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  गृह मंत्री अमित शाह  शाम को  अहमदाबाद,गुजरात पंहुचे। वहां उन्होंने विमान हादसे में घायल मरीजों का हाल जाना। एकमात्र बचे हुए यात्री रमेश कुमार विश्वास से मिले और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गृह मंत्री ने प्रेसवार्ता मे मुख्य बिंदु रखे।

home minister meet to victims of plane crash


गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु :

एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 की दुर्भाग्पूर्ण घटना से पूरा देश स्तब्ध है, सभी देशवासी इस हादसे में हताहत यात्रियों के परिजनों के साथ खड़े हैं

भारत सरकार, गुजरात सरकार और प्रधानमंत्री जी की ओर से सभी हताहतों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ

भारत सरकार और गुजरात सरकार मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटी है

इस हादसे में बचने वाले घायल यात्री से हॉस्पिटल में मिला

मृतकों की आधिकारिक संख्या डीएनए परीक्षण के पश्चात ही अधिकारिक रूप से घोषित की जाएगी।

घटना के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, पुलिस विभाग, और भारत सरकार की CAPF इकाइयों को भी शामिल करते हुए आपदा प्रबंधन की सभी इकाइयों को अलर्ट कर दिया और सभी मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए।

घटनास्थल के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया।

जिन यात्रियों के परिजन घटनास्थल पर पहुँच चुके हैं, उनके डीएनए नमूने लेने की प्रक्रिया भी अगले 2-3 घंटों में पूरी हो जाएगी। जिनके परिजन विदेश में हैं, उन्हें सूचना दी जा चुकी है और उनके पहुँचते ही उनके डीएनए नमूने लिए जाएंगे।

गुजरात की FSL (Forensic Science Laboratory) और NFSU (National Forensic Sciences University) मिलकर कम से कम समय में डीएनए परीक्षण पूर्ण करेंगी और उसके बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे।

परिजनों के रहने, मानसिक सांत्वना और जिन लोगों को मानसिक ट्रॉमा हुआ है, उनके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ कर दी गई हैं।

Aviation Department ने तीव्र गति से अपनी जांच प्रारंभ कर दी है


"जनजीवन में सकारात्मक बदलाव लाना सिविल सेवकों का मूल उद्देश्य होना चाहिए" – लोकसभा अध्यक्ष


"सिविल सेवकों को करुणा, निष्पक्षता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ समाज के कल्याण में योगदान देना चाहिए"


"भारत ने सहयोग और जनभागीदारी पर आधारित एक सशक्त लोकतांत्रिक-प्रशासनिक प्रणाली का निर्माण किया है" – लोकसभा अध्यक्ष

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"एलबीएसएनएए, मसूरी लोकतांत्रिक मूल्यों, सादगी और ईमानदारी का प्रतीक है" – लोकसभा अध्यक्ष


लोकसभा अध्यक्ष ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 127वें इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को किया संबोधित


मसूरी , 12 जून 2025:

Lok sabha chairman  at LBSNAA mussorie


लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि जनजीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही सिविल सेवकों का मार्गदर्शक उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे शासन में नवाचार और पारदर्शिता को प्रभावी उपकरण के रूप में अपनाएं, ताकि समाज की बेहतरी सुनिश्चित हो सके और आमजन की अपेक्षाओं की पूर्ति की जा सके।


लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी में 127वें इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने कहा कि विशेषकर वंचित और हाशिए पर खड़े लोग प्रशासन से आशा रखते हैं और अधिकारियों का दायित्व है कि वे करुणा, निष्पक्षता और कर्तव्यबोध के साथ उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरें।


श्री बिरला ने एलबीएसएनएए को लोकतांत्रिक मूल्यों, सादगी और ईमानदारी का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह संस्था राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को "कर्मयोगी" संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे देश की प्रगति और जनकल्याण के लिए सक्रिय और संवेदनशील भूमिका निभाएं।


लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभों में कार्यपालिका की भूमिका बेहद अहम है। नीतियों के निर्माण के बाद उन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन, सादगी और विचार आज भी लोकसेवकों को प्रेरित करते हैं।


भारत की विविधता का उल्लेख करते हुए – भाषाई, सांस्कृतिक, भौगोलिक और सामाजिक – उन्होंने कहा कि देश ने इन विविधताओं के बावजूद सामूहिक भागीदारी पर आधारित एक मजबूत लोकतांत्रिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था विकसित की है, जो विश्व भर में एक उदाहरण है।


उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों का दायित्व केवल नीतियों का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि समाज के सबसे कमजोर तबकों के जीवन में ठोस और सकारात्मक बदलाव लाना भी है। एक संवेदनशील और सहानुभूति से परिपूर्ण अधिकारी समाज की मानसिकता, व्यवहार और स्थानीय प्रशासन में गहरा परिवर्तन ला सकता है।


उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं को केवल योजनाओं के क्रियान्वयनकर्ता न समझें, बल्कि वे समाज में बदलाव लाने वाले प्रतिनिधि बनें, जो विशेषकर आपदा या संकट की घड़ी में जनता की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय और सेवा की भावना से प्रेरित कार्य करने वाले अधिकारी जनता के हृदय में बस जाते हैं और उनका सम्मान वर्षों तक बना रहता है।


श्री बिरला ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे जनसामान्य ने कई बार ऐसे अधिकारियों का समर्थन किया, जिनके तबादले राजनीतिक दबाव में किए गए थे। उन्होंने कहा कि हर छोटे-बड़े कार्य में आमजन की मदद करना, एक-एक आंसू पोंछना, लोक सेवा को सार्थकता प्रदान करता है। यदि प्रशासनिक कार्य ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ हो, तो नागरिकों को अपने जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत लेकर जाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।


उन्होंने सतत सीखने और प्रशिक्षण की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि बदलती तकनीकों, सामाजिक अपेक्षाओं और वैश्विक परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निरंतर आत्ममंथन और उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान अनुभवों का आदान-प्रदान, प्रशासनिक सोच को समृद्ध करता है और नई कार्यप्रणालियों को जन्म देता है।


अंत में श्री बिरला ने कहा कि एक सच्चा लोकसेवक वही है, जिसकी सेवा का भाव हर नागरिक को यह महसूस कराए कि वह सुना और समझा गया है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे हर समस्या को व्यक्तिगत दायित्व मानते हुए समाधान सुनिश्चित करें और न्याय के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाएं।


उन्होंने यह भी जोड़ा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में है।

 अहमदाबाद:

air India plane crash in Ahmedabad  that was going to london with 242 travellers


एक बहुत ही दु:खद खबर सामने आ रही है अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा हो गया है अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास यह विमान हादसा हुआ है, जिसमें एयर इंडिया का विमान जो कि लंदन जा रहा था वह रिहायशी इलाके में क्रेश हो गया है .जिसमें लगभग 242 यात्री सवार थे.कुल मिलाकर 250 से अधिक व्यक्ति इसमें सवार थे।105 की अब तक मृत्यु की।पुष्टि। पीएम मोदी ले रहै है खबर।

 जिसमें की दो पायलट और 10 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे । मेघानी नगर में यात्री विमान  टेक ऑफ के समय क्रैश हुआ है।


 एयर इंडिया का बोइंग विमान-787 क्रैश हो गया है, एनडीआरएफ मौके पर पंहुच चुका है,  लगभग 1 बजाकर 39 मिनट पर  पायलट ने यह सूचना दी थी कि विमान  के इंजन में कुछ गड़बड़ी है और लगभग 1:50 पर या हादसा हो गया।पूर्व  सीएम विजय रुपाणी भी इस फ्लाइट मे सवार थे।

रेस्क्यू अभियान जारी है।जिस बिल्डिंग पर यह विमान गिरा है वह बिल्डिंग की जलकर खाक हो गई है।

 तेजी से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को बचाया जा सके जो जिस भी अवस्था में घायलों को अस्पताल पहुंच कर उनकी जान बचाई जा सके। पीएमओ ने विमान हादसे पर सूचना मांगी है। गृहमंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। 

 *उत्तराखंड में यूसीसी में चार माह में  डेढ लाख से अधिक आवेदन मिले : सीएम धामी*

*राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं*

*यूसीसी लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए सीएम धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया*

*मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में लागू यूसीसी पर प्रस्तुतिकरण दिया*

CM Dhami in minister counselling meeting



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि यूसीसी लागू करने के लिए मजबूत सिस्टम का निर्माण किया गया है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के लिए एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) को इससे जोड़ा गया है। 


मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ऑटो एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। व्यापक डिजिटल और भौतिक नेटवर्किंग के परिणामस्वरूप केवल चार माह की अवधि में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत राज्यभर से लगभग डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जो ये दर्शाता है कि यूसीसी को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने यूसीसी के सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दृष्टिपत्र के माध्यम से राज्य की जनता को ये वचन दिया था कि यदि जनादेश मिला, तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। चुनावों में विजय के पश्चात पहले दिन से ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। यूसीसी के बिल का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई जी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति द्वारा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में व्यापक जन-परामर्श किया गया।

जिसके माध्यम से समिति को लगभग 2 लाख 32 हजार सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने न केवल आम नागरिकों से परामर्श किया, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वैधानिक आयोगों के प्रमुखों से भी बातचीत की।


राज्य सरकार ने 7 फरवरी, 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कर मा. राष्ट्रपति महोदया को भेजा। मा. राष्ट्रपति महोदया ने 11 मार्च, 2024 को इस ऐतिहासिक विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की। आवश्यक नियमावली एवं प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए, 27 जनवरी, 2025 को पूरे उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया। इस प्रकार उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को मूर्त रूप देते हुए समान नागरिक संहिता को व्यवहारिक धरातल पर लागू किया।


मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अन्तर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को खत्म करने का एक संविधानिक उपाय है।


इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सकेगा।इसके द्वारा अब हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा सकेगी।


संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे कि उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।


समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने भी की थी और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसे सम्मिलित किया था।


यूसीसी के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। यूसीसी के अंतर्गत सभी धर्मों के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक और उत्तराधिकार से संबंधित मामलों में एक समान विधिक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अब पति-पत्नी को विवाह विच्छेद के लिए निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा तथा बहुविवाह की प्रथा पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।



इन कानूनों के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही, संपत्ति के अधिकार में बच्चों में किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया गया है, अर्थात प्राकृतिक संबंधों के आधार पर, सहायक विधियों द्वारा या लिव इन संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा। यूसीसी के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्रदान किया गया है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार प्राप्त हो।


वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए,  युवा पीढ़ी विशेष रूप से युवक-युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित सामाजिक जटिलताओं एवं अपराधों से बचाने के उद्देश्य से इसमें लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी। यूसीसी के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण की भांति विवाह और विवाह-विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन हेतु एक प्रभावी एवं स्पष्ट नियमावली को भी लागू कर दिया है।

 

- *मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित*

- ⁠*उत्तराखंड में राजनैतिक दलों के साथ 85 सहित देशभर में 4719 बैठक संपन्न*

chief election commission officer  India

भारत निर्वाचन आयोग ने देश में मतदान प्रकिर्या में सरल एवं सुगमता के दृष्टिगत बीते कुछ समय में अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए हाल में विभिन्न प्रावधानों में जरूरी बदलाव किए हैं।


उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित कर दी गई है। ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे। मतदाता सूची अपडेशन के लिए, मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे आरजीआई डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटर इनफार्मेशन स्लिप को अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जाएगा। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी


*उत्तराखंड समेत देशभर में राजनैतिक दलों के साथ बैठक*


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की देश के मान्यता प्राप्त दलों के साथ उत्तराखंड में सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और  ईआरओ स्तर पर 70 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देशभर में मान्यता प्राप्त दलों  के साथ 4719 बैठकें आयोजित की गईं जिसमें राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया 


निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश के राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ आयोजित की गई। जिसमें आम आदमी पार्टी, भारतीय जानता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई (एम) और एनपीपी शामिल हैं। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम ने बताया कि आयोग द्वारा नए एकीकृत डैशबोर्ड - ईसीआईनेट की शुरूआत की गई है। जिसका उद्देश्य सभी हितधारकों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएँ प्रदान करना है इसके ज़रिए 40 से अधिक ऐप/वेबसाइटों को एक ऐप के माध्यम से संचालित किया है।

 उन्होंने बताया कि आयोग ने डुप्लिकेट वोटर आइडी कार्ड की समस्या का समाधान किया है। जिसके तहत विशिष्ट इपिक नंबर के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। 


 मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया में 28 हितधारकों की पहचान की गई है, जिसमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और अन्य शामिल हैं, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर आधारित हैं। इनमें से प्रत्येक हितधारक के लिए आयोग के अधिनियमों, नियमों और निर्देशों के आधार पर ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार की जा रही हैं।



सांसद हरिद्वार और पूर्व सीएम उत्तराखंड श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संसदीय समिति के अपने चार दिवसीय अध्ययन दौरे के दौरान आंध्र प्रदेश में चेन्नई, श्रीहरिकोटा और तिरुपति का भ्रमण किया। 

MP Trivendra  singh Rawat at   shri Harikota


उन्होंने वहां विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरणीय, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय प्रगति और चुनौतियों का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया। इस दौरान उन्हें श्रीहरिकोटा में PSLV C-61/EOS-09 के प्रक्षेपण का प्रत्यक्ष अवलोकन का भी किया।

 उन्होंने इस दौरान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) और अंतरिक्ष विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3, आदित्य L1 जैसे मिशनों की सफल लॉन्चिंग और गगनयान की तैयारी भारत को आत्मनिर्भर और अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। 


इस अध्ययन दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि विज्ञान, पर्यावरण और CSR के क्षेत्र में सहयोग, नीति और अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण संवाद और जमीनी निरीक्षण का अवसर प्रदान करता है, जिससे नीति निर्धारण में ठोस तथ्य आधारित सुझाव देने में सहायता मिलेगी।

 अस्तित्व आधारित संदेश यह है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।

operation sindoor continued....

ये विचार 

सुश्री लक्ष्मी पुरी, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र महिला की उप कार्यकारी निदेशक तथा भारत की पूर्व राजदूत के है , इसे पढ़कर आपको ओपेराशन सिंदूर की महत्ता का पता चल पाएगा---

सिंदूर सिद्धांत इसे आगे बढ़ाता है, आत्मविश्वास से भरे भारत ने इसका समर्थन किया है। 


देश अपने मूल हितों तथा अपने नागरिकों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए स्वतंत्र व मजबूती से काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। 


भू-राजनीतिक रूप से, इस ऑपरेशन ने क्षेत्रीय उम्मीदों को फिर से स्थापित किया है। 

  

 ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय सम्मान का संगम

former ambassoder lakshmi puri witह operation sindoor


• सुश्री लक्ष्मी पुरी, संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र महिला की उप कार्यकारी निदेशक तथा भारत की पूर्व राजदूत ने  कहा कि

ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट किया है कि भारत वैधता नहीं चाहता है। देश न्याय चाहता है। भारतीय संयम को कभी भी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।        

पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी कृत्य के प्रति भारत की जवाबी प्रतिक्रिया - ऑपरेशन सिंदूर, जो अभी भी जारी है – आतंकवाद-रोधी और सैन्य सिद्धांत तथा रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है। अपने जोशीले भाषण में, जिसकी गूंज पूरे भारत और दुनिया के विभिन्न देशों की राजधानियों में सुनायी दी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा कि सीमा-पार आतंकवाद के किसी भी कृत्य के खिलाफ निर्णायक सैन्य कार्रवाई की एक नई सामान्य स्थिति स्थापित की गई है।

कोई भी देश, जो आतंकवादी अवसंरचना को पनाह देता है, उसे वित्तीय मदद देता है और उसका पोषण करता है, उसे अपने सैन्य बलों के साथ जोड़ता है और निर्दोष नागरिकों के खिलाफ क्रूर हमलों के लिए भारत को निशाना बनाता है, उसे त्वरित, दंडात्मक और प्रतिशोधी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। सोची-समझी सैन्य कार्रवाई से न केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बीच में भी आतंकवादी नेटवर्क ध्वस्त हो जाएंगे, भले ही राज्य प्रायोजित आतंकवादी ठिकाने आधिकारिक सुरक्षा संरचनाओं के साथ कितने भी जुड़े हुए हों।

सिंदूर सिद्धांत, भारत की संप्रभुता और सभ्यतागत लोकाचार को बनाए रखने में निहित है। इसका उद्देश्य इसकी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना, आंतरिक एकता, सद्भाव और शांति सुनिश्चित करना और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए देश को त्वरित आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ाना है। यह सीमा-पार आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता के रुख की पुष्टि करता है और भारत को अपने सुरक्षा हितों की रक्षा में निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध करता है, जिसे पुनर्परिभाषित और विस्तृत किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है: भारत के खिलाफ़ किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई युद्ध मानी जायेगी - अब कोई संदेह की स्थिति नहीं है, किसी दूसरे तरीके से युद्ध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, आतंकवाद से होने वाले नुकसान के आगे हार नहीं मानी जाएगी। ऑपरेशन के बाद राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रधानमंत्री का संबोधन सफलता की पुष्टि से कहीं अधिक था। बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर दिए गए इस संबोधन ने एक नई रणनीतिक व्यवस्था का अनावरण किया- दृढ़, गरिमापूर्ण और भारत के सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित।

इसने एक सरल लेकिन दृढ़ संदेश दिया: भारत शांति में विश्वास करता है, लेकिन शांति को शक्ति का समर्थन होना चाहिए। अपने मूल में, प्रधानमंत्री मोदी का सिंदूर सिद्धांत तीन अलग सिद्धांतों पर जोर देता है, जिन पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। पहला, भारत उन देशों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा, जो आतंक को बढ़ावा देते हैं; जब बातचीत फिर से शुरू होगी, तो यह द्विपक्षीय होगी तथा इसमें केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर चर्चा होगी। दूसरा, भारत आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के साथ आर्थिक संबंधों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है तथा व्यापार और राष्ट्रीय सम्मान के बीच एक सुदृढ़ रेखा खींचता है। अंत में, भारत अब परमाणु धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा- ऑपरेशन सिंदूर ने निर्णायक रूप से उन सभी भ्रमों को तोड़ दिया है कि परमाणु खतरे, आतंकी कृत्यों के ढाल बन सकते हैं।

"सिंदूर" नाम का चयन गहन सांस्कृतिक प्रतीकात्मकता को रेखांकित करता है। विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला लाल सिंदूर - पीड़ित होने के रूपक के रूप में नहीं, बल्कि पवित्र कर्तव्य और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया। आतंकवादियों ने इस सम्मान को अपवित्र करने की कोशिश की; भारत ने पूरी ताकत के साथ जवाब दिया। व्यक्तिगत राजनीतिक हो गया, सांस्कृतिक रणनीतिक हो गया। चूंकि आतंकी हमला कश्मीर में हुआ था, जो भारत माता का भौगोलिक और प्रतीकात्मक सिर है, इसलिए ऑपरेशन सिंदूर भारत माता की रक्षा करने और उसे सलाम करने के लिए है। भारत की प्रतिक्रिया एक सैद्धांतिक विरासत का अनुसरण करती है।

कौटिल्य के अर्थशास्त्र से लेकर 1980 के दशक के इंदिरा सिद्धांत तक तथा 1998 में पोखरण-II परीक्षणों के जरिए वाजपेयीजी के साहसिक परमाणु दावे से लेकर —जिसने वैश्विक दबावों और प्रतिबंधों के बावजूद भारत के आत्मरक्षा के संप्रभु अधिकार की पुष्टि की और विश्वसनीय न्यूनतम अवरोध की नीति स्थापित की—से लेकर उरी और बालाकोट में प्रदर्शित मोदी सिद्धांत तक, भारतीय शासन नीति ने लंबे समय से संकट के समय और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मामलों में संप्रभु निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया है।


आतंकवाद के लिए ढाल के रूप में परमाणु शक्ति का इस्तेमाल करने के आदी पाकिस्तान का सीधे सामना किया गया है। दंड से मुक्ति का भ्रम टूट गया है।

चीन, हालांकि औपचारिक रूप से तटस्थ है, उसे अपने सहयोगी की कमज़ोरी को समझना होगा। 

संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर रूस तक, वैश्विक शक्तियाँ भारत को बाहरी संकेत या समर्थन की प्रतीक्षा किए बिना कार्रवाई करते हुए देख रही हैं। अन्य पड़ोसियों को अब अपनी दुर्भावना और भारत विरोधी कार्रवाइयों के परिणामों का आकलन करना चाहिए।

पिछले 11 वर्षों में, भारत ने कई भौगोलिक क्षेत्रों में और प्रमुख शक्तियों के साथ द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का एक सघन और मजबूत नेटवर्क सफलतापूर्वक निर्मित किया है। इसने बहुपक्षीय और लघुपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर-क्षेत्रीय सहयोग व्यवस्थाओं में भाग लिया है और मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, प्रमुख शक्तियों और इन साझेदारियों से जुड़े भारत के कई रणनीतिक और रक्षा संबंध अग्नि परीक्षा से गुजरे।

पहलगाम के बाद, संतोषजनक बात यह थी कि हमारे भागीदारों द्वारा आतंकवादी हमलों की सार्वभौमिक निंदा की गयी। हालाँकि, ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की तीव्र कार्रवाई के बाद, परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ने के बारे में चिंताएँ व्यक्त की गईं। प्रतिक्रियाएँ इस बात से भी प्रभावित थीं कि इस सैन्य संघर्ष में उनके हथियार प्रणालियों ने कैसा प्रदर्शन किया या कि क्या प्रदर्शन करने में विफल रहे। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हमें न केवल अपने रणनीतिक साझेदारों को सावधानी से चुनना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ये साझेदारियाँ सिंदूर सिद्धांत को शामिल करती हों।

 

इसका मतलब यह है कि उन्हें पाकिस्तान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उसके आतंकी ठिकानों को खत्म करना चाहिए और राज्य-नीति के रूप में आतंकवाद का परित्याग करना चाहिए। यदि हमें पाकिस्तानी आतंकवादी-सैन्य ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करना पड़ता है, तो उन्हें हमारे साथ एकजुटता दिखानी चाहिए। दुष्टों के लिए कोई शरणस्थली नहीं, कोई बचाव नहीं। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत जिस आतंकी ढांचे को निशाना बना रहा है, वह न सिर्फ भारत और लोकतंत्र के लिए, बल्कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि और विकास के इंजन के रूप में देश की भूमिका के लिए भी खतरा है।

पाकिस्तान से आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर निर्यात किया जाता है - यूरोप, यूके, संयुक्त राज्य अमेरिका और उससे आगे। फिर भी, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अधिकांश हिस्सा आंखें मूंद कर बैठा है, जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह पाकिस्तान में खुलेआम काम करते हैं। पाकिस्तान पहले भी आतंकवादी समूहों की शरणस्थली था और अब भी है। ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के दौरान, पाकिस्तान के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से इतना स्वीकार किया। भारत ने आतंक के इस असंख्य सिर वाले राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करके वैश्विक सेवा की है।

यह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा के रूप में खड़ा है। दुनिया को कार्रवाई करने के लिए जागरूक होना चाहिए और आतंक के अपराधियों और इसके खिलाफ काम करने वालों के बीच नैतिक समानता स्थापित करना बंद करना चाहिए - चाहे उनके संकीर्ण, अल्पकालिक, दिखावटी विचार कुछ भी हों। सिंदूर सिद्धांत का आर्थिक आयाम भी महत्वपूर्ण है। "आतंकवाद के साथ कोई व्यापार नहीं" की स्पष्ट घोषणा करके, भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आर्थिक उपायों को क्रियान्वित किया है।

व्यापार और सिंधु जल संधि जैसी संधियों को निलंबित करने जैसे कदम आर्थिक संबंधों को राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के साथ मजबूती से संरेखित करने के भारत के संकल्प को रेखांकित करते हैं। 

ये उपाय एक स्पष्ट संदेश देते हैं:


 आतंक के खात्मे के बाद आर्थिक संबंध बनने चाहिए, न कि पहले।

अस्तित्व आधारित संदेश यह है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।

 नारी-शक्ति से जुड़ा एक शक्तिशाली आख्यान ऑपरेशन के संदेश को पुष्ट करता है और इसे सुर्खियों में लाता है: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका। 

ऑपरेशन के बाद दो महिला अधिकारियों ने प्रमुखता से सैन्य प्रेस वक्तव्यों का नेतृत्व किया, जो भारत के रक्षा परिदृश्य में महिलाओं के बढ़ते महत्व का प्रतीक है। 

"नारी शक्ति" (महिला सशक्तिकरण) के इस क्षण ने महिलाओं के प्रति भारत के सभ्यतागत सम्मान को मजबूत किया, रानी लक्ष्मीबाई से लेकर समकालीन महिला सैन्य अधिकारियों तक के ऐतिहासिक उदाहरणों की प्रतिध्वनि की, जिससे राष्ट्रीय गौरव को लैंगिक समावेश के साथ जोड़ा गया।

भारत की सैन्य ताकत घरेलू नवाचार की मदद से तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, कुछ विदेशी प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया था, स्वदेशी मिसाइलों, ड्रोन और निगरानी उपकरणों की सफल तैनाती, रक्षा में आत्मनिर्भरता की परिचालन परिपक्वता को उजागर करती है। 

यह हमारे निर्यात जोर और मांग को बढ़ाता है। हमने भारत में आयातित और सह-निर्मित हथियार प्रणालियों के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हथियार प्रणालियों का भी परीक्षण किया और इनसे हमारे द्वारा लिए गए सही निर्णयों की पुष्टि हुई। ऑपरेशन सिंदूर से यह स्पष्ट हो गया कि भारत वैधता नहीं चाहता - वह न्याय चाहता है।

भारतीय संयम को कभी भी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। सिंदूर सिद्धांत केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं है; यह सैद्धांतिक स्पष्टता का एक सक्रिय दावा है। 

भारत के नागरिकों के, विशेषकर महिलाओं के जीवन, गरिमा, भलाई और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इसी बिंदु पर राष्ट्रीय सुरक्षा का राष्ट्रीय सम्मान के साथ संगम होता है। यहीं पर प्राचीन मूल्य, आधुनिक ताकत के साथ मिलते हैं। और यहीं पर भारत खड़ा है- निडर, अडिग और एकजुट।  

 नई दिल्ली:



*सीबीआई कोर्ट ने पोलाची यौन उत्पीड़न मामले में नौ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई*


वर्ष 2019 में पोलाची (तमिलनाडु) में हुए यौन उत्पीड़न मामले में एक ऐतिहासिक फैसले में, अदालत ने सभी 9 आरोपपत्रित आरोपियों को कानून की विभिन्न धाराओं के तहत यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराया, जिसमें 8 पीड़ितों के साथ सामूहिक बलात्कार भी शामिल है।


वर्ष 2019 में बड़े हंगामे के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। जांच के बाद 9 आरोपियों के खिलाफ कुल 3 आरोपपत्र दाखिल किए गए।

 कुल 48 गवाहों और 206 दस्तावेजों की जांच की गई। इस संवेदनशील मामले की जांच सीबीआई ने अत्यंत सावधानी और वैज्ञानिक तरीके से की, जांच के दौरान सभी वैज्ञानिक साक्ष्यों को बड़ी मेहनत से एकत्र किया। 

इसके अलावा, सभी 8 पीड़ितों को जांच के दौरान और विशेष रूप से नामित न्यायालय में आयोजित मुकदमे की कार्यवाही के दौरान सीबीआई द्वारा पर्याप्त भावनात्मक और नैतिक समर्थन दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों की गोपनीयता और पहचान का उल्लंघन न हो।

 गवाहों को भी उचित सुरक्षा दी गई और यह उल्लेख करना उचित है कि एक भी गवाह मुकर नहीं गया। 

जांच के दौरान और मुकदमे के दौरान सीबीआई की समर्पित टीम के काम के परिणामस्वरूप सभी 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया, जो अपनी गिरफ्तारी की तारीख से लेकर मुकदमे की समाप्ति तक न्यायिक हिरासत में थे। 

सभी आरोपियों को *मृत्यु तक आजीवन कारावास* की सजा सुनाई गई है। उन्हें अन्य अपराधों के लिए भी सजा सुनाई गई है। 

साथ ही पीड़ितों को जिला कानूनी सहायता प्राधिकरण द्वारा भुगतान किए जाने वाले 85 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।

आज, हर आतंकवादी हमारी बहनों और बेटियों के माथे से सिंदूर पोंछने के परिणामों को जानता है: पीएम


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश को  आतंकवाद के विरुद्ध देश के दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आज का राष्ट्र के नाम संबोधन प्रत्येक भारतीय के मन में गर्व और आत्मविश्वास का संचार करता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

PM modi messge to nation

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र को संबोधन


ऑपरेशन सिंदूर न्याय के लिए एक अटूट प्रतिज्ञा है: पीएम


आतंकवादियों ने हमारी बहनों के माथे से सिंदूर पोंछने का साहस किया; इसीलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही नष्ट कर दिया: पीएम


पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं पर हमला करने की तैयारी की थी, लेकिन भारत ने उन्हें उनके मूल में मारा: पीएम



आतंक और बातचीत एक साथ नहीं रह सकते, आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते और पानी और खून कभी साथ-साथ नहीं बह सकते: पीएम


पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत आतंकवाद और पीओके पर केंद्रित होगी: पीएम

पोस्ट किया गया: 12 मई 2025 8:36PM पीआईबी दिल्ली द्वारा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने हाल के दिनों में भारत की शक्ति और संयम दोनों को देखा है। उन्होंने प्रत्येक भारतीय नागरिक की ओर से देश की अजेय सशस्त्र सेनाओं, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम किया। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्यों को प्राप्त करने में भारत के बहादुर सैनिकों द्वारा दिखाए गए अटूट साहस पर प्रकाश डाला, उनकी वीरता, लचीलापन और अदम्य भावना को स्वीकार किया। उन्होंने इस अद्वितीय वीरता को राष्ट्र की प्रत्येक माँ, बहन और बेटी को समर्पित किया।


22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए, उन्होंने कहा कि इसने देश और दुनिया को झकझोर दिया है। श्री मोदी ने इस कृत्य को आतंक का एक वीभत्स प्रदर्शन बताया, जिसमें छुट्टियों का आनंद ले रहे निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों और बच्चों के सामने उनकी आस्था के बारे में पूछे जाने पर बेरहमी से मार दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह न केवल क्रूरता का कार्य था, बल्कि राष्ट्र के सौहार्द को तोड़ने का एक घिनौना प्रयास भी था। हमले पर अपनी गहरी व्यक्तिगत पीड़ा व्यक्त करते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे पूरा देश - हर नागरिक, हर समुदाय, समाज का हर वर्ग और हर राजनीतिक दल - आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग में एकजुट है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों को आतंकवादियों को खत्म करने की पूरी आजादी दी है। उन्होंने सभी आतंकवादी संगठनों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अब देश की महिलाओं की गरिमा को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों के परिणामों को पूरी तरह से समझ गए हैं।


प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "ऑपरेशन सिंदूर केवल एक नाम नहीं है, बल्कि यह लाखों भारतीयों की भावनाओं का प्रतिबिंब है।" उन्होंने इसे न्याय के प्रति एक अटूट प्रतिज्ञा बताया, जिसे दुनिया ने 6-7 मई को पूरा होते देखा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों और प्रशिक्षण केंद्रों पर सटीक हमले किए, जिससे एक निर्णायक झटका लगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने कभी नहीं सोचा था कि भारत इतना साहसिक कदम उठाएगा, लेकिन जब राष्ट्र राष्ट्र प्रथम के अपने मार्गदर्शक सिद्धांत के साथ एकजुट होता है, तो दृढ़ निर्णय लिए जाते हैं और प्रभावशाली परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत के मिसाइल और ड्रोन हमलों ने न केवल उनके बुनियादी ढांचे को बल्कि उनके मनोबल को भी चकनाचूर कर दिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि बहावलपुर और मुरीदके जैसे स्थान लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में काम कर रहे थे, जो उन्हें दुनिया भर में बड़े हमलों से जोड़ते हैं, जिसमें अमेरिका के 9/11 हमले, लंदन ट्यूब बम विस्फोट और भारत में दशकों से चली आ रही आतंकवादी घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने घोषणा की कि चूंकि आतंकवादियों ने भारतीय महिलाओं की गरिमा को नष्ट करने का साहस किया था, इसलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के परिणामस्वरूप 100 से अधिक खतरनाक आतंकवादियों का सफाया हो गया, जिनमें वे प्रमुख व्यक्ति भी शामिल थे, जिन्होंने दशकों से भारत के खिलाफ खुलेआम साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ धमकियां देने वालों को शीघ्र ही निष्प्रभावी कर दिया गया है।


श्री मोदी ने कहा कि भारत के सटीक और जोरदार हमलों ने पाकिस्तान को गहरी हताशा में डाल दिया है, जिससे वह हताश हो गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में शामिल होने के बजाय एक लापरवाह कार्रवाई की है - उसने भारतीय स्कूलों, कॉलेजों, गुरुद्वारों, मंदिरों और नागरिक घरों पर हमले किए, साथ ही सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस आक्रमण ने पाकिस्तान की कमजोरियों को उजागर किया, क्योंकि उसके ड्रोन और मिसाइल भारत की उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों के सामने तिनके की तरह ढह गए, जिसने उन्हें आसमान में ही बेअसर कर दिया। उन्होंने टिप्पणी की कि जब पाकिस्तान ने भारत की सीमाओं पर हमला करने की तैयारी की थी, तब भारत ने पाकिस्तान के भीतर एक निर्णायक झटका दिया। भारतीय ड्रोन और मिसाइलों ने बेहद सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तानी एयरबेस को गंभीर नुकसान पहुंचा, जिसका वह लंबे समय से दावा करता आ रहा था। भारत की प्रतिक्रिया के पहले तीन दिनों के भीतर, पाकिस्तान को उसकी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा नुकसान उठाना पड़ा। भारत के आक्रामक जवाबी उपायों के बाद, पाकिस्तान ने तनाव कम करने के तरीके तलाशने शुरू कर दिए, और बढ़ते तनाव से राहत के लिए वैश्विक समुदाय से अपील की। उन्होंने खुलासा किया कि भारी नुकसान झेलने के बाद, पाकिस्तान की सेना ने 10 मई की दोपहर को भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया। तब तक, भारत ने बड़े पैमाने पर आतंकवादी ढांचे को नष्ट कर दिया था, प्रमुख आतंकवादियों को खत्म कर दिया था और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था। श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी अपील में आश्वासन दिया है कि वह भारत के खिलाफ सभी आतंकवादी गतिविधियों और सैन्य आक्रमण को रोक देगा। इस बयान के आलोक में, भारत ने स्थिति की समीक्षा की और पाकिस्तान के आतंकवादी और सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ अपने जवाबी अभियानों को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया। उन्होंने दोहराया कि यह निलंबन कोई निष्कर्ष नहीं है - भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान के हर कदम का आकलन करना जारी रखेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसके भविष्य के कार्य उसकी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हों।


प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के सशस्त्र बल- सेना, वायु सेना, नौसेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अर्धसैनिक इकाइयाँ- हर समय राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाई अलर्ट पर रहती हैं। उन्होंने घोषणा की, "ऑपरेशन सिंदूर अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की स्थापित नीति है, जो भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण में एक निर्णायक बदलाव को दर्शाता है", उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने आतंकवाद विरोधी उपायों में एक नया मानक, एक नया सामान्य स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने भारत के सुरक्षा सिद्धांत के तीन प्रमुख स्तंभों को रेखांकित किया; पहला है निर्णायक जवाबी कार्रवाई, जब भारत पर किसी भी आतंकवादी हमले का मजबूत और दृढ़ जवाब दिया जाएगा। भारत अपनी शर्तों पर जवाबी कार्रवाई करेगा, आतंकी ठिकानों को उनकी जड़ों पर निशाना बनाएगा। दूसरा है परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करना; भारत परमाणु धमकियों से नहीं डरेगा उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने एक बार फिर पाकिस्तान की परेशान करने वाली सच्चाई देखी- मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी खुलेआम शामिल हुए, जिससे साबित होता है कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद में पाकिस्तान की गहरी संलिप्तता है। प्रधानमंत्री ने फिर से पुष्टि की कि भारत अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाता रहेगा।


इस बात पर जोर देते हुए कि भारत ने युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को लगातार हराया है, और ऑपरेशन सिंदूर ने देश की सैन्य शक्ति में एक नया आयाम जोड़ा है, श्री मोदी ने रेगिस्तान और पहाड़ी युद्ध दोनों में भारत की उल्लेखनीय क्षमता पर प्रकाश डाला और साथ ही नए युग के युद्ध में श्रेष्ठता स्थापित की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन के दौरान, मेड इन इंडिया रक्षा उपकरणों की प्रभावशीलता निर्णायक रूप से साबित हुई। उन्होंने टिप्पणी की कि दुनिया अब 21वीं सदी के युद्ध में एक दुर्जेय शक्ति के रूप में मेड इन इंडिया रक्षा प्रणालियों के आगमन को देख रही है।


प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई में एकता भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन आतंकवाद का भी नहीं है। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया की गारंटी है।"


श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार ने लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां अंततः पाकिस्तान के पतन का कारण बनेंगी। उन्होंने घोषणा की कि अगर पाकिस्तान को अपना अस्तित्व बचाना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा - शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने भारत के दृढ़ रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं रह सकते, आतंक और व्यापार समानांतर नहीं चल सकते, और खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। वैश्विक समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति को दोहराया कि पाकिस्तान के साथ कोई भी चर्चा केवल आतंकवाद पर केंद्रित होगी और पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर केंद्रित होगी।


बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर विचार किया और इस बात पर जोर दिया कि शांति का मार्ग शक्ति द्वारा निर्देशित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवता को शांति और समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक भारतीय सम्मान के साथ रह सके और विकसित भारत के सपने को साकार कर सके। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत को शांति बनाए रखने के लिए मजबूत होना चाहिए और जब आवश्यक हो, तो उस ताकत का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं ने अपने सिद्धांतों की रक्षा करने के भारत के संकल्प को प्रदर्शित किया है। अपने संबोधन के समापन पर उन्होंने एक बार फिर भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को सलाम किया और भारत के लोगों के साहस और एकता के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त किया।

 दिल्ली :


15 मई 2025 को 05:29 बजे तक नागरिक विमान परिचालन के लिए 32 हवाई अड्डों पर लगी अस्थायी रोक हटा ली गई है।


 ये हवाई अड्डे अब तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान परिचालन के लिए उपलब्ध हैं।


यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे एयरलाइनों से सीधे उड़ान की स्थिति की जांच करें और नियमित अपडेट के लिए एयरलाइन की वेबसाइट पर नज़र रखें।

 पाकिस्तान ने 4 घंटे में ही संयम खो दिया और अपनी औकात दिखा दी।। एलओसी पर सीज़ फायर तोड़ते हुए हमले शुरू कर दिए। 


रात्रि 10 :56 बजे 10 मई 2025 को MEA द्वारा की गई प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान ने स्वयं के द्वारा किये गए समझौते को कुछ ही घंटों में तोड़ दिया है।

 अगर वह इस बात को नही समझता है तो  एलओसी पर अतिक्रमण और  आक्रमण हेतु स्वयं जिम्मेदार होगा। भरतोय सेना उसके किसी भी आक्रम्ब का जवाब  पूरे दमखम से देगी।

इसी बीच जम्मू से खबर है कि ब्लैक आउट के बीच पाक की और से फायरिंग हो रही है। सेक्टर RS पुरा  में  भारी गोलाबारी में हताहत की खबर भी है।

अपनी पुरानी चाल चलता हुआ पाकिस्तान IMF की भीख पर इतरा रहा है। देश की जनता  की आवाज़ यही है कि अब सबक देना ही होगा।


 नई दिल्ली:

CBI caught FCI AGM in bribe case


सीबीआई ने एफसीआई, आरओ, मुंबई के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) और एक व्यवसायी (निजी व्यक्ति), उसके बेटे और उसके सहयोगी सहित चार आरोपियों को एजीएम को 20 लाख रुपये की रिश्वत सौंपने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया।


केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) और एक व्यवसायी (औरंगाबाद स्थित आरोपी निजी व्यक्ति का साझेदार) और उसके बेटे सहित चार आरोपियों को एजीएम को 20 लाख रुपये की रिश्वत सौंपने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया।


सीबीआई ने 09.05.2025 को एफसीआई, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय के दो सहायक महाप्रबंधकों (एजीएम), 3 निजी व्यक्तियों और औरंगाबाद स्थित निजी कंपनी तथा अन्य सहित 06 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपी एजीएम (रिश्वत प्राप्तकर्ता) ने आरोपी औरंगाबाद स्थित निजी कंपनी के भागीदार के साथ मिलकर एफसीआई मुंबई कार्यालय के टेंडर देने के मामले में व्यवसायी को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से आपराधिक साजिश रची।


नियमित मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने जाल बिछाया और एफसीआई के एक आरोपी एजीएम को आरोपी व्यवसायी (उक्त निजी कंपनी के भागीदार) के एक सहयोगी से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी व्यवसायी से 5 लाख रुपये और बरामद किए गए, जो रिश्वत के रूप में दिए जाने थे। बाद में, आरोपी लोक सेवक (रिश्वत प्राप्तकर्ता) और आरोपी व्यवसायी, उसके बेटे और उसके सहयोगी (रिश्वत देने वाले) को गिरफ्तार कर लिया गया।


सीबीआई ने मुंबई, हैदराबाद और औरंगाबाद में विभिन्न स्थानों पर आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली, जिसमें कई डिजिटल डिवाइस, नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। जांच जारी है।

 संभावित भारत पाकिस्तान युद्ध में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और सहयोगी संगठनों द्वारा 'भारत ही महान' अभियान के अंतर्गत निवास, भोजन और मेडीकल सेवा के सुरक्षित प्रबंध - चार सूत्रीय अभियान  

AHP helped people diring war

भारत के कश्मीर में पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा हुएँ जिहादी हमले का कड़ा उत्तर भारत के शूर हवाई दल ने दिया,इस पर प्रवीण भाई तोगड़िया ने  सेना का अभिनंदन करते हुए सरकार से अपील की है कि भारत सरकार के द्वारा  उठाएँ  गए कड़े कदम पर भारत सरकार को सैल्यूट है।

अब युद्धजन्य स्थितियाँ खड़ी हो रही है और सरकारने भी नागरिकों को सतर्क, सुरक्षित रहने का कहा है। 

हमारी AHP अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और सहयोगी संगठनों द्वारा भारत के नागरिकों के लिए सुरक्षित घरेलू निवास ( Home Stay), भोजन आदि का प्रबंध किया है।संभावित भारत पाकिस्तान युद्ध में चार सूत्रीय अभियान1) एक लाख रक्तदाता (Blood Donors Club) - सैनिक या इजाग्रस्त नागरिकों को रक्तदान के लिए 1 लाख रक्तदाता2) युद्ध के समय इजाग्रस्त नागरिकों को निःशुल्क सेवा के लिएइंडिया हेल्थ लाइन द्वारा 10,000 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स, हजारों हॉस्पिटल्स3) नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) अभियानA) ऑनलाइनB) शहर की कॉलोनियों में मीटिंग्स कर केC) गाँवों में मीटिंग्स कर के4) नागरिक सुरक्षित निवास•युद्ध की स्थिति में सरकार की चेतावनी के बाद हवाई हमले में शहर के नागरिकों के लिए ( शहर से 50 किमी दूर के गाँवों में) अभी से गाँवों में रहने की शहर के नागरिकों के लिए व्यवस्था शहर की चारों और हजारों गाँवों में व्यवस्था सम्हाल रही है•

गाँव में व्यवस्था के लिए युवक परिषद, महिला परिषद की रचना शहर से आए नागरिकों की रहने की व्यवस्था : गाँव के स्कूल्स, मंदिर, लोगों के घर·घरों में टॉयलेट में कमोड कितने हैं,गाँव में सामूहिक भोजन व्यवस्था,गाँव या नजदीक के गाँव में मेडिकल ट्रीटमेंट की व्यवस्था भी देखी जा रही है।

हमारे इस अभियान का भारत के सभी नागरीक लाभ उठाएँ और सहयोग करें। ,डो. प्रविण भाई तोगडीया


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

For western command defence minister high level meeting


 जिसमें पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति और भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की गई।

 बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह शामिल हुए।

दिल्ली में आज 3:00 बजे बजाया जाएगा सायरन। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी डीडीएमए के अंतर्गत यह अभ्यास किया जाएगा। ‌ साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि इसकी आवाज कितने किलोमीटर तक पहुंच सकती है। 

यह केवल एक अभ्यास के तौर पर किया जा रहा है। फिलहाल सेंट्रल दिल्ली जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की तरफ से यह प्रयास है।

  दिल्ली;

जानिए किस प्रकार पाकिस्तान सोशल साइट पर प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल कर रहा है। पीआई बी ने ऐसे 07 पोस्ट को फैक्ट चेक के साथ उजागर किया है।

ऑपरेशन सिंदूर

  10 मई 2025


पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने 08 और 09 मई 2025 की मध्य रात्रि को पूरे पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों का उपयोग करके कई हमले किए। पाक सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई संघर्ष विराम उल्लंघन (सीएफवी) भी किए।

ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से विफल किया गया और सीएफवी को मुंहतोड़ जवाब दिया गया।

भारतीय सेना राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा

Operation sindoor ,propaganda of pak



ऑपरेशन सिंदूर पर 07 मई 2025 को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को केंद्रित, संयत और गैर भड़काऊ बताया था। 

पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाने का विशेष उल्लेख किया गया था। यह भी दोहराया गया कि भारत में सैन्य ठिकानों पर किसी भी हमले का उचित उत्तर दिया जाएगा।

पाकिस्तान ने 07-08 मई 2025 की रात ड्रोन और मिसाइलों द्वारा अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। इन्हें एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा बेअसर कर दिया गया। इन हमलों के कई स्थानों से बरामद मलबे पाकिस्तानी हमलों की पुष्टि करते हैं।

आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई स्थानों पर वायु रक्षा रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया। भारत ने भी पाकिस्तान की तरह ही उसी क्षेत्र में और उसी तीव्रता से जवाब दिया है। लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी करने की जानकारी विश्वसनीय रूप से मिली है।

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी तीव्रता की तोपों का प्रयोग करते हुए नियंत्रण रेखा के निकट अकारण गोलीबारी में तेजी से बढ़ोत्तरी की है।

पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी के कारण तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित सोलह निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई है। भारत ने पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और तोपों की अकारण गोलीबारी का उचित उत्तर दिया है।

भारतीय सशस्त्र बल पाकिस्तानी सेना द्वारा सम्मान करने की स्थिति में मामले को ओर अधिक ना बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसी से भारत ने हवा में मार गिराई पाकिस्तान की मिसाइल!

S-400 सुदर्शन ने हवा में मार गिराई पाकिस्तान की मिसाइल।

भारत ने यह सिस्टम रूस से 2018 में 5.43 अरब डॉलर (लगभग ₹4.65 लाख करोड़) में खरीदा था।

भारत के अलावा S-400 एयर डिफेंस सिस्टम रूस, चीन और तुर्की जैसे देशों के पास भी है।

भारत ने इसे अपनी सैन्य क्षमताओं को आधुनिक बनाने और वायु सुरक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से खरीदा था।

सुबह 6:30 बजे  09 मई 2025 तक पीआईबी फैक्ट चेक के बारे में मीडिया को संक्षिप्त जानकारी - दिन के दौरान मीडिया के साथ साझा की 


कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा सामान्य रूप से और खास तौर पर पाकिस्तान में मुख्यधारा के मीडिया द्वारा समन्वित रूप से गलत सूचनाओं की बौछार की गई है, जिसका एकमात्र उद्देश्य भारतीय जनता में भय पैदा करना है। पिछले कुछ हफ्तों से प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा इस मनोवैज्ञानिक युद्ध का सक्रिय रूप से खंडन किया जा रहा है। इसके अलावा, भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता गलत सूचनाओं के झांसे में आ रहे हैं। पीआईबी की फैक्ट-चेक यूनिट ने रिकॉर्ड को सीधा किया और गलत सूचनाओं, दुष्प्रचार और सरासर झूठ का पर्दाफाश किया। 08 मई, 2025 को 2200 बजे से 0630 बजे के बीच कुल सात वीडियो की फैक्ट-चेकिंग की गई। फैक्ट-चेक किए गए वीडियो की सूची, उनके लिंक के साथ नीचे संकलित की गई है:


1. जालंधर में ड्रोन हमले का एक वीडियो लोगों में दहशत पैदा करने के लिए व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा था। पीआईबी ने वीडियो की जांच की और पाया कि यह खेत में लगी आग का एक असंबंधित वीडियो था। वीडियो में शाम 7:39 बजे की टाइमलाइन थी, जबकि ड्रोन हमला बाद में शुरू हुआ। जालंधर के डीसी ने भी यही दावा किया। 

2. ऑनलाइन फैलाए गए एक फ़र्जी वीडियो में पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय चौकी को नष्ट करने का दावा किया गया था। इस वीडियो को कई फ़र्जी और असत्यापित खातों द्वारा शेयर और प्रवर्धित किया गया था। PIB ने पाया कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है और सत्यापन के बाद पुष्टि की गई कि यह नाटक किया गया था क्योंकि भारतीय सेना में "20 राज बटालियन" नामक कोई इकाई नहीं है। वीडियो का उद्देश्य जनता को गुमराह करना और समन्वित प्रचार अभियान का हिस्सा था।


3. सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो शेयर किया गया, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में भारत पर मिसाइल हमला किया है। पीआईबी ने वीडियो की तथ्य-जांच करने पर गलत सूचना का भंडाफोड़ किया। शेयर किया गया वीडियो वास्तव में वर्ष 2020 में लेबनान के बेरूत में हुए विस्फोटक हमले का था। 

4. जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना की एक ब्रिगेड पर फिदायीन हमले के बारे में सूचना व्यापक रूप से शेयर और प्रसारित की गई। तथ्य-जांच करने पर, पीआईबी ने पुष्टि की कि किसी भी सेना छावनी पर ऐसा कोई फिदायीन या आत्मघाती हमला नहीं हुआ। झूठे दावों का उद्देश्य केवल गुमराह करना और भ्रम पैदा करना था। वीडियो को तदनुसार फ़्लैग किया गया।


पीआईबी


5. एक गोपनीय पत्र में दावा किया गया कि सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल वी.के. नारायण ने उत्तरी कमान के सेना अधिकारी को सैन्य तैयारियों के बारे में एक गोपनीय पत्र भेजा था। पीआईबी ने इस बात की तथ्य-जांच की और पाया कि जनरल वी.के. नारायण सीओएएस नहीं हैं और इस बात की पुष्टि की कि यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है।


6. एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा किया गया कि भारतीय सेना ने अमृतसर और अपने ही नागरिकों पर हमला करने के लिए अंबाला एयरबेस का इस्तेमाल किया। पीआईबी ने पाया कि यह दावा पूरी तरह से निराधार है और यह एक सुनियोजित गलत सूचना अभियान का हिस्सा है। 


7. एक सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर दावा किया गया कि भारत भर के हवाई अड्डों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीआईबी ने इस फर्जी कहानी का भंडाफोड़ किया और इसे ध्वजांकित किया क्योंकि सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया था।


पीआईबी फर्जी खबरों का भंडाफोड़ करने और मिथकों को तोड़ने तथा राष्ट्र के राष्ट्रीय हित और संप्रभुता की रक्षा करने में सक्रिय रूप से संलग्न है।

 सिविल के लिये निम्न 24 एयर पोर्ट को भारत मे बंद रखने हेतु दिया गया नोटेम  नोटिस।

ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर भारत पाक के बीच चल रहे हमलों के मध्य ऐतिहयात के तौर पर यह नोटिस दिया गया है।

सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा कदम उठाते हुए उत्तरी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में 24 से अधिक हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।


भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने NOTAM (एयरमैन को नोटिस) जारी किया है, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक हवाई संचालन पर रोक लग गई है। 

इसमें लेह, चंडीगढ़, अमृतसर और जोधपुर जैसे प्रमुख रणनीतिक और वाणिज्यिक केंद्र शामिल हैं - ये हवाई अड्डे नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए हैं।


यह हाल के वर्षों में हवाई क्षेत्र में सबसे बड़े प्रतिबंधों में से एक है।9







#Operation sindoor india


भारत माता की जय🇮🇳*


*आतंकिस्तान के खिलाफ भारत का* *#OperationSindoor*  के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संदेश व्यक्त किया है

*जय हिंद !*


https://x.com/pushkardhami/status/1919855542690054177?s=08


https://www.facebook.com/share/p/1BbGQJPwnA/

शौर्यं तेजः संयमश्च, यत्र भारतसैनिका:।*

*विजयं तेषु नित्यं स्यात्, जयतु भारतमाता॥"*


*जहाँ भारत की सेना है, वहाँ शौर्य, तेज और अनुशासन है। उन्हें सदा विजय प्राप्त हो — भारत माता की जय🇮🇳*

#OperationSindoor

https://x.com/pushkardhami/status/1919862812190638096?s=08


रक्षा मंत्रालय75आज़ादी का अमृत महोत्सवप्रेस विज्ञप्ति:ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमला किया गया। 07 मई 2025 1:44AM  साभार पीआईबी


 दिल्ली:

कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जहाँ से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया। कुल मिलाकर, नौ (9) स्थलों को निशाना बनाया गया है। 


हमारी कार्रवाई प्रकृति में केंद्रित, मापी गई और गैर-उग्र प्रकृति की रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया है

 भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है। 


ये कदम बर्बर पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाए गए हैं जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।

 हम इस प्रतिबद्धता पर खरे उतर रहे हैं कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। 

आज बाद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।


जम्मू कश्मीर:


एक बार फिर आतंकियों ने कायराना हरकतों को अंजाम देते हुए, हिंदुओ को लक्षित कर पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

Union home minister visit to 0ahalgaam after terror attack



 देश के विभिन्न हिस्सों से कश्मीर में छुट्टियां मनाने गए पर्यटकों  को 03 आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया। गिरी हुई मानसिकता के शिकार आतंकियों ने चुन चुन कर हिंदुओं को गोली मारी इस घटना में 26 से ढ़ील लोगों के मरने की खबर आ रही है। जहां एक और प्रधानमंत्री मोदी इस समय सऊदी अरब के दौरे पर है वहीं दूसरी और देश मे इस घटना को आतंकियों ने अंजाम दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को सज़ा जरूर दी जाएगी और आतंकवाद से लड़ने का भारत का संकल्प "अडिग" है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि अपराधियों को कठोरतम परिणाम भुगतने होंगे।


पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हुए।


पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर बातचीत की।


जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आश्वासन दिया कि घटना के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नही जाएगा।


जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए - आपातकालीन नियंत्रण कक्ष - श्रीनगर: 0194-2457543, 0194-2483651, आदिल फरीद, एडीसी श्रीनगर - 7006058623



 

 गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्‍कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें 15 मार्च 2025 से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्‍कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्‍कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्‍त की जाएंगी।


Padma awards 2025  enrollment date


पद्म पुरस्‍कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्‍थापित, इन पुरस्‍कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्‍कारों के अंतर्गत ‘उत्‍कृष्‍ट कार्य’ के लिए सम्‍मानित किया जाता है। पद्म पुरस्‍कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्‍ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्‍सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्‍य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्‍कारों के पात्र नहीं हैं।

सरकार पद्म पुरस्‍कारों को पीपल्स पद्म बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्‍वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।

नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।

इस संबंध में विस्‍तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्‍कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्‍कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्‍ध हैं। इन पुरस्‍कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट पर https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx लिंक पर उपलब्‍ध हैं।

साभार पीआईबी

देहरादून;

Two days camp for social equivalence and justice , union minister in Uttarakhand


भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दो दिवसीय 'चिंतन शिविर 2025' का उद्घाटन किया गया। यह आयोजन समावेशी नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और उपेक्षित रहे समुदायों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने हेतु केंद्र एवं राज्य सरकारों के मध्य सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


इस चिंतन शिविर का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री रामदास अठावले, राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के 23 मंत्रीगण भी सम्मिलित हुए।


अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, "सामाजिक समानता के बिना राष्ट्रीय प्रगति की कल्पना अधूरी है। 'चिंतन शिविर' केवल एक समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि यह विचार-सृजन, अनुभव साझा करने और 'विकसित भारत' की दिशा में हमारी प्रतिबद्धताओं की मूल्यांकन प्रक्रिया का एक मंच है। इसका उद्देश्य है—हर नागरिक को सम्मानपूर्वक आगे बढ़ने के समान अवसर सुनिश्चित करना, चाहे उसकी जाति, लिंग, आयु, क्षमता या सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।"


उन्होंने यह भी कहा कि "कल्याण से सशक्तिकरण तक की यात्रा हमारी साझा जिम्मेदारी है और यह मंच हमें आत्ममूल्यांकन का अवसर प्रदान करता है—हम कहां हैं और हमें कहां पहुँचना है।"


*प्रतिभागिता:*

इस चिंतन शिविर में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों—जैसे आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी आदि—के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।


*पहले दिन की प्रमुख चर्चा-विषय:*

विचार-विमर्श के पहले दिन शिक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक संरक्षण एवं सुगम्यता जैसे चार प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित चर्चा हुई।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) ने ADIP योजना, छात्रवृत्तियाँ, कौशल विकास और डिजिटल समावेशन से संबंधित पहलों में हुई प्रगति साझा की। राज्यों ने मोबाइल मूल्यांकन शिविर, समावेशी स्कूल ढांचे, तथा सुगम परिवहन मॉडल जैसे अभिनव प्रयास प्रस्तुत किए।


*शैक्षिक सशक्तिकरण पर विशेष सत्र:*

प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति तथा पीएम-यशस्वी जैसी योजनाओं के अंतर्गत शैक्षिक समावेशन पर गहन चर्चा हुई। ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल आवेदन, सत्यापन व जागरूकता से जुड़ी चुनौती पर भी चर्चा की गई।

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