इंटरनेशनल स्कूल ऑफ वान्ता में विभिन्न शैक्षिक गतिविधयों को भी जाना
यूरोपीय देशों के भ्रमण के दूसरे दिन प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ हेलसिंकी (फिनलैण्ड) के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पिल्के डे केयर सेंटर हेलसिंकी एवं इंटरनेशलन स्कूल वान्ता में वहां के एजूकेशन मॉडल का बारीकी से अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने हेलसिंकी में हेउरेका साइंस सेंटर का भी भ्रमण किया।
फिनलैण्ड की राजधानी हेलसिंकी पहुंचे प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि मंगलवार को उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हेलसिंकी के शिक्षण संस्थानों का भ्रमण कर वहां की शिक्षण व्यवस्था की जानकारी ली। अपने भ्रमण के दौरान उन्होंने सबसे पहले पिल्के डे केयर सेंटर का दौरा किया। जहां पर उन्होंने पूर्व प्राथमिक शिक्षा देखभाल (म्ब्ब्म्) का अवलोकन किया। डा. रावत ने बताया कि इस दौरान उन्होंने केन्द्र के प्रबंधक से ईसीसीई को लेकर विस्तृत चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि डे केयर सेंटर में पूर्व प्राथमिक कक्षा हेतु कोई विशेष पाठ्यक्रम लागू नहीं है बल्कि बच्चे खेल-खेल में स्वयं ईवीएम गतिविधि द्वारा सीखते हैं। जहां पर बच्चों की उम्र के अनुसार विभिन्न मूलभूत सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके पश्चात डा. रावत ने इंटरनेशनल स्कूल ऑफ वान्ता (हेलसिंकी) का भ्रमण किया। जहां उन्होंने विद्यालय में शिक्षण, प्रयोगशाला, संगीत कक्षा-कक्ष, पुस्तकालय व शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन किया। विद्यालय भ्रमण के दौरान उन्होंने वहां के शिक्षकों से भी वार्ता की तथा शैक्षणिक गतिविधयों की जानकारी हासिल की। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक मैक्स द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से वहां की शिक्षण व्यवस्था एवं विद्यालय संचालन का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने बाद में हेउरेका साइंस सेंटर, हेलसिंकी का भी भ्रमण किया। जहां पर साइंस सेंटर में उपलब्ध साइंस के विभिन्न मॉडल के साथ ही प्लेनेटोरियम का भी अवलोकन किया।
इस दौरान उनके साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक अजय नौरियाल, कंचन देवराड़ी, भगवती प्रसाद मंदोली, मदन मोहन जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत व दीपक प्रताप आदि विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
ज्ञाक्त हो कि चार दिवसीय विदेश दौरे पर कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत
*विभागीय टीम के साथ परखेंगे यूरोपीय देशों की शिक्षा व्यवस्था*
*शैक्षणिक भ्रमण से सूबे में दक्षता आधारित शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा*
देहरादून:
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत सोमवार को शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत अपने विभागीय अधिकारियों के साथ फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के चार दिवसीय दौरे पर रवाना हुये। जहां पर वह विद्यालयी शिक्षा में आकलन प्रक्रियाओं, दक्षता आधारित शिक्षा तथा शैक्षिक तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। इसके अलावा वह दोनों देशों के विद्यालयों के संचालन एवं प्रबंधन की गतिविधियों को भी समझेंगे।
यूरोपीय देशों की यात्रा पर जाने से पहले विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि वह आगामी 14 मार्च तक फिनलैण्ड व स्विजरलैंड के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान उनके साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक अजय नौरियाल, कंचन देवराड़ी, भगवती प्रसाद मंदोली, मदन मोहन जोशी, प्रद्युमन सिंह रावत व दीपक प्रताप आदि विभागीय अधिकारी भी विदेश यात्रा में साथ रहेंगे। अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत फिनलैण्ड व स्विजरलैण्ड के एजुकेशन सिस्टम का अध्ययन करने के लिये अपनी टीम के साथ दोनों देशों के विभिन्न शिक्षण संस्थानों का भ्रमण करेंगे।
डा. रावत ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के प्रस्तावित कार्यक्रम एक्सपोजर विजिट एससीईआरटी फैकल्टी ऑफ स्टेट असेसमेंट सेल एट एससीईआरटी उत्तराखंड टू फिनलैण्ड के तहत वह अपने विभागीय अधिकारियों के साथ यूरोपीय देशों के दौरे पर है, जिसे केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। भ्रमण कार्यक्रम के तहत वह फिललैण्ड की शिक्षा व्यवस्था एवं शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी लेंगे। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि फिनलैण्ड का एजुकेशन सिस्टम बच्चों के सर्वांगीण विकास पर फोकस के लिये दुनियाभर में विख्यात है। यहां के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा दी जाती है, साथ ही बच्चों पर परीक्षा का अनावश्यक बोझ भी नहीं डाला जाता। उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों खासकर फिनलैण्ड की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन कर वहां के बेहतर शिक्षण प्रणाली को राज्य में भी लागू किया जायेगा ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं रोजगापरक बनाया जा सके। डा. रावत ने बताया कि यूरोपीय देशों का यह शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम 19 मार्च 2024 तक स्वीकृत है लेकिन विभागीय कार्यों एवं प्रदेश में लोकसभा चुनावों की तैयारियों के दृष्टिगत उनका चार दिन के उपरांत ही स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है।
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