Halloween party ideas 2015
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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) के संसद सदस्य श्री राहुल कुमार कंबोज ने भेंट की।


 इस अवसर पर हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित थे।

MP Frankfurt meet to CM Dhami


मुख्यमंत्री और फ्रैंकफर्ट के संसद सदस्य के  बीच प्रदेश के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में  राज्य सरकार द्वारा कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के अंतर्गत प्रदेश के युवा जापान में रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी में स्किल्ड लेबर फोर्स की मांग के दृष्टिगत प्रदेश सरकार युवाओं को आधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप कौशल प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं को विदेश में रोजगार से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।


इस अवसर पर फ्रैंकफर्ट सांसद सलाहकार श्री सौरभ भगत, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव श्री सी रविशंकर, हेल्थकेयर के डायरेक्टर श्री कपिल कुमार उपस्थित थे।

 *उत्तराखंड के आकर्षण में खिंचे चले आए डेलीगेट्स*

*चार दिन के आयोजन में जुटे 54 देशों के 300 डेलीगेट्स*


*आयुष भूमि होने की वजह से लोगों ने आने में दिखाई रुचि


12000 delegates registered in world congress dehradun


चार दिन के विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के दसवें संस्करण में 12 हजार डेलीगेट्स के पहुंचने का आंकड़ा दर्ज हुआ है। इस विश्व स्तरीय आयोजन के इतिहास में डेलीगेट्स की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस लिहाज से उत्तराखंड ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इस आयोजन में 54 देशों की भागीदारी रही। 300 विदेशी डेलीगेट्स ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर आयुष के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया।


पिछले वर्ष गोवा में आयोजित इस आयोजन के नौवें संस्करण में सबसे ज्यादा डेलीगेट्स पहुंचे थे। वहां पर 5102 डेलीगेट्स का पंजीकरण हुआ था।  कोच्चि में आयोजित इस आयोजन के पहले संस्करण में 1800 डेलीगेट्स का ही पंजीकरण हुआ था। देहरादून उत्तराखंड में जब इस आयोजन का एलान हुआ, तब ही ये माना जा रहा था कि यहां रिकॉर्ड पंजीकरण हो सकते हैं। आयुष के लिहाज से सबसे समृद्ध राज्य होने को इसकी वजह माना जा रहा था। ये अनुमान सही साबित हुआ है। देश विदेश के डेलीगेट्स ने उत्तराखंड आने में खास दिलचस्पी दिखाकर पंजीकरण का नया रिकॉर्ड रच दिया है।


आयुष विभाग के अपर सचिव डॉ विजय जोगदंडे के अनुसार, इस आयोजन में कुल 12 हजार पंजीकरण हुए हैं। 54 देशों के 300 प्रतिनिधियों की भी आयोजन में भागीदारी हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान आयुष पर गहन चर्चा के साथ ही नई संभावनाओं पर भी बात हुई है।

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*विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड देश विदेश से आए डेलीगेट्स के प्रति आभारी है। आयुष भूमि उत्तराखंड में विचार विमर्श महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। आयुष के विकास और इससे आम जन को लाभ पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।*

*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*


*प्रेस नोट*

 देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित 10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 के अंतिम दिन विषय विशेषज्ञों और पैनलिस्टों द्वारा प्लेनरी सैशन में विभिन्न विषयों पर  व्याख्यान दिए।


 यह आयोजन 12 से 15 दिसंबर 2024 तक  कुल 4 दिन चला चला, जिसमें देश-विदेश के आयुर्वेद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशननर्स और शिक्षाविदों ने भाग लिया।


10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा शुभारंभ किया गया और आज  महामहिम राज्यपाल द्वारा इसका समापन किया गया।

  यह आयोजन न केवल आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का अवसर था, बल्कि वैश्विक मंच पर आयुर्वेद को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास भी है।


  विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन, आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड  सरकार के समन्वय से इसका सफल आयोजन संपादित हुआ। 


चार दिवसीय इस आयोजन में आयुर्वेद से संबंधित बड़े बहुमूल्य सत्र संपादित हुए।   *आयुर्वेद महाविद्यालयों के प्राचार्यों का सम्मेलन:शिक्षण गुणवत्ता और नवाचार पर केंद्रित*


*औषधीय पौधों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी:औषधीय पौधों की खेती, उनके औद्योगिक उपयोग, और वैश्विक बाजार में उनकी भूमिका पर चर्चा*


*पशु आयुर्वेद पर सम्मेलन:पारंपरिक और आधुनिक पशु चिकित्सा के एकीकरण पर विचार।*


*गुरु-शिष्य सम्मेलन (RAV):आयुर्वेद की परंपरा और आधुनिक शिक्षा के बीच सेतु बनाने का प्रयास*


*आयुर्वेद फिल्म महोत्सव:फिल्मों के माध्यम से आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं को जनसामान्य तक पहुंचना*

इत्यादि सत्र उल्लेखनीय रहे।


10 वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के चौथे दिन में फ्री आयुष क्लिनिक में 1576 मरीजों का स्वास्थय परीक्षण कर उपचार किया गया व आवश्यक औषधियां वितरित की गयी।


आरोग्य एक्सपो में विभिन्न आयुर्वेद कंपनियों जैसे- हिमालय वैलनेस, पतंजलि वैलनेस, सोमथीराम आयुर्वेद ग्रुप, धूतपापेश्वर लि०, मुल्तानी, डाबर लि०, संजीवनी, आर्य वैद्यशाला कोट्टाकल, अमृतधारा, देशरक्षक, वैद्यरत्नम, आरोग्य, श्री नारायण आयुर्वेदिक फार्मेसी, आर्य  वैद्यशाला फार्मेसी कोइम्बटोर, हंस हर्बल्स, प्लेनेट, झंडू, प्लेनेट आयुर्वेदा, श्रीधारीयम, श्री श्री तत्त्व, बैद्यनाथ लि०, संदु, नागार्जुन आयुर्वेदा, आयुबल वैलनेस, उमा आयुर्वेदिक्स, श्रीमोहता रसायनशाला हाथरस, नीडको हर्बल हेरिटेज आदि के स्टाल उपलब्ध थे। 


अलकनंदा हॉल में 27 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, भागीरथी  हॉल में 28 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, मन्दाकिनी हॉल में 39 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, पिंडर हॉल में 33 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, नंदाकिनी  हॉल में 35 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, धौलीगंगा हॉल में 26 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, कोसी  हॉल में 41 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए तथा गिरी  हॉल में 46 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए जिसमे 3140 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया गया। 


 डॉ सिनिमोल टी पी ने मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) के प्रारंभिक लक्षणों के  प्रबंधन पर अपना वीडियो प्रस्तुतीकरण दिया जिस हेतु इनको बेस्ट पेपर के पुरस्कार से समान्नित  किया गया। 

 इटली के डॉ अंटोनिओ ईश्वर मरांडी ने विज्ञान और आध्यात्मिकता का सामंजस्य पर व्याख्यान दिया जिसमे उन्होंने G.A.N.E.S.H.- Global ayurvedic network for excellence in science harmonisation का विचार दिया।  यह वैश्विक आयुर्वेद नेटवर्क (Global Ayurvedic Network) आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान को एकीकृत कर एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर एक मानक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिससे यह आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ प्रभावी रूप से जुड़ सके।


नई दिल्ली:

Trivendra rawat MP Haridwar and foreign minister nepal


 भारत भ्रमण पर आयीं नेपाल की विदेश मंत्री आरजु राणा देउवा और सांसद हरिद्वार और पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की नई दिल्ली में भेंट हुई। भारत पधारी आरजु राणा देउवा का सांसद त्रिवेन्द्र ने स्वागत एवं अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा की भारत और नेपाल न सिर्फ पड़ोसी देश हैं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी एवं ऐतिहासिक दृष्टि से भी एक-दूसरे के बेहद करीब हैं।

 


-इटली और ऑस्ट्रेलिया से गंगा दर्शन को पहुंचे विदेशियों ने सराहा यात्रा प्रबंधन

-ऋषिकेश से गंगोत्री तक  सुरक्षित सड़क और बेहतर सुविधाओं की तारीफ

-नेपाल और गुजरात से पहुंचे यात्री भी गंगा के दर्शन से दिखे गदगद

Foreigners  appreciate gangotri dhaam

उत्तरकाशी:



देवभूमि की दिव्यता और भव्यता हमें बार बार खींच लाती है। यहां पहुंचकर जी सुकून और शांति मिलती है, उसको बयां नहीं कर  सकते हैं। ऋषिकेश से गंगोत्री तक 14 साल के भीतर जो सड़क और यात्रा सुविधाएं बढ़ी हैं, वह बेहतर हैं। हम गंगा के दर्शन को बारबार आना चाहते हैं। 


चारधाम यात्रा पर गंगोत्री धाम पहुंचे इटली, आस्ट्रेलिया और भारत के मित्र देश नेपाल से पहुंचे श्रद्धालुओं ने देवभूमि उत्तराखंड की दिव्यता और भव्यता को लेकर उक्त बातें कही हैं। इटली के एंड्रिया ने कहा कि वह 14 साल में तीसरी बार गंगोत्री धाम पहुंचे हैं। यहां जो सुकून शांति मिलती है, वह बार बार यहां आने को विवश करती है। 14 सालों में ऋषिकेश से लेकर गंगोत्री धाम तक सड़क और चारधाम से जुड़ी सुविधाओं में बेहतर सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि गंगोत्री में गंगा के दिव्य दर्शन के साथ योग और योगियों के सानिध्य भी मिलता है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ी इजाफा हुआ है। इसी तरह आस्ट्रेलिया से आई एंडरेशा भी गंगोत्री धाम की दिव्यता की कायल दिखी। उन्होंने कहा कि गंगा की सुंदरता और दिव्यता का अहसास मन को शांति और सुकून देता है। उन्होंने कहा कि वह देवभूमि के दर्शन को हर बार आना चाहती है। उन्होंने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की तारीफ की। कहा कि कठिन हालातों में भी धाम तक सुरक्षित सड़क एवं सुविधाएं जुटना समर्पण का काम है। कुछ ऐसा ही पड़ोसी देश नेपाल और गुजरात से पहुंची महिला श्रद्धालुओं ने भी देवभूमि की खूबसूरती की तारीफ की। कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन ने उनकी जो मदद की है, वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि गंगा दर्शन कर वह पुण्य के भागी बने हैं। यहां से गंगा जल का प्रसाद ले जाकर वह अपने देश और परिजनों को बांटेंगे। उन्होंने यहां आने और दर्शन करने तक की व्यवस्था की जमकर तारीफ की है। बहरहाल, देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे तीर्थयात्रियों द्वारा न केवल देवभूमि की दिव्यता बल्कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की भी खुले मन से तारीफ की जा रही है। गंगोत्री यात्रा पर आए इन विदेशी श्रद्धालुओं के अलावा अन्य भी देवभूमि की दिव्यता के कायल दिख रहे हैं।


*कहा, विश्वविद्यालय के साथ स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम चलाने पर करेंगे विचार*


*विभागीय सचिव ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ साझा की सूबे की शिक्षा प्रणाली*


देहरादून:





सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ हेलसिंकी विश्वविद्यालय का भ्रमण किया गया। जहां उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। 



यूरोपीय देशों के शैक्षणिक भ्रमण पर गये प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि बुधवार को उन्होंने विभागीय टीम के साथ फिनलैंड की हेलसिंकी विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। जहां उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थित प्लेफुल लर्निंग सेंटर व पुस्तकालय का अवलोकन किया। डॉ रावत ने बताया कि प्लेफुल लर्निंग सेंटर में बच्चों को खेल गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाया जाता है, जिससे बच्चों की समझ जल्द विकसित होती है। विश्वविद्यालय भ्रमण के दौरान वास्कला विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता हेदि लेन ने फिनलैंड की स्कूली शिक्षा पर प्रस्तुतिकरण दिया साथ ही उन्होंने भ्रमण दल के सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिये। इस दौरान डॉ रावत ने हेलसिंकी विश्वविद्यालय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में MOU किए जाने की आवश्यकता जताई इसके साथ ही उन्होंने स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने पर विचार करने तथा फिनलैंड में छात्रों के प्रसन्न रहने के कारणों पर शोध किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। 


विभागीय सचिव रविनाथ रामन ने  उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को हेलसिंकी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के समक्ष साझा किया गया। उन्होंने एससीईआरटी व प्रत्येक डायट में फिनलैंड की तर्ज पर  प्लेफुल लर्निंग सेंटर बनाए जाने की भी बात कही। 


इस अवसर पर निदेशक, अकादमिक शोध एवम प्रशिक्षण वंदना गर्बयाल, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी, बी पी मैंदोली, एम एम जोशी, प्रद्युम्न रावत, डॉ दीपक प्रताप व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




इंटरनेशनल स्कूल ऑफ वान्ता में विभिन्न शैक्षिक गतिविधयों को भी जाना


Foreign tour of Dhan singh Rawat  finland



यूरोपीय देशों के भ्रमण के दूसरे दिन प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ हेलसिंकी (फिनलैण्ड) के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पिल्के डे केयर सेंटर हेलसिंकी एवं इंटरनेशलन स्कूल वान्ता में वहां के एजूकेशन मॉडल का बारीकी से अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने हेलसिंकी में हेउरेका साइंस सेंटर का भी भ्रमण किया। 


फिनलैण्ड की राजधानी हेलसिंकी पहुंचे प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि मंगलवार को उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हेलसिंकी के शिक्षण संस्थानों का भ्रमण कर वहां की शिक्षण व्यवस्था की जानकारी ली। अपने भ्रमण के दौरान उन्होंने सबसे पहले पिल्के डे केयर सेंटर का दौरा किया। जहां पर उन्होंने पूर्व प्राथमिक शिक्षा देखभाल (म्ब्ब्म्) का अवलोकन किया। डा. रावत ने बताया कि इस दौरान उन्होंने केन्द्र के प्रबंधक से ईसीसीई को लेकर विस्तृत चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि डे केयर सेंटर में पूर्व प्राथमिक कक्षा हेतु कोई विशेष पाठ्यक्रम लागू नहीं है बल्कि बच्चे खेल-खेल में स्वयं ईवीएम गतिविधि द्वारा सीखते हैं। जहां पर बच्चों की उम्र के अनुसार विभिन्न मूलभूत सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके पश्चात डा. रावत ने इंटरनेशनल स्कूल ऑफ वान्ता (हेलसिंकी) का भ्रमण किया। जहां उन्होंने विद्यालय में शिक्षण, प्रयोगशाला, संगीत कक्षा-कक्ष, पुस्तकालय व शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन किया। विद्यालय भ्रमण के दौरान उन्होंने वहां के शिक्षकों से भी वार्ता की तथा शैक्षणिक गतिविधयों की जानकारी हासिल की। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक मैक्स द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से वहां की शिक्षण व्यवस्था एवं विद्यालय संचालन का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने बाद में हेउरेका साइंस सेंटर, हेलसिंकी का भी भ्रमण किया। जहां पर साइंस सेंटर में उपलब्ध साइंस के विभिन्न मॉडल के साथ ही प्लेनेटोरियम का भी अवलोकन किया।


इस दौरान उनके साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक अजय नौरियाल, कंचन देवराड़ी, भगवती प्रसाद मंदोली, मदन मोहन जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत व दीपक प्रताप आदि विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। 


ज्ञाक्त हो कि चार दिवसीय विदेश दौरे पर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत

 

*विभागीय टीम के साथ परखेंगे यूरोपीय देशों की शिक्षा व्यवस्था*

 

*शैक्षणिक भ्रमण से सूबे में दक्षता आधारित शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा*

 

देहरादून:



सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत सोमवार को शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत अपने विभागीय अधिकारियों के साथ फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के चार दिवसीय दौरे पर रवाना हुये। जहां पर वह विद्यालयी शिक्षा में आकलन प्रक्रियाओं, दक्षता आधारित शिक्षा तथा शैक्षिक तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। इसके अलावा वह दोनों देशों के विद्यालयों के संचालन एवं प्रबंधन की गतिविधियों को भी समझेंगे। 


यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने से पहले विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि वह आगामी 14 मार्च तक फिनलैण्ड व स्विजरलैंड के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान उनके साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक अजय नौरियाल, कंचन देवराड़ी, भगवती प्रसाद मंदोली, मदन मोहन जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत व दीपक प्रताप आदि विभागीय अधिकारी भी विदेश यात्रा में साथ रहेंगे। अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के एजुकेशन सिस्टम का अध्ययन करने के लिये अपनी टीम के साथ दोनों देशों के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का भ्रमण करेंगे।

डा. रावत ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के प्रस्तावित कार्यक्रम एक्सपोजर विजिट एससीईआरटी फैकल्टी ऑफ स्टेट असेसमेंट सेल एट एससीईआरटी उत्तराखंड टू फिनलैण्ड के तहत वह अपने विभागीय अधिकारियों के साथ यूरोपीय देशों के दौरे पर है, जिसे केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।  भ्रमण कार्यक्रम के तहत वह फिललैण्ड की शिक्षा व्यवस्था एवं शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी लेंगे। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि फिनलैण्ड का एजुकेशन सिस्टम बच्चों के सर्वांगीण विकास पर फोकस के लिये दुनियाभर में विख्यात है। यहां के विद्यालयों में  छात्र-छात्राओं को तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा दी जाती है, साथ ही बच्चों पर परीक्षा का अनावश्यक बोझ भी नहीं डाला जाता। उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों खासकर फिनलैण्ड की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन कर वहां के बेहतर शिक्षण प्रणाली को राज्य में भी लागू किया जायेगा ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं रोजगापरक बनाया जा सके। डा. रावत ने बताया कि यूरोपीय देशों का यह शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम 19 मार्च 2024 तक स्वीकृत है लेकिन विभागीय कार्यों एवं प्रदेश में लोकसभा चुनावों की तैयारियों के दृष्टिगत उनका चार दिन के उपरांत ही स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है। 




Account recovering facebook


➡देशभर में सोशल मीडिया फेसबुक  डाउन होते ही थमी यूज़र्स की सांस

➡फेसबुक लॉग इन करने में आ रही  थी दिक्कतें


➡एक्स प्लेटफॉर्म पर यूजर्स स्क्रीन शॉट शेयर कर रहे थे .

देश-विदेश में ब्रेकिंग खबर बनी,फेसबुक और इंस्टाग्राम के सर्वर डाउन


अचानक कल  रात्रि 5 मार्च 2024 कोMeta की कई सर्विसेज डाउन हो गई हैं. कई लोगों के फेसबुक अकाउंट खुद से ही लॉग आउट हो रहे हैं. जबकि इंस्टाग्राम के कई फीचर्स काम नहीं कर रहे हैं।


फेसबुक का सर्वर मंगलवार शाम डाउन हो गया। इस दौरान यूजर्स का अकाउंट अपने आप ही लॉगआउट हो गया। इसके बाद उन्हें लॉगिन करने में समस्या आ रही है। लॉगिन का प्रयास करने पर लोगों के मेल पर ओटीपी जाने की बात कही जा रही है, लेकिन व्यक्तिगत डीटेल का ब्योरा भी गलत दिखा रहा है। डाउन डकटेक्टर के मुताबिक, परेशानी रात साढ़े आठ बजे के बाद शुरू हुई, जो अब तक जारी है। कंपनी की तरफ से आखिर बयान आया कि चिंता न करें जल्द ही शुरू होगी सर्विस।

दोबारा लॉगिन में भी किसी किसी को दिक्कत हो रही है तो ऑथेंटिकेशन एप्प अथवा ईमेल अथवा फ़ोन न डालकर फेसबुक द्वारा भेजे गए कोड के द्वारा आप अपना एकाउंट रिकवर कर सकते है।

इसके लिये फॉरगेट पासवर्ड कर नया पासवर्ड बना लें तो और आसानी होगी।


 



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्लोवेनिया की राजधानी लुबलियाना में उत्तराखण्ड एवं स्लोवेनिया के मध्य संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन, संसाधन प्रबंधन एवं पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने हेतु उत्तराखण्ड के फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एवं स्लोवेनिया के त्रिग्लाव राष्ट्रीय उद्यान के मध्य सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होना राज्य की जैव विविधता को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाला प्रयास बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय पार्कों को यूनेस्को द्वारा विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया गया है। इससे निश्चित रूप से वन एवं संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन में उत्तराखण्ड के योगदान को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी, तथा और अधिक पर्यटक फूलों की घाटी के सौंदर्य के प्रति आकर्षित होंगे। सहमति पत्र पर स्लोवेनिया में भारत की राजदूत श्रीमती नम्रता कुमार की उपस्थिति में उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा तथा ट्रिग्लाव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक डॉ टिट पोतोनिक द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस सहमति पत्र के अनुसार दोनों राष्ट्रीय उद्यानों को एक दूसरे के सिस्टर पार्क का दर्जा दिया जाएगा। इस सहमति पत्र में दोनों राष्ट्रीय पार्कों के मध्य सहयोग से एक दूसरे के बीच प्रबंधन के अनुभव साझा करने, प्रचार प्रसार करने तथा वैश्विक स्तर पर वन प्रबंधन में स्लोवेनिया एवं उत्तराखण्ड के बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।

 

     उत्तराखण्ड की फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एवं स्लोवेनिया के त्रिग्लाव राष्ट्रीय उद्यान दोनों को यूनेस्को द्वारा विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया गया है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में हुई थी तथा इसका क्षेत्रफल 87.5 वर्ग किमी है। ट्रिग्लाव राष्ट्रीय उद्यान स्लोवेनिया का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जिसकी स्थापना 1981 में हुई थी तथा इसका क्षेत्रफल 880 वर्ग किमी है। ट्रिग्लाव शिखर स्लोवेनिया की सबसे ऊँची चोटी है जिसकी ऊंचाई 2863.65 मीटर है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जैसे उत्तराखण्ड हिमालय क्षेत्र में स्थित है, उसी भाँति यह राष्ट्रीय उद्यान भी जूलियन ऐल्प्स पर्वतों के मध्य स्थापित है। यहाँ की परिस्थितियां, अवसर एवं चुनौतियां कई मायनों में फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के समान ही हैं।


      यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस प्रकार का यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड ही नहीं भारत के किसी संरक्षित क्षेत्र ने विदेश के किसी संरक्षित क्षेत्र के साथ सहयोग हेतु इस प्रकार की कोई सहमति की है। इस सहमति पत्र को मूर्त रूप देने में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का प्रोत्साहन एवं वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल का मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए इस पर प्रसन्नता व्यक्त की है।


इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से उत्तराखण्ड के फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को सिस्टर पार्क बनाने से उत्तराखण्ड राज्य को वन एवं संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन में उत्तराखंड के योगदान को वैश्विक स्तर पर नयी पहचान मिलने के साथ जनसहभागिता से वन प्रबंधन के प्रयासों के प्रचार प्रसार से यहाँ के स्थानीय समुदायों के योगदान को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी। इससे वन एवं संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन में आधुनिकतम तकनीक के बारे में जानकारी साझा करने का अवसर मिलेगा जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी तथा उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फूलों की घाटी जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित क्षेत्रों के विषय में यूरोप में भी प्रचार प्रसार होगा एवं अधिक संख्या में विदेशी पर्यटक यहां आने हेतु प्रेरित होंगें।


स्लोवेनिया की इस यात्रा के दौरान स्लोवेनिया में भारत की राजदूत श्रीमती नम्रता कुमार एवं उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ समीर सिन्हा द्वारा स्लोवेनिया के राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य, त्रिग्लाव राष्ट्रीय उद्यान के अन्तर्गत विभिन्न शहरों के मेयर, स्लोवेनिया के निवेश एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की संस्था के निदेशक समेत अनेक विशेषज्ञों के साथ भी बैठक कर उनको उत्तराखण्ड में वन एवं वन्यजीव प्रबंधन, विशेष रूप से इसमें जन समुदायों की भूमिका, पर्वतारोहण, पर्यटन आदि के अवसरों के विषय में जानकारी दी गई तथा उन्हें विभिन्न पुस्तकें एवं अन्य विवरण उपलब्ध कराया गया। सभी ने उत्तराखंड एवं स्लोवेनिया के पर्वतीय क्षेत्र की समानताओं के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के साथ सहयोग करने में गहरी रुचि दिखाई। आने वाले समय में स्लोवेनिया में भारत के दूतावास के सहयोग से इसको और आगे बढ़ाया जाएगा। इस विषय को गति देने हेतु स्लोवेनिया के एक प्रतिनिधिमंडल के शीघ्र ही उत्तराखंड आने की संभावना है।


देहरादून



  डीआईटी विश्वविद्यालय में शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 


 कार्यशाला का शुभारम्भ सचिव श्रीमती राधिका झा, सचिव डॉ बीवीआरसी पुरूषोतम एवं शेवेनिंग भारत की प्रमुख सुप्रिया चावला एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। 


इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों एवं उच्च अधिकारियों द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राओं के सवालों का जवाब दिया। कार्यशाला में शेवेनिंग से स्कॉलरशिप प्राप्त कर रहे छात्रों द्वारा आनलाईन माध्यम से प्रतिभाग करते हुए अपने अनुभव साझा किया। 

शेवनिंग स्कॉलरशिप यूके सरकार का अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम है जो विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा वित्त पोषित है।शेवेनिंग इंडिया दुनिया के सबसे बड़े शेवेनिंग कार्यक्रम का घर है। शेवेनिंग 1983 से भारत में छात्रवृत्ति और फ़ेलोशिप कार्यक्रम चला रहा है। इसने भारत भर के 3,800 से अधिक विद्वानों और अध्येताओं - जिनमें कई पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी भी शामिल हैं - को यूके में विश्व स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के उनके सपने को साकार करने में मदद की है। इनमें से कई विद्वानों ने भारत की समृद्धि के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।

इस अवसर पर शेवेनिंग भारत की प्रमुख सुप्रिया चावला ने जानकारी देते हुए बताया कि  शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए राज्य सरकार के 10 डिग्री छात्र/छात्राओं को यूनाइटेड किंगडम में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि शेवनिंग चार दशक से 160 देश में कार्य कर रही है। संगठन द्वारा उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को इंग्लैंड के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है, जिसकी लागत आमतौर पर एक वर्ष के लिए 40 लाख रुपये होती है। राज्य सरकार इस लागत में 20 लाख रुपये का योगदान देती है और शेवनिंग इंडिया शेष 20 लाख रुपये का योगदान देती है, जिससे बच्चों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई में कुशल कौशल मिलता है। शेवेनिंग स्कॉलरशिप के लिए सफल छात्रों को उनकी नेतृत्व क्षमता और उत्कृष्टता के आधार पर चुना जाता है। शेवेनिंग ने दुनिया भर में कई कुलीन वर्ग से लीडर दिए हैं और परिवर्तन-निर्माताओं को तैयार किया है।

सचिव उत्तराखण्ड शासन राधिक झा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पढना एवं सिखना जारी रखें इसे रोकना नहीं चाहिए तथा अपने ज्ञान और प्रतिभा को कम नहीं समझना तथा इसमें निरंतर सीखने की इच्छा ही हमें सफल बनाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन्टरनेट एक ज्ञान का भण्डार है, जिसमें सम्पूर्ण विश्व के बारे में ज्ञान मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य 10 छात्र/छात्राओं को शेवेनिंग स्कॉलरशिप मिल रही है, जो कि बहुत ही प्रसन्नता विषय है। यदि किसी छात्र/छात्रा को किसी गाईडलाईंस की आवश्यकता है तो वह सचिवालय में उनके कार्यालय में आकर मिल सकता है तथा किसी भी प्रकार की शंका हैं उसका समाधान कर सकता है। 

इस अवसर पर सचिव डॉ बीवीआरसी पुरूषोतम ने कहा कि हर एक विद्यार्थी का सपना होता है कि वह आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन करें। शेवेनिंग स्कॉलरशिप यह सपना पूर्ण करता है। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी/स्कॉलर अपने लक्ष्य निर्धारित करते हुए समय के साथ कड़ी मेहनत करते हैं उन्हें अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि आजकल इन्टरनेट पर सब उपलब्ध है हम यह देख सकते हैं कि किस वर्ष कौन सफल हुआ है उनका पूर्ण प्रोफाईल मिलता है, और उनके जीवन के संघर्ष का विवरण होता है, जिससे लक्ष्य को प्राप्त करने की प्ररेणा मिलती है। उन्होंने उपस्थित छात्रों से कहा जीवन में सिविल सेवा की परीक्षा जरूर दें, उसमें सफल होने के लिए अपना शत्प्रतिशत दें, सफलता अवश्य ही प्राप्त होगी। उन्होंने अपनी पढाई से लेकर आईएएस बनने तक अनुभवों तथा आक्सफोर्ड यूनिविर्सिटी में अध्ययन करने तक के अनुभवों को छात्र/छात्राओं से साझा किया।   

कार्यशाला में देहरादून के विभिन्न विश्वविद्यालयों (डीआईटी यूनिवर्सिटी, तुला इंस्टीट्यूट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, एमकेपी कॉलेज, श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी, हिमगिरी ज़ी यूनिवर्सिटी) के 100 छात्रों को लक्षित किया गया। आज आयोजित इस सहयोगात्मक कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा के अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सुसज्जित किया। इन छात्रों को नेतृत्व विकास, सॉफ्ट-कौशल वृद्धि और छात्रवृत्ति आवेदन रणनीतियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई।

कार्यक्रम में कुलपति, डीआईटीयू जी. रघुरामा,  प्रमुख, शेवनिंग स्कॉलरशिप, भारत और श्री. प्रद्युम्न बोरा, वरिष्ठ कार्यक्रम एवं संबंध प्रबंधक, शेवनिंग स्कॉलरशिप, ब्रिटिश उच्चायोग श्रीमती सुप्रिया चावला,सचिव, उत्तराखंड शासन श्रीमती राधिका झा, सचिव उत्तराखण्ड शासन डॉ बीवीआरसी पुरूषोत्तम, पर्यावरण अर्थशास्त्री, वेल लैब्स  अर्जुन शंकर द्वारा अपने विचार रखे तथा छात्र/छात्राओं को अपने-2 कार्यक्षेत्र के संघर्ष की जानकारी देते हुए छात्र/छात्राओं के सवालों का भी जवाब दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सैमुअल अर्नेस्ट रजिस्टर, डॉ. नवीन सिंघल, चीफ प्रॉक्टर और डीन एलुमनी रिलेशंस, अभिषेक सरकार मैनेजर सीडीसी विभाग,  विभोर शर्मा, डॉ. सुकन्या शर्मा, पारुल कालिया और सुरेंद्र दत्त अवस्थी आदि भी उपस्थित थे।

 केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने घाना साउथ अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

UNO meeting attended by Ajay Bhatt


 इस दौरान उन्होंने कहा कि विगत दिनों उन्होंने  संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना के मंत्री स्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और बैठक में 84 देशों ने प्रतिभाग किया, उन्होंने कहा कि शांति सेना की 75वीं वर्षगांठ व संयोग से भारत भी अपना अपना 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। 84 देश की इस बैठक में सिर्फ गिने चुने देशों को बोलने का अवसर मिला जिसमें से भारत को भी बोलने का अवसर मिला। भारत के  प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने यूएनओ की शांति सेना के वर्षगांठ के मौके पर  कहा कि भारत सबसे बड़ा सेना भेजने वाला देश है उन्होंने अभी तक दो लाख  75 हजार सेनाए शांति मिशन में भेजी है। तथा जिसमें आज तक 170 सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।  पहली बार भारत 2007 से 2016 तक ऑल फीमेल पुलिस यूनिट (संपूर्ण महिला दल) वाला देश बना। जिसे शांति मिशन हेतु पूर्ण रूप से लाइबेरिया  भेजा और  शांति मिशन के प्रति दुनिया ने जो भारत के प्रति जो सुखद प्रतिक्रिया दी है।

 उनको भी श्री भट्ट ने अपने भाषण में बताया। उन्होंने कहा कि शांति सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए  भारत में एक प्रशिक्षण केंद्र है।  जिसके द्वारा भारत के सैनिकों के अलावा 90 देशों की सैनिकों को हमने शांति सेना हेतु प्रशिक्षित किया है और लगातार प्रशिक्षण दे रहे हैं। 

इसके साथ ही उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह  नैनीताल और उधम सिंह नगर की समस्त क्षेत्रीय जनता का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद करते है जिनकी बदौलत आज उन्हें घाना साउथ अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में जाने का अवसर प्राप्त हुआ।


*उत्तराखण्ड में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्था के साथ ही केन्द्र सरकार से किया जायेगा अनुरोध।*



6TH WORLD DISASTER SEMINAR IN UTTARAKHAND





मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने क्लेमेंट टाउन स्थित, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में 6वें आपदा प्रबंधन वैश्विक सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। 28 नवम्बर से 01 दिसम्बर 2023 तक होने वाले इस सम्मेलन में अनेक देशों के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। इस सम्मेलन में 60 से अधिक तकनीकि सत्र आयोजित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अनुभव पर आधारित पुस्तक रेजिलिएंट इंडिया का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान’ खोलने के लिए भूमि की व्यवस्था के साथ ही केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जायेगा। राज्य में इस संस्थान की खोलने के लिए केन्द्र सरकार की जो भी अपेक्षा होगी, वह राज्य राज्य सरकार द्वारा पूरी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग और महिलाओं के लिए राज्य में आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष प्राविधान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्व विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रम शामिल किये जायेंगे और कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। 


*उत्तराखण्ड प्राचीनकाल से ही शोध, साधना, आध्यात्म, ज्ञान और विज्ञान की रही है उद्गम स्थली।*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने द्रोणनगरी देहरादून में आयोजित छठे विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन में देश-विदेश से आये सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्राचीनकाल से ही शोध, साधना, आध्यात्म, ज्ञान और विज्ञान की उद्गम स्थली रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य जी, गुरु नानकदेव जी, स्वामी विवेकानंद जी से लेकर रविन्द्र नाथ टैगोर जी तक अनेक युग दृष्टाओं की आध्यात्मिक यात्रा में कहीं न कहीं हिमालय और विशेष रूप से उत्तराखंड के दर्शन अवश्य होते हैं।  उन्होंने कहा कि विश्व की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए यह आपदा प्रबंधन वैश्विक सम्मेलन महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं।  प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का उपाय है, प्रोएक्टिव अप्रोच। प्राकृतिक आपदाओं के समय प्रतिक्रिया एकीकृत होने से आपदा से होने वाले नुकसान और जनहानि को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों का सामना सभी हिमालयी राज्यों को करना पड़ता है। इस संबंध में वैश्विक स्तर पर हो रहे अध्ययनों, शोधों एवं अनुभवों को साझा करना भी समय की जरूरत है।


*इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के बेहतर समन्वय एवं प्रबंध तंत्र विकसित कर किया जा सकता है प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों का सामना।*


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में चिकित्सा सुविधाओं, सशक्त संचार व्यवस्था, ऑल वेदर रोड, हैलीपोर्ट्स के निर्माण, शहरी नियोजन जैसे कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज हम आपदाओं का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन बेहतर रणनीतियों और प्रणालियों को लागू करके निश्चित रूप से इनके प्रभावों को अवश्य ही कम किया जा सकता है। इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के बेहतर समन्वय से हम प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने के लिए एक बेहतर प्रबंध तंत्र विकसित कर सकते हैं। यदि हम पृथ्वी समेत सभी प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग न करके उपयोग करेंगे तभी हम सच्चे अर्थों में प्रकृति संरक्षण के अपने कार्य में सफल हो सकते हैं।  


*देहरादून डिक्लेरेशन आपदा प्रबन्धन की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्रों और सम्पूर्ण विश्व के लिए साबित होगा महत्वपूर्ण दस्तावेज।*


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना एवं उनका समाधान करना है। इस आयोजन के माध्यम से सारे विश्व में प्रकृति के प्रति मानव समाज के सामुदायिक दायित्वों और आपदा प्रबंधन में उसके महत्व को उजागर करते हुए देवभूमि से ’’देहरादून डिक्लेरेशन’’ के रूप में एक विशेष संदेश प्रसारित होगा।  उन्होंने आशा व्यक्त की कि आपदा प्रबन्धन की दृष्टि से पर्वतीय क्षेत्रों और सम्पूर्ण विश्व के लिए यह डिक्लेरेशन एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में विश्व भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय विशेषज्ञ, जलवायु परिर्वतन एवं आपदा से सबन्धित ज्वलंत चुनौतियों और उनके समाधानों पर जो विचार मंथन करेंगे, जो आने वाले समय में आपदा प्रबंधन के लिए मददगार साबित होंगे। 


*आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखण्ड में ’’सुरक्षित निवेश-सुदृढ़ उत्तराखण्ड’’ का देश-विदेश में प्रसारित होगा संदेश।*

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 08-09 दिसम्बर को देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश-विदेश के औद्योगिक समूहों, निवेशकों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में निवेश को गति देने के लिए प्रतिभाग किया जायेगा। इस सम्मेलन से ठीक पहले आयोजित आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन से उत्तराखण्ड में ’’सुरक्षित निवेश-सुदृढ़ उत्तराखण्ड’’ का संदेश देश-विदेश में प्रसारित होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन के माध्यम से समेकित विकास लक्ष्यों के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन और जलवायु परिवर्तन जनित चुनौतियों का बेहतर रूप से सामना करने में सहायता मिलेगी। 

इस अवसर पर उप राज्यपाल अंडमान और निकोबार द्वीप एडमिरल डी के जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, कार्यकारी निदेशक एनआईडीएम श्री श्री राजेन्द्र रत्नू, सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा, महानिदेशक यू.कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, अध्यक्ष ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी प्रो. कमल घनसाला, पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, डॉ एस., अध्यक्ष डब्लू.सी.डी.एम.ए. डॉ. आनन्द बाबू एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे।

[28/11, 17:25] Deepa Gaur Informdept: *देहरादून में आज से शुरू हुआ चार दिवसीय आपदा प्रबंधन पर विश्व सम्मेलन* 



 

देहरादून, 28 नवंबर, 2023 –






 आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तर  के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक ६वाँ विश्व आपदा प्रबंधन  आज से देहरादून के  ग्राफिक एरा (डीम्ड यूनिवर्सिटी)  में शुरू हो चुका है । इस चार दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा  दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। 


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने "आपदा प्रबंधन पर विश्व सम्मेलन" में भाग ले रहे सभी अतिथियों, रिसर्च स्कॉलर, प्रैक्टिशनर एवं वैज्ञानिकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के 50 से अधिक देशों से आए हुए मेहमानों का उत्तराखंड में स्वागत है।  उन्होंने कहा इस सम्मेलन में आपदा प्रबंधन विषय पर विस्तृत चिंतन- मंथन होगा और देहरादून डिक्लेरेशन भी जारी किया जाएगा जिससे उम्मीद है की आपदा प्रबंधन पर बहुत सारी चीजें निकल कर सामने आएँगी और हम उस पर भविष्य में अमल भी करेंगे एवं यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी होगा। 


 माननीय मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा प्रयास के बारे में भी लोगों को अवगत कराया और उन्होंने कहा राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से  लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकलने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। टनल के अंदर फंसे हुए लोगों तक समय-समय पर ऑक्सीजन, दवाई, खाना एवं उनके जरूरत के सभी सामानों को मुहैया करा जा रहा है ताकि वे अंदर स्वस्थ और सुरक्षित रहें।


 सम्मेलन के संदर्भ में बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि मानव जाति एवं प्रकृति का संबंध हमेशा से रहा है और यह देवभूमि साक्षी है कि हमारे यहां पहाड़ों पर आपदाओं का भीषण सामना होता रहा है! इस पृष्ठभूमि को देखते हुए उत्तराखंड इस सम्मेलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे यहां पर समय-समय पर लैंडस्लाइड, अतिवृष्टि, अधिक बर्फ गिरना  इस तरह की आपदा होती रही हैं। हम प्रोएक्टिव अप्रोच के साथ आपदा को पहले से पहचान कर उसके प्रभावों को कम करने में सफल रहे हैं एवं मोदी जी के मार्गदर्शन में हमने पहाड़ों में हेल्थ, हेली सेवा एवं  अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया है ताकि कम से कम लोग आपदाओं में प्रभावित हो।  उन्होंने कहा आपदा को हम रोक नहीं सकते परंतु टेक्नोलॉजी और सिस्टम के माध्यम से इसके प्रभाव को पहले पहचान कर कम जरुर कर सकते हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा की हम आपदा प्रबंधन को उत्तराखंड के पाठ्यक्रम में भी शामिल करने के लिए प्रयास रत हैं ताकि उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को आपदा के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके और भविष्य के लिए चिंतन मंथन कर सचेत और सावधान रहें। 


 माननीय मुख्यमंत्री जी ने G20 सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड को G20 सम्मेलन के तीन सम्मेलनों को आयोजित करने का अवसर मिला था और इसके माध्यम से हमने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेहमानों के समक्ष उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्होंने 8 से 9 दिसंबर 2023 को देहरादून में  आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बारे में भी बात की और उन्होंने कहा कि सम्मेलन से पहले ही हम 2 लाख करोड़ का करार कर चुके हैं और जब यह सम्मेलन संपन्न होगा तब तक हम और आगे बढ़ चुके होंगे। 



इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के द्वारा,  माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अनुभवों पर आधारित पुस्तक "रेजिलिएंट इंडिया: कैसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का आपदा प्रबंधन मॉडल बदला" का विमोचन भी  किया गया।



 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रंजीत कुमार सिन्हा, सेक्रेट्री, उत्तराखंड डिजास्टर मैनेजमेंट ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया, उन्होंने कहा कि पृथ्वी को बचाने के लिए हम सबको एक साथ मिलकर आगे आना होगा। उन्होंने कहा हमारे युवा मुख्यमंत्री माननीय पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में हम आज आपदा प्रबंधन पर चिंतन मंथन कर रहे हैं जिसका निष्कर्ष हमें बहुत ही अच्छा मिलने वाला है।


 आनंद बाबू , प्रेसिडेंट DMICS  ने अपने संबोधन में कहा की इस वर्ल्ड इवेंट में अभी तक अनेकों साइंटिस्टों ने प्रतिभाग किया है एवं अपने विचार रखे हैं परंतु इस बार इस आयोजन को उत्तराखंड के देहरादून में क्यों किया जा रहा है? के सवाल पर  उन्होंने कहा कि हम हिमालय के बेहद करीब है और हमने आपदाओं को बहुत ही करीब से देखा है जिससे हमारे यहां पर साइंटिस्ट और रिसर्च स्कॉलर्स को काम करना आसान है इसलिए यह आयोजन हमारे उत्तराखंड के देहरादून में हो रहा है। 


 प्रो. दुर्गेश पंत,  डीजी यू कास्ट ने अपने संबोधन में कहा कि इस आयोजन में 51 देशों का प्रतिनिधित्व शामिल है एवं इससे आपदा प्रबंधन के गंभीरता को समझा जा सकता है, उन्होंने कहा कि हम जी-20 का सफलतापूर्वक आयोजन कर चुके हैं और इसमें  विश्व स्तर पर हमारे भारत के  योगदान को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर बहुत गंभीर हैं और चिंतन मंथन करते हैं और समय अनुसार एक्शन भी लेते रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के कार्य शैलियों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तरकाशी के टनल में फंसे हुए लोगों को मुख्यमंत्री जी  प्राथमिकता से ले रहे हैं एवं उसका समय-समय पर निरीक्षण करते रहते हैं।


 उन्होंने कहा कि "अर्थ इज माय मदर एंड आई एम हर चाइल्ड" के कांसेप्ट को हमें समझना होगा और उस पर अमल करना होगा। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री से मिले हुए पत्र, (जो WCDM को अप्रिशिएसन लेटर के रूप में मिला है) को लोगों को दिखाया एवं उन्होंने विजुअल  के माधयम से सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन जी द्वारा ६वें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन के अवसर पर इस सम्मेलन की सफलता के लिए माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड राज्य को बधाई और शुभकामनाएँ भी लोगों को दिखाई। 


 पर्यावरणविद् पद्म भूषण अनिल प्रकाश जोशी,  ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कांग्रेस है जो यहां आयोजित किया जा रहा है, हम सिटी को और स्मार्ट से स्मार्ट बनने जा रहे हैं परंतु हमारा देश डिजास्टर के मामले में भी आगे बढ़ते जा रहा है, हम चाहते हैं कि डिजास्टर फ्री डेवलपमेंट की बात की जाए जहां पर डेवलपमेंट तो हो परंतु डिजास्टर के जो संभावना है वह बिल्कुल न्यूनतम हो।  उन्होंने उत्तरकाशी टनल हादसे की बात करते हुए कहा कि आज के इस दौड़ में हमारे पास इतनी सारी टेक्नोलॉजी और सिस्टम उपस्थित है परंतु हम बिल्कुल हेल्पलेस महसूस कर रहे हैं।  हमारे साइंटिस्ट और सिस्टम को रिव्यू करने की जरूरत है कि इस तरह के हादसे को कैसे कम किया जा सके! 


 डॉक्टर डी महंतेश, फाउंडर समर्थनम इंटरनेशनल बेंगलुरु,  ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा सबसे अधिक लोगों में डिसेबिलिटी लाती है और इसका प्रभाव ज्यादातर महिलाओं एवं बच्चों के ऊपर पड़ता है। उन्होंने कहा डिसएबल लोगों के लिए हमारी संस्था समर्थन इंटरनेशनल काम करती है, हमने उत्तराखंड में भी कोरोना महामारी के दौरान काम किया है और आपदाओं के समय पर हम उत्तराखंड के लोगों के लिए हमेशा साथ खड़े रहते हैं।


 राजेंद्र रतनू , IAS  एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट, ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और यह पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा हमें डिजास्टर रिस्क रिडक्शन पर काम करना चाहिए। 


 राधा रतूड़ी, एडिशनल चीफ सेक्रेट्री उत्तराखंड सरकार,  ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा के समय सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले महिलाएं एवं बच्चे होते हैं। हमें उम्मीद है कि हम इस सम्मेलन के माध्यम से इस पर विचार विमर्श करेंगे एवं इसके लिए ठोस निष्कर्ष निकलेंगे। 


 एसएस संधू,  चीफ सेक्रेटरी, उत्तराखंड सरकार,  ने अपने संबोधन के माध्यम से विभिन्न देशों से आए हुए लोगों का स्वागत किया।  उन्होंने कहा कि हर वक्त डेवलपमेंट प्रोजेक्ट डिजास्टर नहीं लाता है परंतु हमें कुछ ऐसे ट्रीटमेंट की व्यवस्था करनी चाहिए जो की डिजास्टर को नियंत्रित कर सके। उन्होंने कहा हमें डेवलपमेंट को नेचुरल बैलेंस के साथ सम्मिलित कर आगे बढ़ना चाहिए। 


शोम्बी शार्प,  यू एन, रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर,  ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड सरकार के तरफ से डिजास्टर मैनेजमेंट को लेकर बहुत ही गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं! आपदा “मैन मेड और नेचुरल” दोनों तरह से होती है जैसे  प्राकृतिक आपदा बाढ़, भूकंप, लैंडस्लाइड, सुनामी के रूप में आती है वही मैन मेड  दो देशों के बीच में हुए युद्ध के रूप में आती है। उन्होंने कहा यूनाइटेड नेशन आर्गेनाईजेशन भारत को हर संभव मदद करने के लिए तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि आपदा से लोगों के साथ-साथ कृषि भूमि एवं अन्य आवश्यक संसाधनों पर भी असर पड़ता है,  हम देख सकते हैं कि दुनिया भर के 125 देश के पास डिजास्टर पॉलिसी सिस्टम है परंतु यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा भारत अर्ली वार्निंग सिस्टम में काफी कुछ कर चुका है और अब भारत में कोई भी डिजास्टर आने वाला होता है तो उसे 24 घंटे पहले ही सूचना मिल जाती है जिसे जान माल का नुकसान कम करने और लोगों को संभलने के लिए वक्त मिल जाता है। 


 एडमिरल डीके जोशी, लेफ्टिनेंट गवर्नर,  अंडमान एंड निकोबार आइलैंड,  ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड और अंडमान एंड निकोबार दोनों डिजास्टर के मामले में काफी करीब है, हमारे अंडमान एंड निकोबार में सुनामी और स्टॉर्म आता है तो उत्तराखंड में लैंडस्लाइड,  अतिवृष्टि जैसे आपदा आती रहती है। उन्होंने कहा है कि आज के समय में हमारे पास बहुत से ऐसी टेक्नोलॉजी और नए सिस्टम आ चुके हैं जो हमें डिजास्टर से पहले अलर्ट जारी कर देते हैं। हमारे यहां पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जैसे संस्था बनाई गए हैं जिससे कम्युनिटी को हो रहे नुकसानों को उनकी मदद से कम किया जा सकता है और हर वक्त उनकी तैयारी रहती है जिससे लोगों को मदद मिलते रहती है।  उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी और एप्स के माध्यम से भी हम इवेक्युएशन को जल्दी लागू कर सकते हैं  और जान माल का नुकसान भी कम कर सकते हैं, हमारे पास GIS सिस्टम,  सेंसर और ड्रोन जैसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी है जिससे हम लोगों को अब मदद कर सकते हैं और डिजास्टर में होने वाले नुकसान की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं। 


 उद्घाटन समारोह के अंत में ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय समूह के अध्यक्ष प्रो. डॉक्टर कमल घनशाला जी द्वारा उपस्थित सभी मेहमानों को धन्यवाद ज्ञापन दिया गया उन्होंने कहा कि यह ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि आज हम मोदी जी के अनुभव पर आधारित पुस्तक का विमोचन कर रहे हैं। यह चार दिवसीय सम्मेलन हमारे आपदा प्रबंधन सिस्टम को समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है और इसके निष्कर्ष  से हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

 *दुबई में सीएम धामी की उपस्थिति में ₹5450 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन*

*पर्यटन, शिक्षा, इन्फ्रा, रियल एस्टेट से जुड़े  समूहों के साथ निवेश करार* 

 दुबई:



 उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 हेतु दुबई में आयोजित रोड शो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दुबई में अभी तक विभिन्न उद्योग समूहों के साथ ₹5450 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। जबकि कई अन्य उद्योग समूहों के साथ बैठक जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी उद्योग घरानों को आगामी 8 एवं 9 दिसम्बर माह में देहरादून में आयोजित होने वाले समिट हेतु निमत्रण भी दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी के साथ कैबिनेट मंत्री ₹5450 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन*



Mou singned in Dubai


आज उत्तराखण्ड सरकार एवं विभिन्न उद्योग समूहों के साथ इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए। जिनमें पर्यटन, शिक्षा, इन्फ्रा, रियल एस्टेट से जुड़े उद्योग समूहों के साथ 5450 करोड़ के निवेश पर करार किया गया। दुबई में अब तक सर बायेटेक एवं हयात इंडिया के साथ 2 हजार करोड़, कार्मिला न्यूट्रीशन टेक्नोलॉजी ग्रुप के साथ फार्मा प्रोडक्शन हेतु 950 करोड़, जीटीसी ग्रुप के साथ 800 करोड़, फ्लो कॉग्लोमिरेट समूह के साथ रियल एस्टेट, इन्फ्रा एवं पर्यटन के क्षेत्र में निवेश हेतु 500 करोड़ का एमओयू, एक्सले ग्रुप के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर हेतु 700 करोड़, शरफ लॉजिस्टिक के साथ 500 करोड के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन  किए।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में निवेश अनुकूल सिस्टम विकसित किया गया है। राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंध पहले से और अधिक मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में काफी संख्या में प्रवासी भारतीय कार्यरत है।  उत्तराखण्ड भी अपने शहरों का सुनियोजित विकास एवं नये शहरों की स्थापना करने हेतु आपके साथ सहयोग करने का इच्छुक है, जिससे इस क्षेत्र में आपकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके।  उत्तराखण्ड सरकार निवेशकों को राज्य में सभी प्राथमिक आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु सदैव तत्पर है और विशेष रूप से गत दो वर्षों में  राज्य में निवेश आकर्षित करने की दिशा में सुनियोजित प्रयास किये हैं इसी कड़ी में उत्तराखण्ड में वैश्विक निवेश आकर्षित करने हेतु माह दिसम्बर, 2023 में “उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट - 2023 (डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड)” आयोजित किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड राज्य, प्रगतिशील औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों के कारण भारत में अपनी एक पृथक पहचान बनाने में सफल हुआ है।  राज्य में औद्योगिक विद्युत दरें भारत के अन्य राज्यों की तुलना में कम है, राज्य में औद्योगिक सदभाव एवं उत्कृष्ट कानून व्यवस्था इसे और विशेष बनाते हैं। हमारा प्रदेश, हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण वरदान स्वरूप विविध कृषि जलवायु से समृद्ध क्षेत्र हैं, और ऑर्गेनिक कृषि के लिए अनुकूल है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बेहतर वातावरण प्रदान किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न नीतियां, योजनायें एवं सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं । वर्तमान में उत्तराखंड में दो मेगा फूड पार्क एवं चार फूड क्लस्टर बनाएं गए हैं, जो अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं।

उत्तराखंड के  कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को निवेश के लिये एक सर्वाधिक उपयुक्त डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार सक्रियता के साथ प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड राज्य अपनी असीम सम्भावनाओं के साथ आपके मध्य उपस्थित हुये हैं। ईज आफ डूईंग बिजनेस की दिशा में राज्य सरकार सतत् प्रयत्नशील है । उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। श्रम कानूनों में सुधार की दिशा में राज्य ने विशिष्ट पहल की है। इसी प्रकार निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में भी लगातार सुधार एवं सरलीकरण किया गया है। राज्य सरकार इस बात के प्रति विशेष रूप से सजग है कि हम उन विशिष्ट क्षेत्रों, जो राज्य में उपलब्ध संसाधनों पर आधारित हैं, में निवेश को विशेष रूप से प्रोत्साहित करें।


इस अवसर पर उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत डेलिगेशन के अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दुबई पहुंचने पर उत्तराखण्ड एसोसिएशन ऑफ़ यूएई एवं भारतीय प्रवासियों द्वारा भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को उत्तराखण्डी टोपी भेंट कर सम्मानित भी किया।



मुख्यमंत्री ने समस्त प्रवासी उत्तराखण्डियों से वर्ष में एक बार उत्तराखण्ड आने की अपील की। साथ ही उन्हे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में धार्मिक पर्यटन, अध्यात्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार के क्षेत्र में संचालित विभिन्न विकास कार्यों के बारे में अवगत कराया।


इस अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों द्वारा मंत्र मुग्ध करने वाली विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रहकर भी अपनी संस्कृति एवं परंपरा से जुड़े रहना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने उत्तराखण्ड एसोसिएशन ऑफ़ यूएई एवं भारतीय प्रवासियों का इस आत्मीय स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी दिसम्बर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिक से अधिक निवेशकों की भागीदारी के लिये लन्दन के बाद दुबई एवं आबूधाबी के भ्रमण पर है। 




सोमवार को दुबई एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों द्वारा उनका स्वागत किया गया। 


इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दुबई में रह रहे समस्त प्रवासी भारतीयों का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री  ‘इन्वेस्ट इन उत्तराखण्ड’ अभियान के तहत संयुक्त अरब अमीरात में उद्योगपतियों एवं प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे। उत्तराखण्ड में निवेश की संभावनाओं पर आयोजित बैठकों में भी मुख्यमंत्री प्रतिभाग करेंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। उत्तराखण्ड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक  भी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखण्ड से जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी उत्तराखण्डियों का आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखण्ड ज़रूर आएँ। इससे उनकी भावी पीढी को भी अपनी मातृभूमि से जुडने की प्रेरणा मिलेगी।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे प्रवासी भाईयों ने अपनी प्रतिभा एवं मेहनत से स्वयं के साथ अपनी मातृभूमि का भी नाम रोशन किया है। यह हम सभी के लिये सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 40 हजार करोड के निवेश प्रस्तावों पर एम ओ यू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य है। बडी संख्या में उत्तराखण्ड के प्रति देश विदेश के उद्यमियों द्वारा की जा रही पहल से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये आशान्वित है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।

 लंदन में मुख्यमंत्री धामी की बैठकों का दौर जारी

*आगर टेक्नोलॉजी के साथ 2 हजार करोड़ और फ़िरा बार्सिलोना के साथ 1 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया*


*इज माई ट्रिप के साथ भी हुए दो एमओयू, ओटीए बनाए जाने और पर्यटन के लिए विश्व में उत्तराखंड का प्रमोशन करने पर बनी सहमति*


लंदन:

Third day of investor summit

CM Dhami in London third day


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के ब्रिेटेन दौरे के तीसरे दिन भी दुनियाभर के कई निवेशकों के साथ बैठकों का दौर जारी रहा। आज लंदन मे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दो कंपनियों के साथ 3 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए जा चुके हैं। जिसमें आगर टेक्नोलॉजी के साथ 2 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया। आगर टेक्नोलॉजी द्वारा उत्तराखण्ड में लिथियम बैटरी प्लांट्स में निवेश करने की सहमति जताई गई। इसी क्रम में आज फ़िरा बार्सिलोना के साथ 1 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया। फ़िरा बार्सिलोना यूरोप का प्रतिष्ठित ग्रुप है जो कि कन्वेंशन सेंटर और इवेंट्स मैनेजमेंट में काम करती है। ये विश्वस्तरीय विजनेस फेयर कराने की दक्षता रखते हैं।  प्रदेश सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एसमओयू में साइन किए। 

इसके अतिरिक्त इज माई ट्रिप के साथ भी दो एमओयू किए गए। इसमें राज्य समर्थित ओटीए (ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर) बनाए जाने और पर्यटन के लिए विश्व में उत्तराखंड का प्रमोशन करने पर इज माई ट्रिप ने सहमति दी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 


इस दौरान सचिव मुख्यमंत्री डा0 आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत प्रतिनिधि मंडल के अन्यपदाधिकारी एवं निवेशक मौजूद रहे।


*विदेशी निवेशकों में बढ़ा उत्तराखंड में निवेश का क्रेज, देवभूमि में औद्योगिक संभावनाओं को माना सुरक्षित।*

 *उत्तराखण्ड सरकार का कयान जेट से साथ 3800 करोड़ का एमओयू*

*उषा ब्रेको लिमिटेड के साथ हुआ 1000 करोड़ का एमओयू*

*उत्तराखण्ड में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*

*मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने ब्रिटेन की पार्लियामेंट का भ्रमण किया और ब्रिटिश संसद सदस्यों के साथ विचार साझा किये*


लंदन:


CM Dhami in British Parliament

CM Dhami in London with investors

Uttarakhand Global Investor summit 2023


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का लंदन प्रवास रंग ला रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु लंदन में उनके विदेशी औद्योगिक घरानों के साथ आयोजित बैठकें सफल रही और लंदन के औद्योगिक जगत में उत्तराखंड सुरक्षित निवेश की संभावनाओं के रूप में उभरा।

 राज्य में औद्योगिक निवेश के लिए मुख्यमंत्री जी ने रोड शो में प्रतिभाग करते हुए लंदन के कई प्रमुख बिजनेस हाउसेस के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अलग-अलग कंपनियों के साथ 4800 करोड़ के इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए। 


 औद्योगिक समूह कयान जेट के साथ दो अलग-अलग एमओयू में 3800 करोड एवं उषा ब्रेको के साथ 1000 करोड़ रुपए के इनवेस्टमेंट के एमओयू साइन किए गये। कयान जेट द्वारा उत्तराखण्ड में स्कींग रिसॉट विकसित करने के लिए 2100 करोड़ एवं केबल कार प्रोजेक्ट के लिए 1700 करोड़ का इनवेस्टमेंट एमओयू साइन किया गया। कयान जेट द्वारा द्वारा औली, दयारा बुग्याल और मुन्स्यारी में स्कींग रिसॉट प्रोजेक्ट्स विकसित करने को लेकर सहमति बनी। 

इसके साथ ही रोपवे के क्षेत्र में अग्रणी उषा ब्रेको लिमिटेड के साथ हरिद्वार और अन्य जनपदों में रोपवे विकसित करने पर सहमति बनी। लंदन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शिक्षा, पर्यटन, आईटी और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विभिन्न 80 उद्योग घरानों ने प्रतिभाग किया। 

इस दौरान प्रतिनिधियों ने इंडिया हाउस और पार्लियामेंट हाउस का दौरा भी किया और ब्रिटेन की संसद के सदस्यों से चर्चा वार्ता की। भ्रमण के दौरान प्रदेश सरकार के डेलिगेशन ने लंदन ने टूर एंड ट्रेवलिंग क्षेत्र से जुड़े प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की और राज्य में बेहतर परिवहन तकनीक पर विचार साझा किये।

मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उत्तराखण्ड आने के लिए आमंत्रित किया किया। 

संयोग से आज विश्व पर्यटन दिवस भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बाने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है उत्तराखण्ड में वेलनेस टूरिज्म और विलेज टूरिज्म जैसी अनेक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऋषिकेश योग और आध्यात्म की वैश्विक राजधानी के रुप में जाना जाता है। यूरोप से लेकर अन्य देशों के पर्यटक हर साल बड़ी तादात में योग आध्यात्म के लिए उत्तराखण्ड का रुख करते हैं। श्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ऋषिकेश एवं अन्य स्थानों पर विश्वस्तरीय कन्वेशनर सेंटर की स्थापना हेतु निवेशकों से बातचीत कर रही है। 


 इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जीे के नेतृत्व में आयोजित जी20 समिट के सफल आयोजन से व्रिटेन और भारत दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है जो प्रदेश की आर्थिकी को नई गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।


इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त महामहिम विक्रम दोरईस्वामी ने उत्तराखण्ड सरकार की विभिन्न नीतियों और सकारात्मक विजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश की राष्ट्रीय राजधानी से कुछ दूरी पर होने के कारण कारण दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए वीकेंड्स डेस्टिनेशन के रुप में विकसित हो गया है। उच्चायुक्त ने अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी से जुड़े स्मरण साझा किए। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांड्ेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत डेलिगेशन के अन्य सदस्य मौजूद रहे।


लंदन:


CM Dhami in london

CM reached london, grand welcome


 चार दिवसीय ब्रिटेन दौरे लेक लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को लंदन एयरपोर्ट पहुँचे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री श्री धामी के स्वागत में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पहुँचे । लंदन पहुँचने पर भारतीय समुदाय और उत्तराखंड मूल के लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री का उत्तराखण्ड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के वादन तथा उत्तराखण्ड की परम्परा के अनुसार गर्मजोशी से स्वागत किया गया। 

*उत्तराखण्डी लोकगीतों में झूमा लंदन, सीएम धामी के स्वागत में भव्य रंगारंग कार्यक्रम आयोजित*


 *प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों से अह्वान, साल में एक बार अपने प्रदेश अवश्य आयें*


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सोमवार को लंदन पहुँचने पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीय एवं लंदन में रह रहे उत्तराखंड के निवासियों द्वारा भव्य रंगारंग स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। लंदन में रह रहे उत्तराखण्ड के प्रवासियों द्वारा गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी लोकगीतों पर मनमोहन  प्रस्तुति दी गई। स्वागत कार्यक्रम में मौजूद समस्त प्रवासी भारतीय उत्तराखण्ड के पारंपरिक परिधानों में नज़र आए। 


इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में रह रहे समस्त प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखण्ड के मुख्य सेवक के रूप में मुझे इन्वेस्टर समिट की बैठक में शामिल होने के लिए लंदन आने का अवसर प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा लंदन में उत्तराखण्ड के लोगों की इतनी बड़ी भारी संख्या में उपस्थित देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि यूके में भी उत्तराखण्ड का छोटा यूके बसता है।

Uttarakhand CM Dhami in UK


मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में मौजूद प्रवासी उत्तराखण्डियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि होने के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक  भी है । उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखण्ड से जुड़ी हुई है। 


मुख्यमंत्री ने समस्त प्रवासी उत्तराखण्डियों से आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखण्ड ज़रूर आएँ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान,सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है हाल में ही चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण और चंद्रमा पर सेफ लैंडिंग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।


इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत समेत बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के निवासी एवं प्रवासी भारतीय मौजूद रहे।





मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह डेलिगेशन 25 सितंबर से 29 सितंबर तक ब्रिटेन दौरे पर रहेगा। राज्य सरकार का डेलिगेशन लंदन और बर्मिघम में दुनिया के बड़े बिजनेस हाउसेस से बैठक करेगा और आगामी दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए न्यौता देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लंदन और बर्मिघम दौरे पर टूरिज्म, आईटी, एजूकेशन, हेल्थकेयर, फूड प्रोसेसिंग के अलावा ऑटोमोबिल इन्डस्ट्री के उद्योग घरानों के साथ बैठकें की जाएंगी।

 मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक डेलिगेशन आगामी 25 सितंबर से 28 सितंबर तक रहेगा ब्रिटेन के दौरे पर

CM Dhami meet to Bageshwar MLA Parvati Das


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक डेलिगेशन आगामी 25 सितंबर से 28 सितंबर तक ब्रिटेन दौरे पर रहेगा। राज्य सरकार का डेलिगेशन लंदन और बर्मिघम में  बड़े बिजनेस हाउसेस से बैठक कर उन्हें आगामी दिसंबर में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित करेगा। 


मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लंदन और बर्मिघम दौरे पर टूरिज्म, आईटी, एजूकेशन, हेल्थकेयर, फूड प्रोसेसिंग के अलावा ऑटोमोबिल इन्डस्ट्री के उद्योग घरानों के साथ बैठकें की जाएंगी। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 26 सितंबर को लंदन में आयोजित होने वाले रोड शो के दौरान डेलिगेशन रोपवे के क्षेत्र में अग्रणी पोमा ग्रुप के साथ बैठक करेंगे। बैठक में पोमा ग्रुप के साथ प्रदेश में इको फ्रेंडली मोबिलिटी के सम्बंध में चर्चा की जाएगी। 

इसी दिन लंदन में अन्य उद्योग घरानों के साथ बैठक की जाएगी एवं विश्वस्तरीय निवेशकों को उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 

ब्रिटेन भ्रमण के दौरान डेलिगेशन द्वारा लंदन के प्रमुख हस्तियों से भी भेंट की जाएगी।

 

डेलिगेशन द्वारा 27 सितंबर को बर्मिघम में डब्ल्यू0एम0जी0 वार्बिक मेनिफेक्चरिंग ग्रुप के साथ बैठक की जाएगी। इसके साथ ही टीवीएस नॉर्टन ग्रुप के साथ उत्तराखंड में निवेश की सम्भावनाओं पर चर्चा की जाएगी। इस दौरे पर ब्रिटेन के टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी बड़े घरानों से भी बैठक आयोजित की जाएगी।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारियां पूरी कर दी हैं। राज्य सरकार दुनियांभर के इन्वेस्टर्स को उत्तराखंड में आमंत्रित करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। उत्तराखंड के प्रति दुनियाभर के बड़े निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा देश के बड़े शहरों के अलावा विदेश में भी निवेशकों से विचार विमर्श शुरू कर दिया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिये सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गई है। देहरादून एवं पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार भी किया जा रहा है। रेलवे नेटवर्क के विकास एवं उन्नयन के तहत ऋषिकेश - कर्णप्रयाग रेललाईन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। राज्य में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमियों का राज्य में निवेश बढ़ाने में सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं। राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है।



.मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को विधानसभा में बागेश्वर विधानसभा से निर्वाचित प्रत्याशी श्रीमती पार्वती दास के शपथ ग्रहण समारोह में प्रतिभाग किया। विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण ने श्रीमती पार्वती दास को विधायक पद की शपथ दिलाई।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा की नव निर्वाचित सदस्य श्रीमती पार्वती दास को शुभकामनाएं दी और बागेश्वर की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बागेश्वर के इतिहास में पहली बार बागेश्वर की जनता ने महिला प्रत्याशी को अपना विधायक चुना है। बागेश्वर के विकास के लिए स्व. श्री चंदनराम दास द्वारा जिन कार्यों को आगे बढ़ाया गया था, अब इन कार्यों को श्रीमती पार्वती दास तेजी से आगे बढ़ाएंगी। 


इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल, श्री सौरभ बहुगुणा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट उपस्थित थे।

 नरेंद्रनगर में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दूसरी एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक के दूसरे दिन चर्चा जारी रखी।


Indoneshia  representative at G20 meet

Second day discussion on corruption


 दूसरे दिन विभिन्न सत्रों के दौरान, भ्रष्टाचार से संबंधित संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करने और भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझा करने को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।

जबकि पहले दिन जी-20 में 'जेंडर एंड करप्शन' विषयपर एक चर्चा का हुआ आयोजन



नरेंद्र नगर में दूसरी जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग के एक चर्चा कार्यक्रम के तहत जेंडर एंड करप्शन विषय पर विचार विमर्श किया गया  |


चर्चा कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने भाग लिया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक अच्छी सरकार की परिभाषा उसके द्वारा अंतिम व्यक्ति तथा महिलाओं  के लिए कल्याण के कार्यों से निर्धारित होती है | श्रीमती लेखी ने भारत सरकार द्वारा जनधन खाते, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत, डीबीटी जैसी योजनाओं के माध्यम से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के साथ ही महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की चर्चा की | भ्रष्टाचार से सबसे अधिक महिलाएं ही प्रभावित है | उन्होंने कहा कि महिलाओं को निशुल्क सार्वजनिक सेवाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय सहयोग तथा बच्चों की देखभाल हेतु सुविधाएं मिलनी चाहिए |


चर्चा कार्यक्रम में अफ्रीकी प्रतिनिधि ने कहा कि भ्रष्टाचार का महिलाओं पर यौन प्रताड़ना के रूप में भी असर पड़ता है | महिलाओं को आर्थिक तथा सामाजिक रूप से सशक्त करने की आज आवश्यकता है |


 कार्यक्रम में विमन इनीशिएटिव की  सोनिका कनौजिया ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नए उद्यम स्थापित करने तथा स्वरोजगार  के प्रयासों में महिलाओं को विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है , लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग तथा ऑनलाइन बाजार के उपलब्ध होने से महिलाओं की राह आसान हुई है |


 कार्यक्रम में टिहरी जनपद की नरेंद्र नगर की रहने वाली खुशहाल स्वयं सहायता समूह की संचालिका श्रीमती रजनी रावत ने उत्तराखंड में स्वयं सहायता समूहों की सफलता की जानकारी दी | उन्होंने बताया कि राज्य के  ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं तथा स्वावलंबी भी बन रही हैं|


 इंडोनेशिया की प्रतिनिधि माल्या ने कहा कि समाज को  भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूक करने की जरूरत है | इस दिशा में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं| उन्होंने कहा कि महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है |


 कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने हेतु किए गए विभिन्न प्रयासों तथा महिला सशक्तिकरण पर लघु फिल्में भी दिखाई गईं |

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