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- ब्यासी में लगाया कैम्प, एम्स के चिकित्सकों ने दिया स्वास्थ्य परामर्श 


ऋषिकेश




-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में लगे श्रमिकों और अन्य कर्मचारियों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एम्स द्वारा निःशुल्क मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। इस दौरान एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 100 से अधिक श्रमिकों की विभिन्न स्वास्थ्य जांचें कर उन्हें चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध करवाया गया।   


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के कार्यों को विभिन्न पैकेजों में विभाजित किया गया है। बीते रोज इस परियोजना के ब्यासी क्षेत्र में स्थित पैकेज-2 में एम्स ऋषिकेश ने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। शिविर स्थल में पंहुची संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने स्वयं भी कई श्रमिकों को आवश्यक स्वास्थ्य परामर्श दिया। संस्थान में डिपार्टमेन्ट ऑफ टेलिमेडिसिन एवं बायोइन्फोर्मेटिक्स विभाग के प्रशासनिक प्रभारी विनीत कुमार ने बताया कि शिविर में जनरल मेडिसिन विभाग सहित विभिन्न विभागों के चिकित्सा विशेषज्ञों ने 100 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि शिविर में रिज्यूवेन कंपनी का भी सहयोग रहा। कंपनी द्वारा आधुनिक तकनीक आधारित मेडिकल उपकरणों से जरूरतमंद श्रमिकों का वाईटल्स, डेंटल, विजन, ह्यूमोग्लोबीन, ईसीजी स्कैन परीक्षण आदि विभिन्न जांचें की गयीं। इसके अलावा एम्स के चिकित्सकों ने विभिन्न स्वास्थ्य जांचें कर जरूरतमंदों को निःशुल्क दवा भी वितरित की। 


उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन परियोजना के श्रमिकों की स्वास्थ्य संबन्धित समस्या को देखते हुए पूर्व में एम्स ऋषिकेश और रेल विकास निगम लिमिटेड (आर.वी.एन.एल.) के मध्य एमओयू (मेमोरेन्डेम ऑफ अंडरस्टेन्डिंग) गठित किया गया था। इस संबन्ध में एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि आर.वी.एन.एल. को नियमित स्तर पर टेलीकंसल्टेशन सुविधा उपलब्ध करवाने के अलावा जरूरत के अनुसार स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन द्वारा भी स्वास्थ्य जाचें और चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है ताकि श्रमिकों का मेडिकल चेकअप करने के बाद उन्हें मौके पर ही स्वास्थ्य लाभ दिया जा सके। शिविर में जनरल मेडिसिन विभाग के डाॅ0 रजत शर्मा, टेलिमेडिसिन विभाग के डाॅ0 विवेक सिंह मलिक, डाॅ. ख्याति गुप्ता और धीरज, शुभम आदि का सहयोग रहा।

 


आज दिनांक 05/07/25 को निदेशक होम्योपैथी चिकित्सा सेवाऐं उत्तराखण्ड द्वारा

डोईवाला:

Homeopathy camp at Arya Kanya Junior High School Doiwala


डॉ जे एल फिरमाल  के निर्देशानुसार एवं जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ सरिता जोशी  के आदेश के अनुपालन में रा० हो० चि० डोईवाला के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ प्रियंका भारद्वाज के द्वारा आर्य कन्या इंटर कॉलेज, डोईवाला, देहरादून में निशुल्क Dengue Awareness Health Camp आयोजित किया गया जिसमें स्वास्थ्य जाँच के साथ साथ लोगों को डेंगू, चिकनगुनिया आदि विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई एवं फार्मासिस्ट राजेंद्र कुमार द्वारा 91 छात्राओं को होम्योपैथिक औषधि यूपीटोरियम पर्फ 30 वितरित की गई। 


शिविर संचालन में योग अनुदेशक श्रीधर शर्मा एंव महिला योग अनुदेशक विजिया एंव आशा कार्यकर्ता कुंतेश्वरी द्वारा विषेश सहयोग दिया गया।


 श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम सहित श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में योगदिवस के अवसर पर योगाभ्यास एवं "सर्वे भवन्तु निरामया" की प्रार्थना।

peaceful msg through yoga in Shri Kedarnath and Badrunath



श्री बदरीनाथ/ श्री केदारनाथ धाम/ ज्योर्तिमठ : 21 जून। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर " *एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग* " की थीम को चरितार्थ करते हुए श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग,  जिला चमोली एवं  रूद्रप्रयाग श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति  ( बीकेटीसी)द्वारा योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें  आयुष विभाग के चिकित्सकों,  बीकेटीसी, नगरपंचायत कर्मचारियों, अधिकारियों, सेना, आईटीबीपी, पुलिस होमगार्ड, तीर्थ पुरोहितों,तथा स्कूली बच्चों , अध्यापकों तथा बड़ी संख्या में देश विदेश के तीर्थयात्रियों ने प्रतिभाग किया।



इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों के  स्वागत के पश्चात योग गुरूओं द्वारा योगाभ्यास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा  कि योग से व्यक्ति दीर्घायु एवं स्वस्थ रह सकता है।

इसके पश्चात योगाभ्यास की शुरुआत की गयी। योगाभ्यास से पहले शाररिक संचालन, तत्पश्चात विभिन्न आसन जैसे वृक्षासन, शशकासन, ताड़ासन, हलासन , व्रजासन, भुजंगासन शवासन आदि का अभ्यास किया गया तीसरे चरण में ध्यान एवं प्राणायाम का अभ्यास किया गया तत्पश्चात शांति पाठ के बाद योग दिवस का समापन हुआ।


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आज प्रात: को जारी संदेश में सभी तीर्थयात्रियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी कहा की  योग से निरोग यह योग की मुख्य धारणा है। बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती एवं बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कपरवाण सहित बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने  अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में  बताया कि बदरीनाथ धाम में  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार के आगे परिसर में बीकेटीसी के सौजन्य से आयुष विभाग चमोली द्वारा आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि बीकेटीसी बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।



विशिष्ट अतिथि बीकेटीसी पूर्व उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन आयुष विभाग नोडल अधिकारी डा. त्रिलोक सिंह रावत ने किया। योगाभ्यास योग गुरु नरेंद्र सिंह कोठा बडवाल ने संपन्न करवाया।

इस अवसर पर आईटीबीपी डिप्टी कमांडेंट वाईपी जोशी, डा.ऋतु गुंज्याल,  धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी आचार्य रविंद्र भट्ट,थानाध्यक्ष नवनीत भंडारी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट बीकेटीसी पूर्व सदस्य धीरज मोनू पंचभैया,बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, फार्मेसीडा.ऋतु अधिकारी गोविंद सिंह राणा, चंद्रमोहन बड़वाल, हरीश जोशी आदि मौजूद रहे। इसके अलावा आयुष विभाग चमोली द्वारा देश के प्रथम गांव माणा तथा श्री बदरीनाथ धाम के निकट गजकोटी  में भी योगाभ्यास का आयोजन किया।


श्री केदारनाथ में  आयुष विभाग रूद्रप्रयाग द्वारा आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पुजारी बागेश लिंग ने कार्यक्रम की शुरुआत की योग अनुदेशक अरविंद शुक्ला एवं सर्वेश तिवारी ने योगाभ्यास करवाया इस अवसर आयुष विभाग से डा शुप्रभ दास,डा.  प्रमोद शुक्ला  केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित  धर्माधिकारी औंकार शुक्ला,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डी एस भुजवाण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान,  वेदपाठी  स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, लोकेंद्र रिवाड़ी,प्रबंधक प्रदीप सेमवाल,कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।



श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ परिसर  में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस उल्लासपूर्वक आयोजित हुआ बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि रहे तथा इस अवसर पर सभी को योग दिवस की बधाई दी।

इस अवसर पर  नगर पंचायत अध्यक्ष देवेश्वरी शाह श्री भुवन उनियाल,  मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, प्रबंधक भूपेंद्र राणा,  पुजारी सुशील,डिमरी, आशुतोष शुक्ला, राकेश झिंक्वाण, माधव प्रसाद सेमवाल, रमेश डिमरी भगवती प्रसाद नंबूरी, मुकेश डिमरी लक्ष्मण सिंह रावत, कृष्णमणि थपलियाल, रोहिणी रावत, बबली राणा,  लक्ष्मी शाह कलम सिंह राणा, मुकेश कुमार समीर डिमरी, नैन सिंह भंडारी सुखदेव महिपाल, दीपक शाह, सौरभ राणा अनिल सकलानी श्रीमती सुषमा डिमरी कुशल लाल लोहानी,मुरली सिंह राणा, आरती शाह, आशीष डिमरी, ललित खंडूरी सहित सैकड़ो स्कूली बच्चे आचार्य गणों ने  योगाभ्यास कार्यक्रम मे़ प्रतिभाग किया।

 ऋषिकेश:


एम्स,ऋषिकेश में अंतराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के उपलक्ष्य में विभिन्न यौगिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। 

जिसके तहत योग कार्यशाला व व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया, इस दौरान उन्हें योग क्रियाओं का अभ्यास भी कराया गया।


संस्थान की निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर( डॉक्टर )मीनू सिंह के कुशल मार्गदर्शन में आयुष विभाग की ओर से सोमवार देर शाम प्रशासनिक एवं इंजीनियरिंग विभाग के लिए योग कार्यशाला आयोजित की गई। 


इस अवसर पर आयुष विभाग के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीलॅय मोहंती ने कहा कि वर्तमान दौड़धूप व तनावग्रस्त दिनचर्या में सभी को अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुष विधाओं का लाभ लेना चाहिए।

 उन्होंने बताया कि दुनिया को योग से रोग मुक्त रखने के संदेश के साथ वर्ष 2015 से हरवर्ष 21 जून को दुनियाभर में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

आयुष चिकित्साधिकारी डॉ. श्वेता मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष "एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य " थीम के संदेश के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है। 


इसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश में विभिन्न विभागों की ओर से योग की विभिन्न गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। 

व्याख्यानमाला में डॉक्टर श्वेता ने बताया कि वर्तमान आपाधापी भरी जिंदगी में लाईफ स्टाइल से जनस्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है और लोग गलत खानपान, क्लाइमेट चेंज, प्रदूषण, शारीरक गतिविधियों के अभाव आदि कारणों के चलते गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। 

लिहाजा इन सबसे बचाव व स्वस्थ रहने के लिए हमें योग को आत्मसात करना होगा। 

सही मार्गदर्शन में नियमित योगाभ्यास, दिनचर्या में सुधार, व्यायाम से हम अपने आप को फिट व निरोगी रख सकते हैं। 

इस दौरान आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक दीपचंद्र जोशी ने प्रतिभागियों को विभिन्न यौगिक क्रियाओं का अभ्यास भी कराया। 

कार्यशाला में इंजीनियरिंग विभाग से अधिशासी अभियंता राहुलजी सहित संस्थान के करीब 150 अधिकारी, कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया । 

उधर, बीते शनिवार को एम्स आयुष विभाग के तत्वावधान में नर्सिंग अधिकारियों के लिए योग कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक अधिकारियों ने विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास किया।

मुख्यमंत्री आवास परिसर में गुरुवार को योगाभ्यास किया गया। 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी योग किया। 

yoga with CM Dhami


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे  मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है।


 उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।


 उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है।  ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए  नई योग नीति लाई गई है।

         

 ऋषिकेश : 



ग्राफिक एरा हॉस्पिटल देहरादून के सहयोग से  छिददरवाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर मे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। शिविर मे 130 लोगों ने चिकित्सकीय सलाह लेकर लाभ उठाया। रविवार को छिददरवाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र  परिसर में ग्राफिक एरा हॉस्पिटल देहरादून ने नि: शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। शुभारंभ निर्वतमान ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र सिंह नेगी   ने किया | शिविर में 130 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जाचे एवं दवाईयो  दी गयी | शिविर से  दो मरीजो को अस्पताल ले जाया गया | पांच लोगो को अस्पताल आने की सलाह दी गयी | इस दौरान स्त्री रोग , नेत्र रोग,दन्त,अस्थि,जनरल फिजिशयन मौजूद रहे |  अस्पताल की डाक्टर की  टीम मे   प्रोफेसर बी.एस .बिष्ट ,डा निकिता ,डा सूरज मिश्रा,डा मानस ,डा अनुज,डा अम्बुज मित्तल,नर्सिग स्टाफ,मैंनजमेट से कुलदीप मौजूद रहे | इस दौरान  छिद्दरवाला निर्वतमान ग्राम प्रधान कमलदीपर कौर,शोबन सिंह कैंन्तुरा ,भगवान सिह मेहर,निर्वतमान क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री,मण्डल अध्यक्ष सुरेन्द्र बिष्ट,पूर्व जिला पंचायत सदस्य  बिमला नैथानी ,अनीता राणा,पूर्व प्रधान हरीश कक्कड़ ,वरिष्ठ भाजपा नेता बलविन्दर सिह, ग्रामीण शैलेन्द्र रागड ,हुकम सिह रागड,हरीश पैन्यूली, समा पवार ,आयुष रावत मौजूद रहे |

 देहरादून;




केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के देहरादून कार्यालय द्वारा आज हरिद्वार स्थित पतंजलि वेलनेस सेंटर में योग पर आधारित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम की शुरुआत योगगुरु स्वामी रामदेव जी महाराज के सान्निध्य में योग अभ्यास से हुई। उन्होंने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों और आगंतुकों को विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया तथा योग के वैज्ञानिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला।


इस अवसर पर स्वामी रामदेव जी का स्वागत केंद्रीय संचार ब्यूरो के अधिकारियों द्वारा पौधा भेंट कर किया गया। स्वामी रामदेव    ने   योग को भारत की ऋषि परंपरा की अनुपम देन बताते हुए कहा कि यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।


उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि आगामी 21 जून, जो कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है, को पूरे उत्साह के साथ मनाएं और बड़ी संख्या में योगाभ्यास में भाग लें। उन्होंने योग जागरूकता को बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।


उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व देशभर में केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा जन-जागरूकता के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य आम नागरिकों को योग के प्रति प्रेरित करना है ताकि वे अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बना सकें तथा एक स्वस्थ और समर्थ भारत के निर्माण में योगदान दे सकें।


कार्यक्रम के अंतर्गत हरिद्वार की पंजीकृत सांस्कृतिक संस्था 'श्रीमान्त शांति खिलेराम सांस्कृतिक कला विकास समिति' द्वारा योग पर आधारित रागिनी की प्रस्तुति दी गई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

 बालावाला/देहरादून;

team warriors uttarakhand, free health camp


आज रविवार दिनाँक 1 जून को जन लोक सेवा व टीम वारियर्स उत्तराखंड द्वारा बालावाला क्षेत्र के गँगा फार्म में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया।

 जिसमें प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा जाँच की गई व साथ ही दवाइयाँ चश्में व रक्त की जाँच भी निःशुल्क की गई । 

स्वास्थ्य जाँच शिविर में नेक्स्ट एवोल्यूशन ऑफ वर्ल्ड के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया । शिविर में अनेकों लाभार्थियों ने जाँच करवाकर लाभ लिया । 

जाँच में मुख्य अतिथि के रूप में मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल  , रिटायर जनरल श्री संजीव आनंद  ,  महिला सशक्तिकरण व बाल विकास आयोग की अध्यक्षा श्रीमती गीता खन्ना  , पंजाबी महासभा की महिला अध्यक्ष नलिनी तनेजा , आनंद छमालवान  , धनवीर राणा  मौजूद रहे।

 ऐसे में भाजपा मंडल अध्यक्ष बालावाला सौरभ नौडियाल  पार्षद बालावाला प्रशांत खरोला  , बादल  रामकिशन चमोली भी रहे ।

कार्यक्रम के दौरान टीम वारियर्स के संस्थापक व जन लोक सेवा के सहसंस्थापक शिवम बहुगुणा ने बताया की संस्था समय समय पर सामाजिक कार्यों के लिये आगे आती रहती है और युवाओं को समाजसेवा के लिए प्रेरित करने के लिये अभियान चलाते रहते हैं । 

इस मौके पर डॉक्टर अंशुल उपाध्याय , डॉक्टर हर्षल गुप्ता , डॉक्टर विजय पटेल डॉक्टर प्रियांशु नेगी सुजोग थैरेपिस्ट अक्षत अग्रवाल व अन्य कई डॉक्टरों ने जाँच की व अजय रमोला , मनीष नेगी , डॉक्टर हिमांशु गुसाईं , हरप्रीत सिंह , सौरभ रावत , ललित जोशी , अंतरिक्ष मनवाल , हरजिंदर सिंह , देहरादून वाले के संस्थापक रोहित रावत , सोहित रौथाण , अभिषेक तिवाड़ी , मुकेश पंत , भूपेंद्र नेगी , विनोद खंडूरी , कैलाश नेगी , आकाश मनवाल , दीक्षा भंडारी , प्रमिला रमोला , रवीना लामा , निकेश बिष्ट , अमित चौहान , अभिषेक शाह , रविन्द्र धनाई , शिवानी नैनवाल , विशाल , ऋषभ रावत , उदित मौर्य , शुभम सेमवाल , अभय रावत , परगट सिंह आदि ने प्रतिभाग कर सेवा दी और साथ ही सभी ने मिलकर प्रण लिया कि समय समय पर सामाजिक कार्यो के लिए आगे आते रहेँगे ।

 श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल ने  राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला में एक दिवसीय निःशुल्क  किशोरावस्था जागरूकता शिविर का किया आयोजन 

ऋषिकेश :


 रायवाला स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल के सौजन्य से राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला में एक दिवसीय निःशुल्क  किशोरावस्था जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के 400 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया।


शुक्रवार को रायवाला स्थित राजकीय इंटर कालेज में श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल के आयोजन पर एक दिवसीय किशोरावस्ता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के 400 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया और किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक व मानसिक परिवर्तन के साथ ही स्वास्थ्य की जानकारी हासिल की। शिविर में हॉस्पिटल की मुख्य चिकित्सक व वारिष्ठ प्रसूति एवं स्त्री रोग विषज्ञ डॉ प्रणति दास व वारिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सूरज सिंह ने किशोरावस्था जागरूकता कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल्यकाल से किशोर अवस्था में प्रवेश करने के दौरान शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन, स्वास्थ्य और उचित आहार व खानपान के प्रति किशोर किशोरियों को जागरूक करना और उन्हें निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए स्वच्छ समाज निर्माण करना हॉस्पिटल का उद्देश्य है।डॉ प्रणति दास द्वारा किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल परिवर्तनों पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान सत्य साईं संजीवनी की टीम द्वारा विद्यालय के छात्र-छात्राओं का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया, जिसमें हीमोग्लोबिन, बी.पी., सी बी सी, एल एफ टी,थायराइड, यूरिन आदि की जांच शामिल हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विजयमल यादव ने सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मददगार साबित होते हैं।हैं। इस दौरान मौजूद शिक्षक सत्ये सिंह राणा, महावीर प्रसाद सेमवाल, राकेश बिष्ट, विकास पाण्डेय, प्रमोद कंडवाल, धूम सिंह खण्डेलवाल, राजेंद्र कुमार, अशोक बौड़ाई, चन्द्रमोहन ममगांई, शिव प्रसाद सिमल्टी, दिवाकर खण्डूड़ी, मंजू उनियाल, मनीषा खेमान, रश्मि चौधरी सहित सत्य साईं संजीवनी की टीम ने शिविर संचालन में सहयोग किया।

 मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश -देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों में गोल्डन कार्ड से इलाज की सुविधा पूरी तरह जारी रहेंगी

golden card faciality will be in थ्री hospital fully


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों  के अनुपालन में उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड धारकों को देहरादून के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों में पूरी तरह से इलाज की सुविधा पूरी तरह जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि जॉली ग्रांट हॉस्पिटल, श्री महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल और ग्राफिक एरा हॉस्पिटल में गोल्डन कार्ड से इलाज की सेवाएं नियमित रूप से जारी रहेंगी और इन अस्पतालों में आने वाले पात्र मरीजों को सभी आवश्यक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।


स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सरकार का उद्देश्य यही है कि राज्य के प्रत्येक पात्र नागरिक को समय पर और उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से लाखों गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है और राज्य सरकार इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।


 स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भविष्य में भी गोल्डन कार्ड से मिलने वाली सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा ताकि राज्य के हर नागरिक को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिल सके |


 *अपने हर नागरिक को ससमय और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार का लक्ष्य और सर्वोच्च दायित्व है | हमारी सरकार  निर्धन और जरूरतमंदों को आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से निशुल्क उपचार की सुविधा आसानी से पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है |* 


 *पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*

 *चकराता में 21 मई को लगाया गया विशाल योग एवं चिकित्सा शिविर।*


*डॉ० डी० सी० पसबोला  नोडल अधिकारी के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ शिविर ।*

देहरादून: 



 चकराता ब्लाक में 21  मई 2025 को विशाल योग एवं चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। जिसके लिए डॉ० डी० सी० पसबोला को नोडल अधिकारी बनाया गया था। 


इस सम्बन्ध में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, देहरादून, उत्तराखंड डॉ० जी० सी० एस० जंगपांगी द्वारा आदेश जारी कर दिए गए थे। इस वर्ष का कार्य क्रम एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य थीम पर आधारित रहा।

मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि योग एवं चिकित्सा शिविर कैन्ट इण्टर कालेज, चकराता ब्लाक, देहरादून में आयोजित किया गया। 

जिसके लिए अधिशासी अधिकारी आर एन मण्डल, कैन्ट छावनी परिषद, चकराता, देहरादून द्वारा पत्र जारी कर दिया गया था। 

शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में अधिशासी अधिकारी आर एन मण्डल, कैन्ट छावनी परिषद, चकराता, देहरादून शामिल हुए। प्रधानाचार्य वेदप्रकाश एवं उप प्रधानाचार्य पूर्णिमा राणा सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। 

योग एवं चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाने में कैन्ट इण्टर कॉलेज, चकराता के कार्यालय अधीक्षक संदीप जोशी का भी अमूल्य योगदान रहा है।


योग एवं चिकित्सा शिविर हेतु डॉ० पसबोला की टीम में डॉ० मन्नत कुमार, डॉ० पूनम हारीत, डॉ० राजेन्द्र तोमर जैसे अनुभवी चिकित्सा अधिकारी, विनोद मंगवाल (फार्मेसी अधिकारी), निहाल सिंह चौहान, अनुभवी योग अनुदेशक मनोज जोशी एवं रेखा को शामिल रहे। जिससे की योग एवं चिकित्सा शिविर सुचारू रूप से आयोजित किया जा सका और विद्यालय के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं सहित चकराता क्षेत्र की जनता को योग एवं चिकित्सा शिविर का समुचित लाभ प्राप्त हुआ। शिविर में 300 से अधिक लोग लाभान्वित हुए। 


 भगवान परशुराम जी की जयंती व अक्षया तृतीया के पावन अवसर पर नव्य भारत फाउंडेशन (एनबीएफ भारत) द्वारा

एसएपीटी इंडिया के सहयोग से  निःशुल्क हेल्थ कैंप (फिजीयोथेरेपी परामर्श एवं ख़ून जाँच कैंप ) ”मिशन चिरंजीवी भारत“ के अंतर्गत नव्य भारत  चैरीटैबल फिजीयोथेरेपी एवं कलेक्शन सेंटर, बालावाला, देहरादून में आम जनमानस के लिए आयोजित करवाया गया।

Navya foundation organised physiotherapy camp


इस मौके पर एनबीएफ एवं एसएपीटी के  संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष ,पीजीआई चंडीगढ़ के फिजीयोथेरेपीसट डा० अनिरुद्ध उनियाल  द्वारा आमजनमानस का निशुल्क फिजीयोथेरेपी परामर्श किया गया, और सभी सदा निरोगी रहे यह भगवान बद्री केदार से प्रार्थना की। 

इस मौके पर एनबीएफ के ट्रस्टी श्री देवानंद डोभाल, खेमराज उनियाल, अजय उनियाल, व टीम एनबीएफ से प्रमिला उनियाल, सताक्षी उनियाल , डा० साक्षी नेगी, सौरभ सिरखाल व अन्य कई गण्यमान्य की गरिमामयी उपस्थिति रही।

एम्स, ऋषिकेश के अनुभवी चिकित्सकों के अथक प्रयास से मरीज को मिला नवजीवन

3द Hip implant surgery AIIMS Rishikesh



अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), ऋषिकेश ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए उत्तराखंड में पहली बार कस्टमाइज्ड 3D प्रिंटेड इम्प्लांट की मदद से जटिल "रिवीजन टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी" को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस तकनीक के ज़रिए वर्षों से दर्द और असहाय जैसी स्थिति से जूझ रहे मरीज को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिला है।

हरिद्वार निवासी 60 वर्षीय संदीप शर्मा, जो कि एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रसित रोगी हैं। उन्होंने वर्ष 2003 में पीजीआई चंडीगढ़ में अपने दोनों कुल्हों (hips) का प्रत्यारोपण कराया था। लगभग 20 वर्ष के बाद उनके इम्प्लांट्स फेल हो गए, जिसके चलते वर्ष 2023 से वह असहनीय दर्द के कारण चलने फिरने से बेहद लाचार स्थिति में थे, लिहाजा उनकी दिनचर्या पूरी तरह से व्हीलचेयर पर आश्रित हो गई थी।

बकौल, संदीप शर्मा उन्होंने अपने उपचार के लिए गतवर्ष 2024 में एम्स AIIMS, दिल्ली में उपचार हेतु परामर्श लिया, जहां सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की गई। मगर संक्रमण के चलते सर्जरी अधूरी रह गई और चिकित्सकों ने अस्थायी समाधान के तौर पर एक सीमेंट स्पेसर और स्टेबलाइजिंग नेल का उपयोग किया।

पेशेंट ने बताया कि वह लंबे समय तक सर्जरी की प्रतीक्षा करने में असमर्थ थे, लिहाजा उन्होंने AIIMS, ऋषिकेश के चिकित्सकों से परामर्श के लिए संपर्क किया। 

यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा तमाम जरूरी जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उनके कुल्हे की हड्डी में एक बहुत बड़ा दोष (बोनी डिफेक्ट) है, जिसे सामान्य इम्प्लांट्स से ठीक कर पाना संभव नहीं था। ऐसे में मरीज के लिए विशेषरूप से डिजाइन किया गया 3D प्रिंटेड कस्टमाइज्ड इम्प्लांट तैयार कराया गया।

बीते फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रोफेसर रूप भूषण कालिया के मार्गदर्शन में ऑर्थोपेडिक्स विभाग की टीम द्वारा 8 घंटे में यह जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। डॉ. रूप भूषण कालिया के अनुसार इस प्रक्रिया में पहले से डाले गए सीमेंट स्पेसर और नेल को हटाकर 3D प्रिंटेड कस्टम इम्प्लांट को प्रत्यारोपित किया गया। राज्य में हुई यह अपनी तरह की पहली जटिल सर्जरी के लिए सहयोगी एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. भावना गुप्ता ने किया।

सर्जरी के 7 सप्ताह बाद अब पेशेंट संदीप शर्मा पूरी तरह वजन सहन करने की स्थिति में हैं और उन्होंने सामान्यरूप से चलना प्रारंभ कर दिया है। 

लंबे अरसे से शारीरिक पीड़ा का सामना कर चुके पेशेंट से रोज-रोज के दर्द से स्थायीतौर पर निजात मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि "मैं 2023 से काफी दर्द में था और पूरी तरह से व्हीलचेयर पर निर्भर हो गया था। एम्स, ऋषिकेश में मुझे बहुत ही बेहतर इलाज और देखभाल मिली है। चिकित्सकों ने बेहद संवेदनशीलता और मेहनत से मेरा समुचित उपचार किया। मैं संपूर्ण चिकित्सकीय टीम के प्रति आभार व्यक्त करता हूं और मुझे प्रसन्नता है कि मैं एम्स के डॉक्टरों के शल्य चिकित्सा कौशल से एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सका।"

यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में 3D प्रिंटिंग तकनीक की प्रभावशीलता और संभावनाओं को उजागर करती है, जो विशेषकर जटिल और चुनौतीपूर्ण मामलों में मरीजों के लिए जीवन बदलने वाला समाधान सिद्ध हो सकती है।



एम्स ऋषिकेश ने ’एसएफए एथेरेक्टोमी’ प्रक्रिया में पायी सफलता    

चिकित्सा क्षेत्र में संस्थान की एक और नई उपलब्धि  


 ऋषिकेश:

AIIMS Rishikesh


पैरों में रक्त का प्रवाह कम होने पर अब फीमोरल धमनी (जांघ की सबसे बड़ी रक्त वाहिका) में ब्लाॅकेज की समस्या का एथेरेक्टाॅमी तकनीक से इलाज किया जा सकेगा। एम्स ऋषिकेश के रेडियोलाॅजी विभाग ने हाल ही में इस प्रक्रिया को सफलता पूर्वक संपन्न कर एक नई उपलब्धि हासिल की है। मेडिकल साईंस की यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें बाईपास सर्जरी करने से बचा जा सकता है और साथ ही रक्त वाहिका में स्टंट डालने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। इस प्रक्रिया से इलाज करने वाला एम्स ऋषिकेश देश के नव स्थापित एम्स संस्थानों में पहला एम्स है। 


देश में संवहनी स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने अपनी पहली सुपरफिशियल फेमोरल आर्टरी (एसएफए) एथेरेक्टोमी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। संस्थान के डायग्नोस्टिक और इंटरवेंशन रेडियोलॉजी विभाग (डीएसए लैब) ने अप्रैल के पहले सप्ताह में देहरादून निवासी एक 68 वर्षीय रोगी का इस विधि से सफल इलाज कर विशेष उपलब्धि हासिल की है। रोगी के पैरों की नसों में ब्लाॅकेज के कारण उसे चलने-फिरने  में दर्द के साथ दिक्कत थी और उसके पैरों का रंग भी काला पड़ गया था। बतादें कि ’फीमोरल धमनी एथेरेक्टोमी’ इलाज की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जांघ की सबसे बड़ी धमनी (फीमोरल धमनी) से प्लाक को हटाया जाता है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण धमनी में रुकावट हो जाती है और पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। 


रेडियोलाॅजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंजुम बताती हैं कि यह प्रक्रिया परिधीय धमनी रोग (पीएडी) से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष फायदेमंद है। इससे उनके इलाज में अब आसानी हो सकेगी। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर और इस प्रक्रिया के ऑपरेटिंग विशेषज्ञ डॉ. उदित चौहान ने बताया कि ’एसएफए एथेरेक्टोमी’ एक न्यूनतम इनवेसिव एंडोवास्कुलर तकनीक है जिसे सुपरफिशियल फेमोरल आर्टरी से एथेरोस्क्लेरोटिक प्लेक को हटाने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से रोगी के पैरों में रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है और दर्द और अन्य लक्षणों में भी जल्द सुधार होता है। विभाग के डॉक्टर पंकज शर्मा और डाॅ0 उदित ने सलाह दी है कि पैरों में ब्लाॅकेज की समस्या वाले रोगी अस्पताल के पांचवें तल पर स्थित डीएसए लैब में आकर इलाज के बारे में उनसे परामर्श ले सकते हैं। 


’’हमारे चिकित्सकों द्वारा इस प्रक्रिया का सफल निष्पादन करना, उन्नत चिकित्सा तकनीकों को अपनाने और रोगियों को अत्याधुनिक उपचार प्रदान करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। एसएफए एथेरेक्टॉमी की शुरुआत करके एम्स ऋषिकेश ने, न केवल अपनी इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी क्षमताओं को बढ़ाया है अपितु अन्य नए एम्स संस्थानों के सम्मुख एक मिसाल भी कायम की है। चिकित्सा देखभाल में नवाचार और उत्कृष्टता के माध्यम से रोगी परिणामों में सुधार के लिए यह उपलब्धि एम्स ऋषिकेश की प्रतिबद्धता साबित करती है।’’

------- प्रो0 मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश।

 

AIIMS rishilesh

मोटापे के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही क्लिनिक

बहुविषयक मेटाबोलिक स्वास्थ्य और मोटापा ग्रसित लोगों को मिल रहा समाधान 

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया क्लिनिक का औपचारिक शुभारंभ



एम्स, ऋषिकेश में संचालित बहुविषयक मेटाबोलिक स्वास्थ्य और मोटापा क्लिनिक का औपचारिक शुभारंभ किया गया।  क्लिनिक मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों से ग्रसित मरीजों के व्यापक मूल्यांकन, रोकथाम और उपचार में मददगार साबित हो रही है। गत वर्ष से संचालित इस क्लिनिक में एक ही छत के नीचे साक्ष्य-आधारित उपचार प्रदान करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा सेवाएं दी जा रही हैं। 

क्लिनिक का बतौर मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, संकायाध्यक्ष  (अकादमिक) प्रो. जया चतुर्वेदी व एम्स अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री ने संयुक्तरूप से औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर बताया गया है कि क्लिनिक के माध्यम से एक ही छत के नीचे मोटापे से ग्रसित मरीजों को विभिन्न विभागों से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 


इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह ने विभिन्न विभागों से जुड़ी इस चिकित्सा को मरीजों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की। उन्होंने इस बीमारी को वर्तमान समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बताते हुए ऐसे मरीजों के लिए क्लिनिक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। 


डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने इस पहल की प्रशंसा की व बताया कि विभिन्न विभागों की सहमति से संचालित की जा रही क्लिनिक रोगियों के लिए लाभप्रद साबित हो रही है। 


इंसेट 

मोटापे से ग्रसित मरीजों को एक छत के नीचे इलाज के लिए संचालित यह व्यवस्था मल्टीडिसिप्लिनरी मेटाबोलिक हेल्थ एंड ओबेसिटी क्लिनिक एंडोक्रिनोलॉजी, मेडिकल और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिसिन, साइकियाट्री और पल्मोनरी मेडिसिन विभागों का एक संयुक्त प्रयास है। 

यह क्लिनिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी क्षेत्र में लेवल 3, ब्लॉक- सी में प्रत्येक शनिवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित होती है।



इंसेट

मोटापे से ग्रसित 345 मरीज हो चुके हैं लाभान्वित

चिकित्सकों के मुताबिक गतवर्ष विभिन्न विभागों से जुड़ी इस क्लिनिक में 345 रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। इसके अलावा क्लिनिक कई व्यक्तियों को वजन कम करने में मददगार साबित हुई है, साथ ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप, फैटी लीवर रोग और स्लीप एपनिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से लंबे अरसे से ग्रसित मरीजों की समस्याओं का समाधान करके उनके जीवन को भी बदल दिया है। बताया गया कि इनमें आधे से अधिक यानि (51.88%) मरीज उत्तराखंड से रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दूरदराज के राज्यों से भी मरीज इस क्लिनिक में विशेष देखभाल व समस्या के समाधान की तलाश में आ रहे हैं। 

मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख प्रो. रोहित गुप्ता ने बताया कि क्लिनिक में आहार-आधारित उपचारों का पालन करने वाले मरीजों ने कुछ महीनों में औसतन 4.7 किलोग्राम वजन कम किया। जबकि दवाओं से रोगियों को 5.4 किलोग्राम तक वजन कम करने में मदद मिली। 

सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग के चिकित्सक डॉ. लोकेश अरोड़ा के मुताबिक

क्लिनिक के माध्यम से एक व्यक्ति की सफलतापूर्वक बेरियाट्रिक सर्जरी की गई, जिसमें रोगी ने 5 महीनों में 24 किलोग्राम वजन कम किया है। जिससे उक्त व्यक्ति को मोटापे के कारण रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली तमाम तरह की दिक्कतों से निजात मिली है। 


मोटापे के कारण व निवारण पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

नींद की सेहत पर मोटापे के प्रभावों के बारे में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रवि गुप्ता ने बताया कि मोटापा स्लीप एपनिया, अनिद्रा और बाधित नींद चक्रों से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है, जिसे अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह मानसिक स्वास्थ्य विकारों, थकान और कम उत्पादकता का कारण बन सकता है। लिहाजा मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों के लिए सिर्फ वजन प्रबंधन से परे एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।  

मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रविकांत ने इस बात पर जोर दिया कि मोटापे के इलाज में सिर्फ वजन कम करना ही शामिल नहीं है, बल्कि एक एकीकृत दृष्टिकोण भी शामिल है। जिसमें, चिकित्सा उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, जीवनशैली में बदलाव और सर्जिकल हस्तक्षेप शामिल हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुधार सुनिश्चित होता है। 

एंडोक्राइनोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कल्याणी श्रीधरन ने मोटापे और मधुमेह के बीच मजबूत संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि चयापचय नियंत्रण हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

पल्मोनरी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेश सैनी के अनुसार अधिक वजन ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) में योगदान देता है, जिससे नींद में खलल, क्रोनिक थकान और हृदय संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वजन कम करना और जीवनशैली में सुधार सांस लेने की समस्याओं को कम करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने की कुंजी है। 

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश अरोड़ा ने मोटापे के प्रबंधन में बेरियाट्रिक सर्जरी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। रोबोट की सहायता से बेरियाट्रिक सर्जरी ने मोटापे के उपचार में क्रांति ला दी है, जिससे प्रक्रियाएं अधिक सटीक, न्यूनतम आक्रामक और रोगियों के लिए सुरक्षित हो गई हैं। बेरियाट्रिक सर्जरी न केवल वजन घटाने में मदद करती है बल्कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फैटी लीवर रोग जैसी स्थितियों में भी काफी सुधार करती है।

 - ’जीवनदाता’ साबित हो रहे एम्स के सेवावीर

- ब्लड कैंसर से जूझ रहे 6 साल का बच्चे को दिया 5 यूनिट ब्लड

- एम्स में रोगियों की मदद के लिए गठित है सेवावीरों की टीम

Aiims rishikesh



एम्स में रोगियों की सेवा के लिए तैनात किए ’सेवावीर’ न केवल रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं अपितु जरूरत पड़ने पर लोगों की जान बचाने के लिए वह रक्तदान भी कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में सेवावीरों ने 6 साल के एक बच्चे को 5 यूनिट ब्लड देकर मानवता की मिसाल पेश की है।


ब्लड कैंसर की समस्या से जूझ रहा यह बच्चा रूद्रपुर (हल्द्वानी) का रहने वाला है। बच्चे की मां सुषमा कुमारी ने बताया कि बच्चे को कुछ समय से बुखार के साथ पसीना आने की शिकायत रहती थी। हल्द्वानी के विभिन्न अस्पतालों में जब बीमारी पकड़ में नहीं आयी तो वह बच्चे को लेकर एम्स ऋषिकेश पहुंची। एम्स आकर उसे पता चला कि बच्चे को ब्लड कैंसर है और वह शरीर में तीव्र गति से फैल रहा है। बच्चे के शरीर में खून भी बहुत कम था। इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हुए चिकित्सकों ने उसे तत्काल 4-5 यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। सुषमा के लिए ऋषिकेश शहर नया था और किसी से जान-पहिचान न होने के कारण ब्लड की व्यवस्था करना उसके लिए बहुत मुश्किल था। सुषमा ने बताया कि कोई रक्तदाता न मिलने पर वह अपनी परेशानी की चिन्ता में एम्स परिसर में बैठी थी कि एम्स के एक सेवावीर ने उनकी परेशानी पूछी और टीम के अन्य सदस्यों से उसकी परेशानी साझा की। बच्चे के इलाज के लिए रक्त की आवश्यकता को देखते हुए सेवावीरों ने रक्तदान कर 5 यूनिट ब्लड की व्यवस्था की और सुषमा को यह भी भरोसा दिलाया कि आवश्यकता पड़ने पर उनकी टीम के अन्य सदस्य भी बच्चे के लिए रक्तदान करेंगे। 


उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले वर्ष भी संस्थान के सेवावीरों ने नैनीताल के अधौड़ा गांव निवासी 3 वर्षीय मासूम करण को 8 यूनिट ब्लड डोनेट किया था। बिना किसी स्वार्थ के समय-समय पर रोगियों के लिए संकटमोचक बन रहे इन सेवावीरों का सुषमा और उसके परिजनों ने विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 सत्या श्री ने रोगियों के हितार्थ सेवावीरों द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि ड्यूटी कार्यों से इतर सेवावीरों द्वारा किया गया यह कार्य निःसंदेह सराहनीय है। 


कौन हैं एम्स के सेवावीर ?

एम्स, ऋषिकेश आने वाले आम मरीजों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने और असहाय मरीजों, दिव्यांग तथा वृद्धजनों की सेवा के लिए एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डाॅ0) मीनू सिंह की पहल पर सेवावीर दल का गठन किया गया है। सेवावीरों की टीमें दो अलग-अलग स्थानों पर बनाई गई हेल्प डेस्क के माध्यम से रोगियों की सहायता करने के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं। वर्तमान में ट्राॅमा सेंटर के निकट तथा एम्स की हॉस्पिटल बिल्डिंग में न्यूरो ओपीडी के निकट भू-तल पर सेवावीर हेल्प डेस्क बनाई गई है।

 

*ईसीएचएस और एम्स ऋषिकेश के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को मिलेगा बेहतर चिकित्सा लाभ*





उत्तराखंड राज्य के भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ईसीएचएस ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), -ऋषिकेश के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


उत्तराखंड सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आर प्रेम राज, एसएम, वीएसएम और एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर मीनू सिंह ने सहमति पत्रों का आदान-प्रदान किया और राज्य के पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।


समझौते पर हस्ताक्षर से उत्तराखंड राज्य में रहने वाले 4.97 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों खासकर राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। पूर्व सैनिक समुदाय के लिए यह सेना का एक बड़ा प्रयास है, जिससे उन्हें उन्नत निदान, विशेष उपचार और महत्वपूर्ण देखभाल सेवाओं सहित विभिन्न सेवाओं में अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा देखभाल प्राप्त होगी। एम्स ऋषिकेश, जो अपने अत्याधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे और उच्च योग्य विशेषज्ञों के लिए जाना जाता है, अब ईसीएचएस ढांचे के तहत भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगा।


ईसीएचएस और एम्स ऋषिकेश के बीच यह समझौता, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत एम्स ऋषिकेश, ईसीएचएस के पैनल में शामिल होने वाला उत्तराखंड राज्य का पहला सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन गया है, जिससे अब पूर्व सैनिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा आसानी से प्राप्त होगी।

ऋषिकेश:

NICU bachelor programme in AIIMS rishikesh


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के तत्वावधान में एम्स अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं का अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। बताया गया कि जन्म के समय 1000 ग्राम से कम वजन वाले 30 सप्ताह के जुड़वां बच्चों के लिए पहला एनआईसीयू स्नातक समारोह है।


नियोनेटोलॉजी विभाग की ओर से नवजात शिशु विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपर्णा बसु की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. पूनम सिंह, डॉ. मयंक प्रियदर्शी और डॉ. सुमन चौरसिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी तरह के इस अनूठे आयोजन में विभाग के रेजिडेंट चिकित्सकों, नर्सेस व सहायक कर्मचारियों ने सहयोग प्रदान किया।

विशेषज्ञों ने कहा कि शिशु के जन्म के दौरान नवजात की समग्र देखभाल के लिए चिकित्सकीय टीम की प्रतिबद्धता चिकित्सा उपचार से परे है, जिसमें नवजात के स्वास्थ्य के भावनात्मक और सामाजिक पहलुओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम था, जो कि नवजात शिशु देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम व मील का पत्थर है, साथ ही कठिन बाधाओं के खिलाफ जीवन की जीत का प्रतीक है।


विभाग के चिकित्सक डॉ. सुमन चौरसिया के अनुसार एम्स ऋषिकेश का एनआईसीयू स्नातक समारोह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के मद्देनजर अपने किस्म की एक अलग तरह की पहल तो है ही, यह इस विषय के परिप्रेक्ष्य में एक नई मिसाल कायम करता है, जो कि बच्चों के समग्र देखभाल और परिवारों के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव के महत्व को उजागर करता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक मिशन निदेशक स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में हुई संपन्न

देहरादून:

Swati bhadoriya NHM उत्तताखण्ड


स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) उत्तराखंड की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। मिशन निदेशक द्वारा एन.एच.एम. के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों व अभियानों की समीक्षा की गई।


मिशन निदेशक द्वारा सीपीएचसी एवं गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत जनपदों में स्थापित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में दी जा रही मूलभूत सेवाओं को बेहतर बनाए जाने हेतु संबंधित अधिकारयों को समय-समय पर मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।


स्वाति एस. भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. द्वारा गंभीर एनीमिया के मामले पर विशेष ध्यान दिए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने एनीमिया कैंपेन के सफतापूर्ण आयोजन हेतु जनपदों को निर्देशित किया।  


राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान में संचालित 100 दिवसीय टीबी अभियान की समीक्षा करते हुए मिशन निदेशक द्वारा समस्त जनपदों को निर्देशित किया कि अभियान के माध्यम से अत्यधिक लोगों की एक्स-रे मशीन के माध्यम से स्क्रीनिंग करते हुए टीबी मरीजों को चिन्हित किया जाए और समस्त डेटा को निक्षय पोर्टल पर ससमय अंकित किया जाए। 


मिशन निदेशक द्वारा प्रदेश में आशाओं के लिए संचालित मोबाइल एकेडमी प्रशिक्षण कोर्स में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले जनपदों जिनमें चंपावत, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर व टिहरी को पुरुस्कृत किया। 

उन्होंने कम्युनिटी प्रोसेस के अंतर्गत रिक्त पदों जिनमें आशा, आशा फैसिलिटेटर, ब्लॉक समन्वयक तथा जिला समन्वयक को आदर्श आचार संहिता के पश्चात् भरे जाने हेतु निर्देशित किया गया। 


समीक्षा बैठक के दौरान डॉ मनु जैन, निदेशक, एन.एच.एम. द्वारा आशा सम्मेलन तथा जनसंवाद माह फरवरी तक पूर्ण करने हेतु जनपदों को निर्देशित किया।


बैठक में जनपदों के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों सहित डॉ अजय नगरकर, डॉ फरीदुजफर, डॉ कुलदीप मार्तोलिया, डॉ अर्चना ओझा, डॉ उमा रावत, डॉ आदित्य, डॉ आकांशा सहायक निदेशक एन.एच.एम., डॉ महेंद्र कुमार मौर्य, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, एन.एच.एम., जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर द्वारा प्रतीभाग किया गया।


-  मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में पूर्व सैनिकों के लिए निःशुल्क मोतियाबिंद जांच और ऑपरेशन शिविर 

Free cataract camp


-शिविर का उद्देश्य उत्तराखंड के दूरदराज में रहने वाले पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को सुलभ, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल प्रदान कराना 


देहरादून : उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, और थल सेनाध्यक्ष, जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम, के संरक्षण में मिलिट्री हॉस्पिटल, देहरादून में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए पहली बार निःशुल्क मोतियाबिंद जांच और ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 


यह ऐतिहासिक पहल 24 दिसंबर से 29 दिसंबर 2024 तक आयोजित की जाएगी।

  

ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम और उनकी विशेषज्ञ

टीम परिष्कृत अत्याधुनिक नेत्र रोग उपकरणों और उन्नत इंट्राओकुलर लेंस का उपयोग करके मोतियाबिंद सर्जरी कर रहे हैं। यह शिविर आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली की एक विशिष्ट टीम द्वारा संचालित किया जाएगा, जो मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रदान करेगी। शिविर के दौरान मोतियाबिंद की जांच की जाएगी और योग्य मरीजों की सर्जरी की जाएगी। उपचार की उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल से परिष्कृत उपकरण और आयातित लेंस का उपयोग किया जाएगा।


इस पहल का नेतृत्व ब्रिगेडियर संजय कुमार मिश्रा, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, भारत के माननीय राष्ट्रपति के नेत्र सर्जन और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल नई दिल्ली में नेत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख करेंगे। राष्ट्रीय ख्याति के जाने-माने नेत्र सर्जन ब्रिगेडियर एस के मिश्रा को एक लाख से अधिक सफल मोतियाबिंद, विटेरोरेटिनल, अपवर्तक और ग्लूकोमा सर्जरी करने का श्रेय दिया जाता है। इस पहल के बारे में बताते  हुए उन्होंने कहा कि यह शिविर उन दिग्गजों के दरवाजे पर विश्व स्तरीय उपचार लाएगा, जिन्होंने हिमालय की तलहटी में राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें यात्रा की आवश्यकता के बिना वह देखभाल प्राप्त हो जिसके वे हकदार हैं।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य देहरादून और उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को सुलभ, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल प्रदान करना है।

यह निःशुल्क शिविर भारतीय सेना की अपने पूर्व सैनिकों के प्रति गहरी श्रद्धा और कृतज्ञता को दर्शाता है। यह उनके बलिदान को पहचानता है और सुनिश्चित करता है कि उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इस शिविर के माध्यम से, सेना न केवल चिकित्सा राहत प्रदान करती है, बल्कि विश्वास और अपनेपन की भावना भी जगाती है।

यह शिविर राज्य और सैन्य नेतृत्व के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का एक प्रमाण है, जो उन वीर सपूतों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा की है।

पूर्व सैनिकों से इस ऐतिहासिक पहल के लिए पंजीकरण करने और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली की कुशल टीम द्वारा मिलिट्री हॉस्पिटल, देहरादून में प्रदान की जाने वाली निःशुल्क और विशेषज्ञ देखभाल का लाभ उठाने का अनुरोध किया जाता है।

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