूल, ऋषिकेश


इस दौरान डॉ वंदना पांडे ने प्रमुख विषय-वस्तु व बिंदुओं पर कार्यशाला का फोकस किया जिसमें किशोरों के लिए तनाव प्रबंधन की प्रभावशाली तकनीकें, वस्थ पारस्परिक संबंधों का निर्माण, आत्म-प्रेरणा और व्यक्तिगत जिम्मेदारी, आत्म-जागरूकता व भावनात्मक नियंत्रण । कार्यशाला की गतिविधियाँ में संवादात्मक चर्चाएँ, भूमिका-निवाचन (Role Plays), समूह कार्य एवं सहभागिता आधारित गतिविधियाँ, प्रमुख निष्कर्ष व उपलब्धियाँ, शिक्षकों में आत्मविश्वास व संवेदी समझ का विकास किशोर छात्रों को समझने और उनसे सकारात्मक संवाद स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया।


श्रीमती नीलम थपलियाल ने इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को किशोरावस्था की जटिलताओं को समझने और छात्रों के समग्र विकास में सहयोगी बनने के लिए तैयार करना है। यह शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, स्वस्थ संवाद, भावनात्मक संतुलन और आत्म-जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर मार्गदर्शन देती है, जिससे वे विद्यार्थियों को बेहतर जीवन कौशल प्रदान कर सकें।


कार्यशाला का समापन निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी की प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता शर्मा एवं हेडमिस्ट्रेस श्रीमती अमृत पाल डंग द्वारा सभी अतिथियों व प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला किशोरों की चुनौतियों को समझने और उन्हें बेहतर मार्गदर्शन देने हेतु एक सशक्त मंच सिद्ध हुई है। धन्यवाद 



  ऋषिकेश


सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 में निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी का उत्कृष्ट प्रदर्शन – शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम


निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी (एन.जी.ए.), ऋषिकेश — एक निःशुल्क शिक्षण संस्थान — ने एक बार फिर शैक्षिक उत्कृष्टता की मिसाल कायम करते हुए सीबीएसई की कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता अर्जित की है। आज घोषित परिणामों में विद्यालय के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विद्यालय एवं अभिभावकों को गौरवान्वित किया।


कक्षा 12वीं के प्रमुख परिणाम इस प्रकार हैं:

सलोनी ने 98% अंकों के साथ विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर कला वर्ग में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।

ऋतु कुमारी ने 96.6% अंकों के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

सिया कटारिया ने 96% अंक अर्जित कर तृतीय स्थान एवं वाणिज्य वर्ग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।

साक्षी नौटियाल (95.2%) एवं आर्यन गुसाईं (94.8%) ने क्रमशः चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त किए।

आशिया रावत ने विज्ञान वर्ग में 93.2% अंक प्राप्त कर सराहनीय प्रदर्शन किया।

कक्षा 10वीं के मुख्य परिणाम इस प्रकार हैं:


तन्वी पोखरियाल ने 96% अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया।

वैष्णवी कोठियाल (95.8%) द्वितीय, दीपिका बत्रा (95.2%) तृतीय,

स्वयम रावत (94.8%) चतुर्थ तथा महक कटारिया (94%) पंचम स्थान पर रहीं।



विद्यालय के संस्थापक महंत बाबा राम सिंह जी महाराज एवं संचालक संत बाबा जोध सिंह जी महाराज ने छात्रों की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं।


विद्यालय के चेयरमैन डॉ. एस. एन. सूरी, प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता शर्मा तथा प्रधानाध्यापिका श्रीमती अमृतपाल डंग ने भी विद्यार्थियों के अथक परिश्रम एवं शिक्षकों के समर्पण की प्रशंसा करते हुए सभी को बधाई दी।


यह परिणाम न केवल छात्रों की मेहनत और अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि एन.जी.ए. की गुणवत्तापूर्ण एवं मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रणाली का भी प्रमाण है।



 



जौनपुर:


 मेधावी छात्र/छात्राओं का सम्मान समारोह-आज दिनांक 28.4.2025 को राजा श्री कृष्ण दत्त इंटर कॉलेज में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया .

जिसकी अध्यक्षता आरएसकेडी पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर अखिलेश्वर शुक्ला ने किया।

 कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर संजय चौबे ने छात्र एवं छात्राओं द्वारा उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वालों को प्रोत्साहित किया एवं पुरस्कार वितरित किया।

 विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर सत्यराम  प्रजापति द्वारा छात्र एवं छात्राओं को जीवन में नई ऊंचाइयों को छूने का आशीर्वाद प्रदान किया। 

कॉलेज में 85% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग में आयशा कयूम, आकांक्षा, अनामिका गुप्ता एवं हर्ष वाणिज्य वर्ग में शहिबा बानो, इच्छा चौबे तथा कला वर्ग में पलक अग्रहरि एवं रूपाली  मोदनवाल । 

इसी तरह हाई स्कूल में 92 प्रतिशत अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राएंअजीत राव, दीपांशु गौड़, सोनम यादव, उजाला मौर्य एवं खुशबू बिना बिन्द रहीं । 

विद्यालय के उप प्रबंधक जियाराम यादव ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया। 

इस मौके पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत कपूर ने छात्र-छात्राओं को स्वस्थ जीवन जीने की शुभकामनाएं दी।

 कार्यक्रम में कॉलेज के  प्रवक्ता प्रेमचंद,अशोक कुमार तिवारी, अंजनी कुमार श्रीवास्तव, डॉ बृजेश कुमार सिंह, रमेश कुमार ,राम प्रताप, नागेंद्र प्रसाद ,यादव सुभाष ,आनंद तिवारी पवन कुमार साहू ,सूरज कुमार एवं समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे।  कार्यक्रम का संचालन भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता बृजभूषण यादव ने किया।

छात्र -छाञाओं को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजीत कपूर ने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वस्थता के गुर सिखाए। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. अखिलेश्वर शुक्ला ने बताया कि प्राचीन शिक्षा पद्धति में प्राप्तांको के आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा योग्यता/ क्षमता को समझने एवं निखारने का शिक्षक (गुरु) प्रयास करते थे।आज परिस्थितियां भिन्न हैं । प्रोफेसर शुक्ला ने आज के विकास की परिभाषा करते हुए कहा कि -" आज  प्रकृति के विरोध को ही विकास समक्षा जा रहा है जबकि प्रकृति की समीपता एवं संरक्षण को विकास समक्षा जाना चाहिए। इसे गंभीरता से समक्षने की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिए।

 31/03/2025 को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, लक्ष्मण सिंह महर परिसर पिथौरागढ़ द्वारा सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का समापन दिवस ग्राम पपदेव में मनाया गया। 




जिसमें छात्र- छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुति(नशा मुक्ति) प्रस्तुत की गई। इस समापन सत्र की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना पिथौरागढ़ की जिला समन्वयक प्रो. सरोज वर्मा रही। उनके द्वारा इस सात दिवसीय शिविर में छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी और ग्राम वासियों के प्रति उनके निस्वार्थ सेवाभाव के लिए उन्हें सम्मानित किया गया। साथ ही प्रो. सरोज वर्मा द्वारा छात्र- छात्राओं को आगामी भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों से परिचित कराते हुए उन्हें बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दी गई। इस सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय लक्ष्मण सिंह महर परिसर पिथौरागढ़ के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राकेश वर्मा तथा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. भावना मासीवाल, डॉ. आशा गोस्वामी, ग्राम प्रधान पपदेव, ग्रामीण वासी और अनुसेवक नवीन सेठी, मनोज जोशी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

हरिद्वार:



एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सी वी रमन की याद में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का मुख्य विषय 'विकसित भारत के लिये विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’ रखा गया । कार्यक्रम सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया । कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा , विशिष्ट अतिथि जर्नलिस्ट संदीप रावत द्वारा किया गया।


 विज्ञान दिवस पर अपनी बात रखते हुये डा सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि विज्ञान के द्वारा ही हम आत्मनिर्भर बन रहे है, हमारे वैज्ञानिक नए आविष्कारों तथा वैज्ञानिक गतिविधियों से संपूर्ण विश्व में भारत की कीर्ति को दूर दूर तक प्रसारित कर रहे है । 


प्रो बत्रा ने कार्यक्रम के आयोजन हेतु विज्ञान संकाय तथा भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक क्लब के विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा जनसामान्य में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा की प्रवृति प्रबल होती है । उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता तथा मानकों का समन्वय आवश्यक हैं। राष्ट्रीय विज्ञान के इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं के द्वारा  पोस्टर एवं मॉडल की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके अतिरिक्त अनेक छात्र छात्राओं ने प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के किरदार को अपनाकर अपनी अपनी प्रस्तुति दी।


वही अपने संबोधन में संदीप रावत ने विज्ञान को प्रकृति, मानवीय अविष्कारों, कम्प्यूटर , डेटा साइंस, इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन, अंतरिक्ष और वैदिक विज्ञान से जोड़ते हुए अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला।


 छात्र कल्याण अधिष्ठाता तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ० संजय माहेश्वरी ने अपने संबोधन में विज्ञान दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानकों को निर्धारित किए बिना उच्च कोटि के वैज्ञानिक शोध संभव नहीं हो सकते।


 इस अवसर पर मानक क्लब के मेंटर डॉ विजय शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता तथा मानकों के प्रति जागरूक करने से उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने में सहायता मिलती हैं। 


इस कार्यक्रम में निर्णायक मण्डल की भूमिका डॉ० सरोज शर्मा , डॉ० मोना शर्मा एवं आंकाक्षा पांडे ने निभाई। 

मॉडल प्रतियोगिता में सृजिता, खुशी एवं स्नेहा को प्रथम, विकास, प्रतिमा को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार तथा  अदिति को तृतीय पुरस्कार मिला I जबकि पोस्टर प्रतियोगिता में स्नेहा सिंघल को प्रथम, आकांक्षा पाल को द्वितीय तथा प्रेरणा, जिया, अनु एवं हिमांशी को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला ।



 कार्यक्रम में डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ लता शर्मा, डॉ आशा शर्मा , डॉ मोना शर्मा , विनित सक्सेना , डॉ सरोज शर्मा , डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ पद्मावती तनेजा, डॉ पुनीता शर्मा, दीपिका आनंद, डॉ पल्लवी ,डॉ मीनाक्षी ,डॉ रजनी सिंघल ,डॉ रेनु सिंह, डॉ यादवेंद्र सिंह, प्रिंस श्रोत्रिय, डा विजय शर्मा,निष्ठा चौधरी, भव्या , साक्षी गुप्ता ,आकाक्षां पांडे, रिंकल गोयल ,रिचा मनोचा, रचना गोस्वामी, संदीप सकलानी, राजीव कुमार आदि ने सहभाग किया ।


सतायवाणी ,हरिद्वार



  डीपीएस दौलतपुर जूनियर स्कूल ने अपनी बहुप्रतीक्षित वार्षिक खेल प्रतियोगिता "सिनर्जिया" का भव्य आयोजन किया।


 इसमें छात्र, शिक्षक और मुख्य अतिथि माननीय किरण जैसल (हरिद्वार नगर निगम महापौर ) ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।


साथ ही संदीप गोयल (भाजपा-जिला अध्यक्ष),  विमल कुमार,  लव शर्मा,  हिमांशु पंडित,  नरेंद्र अग्रवाल, शसंध्या तिवारी एवं डीपीएस दौलतपुर के प्रो वाइस चेयरमैन  विकास गोयल भी शामिल हुए। 


कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गुब्बारे उड़ाने के साथ हुई, जिसके बाद विद्यालय की प्रधानाचार्य पूनम श्रीवास्तव ने गर्मजोशी से सभी का स्वागत किया। सम्मानित अतिथियों में प्रमुख गणमान्य व्यक्ति, शिक्षाविद् और अभिभावक अतिथि प्रतिभा रानी, ​​महक सिंह शामिल थे, जिन्होंने युवा एथलीटों का हौसला बढ़ाया। दिन रोमांचकारी प्रदर्शनों से भरा हुआ था, जिसमें शानदार ड्रिल प्रदर्शन और रोमांचक ट्रैक और फील्ड कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल थी। छात्रों ने अपने कौशल और खेल कौशल का प्रदर्शन करते हुए दौड़, रिले प्रतियोगिताओं और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लिया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ऊर्जावान योग प्रदर्शन था, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा छात्रों ने उल्लेखनीय समन्वय, अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया।


विजेताओं को उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को मान्यता देते हुए पदक, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन स्कूल की प्रभारी अमिता ओहरी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने इस दिन को सफल बनाने के लिए अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया। 


अपने संबोधन में अमिता ओहरी ने विद्यालय में बच्चो के सर्वगीण विकास पर विशेष ध्यान दिए जाने का उल्लेख भी किया।


डीपीएस दौलतपुर जूनियर स्कूल में खेल दिवस टीम वर्क, दृढ़ता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का एक प्रमाण था, जिसने सभी को अविस्मरणीय यादें और खेल के प्रति एक नया उत्साह दिया।

  ऋषिकेश : 


अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज छिद्दरवाला एनएसएस इकाई के द्वारा संचालित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चकजोगीवाला मे  सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन हुआ। 

इस अवसर पर  मुख्य अतिथि भगवान सिंह पोखरियाल ब्लॉक प्रमुख के द्वारा बालकों के स्वच्छता एवं सौंदर्यकरण एवं उनकी प्रतिभाओ प्रशंसा की | कार्यक्रम अधिकारी ओमवीर सिंह सैनी के द्वारा शिविर के उद्देश्य एवं शिविर में आयोजित सभी रूपरेखा को विस्तार से जानकारी दी |

स्वयंसेवियों द्वारा संस्कृत कार्यक्रमों में गढ़वाली नेपाली राजस्थानी पंजाबी एवं हिंदी गीतों पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया और नशावृत्ति पर नाटक भी प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान जोगीवाला माफी शोबन सिंह कैन्तुरा, सुंदर सिंह मेहरा ,हरिश्चंद्र विश्वकर्मा , धन सिंह राणा, लक्ष्मण चौहान, सुनैना,प्रिया, सानिया ,प्रिंस, देव कुलदीप बिष्ट ,प्रियांशु लेखवार मौजूद रहे |


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति की पहल


जोशीमठ/गोपेश्वर: 22 दिसंबर 


Excursion of sanskrit mahavidhyalaya students

श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति की पहल से श्री नन्दा देवी संस्कृत उत्तर मध्यमा विद्यालय कमेड़ा (नन्दप्रयाग) के छात्र- छात्राओं ने अध्यापकों के साथ श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थल श्री योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ सहित शीतकालीन स्कीइंग स्थल औली का शैक्षणिक भ्रमण  आज रविवार को संपन्न हो गया है। 


छात्र- छात्राओं, के साथ प्राधानाचार्य,शिक्षक, तथा शिक्षणेत्तर कार्मिक भी शीतकालीन पूजा स्थलों पर दर्शन को पहुंचे तथा श्री योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ तथा आदिगुरु शंकराचार्य जी गद्दी स्थल की महिमा तथा शीतकालीन यात्रा के महात्म्य को छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया।


 *उल्लेखनीय है प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने की पहल को देखते हुए विगत दिनों मंदिर समिति के केनाल रोड देहरादून में संस्कृत विद्यालय -महाविद्यालयों के उन्नयन हेतु आयोजित बैठक में मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने संस्कृत विद्यालयों -महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं को शीतकालीन पूजा स्थलों में शैक्षणिक भ्रमण कराये जाने के आदेश‌ किये थे। इसी क्रम में यह शैक्षिक भ्रमण किया गया।*


 छात्र-छात्राओं ने पंच बदरी में शामिल योग बदरी मंदिर ,श्री  कुबेर मंदिर तथा जोशीमठ स्थिति श्री नृसिंह मंदिर के अलावा श्री वासुदेव मंदिर,नव दुर्गा,श्री हनुमान मंदिर,श्री गरूड़ मंदिर,श्री गणेश मंदिर, तिमुंडिया वीर मंदिर में भी दर्शन किये।


संस्कृत विद्यालय के छात्र -छात्राओं ने  विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल  औली  का भी भ्रमण  किया।


 *शैक्षिक भ्रमण के पूरा होने के बाद छात्र छात्राओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चारधाम शीतकालीन यात्रा की पहल की सराहना की तथा मुख्यमंत्री का आभार जताया तथा बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल को भी धन्यवाद ज्ञापित किया* 

शैक्षिक भ्रमण दल में प्रधानाचार्य हरीश तोपवाल  विनोद पुरोहित, विमल पुरोहित,  गजेंद्र सिंह सहित छात्र गौरव, तनीषा, तमन्ना, लक्ष्मी, नीलम रितु, प्रियंका, प्रिया, संध्या एवं मीनाक्षी शामिल रहे।

 समाज में बदलाव के लिए गंगधारा की तरह विचारों की अविरलता भी आवश्यक

दून विश्वविद्यालय में देवभूमि विकास संस्थान की दो दिनी व्याख्यानमाला आरंभ


-सीएम पुष्कर सिंह धामी और महामंडलेश्वर स्वामी अवघेशानंद गिरी ने किया शुभारंभ

-22 दिसंबर को चार सत्रों में शिक्षा, संस्कृति, विकास हिमालयी क्षेत्रों की चुनौती पर होगा मंथन

देहरादून;

Gangdhara , doon university dehradun


 हिमालयी क्षेत्रों की चुनौती और विकास को लेकर देवभूमि विकास संस्थान का दो दिनी गंगधाराःविचारों का अविरल प्रवाह


व्याख्यान माला का कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो गया। 


दून विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ सीएम पुष्कर सिंह धामी और जूना अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने किया। इस मौके पर कहा गया कि गंगधारा की तरह ही विचारों की अविरलता भी आवश्यक है। विचारों का प्रवाह आदमी को थकने नहीं देता और मंजिल तक पहुंचा देता है।

दून विश्वविद्यालय इस दो दिनी व्याख्यानमाला में सह आयोजक है। शनिवार को इस कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मुख्य अतिथि बतौर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में परिवर्तन लाने के वाहक बनते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विचारों के आदान-प्रदान की परंपरा रही है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पर इकोलाजी और इकोनोमी का संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने विकल्प रहित संकल्प पर जोर देते हुए प्रदेश सरकार की तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने जल्द ही भू-कानून लाने और जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू करने की बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दून विश्वविद्यालय में जल्द ही सेंटर फार हिंदू स्टडीज पर कोर्स शुरू करने जा रही है।

मुख्य वक्ता बतौर जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने भारतीय संस्कृति का चिरंतन प्रवाह पर अपने विचार रखे। उन्होंने गंगधाराः विचारों का अविरल प्रवाह कार्यक्रम के इस दिव्य अनुष्ठान, अभियान की सराहना की। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने इस कार्यक्रम के जरिए एक दिव्य अनुष्ठान का बीड़ा उठाया है। जो समाज में बदलाव लाने के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारा आभार यह है कि कहीं से विचार आए, हम उनका स्वागत करते हैं। सभी दिशाओं से जो विचार आते हैं उन्हें हमने अपने सुविचार, कल्याण के लिए जीवन के उद्धार और सिद्धि के लिए आत्मसात भी किया है। कहा कि भारतीय जीवन के मूल में परमार्थ है। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता की तरह ही विचारों की अविरलता भी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोचने के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। आवश्यक यह है कि हम यर्थाथवादी रहें। उन्होंने कहा कि जो सत्यनिष्ठ होता है, वो ही प्रतिष्ठित भी होता है।

स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत ने दुनिया को सुविचार दिए हैं। जब व्यक्ति सत्य की ओर यानि यर्थात की ओर बढ़ता है तो तब उसकी बहुत सी दुविधाएं, न्यूनताएं, उसके भीतर के दुराग्रह उसी समय ध्वस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि असत्य से सत्य की ओर चलूं, मैं अंधकार से प्रकाश की ओर चलूं, मैं मृत्यु से अमृत्व की ओर चलूं, दुनिया को यह ज्ञान भारत ने दिया है। 

उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियों और विकास विषय के साथ ही पारिवारिक मूल्यों पर भी मंथन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वैंडिंग का चलन तेज हो रहा है, लेकिन आवश्यक यह है कि हम अपने मांगलिक कार्यों के लिए गांवों का रूख करें। 

देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम की प्रस्तावना को सामने रखा। हिमालयी सरोकारों को लेकर एक अविरल चलने वाले कार्यक्रम का उनका सपना था, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि लोगों के सहयोग से इसके लिए कारपस फंड तैयार किया गया है, जिससे इसके लगातार आयोजन में आर्थिक दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के सुझाव जानने के लिए पांच पर्यवेक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है, ताकि कार्यक्रम भविष्य में और बेहतर हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज विवाह जैसी संस्था प्रभावित हो रही है और रिश्ते बहुत जल्द टूट रहे हैं, उसे देखते हुए प्री वैडिंग काउंसलिंग के कार्यक्रम करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय के डा नित्यानंद सभागार में ही इस आयोजन को हम करना चाहते थे, क्योंकि डा नित्यानंद ने हिमालय के अभूतपूर्व सेवा की है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों को लेकर विचार बहुत किया जाता है, लेकिन इसे गंगधारा के रूप में क्रियान्वित किया जाना महत्वपूर्ण है। इससे पहले, अतिथियों का स्वागत करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने कहा कि दुनिया तमाम समस्याओं के समाधान के लिए भारत की तरफ देख रही है, इसलिए हमारा चिंतन दुरूस्त होना चाहिए।

 कार्यक्रम का संचालन डा हरीश पुरोहित ने किया। देवभूमि विकास संस्थान की मेन ट्रस्टी कृति रावत, सचिव सतेंद्र नेगी, डा दीपक भट्ट के अलावा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक प्रो आरसी डंगवाल, प्रो आरती ममगाईं, डा डीसी नैनवाल आदि इस मौके पर उपस्थित थे। संस्था की ओर से आयोजकों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। इससे पहले, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। ट्रांस ब्रिज स्कूल के बच्चों ने मांगल व गंगा गीत की सुंदर प्रस्तुति दी।

 

उच्च शिक्षा में 37 असिस्टेंट प्रोफेसर को मिली प्रथम तैनाती

 

राजनीति शास्त्र में 22 व भूगोल में 15 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल


देहरादून:




उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 37 असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रथम तैनाती दे दी गई है। जिसमें 22 असिस्टेंट प्रोफेसर राजनीति शास्त्र में तथा भूगोल में 15 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। इन सभी नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रदेश के पर्वतीय एवं दुर्गम क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम नियुक्ति प्रदान की गई है। इनकी नियुक्ति से दूरस्थ क्षेत्रों के महाविद्यालयों में जहां स्थाई शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।


प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा राजकीय महाविद्यालयों में ढ़ांचागत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ ही स्थाई शिक्षकों की कमी को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 37 असिस्टेंट प्रोफेसरों को विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। जिसमें राजनीति शास्त्र में 22 व भूगोल विषय में 15 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल है। इन सभी नवनियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसरों को दुर्गम एवं अति दुर्गम क्षेत्र के महाविद्यालयों में तैनाती दी गई है।

 जिसमें भूगोल विषय में परितोष उप्रेती को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवप्रयाग, कृतिका बोरा को पीजी कॉलेज गोपेश्वर, कुट्टी रावत व प्रेमा कैड़ा को पीजी कॉलेज लम्बगांव, श्वेता पंत को राजकीय महाविद्यालय गरूड़, डॉ. सुनील सिंह तथा श्वेता को राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी, नेपाल सिंह को पीजी कॉलेज जोशीमठ, पुष्पा झाबा को पौखाल, गजराज नेगी को मजरामहादेव, वसीम अहमद को पीजी कॉलेज जयहरीखाल, सुमिता पंवार को उत्तरकाशी, रश्मि को अगरोड़ा धारमंडल, नीमा भेतवाल को राजकीय महाविद्यालय पोखरी, पट्टी क्वीली तथा प्रिया राणा को राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल में तैनाती दी गई है।

 इसी प्रकार राजनीति शास्त्र में राजिन्द्र तथा दीपक कुमार को पीजी कॉलेज अगस्तमुनि, डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी को पीजी कॉलेज द्वाराहाट, प्रश्ना मिश्रा को बड़कोट, शीतल आर्या को गणाई गंगोली, अनुज कुमार को चकराता, पूनम गैरोला,प्रदीप कुमार व छत्र सिंह कठायत को नैखरी चन्द्रबदनी, धीरज सिंह खाती को बेरीनाग, अमिता को पीजी कॉलेज गैरसैंण, अवदेश बिजल्वाण को त्यूणी, डॉ. उदय भान को पीजी कॉलेज मुनस्यारी, गंगा राम को गुप्तकाशी, अरविन्द नारायण को नन्दासैंण, निधि को मोरी, धीरेश बिजल्वाण, रमेश चन्द्र तथा कृष्णपाल सिंह को अगरोड़ा धारमण्डल, जय प्रकाश को पौखाल, नेहा टम्टा को जखोली तथा प्रियंका को राजकीय महाविद्यालय मानिला में प्रथम तैनाती दी गई है। 

नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती से जहां महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं शैक्षणिक गतिविधियों में भी सुधार होगा। इसके साथ ही इनकी नियुक्ति से महाविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग में भी सुधार देखने को मिलेंगे। वहीं स्थाई सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से प्रभावित गेस्ट फैकल्टी का समायोजन अन्यत्र महाविद्यालयों में किया जायेगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।


*बयान-*

दुर्गम क्षेत्रों के महाविद्यालयों में राजनीति शास्त्र और भूगोल विषय के 37 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से शैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा। जिसका लाभ स्थानीय छात्र-छात्राओं को मिलेगा। महाविद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकताओं में है ताकि प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।- 


*डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।*




*राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं  को स्वायत्त बनाने  की दिशा में हो कार्य: डॉ धन सिंह रावत*

*राष्ट्रीय शिक्षा नीति  के क्रियान्वयन को लेकर विभागीय मंत्री  ने ली  उच्च स्तरीय बैठक* 

*एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में आयोजित होगी राष्ट्रीय कार्यशाला*



NEP-2020


सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। ताकि वर्ष 2030 तक  प्रदेश के  उच्च शिक्षण संस्थाओं  को स्वायत्त बनाये जा सके। इसके लिये शीघ्र ही प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जायेगी। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शत-प्रतिशत छात्र-छात्रों का आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाई जायेगी।


सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में  दून विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अहम फैसले लिये गये।  जिसमें उन्होंने राज्य  विश्वविद्यालय के कुलपतियों, विभागीय अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति  के  प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गंभीर और सकारात्मक प्रयास करने को कहा।  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति  के  प्रभावी क्रियान्वयन में  विश्वविद्यालय के कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों के नेतृत्व  की महत्वपूर्ण भूमिका है।   डॉ रावत ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि  संस्थाओं  का परस्पर  सहयोग और शिक्षकों  सहित संसाधनों  का परस्पर आदान प्रदान अत्यंत आवश्यक है।  शिक्षा का सरोकार समाज से है  और इसलिए संसाधनों का बेहतर प्रयोग समाज हित में अत्यंत आवश्यक है।     उन्होंने कहा कि  टीचर्स और रिसोर्स शेयरिंग के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से होगा समझौता ज्ञापन किया जायेगा और शासकीय महाविद्यालय , राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रतिष्ठित संस्थानों में भेजा जायेगा।  डॉ रावत ने कहा कि  राज्य सरकार उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए  सतत प्रयास कर रही है  और ऐसे अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।  हाल ही में यहाँ से शिक्षकों को इनफ़ोसिस  में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया जिसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।  उन्होंने कहा कि  शिक्षकों के  साथ साथ संसाधनों  के  भी परस्पर उपयोग के लिए समझौता किया जायेगा।

 एन.ई.पी. के प्रावधानों के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं  को स्वायत्त बनाने  की दिशा में  प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए नैक प्रत्यायन को बढ़ावा दिया जा रहा  है।  नैक  प्रत्यायन के राज्य सरकार के प्रयासों  को भारत सरकार की एन.ई.पी. कार्यशाला में काफी सराहना की गयी।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है  कि  अधिक से अधिक संस्थाओं को स्वयात्त  बनाया जाय।  

उन्होंने  कहा कि हब  एंड स्पोक मॉडल आधारित  होगा अन्य संस्थाओं  का विकास जिससे सभी को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके।  विभागीय मंत्री ने  कहा कि हाइब्रिड मॉडल को  प्रोत्साहित किया जायेगा और  40 प्रतिशत  पाठ्यक्रम की ऑनलाइन पढाई   अनिवार्य होगी।  उन्होंने राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों  के पूर्व छात्रों को पोर्टल के माध्यम से जोड़े जाने के निर्देश भी विभागीय  अधिकारियों को दिए।  उन्होंने समस्त छात्रों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा आई डी  बनवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में एनईपी-2030 के लक्ष्यों को साकार करने और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाने के लिए नेशनल समिट फॉर इंस्टिट्यूशनल लीडर्स (NSIL)-2025 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग लेंगे।यह आयोजन प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा।


बैठक में विद्या भारती उच्च शिक्षा के पदाधिकारी रघुनंदन जी, डॉ विजयपाल सिंह, अखिलेश मिश्रा , सहित अन्य पदाधिकारी तथा  कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रो. एन. के.जोशी, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश शास्त्री, कुलपति ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय प्रो. जसोला, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, रूसा सलाहकार प्रो. एम एस एम रावत , प्रो. के डी पुरोहित , उप निदेशक डॉ ममता ड्यूडी , सहायक निदेशक डॉ. दीपक कुमार पाण्डेय  सहित अन्य  विभागीय अधिकारी  उपस्थित रहे।

दस दिन के भीतर होंगे शिक्षकों के अंतर मंडलीय स्थानांतरण: डॉ धन सिंह रावत*

*शिक्षकों की पदोन्नति विवाद के निस्तारण को चार सदस्यीय समिति गठित*

*कैबिनेट में लाया जाएगा अशासकीय विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का मामला*

देहरादून:

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत  सहायक अध्यापक (एलटी) के अंतर मंडलीय स्थानांतरण दस दिन के भीतर कर दिये जायेंगे। इस सम्बंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति में आड़े आ रहे वरिष्ठता विवाद को दूर करने के लिये शासन स्तर पर चार सदस्यीय समिति कर गठन कर दिया गया। इसके अलावा अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का प्रकरण कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं।


सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक ली। जिसमें कार्मिक, न्याय एवं वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ही विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने  प्रतिभाग किया।  डॉ. रावत ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत लगभग 386 एलटी शिक्षकों के अगले दस दिन के भीतर अंतर मंडलीय स्थानांतरण कर दिये जायेंगे। जिसमें कुमाऊँ मंडल से 223 तथा गढ़वाल मंडल से 173 शिक्षक शामिल है।  इस सम्बंध में  विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही बैठक में एलटी व प्रवक्ता संवर्ग की वरिष्ठता विवाद के निस्तारण के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया। जिसमें अपर सचिव शिक्षा, न्याय, कार्मिक व वित्त शामिल है। जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सचिव विद्यालयी शिक्षा को सौपेंगी ताकि जल्द से जल्द वरिष्ठता विवाद को दूर कर पदोन्नति की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।बैठक में विभागीय अधिकारियों को अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश दिये। 

डॉ रावत ने बताया बैठक में जूनियर हाईस्कूल से हाईस्कूल स्तर पर उच्चीकरण के उपरांत शिक्षकों के समायोजन, प्राथमिक शिक्षा से सहायक अध्यापक में पदोन्नत शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य करने, अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत मानदेय प्राप्त पीटीए शिक्षकों को अतिथि शिक्षकों की भांति मानदेय  देने, प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों को डाउनग्रेड पदोन्नति से भरने, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में पदों का पुनर्निर्धारण करने तथा राजकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के वेतनवृद्धि  को लेकर विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये।


बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक व वित्त आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, अपर सचिव शिक्षा रंजन राजगुरु, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रायल, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, अपर सचिव शिक्षा एमएम सेमवाल, निदेशक एससीइआरटी वंदना गर्व्याल, निदेशक बेसिक आर के उनियाल, निदेशक माध्यमिक डॉ मुकुल सती  सहित एक दर्जन से अधिक शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।




*नैक ‘सी’ ग्रेड कॉलेजों को ए ग्रेड के लिये किया जायेगा प्रोत्साहित*


*कहा, एचएनबी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करेंगे सम्बद्ध कॉलेज*


श्रीनगर/देहरादून;

Samarth portal will be operated by university


उच्च शिक्षा विभाग में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश को लेकर सामने आई दिक्कतों को मध्यनज़र रखते हुये समर्थ पोर्टल का संचालन अब राजकीय विश्वविद्यालय खुद करेंगे। 


नैक प्रत्यायन में सी ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों को ए ग्रेड के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर लागू होगा। 


राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित उच्च शिक्षा परिषद की 11वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये हैं। डा. रावत ने बताया कि प्रदेश में शोधपरक, रोजगारपरक एवं गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय पैठाणी में आज उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर मंथन किया गया, जिसमें राज्य की प्राथमिकताओं को लेकर कई बड़े फैसले लिये गये। उन्होंने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालय अब समर्थ पोर्टल का संचालन खुद करेंगे ताकि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश से लेकर शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित की जा सके। डॉ. रावत ने बताया कि हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं शैक्षणिक कैलेंडर लागू होगा। ताकि वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं केन्द्रीय विवि के शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक अध्ययन कर सकेंगे और विश्वविद्यालय की गतिविधियों में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसके अलावा बैठक में युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित न रखने, प्रत्येक ब्लाॉक में एक-एक डिग्री कॉलेज खोलने, महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिन शैक्षणिक सत्र संचालित करने, प्राचार्यों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से लगाने,  विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने, उच्च शिक्षा का कम्प्यूटरीकरण करने, प्राचार्यों को अभिभावकों के साथ उच्च शिक्षा के उन्न्यन को गोष्ठि करने, पुस्तकालयों में शतप्रतिशत पाठ्य पुस्तके उपलब्ध करने, महाविद्यालयों को वार्षिक पत्रिका प्रकाशित करने, प्रत्येक महाविद्यालयों में सोलर पैनल स्थापित करने, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को एक-एक गांव  व प्राथमिक विद्यालय गोद लेने, टीचिंग शेयर कार्यक्रम शुरू करने, महाविद्यालयों में ओपन जिम खोलने, प्रत्येक विद्यार्थी को एनसीसी, एनएसएस, रोबर रेंजस आदि गतिविधियों में अनिवार्य रूप से शामिल होने, सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने तथा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक वर्ष के भीतर शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर के सभी रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बैठक में निदेशालय सहित प्रत्येक विश्वविद्यालय व महाविद्यालय का ऑडिट करने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके निर्देश विभागीय मंत्री ने बैठक में ही दे दिये हैं।


परिषद की बैठक में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन, कुलपति उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, रूसा सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, उप सचिव उच्च शिक्षा ब्योमकेश दुबे, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, संयुक्त निदेशक प्रो. ए.एस. उनियाल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के उपकुलसचिव, सहित विभिन्न क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद् तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।



छात्राओं के साथ छेड़खानी  की घटना होने पर होगी त्वरित एवं कठोर कार्यवाही

महाविद्यालयों के प्राचार्यों व शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति कोषागार  से  होगी लिंक

देहरादून:

Dhan singh rawat


सूबे के  उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने आवास  स्थित कैंप कार्यालय में  उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा  बैठक लेते हुए विभागीय अधिकारियों को दिए उक्त निर्देश। उन्होंने  विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए उनके समाधान हेतु त्वरित कार्यवाही करने के लिए कहा।  उन्होंने कहा कि  राज्य और देश के विकास में उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसकी गुणवत्ता और उन्नयन हमारा नैतिक दायित्व है।  उन्होंने कहा कि छात्र हित  में हम सभी को अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करना है।  संस्थानों  में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अनुशासन तथा सुचिता बहुत आवश्यक है।  उन्होंने कहा  कि संसथान के  शिक्षकों एवं  कर्मियों को अपने आचरण और व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। मंत्री उच्च शिक्षा ने कहा कि  सरकार छात्राओं  और महिलाओं  की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है और यदि कोई भी कार्मिक इसका दोषी पाया जाता है तो कठोर विधिक कार्यवाही सहित उसे सेवा से भी बर्खास्त किया जायेगा।  

उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और उन्नयन पर मंथन के लिए 21 नवंबर को बनास पैठानी में उच्च शिक्षा परिषद् की बैठक आहूत करने के निर्देश दिए।  इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक जनपद में विकसित भारत की संकल्पना को लेकर तथा राष्ट्रीय शिक्षा  नीति 2020 पर 26  जनवरी तक संगोष्ठी आयोजित करने के निर्देश दिये।  उन्होंने कहा की मा प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत के संकल्प को जन जन  का संकल्प बनाना होगा और इसके लिए युवा ऊर्जा सबसे  महत्वपूर्ण है।  

उन्होंने उच्च शिक्षा अनतर्गत समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ऐकडेमिक कैलेंडर का कड़ाई से शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।  डॉ. रावत ने उच्च  शिक्षा विभाग अंतर्गत राज्य  विश्वविद्यालयों को  अनिवार्य रूप से  नैड डिजिलॉकर के माध्यम से ही समर्थ पोर्टल पर परीक्षा परिणाम  घोषित करने के निर्देश दिए जिससे क्रेडिट मैपिंग सुनिश्चित किया जा सके।  

उन्होंने समस्त विश्वविद्यालयों को 30 नवंबर तक  दीक्षांत समारोह कराने  के भी निर्देश प्रदान किये जो अपरिहार्य स्थिति में अधिकतम 15 दिसंबर तक हो सकता है । 

मंत्री उच्च शिक्षा ने महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में छात्रों सहित प्राचार्य एवं प्राध्यापकों  की उपस्थिति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।  उन्होंने प्राचार्य एवं प्राध्यापकों  सहित समस्त कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति  को कोषागार  से जोड़ने के निर्देश दिए।  डॉ. रावत ने समस्त उच्च शिक्षण संस्थाओं  को 31 मार्च तक नैक कराने के निर्देश सहित उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु अन्य निर्देश दिए।  


 बैठक  में निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजु  अग्रवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. ए. एस. उनियाल, सहायक निदेशक प्रो. दीपक कुमार पाण्डेय, सलाहकार रूसा प्रो. एम. एस. एम रावत एवं प्रो. के. डी. पुरोहित उपस्थित थे।




ऋषिकेश:



 भारतीय ग्रामोत्थान संस्था में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों के लिये छात्रवृत्ति वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें 58 बच्चों को हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने छात्रवृत्ति के चेक बांटे। सर्वाधिक अंक पाने वाली इशिता कुकशाल को अलग से समानित किया गया।सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि संस्था की ओर से छात्रवृत्ति देने की जो व्यवस्था शुरु की है उससे छात्रों को लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के बजाय घर पर ही पढ़ाया जा सकता है। बच्चों पर पढ़ने के लिये अनावश्यक दबाव नहीं देना चाहिए।

भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के निदेशक अनिल चन्दोला ने कहा कि उनकी संस्था को 36 साल हो गए हैं। संस्था परिसर में कम्प्यूटर सेंटर बनाया जा रहा है। वर्तमान में 40 छात्रों का कम्प्यूटर सिखाया जा रहा है। यह काम एनआरआई गोयल परिवार के सहयोग से किया जा रहा है। जिन छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है उन्होंने अपनी कक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी संस्था की सदस्य बीना पुंडीर को हस्तशिल्प के क्षेत्र में को उत्तराखंड राज्य सरकार की ओर से शिल्पी पुस्कार दिया गया है। संस्था में 230 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। 

इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष गीता चन्दोला, दिनेश गोयल, सीमा गोयल, एनपी कुकशाल, सोमजी आदि उपस्थित रहे।

 रुड़की:

Pharma quiz

फार्मा क्विज का आयोजन 19 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक सेमिनार हॉल, ब्लॉक डी में फैकल्टी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, मदरहुड यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है।


 यह कार्यक्रम छात्रों को प्रोत्साहित करने और उनमें ज्ञान और बुद्धि को सामने लाने के लिए वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। 


छात्र प्रतिभागियों को बी.फार्मेसी और डी.फार्मेसी की विभिन्न कक्षाओं से 4 समूहों (16 छात्रों) में विभाजित किया गया था। 

.क्विज़ 5 राउंड में आयोजित की गयीं थी, जहां पहला राउंड सामान्य ज्ञान आधारित प्रश्नों पर था और अन्य राउंड विभिन्न फार्मेसी विषयों से संबंधित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री विधि उपाध्याय ने सभी का स्वागत करते हुए और दीप प्रज्ज्वलन और देवी सरस्वती का आशीर्वाद लेकर की। 


श्री अमन कुमार ने बौद्धिक प्रश्नोत्तरी मास्टर के रूप में कार्य किया। विद्यार्थियों ने अपने अंदर की प्रतिस्पर्धात्मक भावना को प्रदर्शित करते हुए पूरे कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। 


जिन समूहों का प्रदर्शन शीर्ष पायदान पर था, उन्हें ग्रुप बी द्वारा प्राप्त प्रथम स्थान और ग्रुप सी द्वारा प्राप्त दूसरे स्थान के लिए पदक और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल एफओपीएस, प्रोफेसर एम. कन्नादासन ने की। 


हॉल में सभी विभागाध्यक्ष, संकाय, गैर-शिक्षण कर्मचारी और दर्शक के रूप में छात्र उपस्थित थे। 


कुल मिलाकर यह एक दिलचस्प, शिक्षाप्रद और मनोरंजक और एक शानदार सफलता थी।

 ऋषिकेश;



  श्यामपुर, रायवाला भटोंवाला,छिददवाला  क्षेत्र के अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों ने 'सरकार जनता के द्वार' कार्यक्रम के अंतर्गत उपजिलाधिकारी के नाम तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा है | ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय की बस सेवा को नेपाली फार्म तक बढ़ाया जाये।


ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि क्षेत्र के लगभग 30-40 विद्यार्थी रोजाना ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून में पढ़ाई के लिए जाते हैं। वर्तमान में, बस सेवा केवल डोईवाला, भानियावाला चौक  और रानीपोखरी तक सीमित है, जबकि  श्यामपुर, रायवाला,भटोंवाला छिददवाला  जैसे क्षेत्रों से भी कही  विद्यार्थी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं।


अभिभावकों का कहना है कि प्रवेश के समय उन्हें परिवहन सुविधा का आश्वासन दिया गया था | जो कि उनकी फीस में भी शामिल है। उन्होंने निवेदन किया कि जब बसें डोईवाला तक आ सकती हैं, तो नेपाली फार्म तक क्यों नहीं आ सकतीं?


ज्ञापन सौंपने वालों में छिददवाला ग्राम प्रधान कमलदीप कौर, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री , उपप्रधान हरीश पैन्यूली, हुकम सिंह रांगड़ एव   अभिभावक शामिल थे। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुये  विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत कर विद्यार्थियों के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ।

देहरादून;

Samarth portal uttarakhand


सूबे के उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कारणों से प्रवेश लेने से वंचित रह गये छात्र-छात्राओं को प्रवेश हेतु आखिरी मौका दिया जायेगा। विभागीय अधिकारियों को आगामी 27 अगस्त से 5 सितम्बर 2024 तक पुनः समर्थ पोर्टल खोलने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पंजीकरण करा सकें। समर्थ पोर्टल पर शैक्षणिक सत्र 2024-25 हेतु स्नताक प्रथम सेमेस्टर के लिये 76030 जबकि परास्तनाक प्रथम सेमेस्टर के लिये 24895 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन पंजीकरण किया है।


सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को बताया कि प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से किसी भी युवा को वंचित नहीं रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद, सीबीएसई एवं अन्य बोर्डों की परीक्षाफल सुधार परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश से वंचित एवं अन्य कारणों से प्रवेश न ले पाने वाले छात्र-छात्राओं की आवश्यकता को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य विश्वविद्यालयों के परिसरों एवं उनसे सम्बद्ध समस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश हेतु अंतिम मौका दिया जायेगा। इसके लिये विभगाय अधिकारियों को आगामी 27 अगस्त से 5 सितम्बर 2024 तक दोबारा समर्थ पोर्टल खोलने के निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि उक्त समयावधि में प्रवेश से वंचित रह गये छात्र-छात्राएं समर्थ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे और उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पंजीकरण में कोई समस्या न हो इसके लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं।


विभागीय मंत्री ने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाने के दृष्टिगत विगत वर्ष समर्थ गवर्नेंस पोर्टल को लागू किया गया। जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिये समर्थ पोर्टल पर अबतक स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिये कुल 76030 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। जिसके तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय में 31101, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय 31326 तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 13603 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इसी प्रकार परास्नातक प्रथम सेमेस्टर हेतु कुल 24895 छात्र-छात्राओं ने समर्थ पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराया है जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय में 12249, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय 8193 तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 4453 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि कुल पंजीकरण के सापेक्ष अबतक परास्नातक कक्षा के लिये 9324 तथा स्नातक में 48251 छात्राओं ने प्रवेश लिया है। उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने हेतु संकल्पबद्ध है और इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों में विश्वविद्यालयों में मानक अनुसार आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं और प्रवेश हेतु छात्र प्रतीक्षारत हैं वहां आवश्यकतानुसार सांध्यकालीन कक्षाओं का भी संचालन किया जायेगा।




*राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों के भवनों में लगेंगे सोलर पैनलः डॉ. धन सिंह रावत*


*महाविद्यालयों में छात्रों के लिये संचालित होंगी अतिरिक्त कक्षाएं*


*कहा, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र-छात्राओं मिलेगी सभी सुविधाएं*


देहरादून:





सूबे के सभी राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय एवं उनके परिसरों के भवनों में सोलर पैनल लगाये जायेंगे ताकि बिजली पर आने वाले खर्च को कम कर उसका सदुपयोग अध्ययन संबंधित कार्यों एवं छात्रहित में किया जायेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया में समस्याओं को देखते हुये महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जायेंगी। इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को एनएसी (NAC) एवं एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग के लिये अनिवार्य रूप से आवेदन करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं। 


सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने ग्रीन कैंपस की अवधरणा को धरातल पर उतारने के लिये सभी राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं उनके परिसरों में सोलर पैनल लगाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। इसके लिए उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों का शीघ्र सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में सोलर रूफटॉप स्थापित कर इको फ्रेंडली बनाया जायेगा। जिससे विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बिजली के बिल को कम से कम कर उसका सदुपयोग शिक्षण संबंधी कार्यों एवं छत्रहित में किया जायेगा।

 डॉ. रावत ने समर्थ पोर्टल के माध्यम से स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश को लेकर आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को शीघ्र दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में कोई दिक्कते नहीं आयेगी, इसके लिये महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने उच्च शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने को लेकर सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को नैक एवं एनआईआरएफ रैंकिंग के लिये अनिवार्य रूप से आवेदन करने के निर्देश विभगाय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली रैंकिंग में सूबे के सभी शिक्षण संस्थानों को प्रतिभाग करना जरूरी है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर किया जा सके। डॉ. रावत ने प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय परिसरों में फर्नीचर, खेल सामग्री, कम्प्यूटर, स्मार्ट क्लास, ई-बोर्ड, प्रयोगशाला व आवश्यक उपकरण, विद्युत, पेयजल व्यवस्था व शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ताकि छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में कोई समस्या न आये।


बैठक में उपाध्यक्ष राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, रूसा सलाहकार प्रो एम एस एम रावत, के डी पुरोहित, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, व्योमकेश दुबे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



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