निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी में किशोरावस्था शिक्षा पर दो दिवसीय सीबीएसई कार्यशाला का विधिवत आयोजन ।
ऋषिकेश;
निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश में किशोरावस्था शिक्षा (Adolescence Education) विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यशाला का समय प्रातः 9:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक रहा।
सर्वप्रथम कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ डॉ. वंदना पांडे, अतिरिक्त निदेशक, गुरुकुल शिक्षा, भारतीय शिक्षा बोर्ड, एवं श्रीमती नीलम थपलियाल, प्रधानाचार्या, दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपोखरी के करकमलों द्वारा किया गया।
इस प्रशिक्षण सत्र में 9 प्रतिष्ठित विद्यालयों के लगभग 60 शिक्षकों ने सहभागिता की, जिनमें निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश
निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल, ऋषिकेश, एस.सी.बी. एकेडमी, नथुवावाला, देहरादून, हैप्पी होम मोंटेसरी स्कूल, खदरी, ऋषिकेश, जानकी चिल्ड्रन एकेडमी, कुंज विहार, देहरादून, ग्रेस एकेडमी, न्यू कैंट रोड, देहरादून, एस.जी.आर.आर. पब्लिक स्कूल, बालावाला, देहरादून, संत कबीर एकेडमी, हर्रावाला, देहरादून, एस.एस.बी. इंटरनेशनल स्कूल, ऋषिकेश
इस दौरान डॉ वंदना पांडे ने प्रमुख विषय-वस्तु व बिंदुओं पर कार्यशाला का फोकस किया जिसमें किशोरों के लिए तनाव प्रबंधन की प्रभावशाली तकनीकें, वस्थ पारस्परिक संबंधों का निर्माण, आत्म-प्रेरणा और व्यक्तिगत जिम्मेदारी, आत्म-जागरूकता व भावनात्मक नियंत्रण । कार्यशाला की गतिविधियाँ में संवादात्मक चर्चाएँ, भूमिका-निवाचन (Role Plays), समूह कार्य एवं सहभागिता आधारित गतिविधियाँ, प्रमुख निष्कर्ष व उपलब्धियाँ, शिक्षकों में आत्मविश्वास व संवेदी समझ का विकास किशोर छात्रों को समझने और उनसे सकारात्मक संवाद स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया।
श्रीमती नीलम थपलियाल ने इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को किशोरावस्था की जटिलताओं को समझने और छात्रों के समग्र विकास में सहयोगी बनने के लिए तैयार करना है। यह शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, स्वस्थ संवाद, भावनात्मक संतुलन और आत्म-जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर मार्गदर्शन देती है, जिससे वे विद्यार्थियों को बेहतर जीवन कौशल प्रदान कर सकें।
कार्यशाला का समापन निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी की प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता शर्मा एवं हेडमिस्ट्रेस श्रीमती अमृत पाल डंग द्वारा सभी अतिथियों व प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला किशोरों की चुनौतियों को समझने और उन्हें बेहतर मार्गदर्शन देने हेतु एक सशक्त मंच सिद्ध हुई है। धन्यवाद
एक टिप्पणी भेजें