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- खोज जर्मनी के जीएसआई हेल्महोल्ट्ज़ सेंटर फॉर हैवी आयन रिसर्च में सम्पन्न


- आईआईटी रुड़की के प्रो. एम. मैती ने निभाई अहम भूमिका

- अध्ययन फिजिकल रिव्यू लेटर्स जर्नल में प्रकाशित

- खोज "स्थिरता के द्वीप" की वैश्विक वैज्ञानिक तलाश में महत्वपूर्ण योगदान।

- अतिभारी तत्वों के जीवनकाल और नाभिकीय बलों की समझ में बड़ी उपलब्धि


 रुड़की : 



एक उल्लेखनीय वैश्विक वैज्ञानिक सफलता में शोधकर्ताओं ने एक नए अतिभारी समस्थानिक, सीबोर्गियम-257 (Sg-257) की खोज की है, जिसने परमाणु भौतिकी एवं ब्रह्मांड की हमारी समझ की सीमाओं को और आगे बढ़ाया है। यह अग्रणी प्रयोग जर्मनी के डार्मस्टाट स्थित जीएसआई हेल्महोल्ट्ज़ सेंटर फॉर हैवी आयन रिसर्च में किया गया, जिसमें आईआईटी रुड़की के भौतिकी विभाग के प्रो. एम. मैती का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह कार्य प्रतिष्ठित जर्नल फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।


शक्तिशाली त्वरक और अत्याधुनिक संसूचन तकनीकों का उपयोग करते हुए, टीम ने एसजी-257, एक ऐसा अतिभारी तत्व जो प्रकृति में नहीं पाया जाता, का सफलतापूर्वक संश्लेषण किया। यह खोज इस मूलभूत प्रश्न का उत्तर देने में सहायता करती है कि परमाणु स्थिरता की सीमाओं पर कैसे व्यवहार करते हैं, और "स्थिरता के द्वीप" की वैज्ञानिक तलाश में प्रत्यक्ष योगदान देती है—जो परमाणु परिदृश्य का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ अतिभारी तत्व लंबे समय तक टिक सकते हैं और संभावित उपयोगिता रख सकते हैं।


अंतर्राष्ट्रीय शोध दल के सदस्य प्रो. एम. मैती ने कहा, "यह खोज परमाणु भौतिकी में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे हमें यह समझने में सहायता मिलती है कि कुछ तत्व लंबे समय तक क्यों जीवित रहते हैं और चरम स्थितियों में परमाणु बल कैसे व्यवहार करते हैं।" उन्होंने बताया कि एसजी-257 जैसे अतिभारी तत्वों की अर्धायु अत्यंत कम होती है, जो अक्सर मिलीसेकंड तक ही जीवित रहते हैं। फिर भी, प्रत्येक खोज वैज्ञानिकों को परमाणु संरचना एवं नाभिकीय बलों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है।


आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा, "यह ऐतिहासिक खोज अत्याधुनिक परमाणु अनुसंधान में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। आईआईटी रुड़की को इस वैश्विक उपलब्धि का हिस्सा बनने पर गर्व है। यह मौलिक विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के हमारे दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है, जिससे समाज को लाभ होगा और अगली पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।"


यह शोध वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किया गया था, जिसमें आईआईटी रुड़की के प्रो. एम. मैती, जर्मनी के जीएसआई हेल्महोल्ट्ज़ सेंटर, जोहान्स गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय (जेजीयू मेंज़), जापान परमाणु ऊर्जा एजेंसी, फ़िनलैंड के जैवस्किला विश्वविद्यालय एवं अन्य सहयोगी संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे। निष्कर्ष फिजिकल रिव्यू लेटर्स (जून 2025) में प्रकाशित हुए।


यह खोज इस बात का उदाहरण है कि मौलिक विज्ञान किस प्रकार तकनीकी प्रगति एवं वैश्विक ज्ञान में योगदान देता है। यह आईआईटी रुड़की की उस सतत प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है जो सैद्धांतिक समझ को आगे बढ़ाती है और प्रौद्योगिकी, उद्योग एवं समाज के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखती है।

 प्रधानमंत्री ने देहरादून का दौरा किया और उत्तराखंड में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक की

PM Modi talk to disaster affectex people sdrf and ndrf


प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश से प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की



प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की


प्रधानमंत्री ने हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत व्यापक सहायता की घोषणा की


प्रधानमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की


प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मिले और उनके प्रयासों की सराहना की


केंद्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया


https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2165767


अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम आज विभिन्न जनपदों में आपदा से हुई क्षति का आकलन तथा जायजा लेने के लिए देहरादून से प्रस्थान कर गई है।

चमोली 

Central team reached Dharali and disaster affected places in Uttarakhand

Central team reached Dharali and disaster affected places in Uttarakhand


*थराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए भारत सरकार की अंतरमंत्रालयीय टीम  ने हवाई सर्वे कर किया विस्तृत सर्वेक्षण*


*टीम ने थराली के चेपड़ो,कोटदीप, राडीबगड़ और देवाल के मोपाटा सहित नंदानगर क्षेत्र में हो रहें भू-धसाव का किया हवाई सर्वे* 


*जिलाधिकारी ने पीपीटी  के माध्यम से जनपद में हुयी विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति से टीम को अवगत कराया*


*टीम ने आपदा प्रभावित स्थानीय निवासियों से  बात कर आपदा से हुयी क्षति की जानकारी ली*


आपदा से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्य से भारत सरकार की अंतरमंत्रालयीय टीम सोमवार थराली क्षेत्र के दौरे पर पहुँची। अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने किया साथ ही टीम में विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे, जिसमें सदस्य अनु सचिव शेर बहादुर,अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार शामिल रहें,जिन्होंने हवाई सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण कर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया।टीम ने सबसे पहले थराली के चेपड़ो,कोटडीप, राड़ीबगड़, देवाल के मोपाटा और नंदानगर प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और साथ ही सड़क मार्ग से भी क्षतिग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया।  


इस दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कुलसारी रिलीफ सेंटर में आयोजित बैठक में पीपीटी के माध्यम से आपदा से हुयी विभागवार परिसंपत्तियों की क्षति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चेपड़ो बाजार एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्र में स्थानीय लोगों के आवासों के पीछे हो रहें भूस्खलन के बारे में टीम को विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने कहा कि लगातार वर्षा एवं भूस्खलन से सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल योजनाओं, विद्युत तंत्र तथा कृषि को भारी क्षति पहुँची है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से लगभग 11 सौ 50 करोड़ की विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति का आकलन किया गया है।साथ ही जिलाधिकारी ने विकासखंड ज्योतिर्मठ के पल्ला गाँव में हो रहे भू-धसाव तथा नंदानगर क्षेत्र में लगातार सक्रिय हो रहे भू-धसाव से भी टीम को अवगत कराया।


क्षेत्र भ्रमण के दौरान टीम ने स्थानीय निवासियों बात भी की उन्होंने पाया कि वर्षा एवं भूस्खलन से ग्रामीणों की आवागमन सुविधा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है तथा कई गाँवों का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट गया है। अनेक स्थानों पर मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करना पड़ा है।


टीम ने आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पुनर्वास कार्यों, प्रभावित परिवारों को दी जा रही सहायता, राशन व चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था तथा सड़क मार्गों को शीघ्र खोलने के प्रयासों की जानकारी ली।


अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहें निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है ताकि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सके।टीम द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण, स्थलीय निरीक्षण एवं प्रशासन से हुई विस्तृत चर्चा से प्राप्त जानकारी को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढाँचे की बहाली तथा दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


इस दौरान थराली विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दौलत सिंह बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता रावत,पुलिस अधीक्षक सर्वेश पवार, अपर जिला अधिकारी विवेक प्रकाश,एसडीएम सोहन सिंह रांगण,एसडीएम पंकज भट्ट सहित सभी विभागीय अधिकारी और स्थानीय निवासी उपस्थित रहें।

 आज सुबह राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा 33rMH एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने एक बैठक के दौरान टीम को आपदा से हुई क्षति के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया।


बागेश्वर का भी निरीक्षण 

अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने बागेश्वर के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण


केंद्रीय टीम ने आपदा के दौरान हुए नुकसान का लिया जायज़ा, जल्द भेजेगी विस्तृत रिपोर्ट 


केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) ने सोमवार को जनपद के पौंसारी, बैसानी क्षेत्र तथा जगथाना मोटर मार्ग सहित आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम का उद्देश्य आपदा से हुए जन–धन, आधारभूत संरचना, कृषि एवं स्थानीय आजीविका को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करना तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करना रहा।


टीम के सदस्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हेलीपैड  लगभग 4 बजे पहुँचे, जहाँ से वे सीधे पौंसारी के लिए रवाना हुए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनकी समस्याएँ जानीं तथा राहत–पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे त्वरित राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास के लिए अपनी मांग रखी। 


टीम के नोडल वीरेंद्र कुमार, निदेशक, कृषि मंत्रालय; सुधीर कुमार, अधीक्षण अभियंता, केंद्रीय जल आयोग; शेर बहादुर, अवर सचिव, वित्त मंत्रालय तथा डॉ. शांतनु सरकार, निदेशक, उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर, देहरादून शामिल रहे।


निरीक्षण के दौरान टीम ने सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, विद्युत एवं जल आपूर्ति लाइनों को हुए नुकसान के साथ–साथ कृषि, फसलों, पशुधन और अन्य स्थानीय आजीविका साधनों की क्षति का जायज़ा लिया। उन्होंने आपदा के समय मूलभूत सुविधाओं की बहाली और भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता, अस्थायी आश्रयों एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी ली।


इसके उपरांत अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने जनपद बागेश्वर अन्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आपदा की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्वास योजनाओं की विस्तृत जानकारी टीम को दी। प्रस्तुतीकरण के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा हुए नुकसान की जानकारी के साथ–साथ ड्रोन शॉट्स के माध्यम से अलग–अलग स्थलों पर हुई क्षति की तस्वीरें और दृश्यावलोकन भी टीम के समक्ष प्रस्तुत किए गए। 


टीम ने आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं का विस्तृत प्रतिवेदन शीघ्र केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास एवं विकास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा सके।


*उत्तराखण्ड ने केंद्र सरकार को सौंपा 5702.15 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का प्रस्ताव*



*प्रमुख सचिव आरके सुधांशु तथा सचिव आपदा प्रबंधन  विनोद कुमार सुमन ने एनडीएमए के सदस्य एवं विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह एवं एनडीएमए के सचिव  मनीष भारद्वाज को दिया ज्ञापन*

more than 5 thousand crore package demand by central govt



देहरादून। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति तथा भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव, मा0 मुख्यमंत्री श्री आरके सुधांशु तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं विभागाध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह तथा एनडीएमए के सचिव श्री मनीष भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा। 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभागाध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह तथा सचिव श्री मनीष भारद्वाज ने उत्तराखण्ड को हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया है। श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ने इस वर्ष मानसून सीजन में धराली, थराली जैसी भयावह आपदाओं का सामना किया है। राज्य को व्यापक क्षति हुई है, इसमें कोई दोराय नहीं। संकट की इस घड़ी में भारत सरकार राज्य के साथ खड़ी है और एनडीएमए के स्तर पर हर संभव आर्थिक सहयोग राज्य को प्रदान किया जाएगा ताकि आपदा प्रभावितों को हर स्तर पर मदद मिल सके, राज्य जल्द सामान्य स्थिति की ओर अग्रसर हो तथा आपदाओं के प्रभावों को कम करने की दिशा में दीर्घकालिक समाधान किए जा सकें। 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग तथा सार्वजनिक सड़कों को लगभग रू0 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को रू0 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को रू0 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास को 04 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 तथा अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ तथा इस प्रकार सभी राजकीय विभागों को कुल लगभग रू0 1944.15 करोड़ की सीधे तौर पर क्षति हुई है। 

इन परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्प्राप्ति में उपरोक्त धनराशि रू0 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने तथा अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र तथा अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, को स्थिर करने के लिये रू0 3758.00 करोड़ की सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2025 में हुई आपदा से क्षति के लिये उत्तराखण्ड राज्य को कुल रू0 5702.15 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है, ताकि इस धनराशि से आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत/पुनर्प्राप्ति/पुनर्निर्माण कराया जा सके तथा आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली अवस्थापना संरचनाओं/सार्वजनिक परिसम्पत्तियों/ मार्गों/आबादी वाले क्षेत्रों की सुरक्षा आदि हेतु कार्य कराया जा सके तथा उत्तराखण्ड को आपदा के प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सके तथा बहुत बड़ी क्षति से बचा जा सके। 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2025 में 01 अप्रैल, 2025 से 31 अगस्त, 2025 के मध्य कुल 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल हुए हैं तथा 90 लोग लापता हैं। कुल 3953 छोटे तथा बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। कुल 238 पक्के भवन ध्वस्त हुए हैं, 02 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त बहुत बड़ी मात्रा में व्यवसायिक भवन, दुकानें/होटल/होमस्टे, रेस्टोरेंट तथा अन्य संरचनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं।  



*केंद्र से मिल रहा है भरपूर सहयोग- मुख्यमंत्री*


देहरादून। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी लगातार राज्य के साथ खड़े रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब तक हर संभव सहयोग प्रदान किया है, जिसके परिणामस्वरूप राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति मिली है। मा0 प्रधानमंत्री जी ने राज्य को आपदाओं से हुई क्षति के संबंध में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। प्राप्त निर्देशों के क्रम में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को गति देने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार से विशेष सहयोग का अनुरोध किया है। हमने आग्रह किया है कि आपदा से हुई भारी क्षति की भरपाई हेतु राज्य को एक विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके, क्षतिग्रस्त अवसंरचना का शीघ्र पुनर्निर्माण हो सके तथा आजीविका के साधनों को पुनर्स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी साझा प्रतिबद्धता ही उत्तराखंड को शीघ्र सामान्य स्थिति में लौटाने और आपदा प्रभावितों के जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होगी।



*सीएस आनंद बर्द्धन के निर्देशन में तैयार हुआ ज्ञापन*


देहरादून। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में यह ज्ञापन तैयार किया गया है। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर एनडीएमए एवं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क स्थापित करते हुए उत्तराखण्ड में आपदा से हुई क्षति से अवगत कराया। पिछले दिनों नई दिल्ली में उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय में उच्च अधिकारीगणों से भेंट कर विशेष आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने कहा कि भारत सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार के स्तर से एक विस्तृत ज्ञापन तैयार कर भारत सरकार को सौंप दिया गया है। 




*एनडीएमए के साथ वार्ता सकारात्मक- आरके सुधांशु*


देहरादून। प्रमुख सचिव मा0 मुख्यमंत्री श्री आर.के. सुधांशु ने बताया कि एनडीएमए के अधिकारीगणों के साथ हुई वार्ता अत्यंत सार्थक एवं सकारात्मक रही। बैठक में राज्य सरकार द्वारा आपदा से हुई क्षति के संबंध में प्रस्तुत विस्तृत ज्ञापन पर गहन विचार-विमर्श किया गया। ज्ञापन में प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, अवसंरचना को हुई क्षति, आपदा राहत एवं पुनर्वास के लिए आवश्यक आर्थिक सहयोग तथा भविष्य की पुनर्निर्माण आवश्यकताओं से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। एनडीएमए के अधिकारीगणों ने ज्ञापन में उल्लिखित तथ्यों और मांगों को पूर्णतः उचित ठहराते हुए अपनी सहमति प्रदान की है तथा यह आश्वासन दिया है कि राज्य को हर संभव आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। 


*08 सितंबर को आएगी केंद्रीय टीम-सुमन*


देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक 08 सितम्बर 2025 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम उत्तराखण्ड के दौरे पर आ रही है। यह टीम राज्य में वर्ष 2025 के दौरान आई आपदाओं से हुई क्षति का स्थलीय आकलन करेगी। इस टीम का नेतृत्व श्री आर. प्रसना, संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय करेंगे। टीम के साथ अन्य छह सदस्य भी रहेंगे जिनमें उप निदेशक महेश कुमार, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह तथा सुश्री आर. कृष्णा कुमारी शामिल हैं। अंतर-मंत्रालयी टीम आपदा प्रभावित जनपदों का दौरा करेगी और वहां की स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करेगी। इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं ताकि टीम को प्रभावित क्षेत्रों की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा सुचारू रूप से हो सके।

आज़ादी का अमृत महोत्स

 नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक की सिफ़ारिशें

GST council meeting, changes


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से घोषित अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार, एक ऐतिहासिक कर ढाँचे के रणनीतिक, सैद्धांतिक और नागरिक-केंद्रित विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा।


जीएसटी परिषद ने सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और छोटे व्यापारियों व व्यवसायियों सहित सभी के लिए व्यापार में आसानी सुनिश्चित करने पर बहु-क्षेत्रीय और बहु-विषयक फ़ोकस वाले सुधारों को मंज़ूरी दी है।


जीएसटी परिषद ने आम आदमी, श्रम-प्रधान उद्योगों, किसानों और कृषि, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दरों को युक्तिसंगत बनाने को मंज़ूरी दी।


सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों, चाहे वे टर्म लाइफ़, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसियाँ हों, और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी से छूट, ताकि आम आदमी के लिए बीमा को वहनीय बनाया जा सके और देश में बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके।


सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों (फैमिली फ्लोटर पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पॉलिसियों सहित) और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी से छूट, ताकि आम आदमी के लिए बीमा को वहनीय बनाया जा सके और देश में बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके।


वर्तमान 4-स्तरीय कर दर संरचना को नागरिक-अनुकूल 'सरल कर' में युक्तिसंगत बनाना - 18% की मानक दर और 5% की योग्यता दर वाली 2 दर संरचना; कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर 40% की विशेष अवगुण दर


आम आदमी की कई वस्तुओं, जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर, अन्य घरेलू सामान आदि पर जीएसटी 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पहले से पैक और लेबल वाले छेना या पनीर पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है; सभी भारतीय रोटियों (चपाती, पराठा, परोटा, आदि) पर जीएसटी दर शून्य होगी।


पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, संरक्षित मांस, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी आदि जैसे लगभग सभी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर 12% या 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।


एयर कंडीशनिंग मशीनों, 32 इंच के टीवी (सभी टीवी पर अब 18% कर), डिशवॉशिंग मशीनों, छोटी कारों, 350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है।


कृषि वस्तुओं, जैसे ट्रैक्टर, मिट्टी तैयार करने या खेती के लिए कृषि, बागवानी या वानिकी मशीनरी, कटाई या थ्रेसिंग मशीनरी, जिसमें पुआल या चारा बेलर, घास काटने की मशीन, कम्पोस्ट मशीन आदि शामिल हैं, पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।


जीएसटी दर में कमी हस्तशिल्प, संगमरमर और ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक और मध्यवर्ती चमड़े के सामान जैसी श्रम-गहन वस्तुओं पर 12% से 5% तक जीएसटी।


सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया।


33 जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया। कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 5% से घटाकर शून्य कर दिया गया।


अन्य सभी दवाओं और औषधियों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया।


चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा या पशु चिकित्सा या भौतिक या रासायनिक विश्लेषण के लिए इस्तेमाल होने वाले विभिन्न चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया।


विभिन्न चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति उपकरणों जैसे वैडिंग गॉज, पट्टियाँ, डायग्नोस्टिक किट और अभिकर्मक, रक्त शर्करा निगरानी प्रणाली (ग्लूकोमीटर), चिकित्सा उपकरणों आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


350 सीसी या उससे कम क्षमता वाली छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।


बसों, ट्रकों, एम्बुलेंस आदि पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।


सभी ऑटो पार्ट्स पर, चाहे उनका एचएस कोड कुछ भी हो, 18% की एक समान दर; तिपहिया वाहनों पर 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।


मानव निर्मित कपड़ा क्षेत्र के लिए लंबे समय से लंबित उलटे शुल्क ढांचे में सुधार किया गया है, जिसमें मानव निर्मित रेशे पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% और मानव निर्मित धागे पर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


उर्वरक क्षेत्र में सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और उनके निर्माण हेतु पुर्जों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया


7,500 रुपये प्रति यूनिट प्रतिदिन या उसके समतुल्य मूल्य वाली "होटल आवास" सेवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया


आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली सौंदर्य और शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि सेवाएँ शामिल हैं, पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया


जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई। जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के साथ-साथ जीएसटी कर दरों में बदलाव, व्यक्तियों, आम आदमी, आकांक्षी मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने और जीएसटी में व्यापार को सुगम बनाने के उपायों से संबंधित सिफारिशें कीं। शंकाओं के समाधान के लिए FAQ भी जारी किए जा रहे हैं। 
















 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत देश के 09 करोड़ 71 लाख से अधिक किसानों के खातों में कुल 20 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। 


More than 09 crore money DBT to Uttarakhand farmers under Kisan samman nidhi


इसके तहत उत्तराखण्ड के 08 लाख 28 हजार 787 लाभार्थी किसान परिवारों को 184.25 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की गई।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीकैंट, देहरादून से इस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने तथा उनके जीवन स्तर को उठाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। योजना की 20वीं किस्त जारी किए जाने के साथ ही उत्तराखंड के किसानों को करीब 3300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों के कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, फसल रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा कवच भी प्रदान किया जा रहा है। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ योजना के द्वारा खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि उपकरण खरीदने के लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान भी किया गया है। गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान करने के साथ ही गन्ने के मूल्य में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, ‘स्टेट मिलेट मिशन’ और ‘ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया गया है। इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को रोजगार देने में भी प्रदेश अग्रणी बनकर उभरा है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी लाई गई। उत्तराखण्ड  देश का सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने वाला राज्य बना। राज्य में प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू करने के बाद लगभग 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगारोधी कानूनों को लागू किया गया है। प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया है। राज्य में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया गया है, जिसके माध्यम से पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।


कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2023-24 में “मिलेट सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदेश“ का पुरस्कार हैदराबाद में आयोजित इंटरनेशनल न्यूट्री-सीरियल कन्वेंशन में प्रदान किया गया। मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता योजना तथा जैविक कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य को भारत सरकार से राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल के ग्राम सुनकिया के कृषक हर्ष सिंह डंगवाल को “जैविक इंडिया अवार्ड” मिला, जबकि उत्तरकाशी को लाल धान के लिए “एक जिला-एक उत्पाद” में द्वितीय स्थान और हरिद्वार व टिहरी जनपद को पीएम फसल बीमा योजना में क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।


इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, श्री बृज भूषण गैरोला, पूर्व सांसद श्री बलराज पासी, सचिव श्री एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि श्री रणवीर सिंह चौहान एवं प्रदेशभर से आए किसान उपस्थित थे।

  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा सबसे लम्बा कार्यकाल पूर्ण करने पर प्रदेशवासियों की ओर से शुभकामनाएं दी हैं।

Narendra Modi become second most long period पम


 मुख्यमंत्री ने कहा श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व में भारत की अलग पहचान स्थापित हो रही है। उनके नेतृत्व में अंत्योदय के सिद्धांत पर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने का काम हुआ है। 


मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, भारत को पुनः विश्व गुरु के रुप में स्थापित करने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को नए भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि भारत हर क्षेत्र में नवाचार के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। साइंस एवं टेक्नोलॉजी, इनोवेशन के क्षेत्र में अनेक कार्य हो रहे हैं और कई नये ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को देश और दुनिया के सामने रखा है। प्रत्येक भारतवासी के लिए सौभाग्य की बात है कि उनका नेतृत्व हम सभी को प्रदान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने भगवान बद्री विशाल और बाबा केदार से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की है।

 *प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए- मुख्यमंत्री* 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों  का सुरक्षा ऑडिट किया जाए। जर्जर एवं असुरक्षित स्कूल भवनों में बच्चों को किसी भी स्थिति में न बैठाया जाए। बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जहां भी स्कूल भवन मरम्मत योग्य हो, वहां शीघ्र मरम्मत कराया जाए और जहां पुनर्निर्माण की आवश्यकता हो, वहां उसकी कार्य योजना बनाकर तत्परता से क्रियान्वयन किया जाए।


प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनका आवश्यकतानुसार मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलों की स्थिति पर नियमित निगरानी रखी जाए और कहीं भी जर्जर पुलों के कारण कोई जनहानि न हो। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रियुगीनारायण और राज्य के अन्य स्थल जो वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जा रहे हैं, उनकी कार्यवाही में तेजी लाई जाय। यह राज्य के पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन स्थलों के विकास में गुणवत्ता, सुविधा और सांस्कृतिक गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन भी किया जाए ताकि उत्तराखंड में एक प्रभावी और आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन नीति विकसित की जा सके।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित किये जाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी सशक्त करेगी। संबंधित विभागों को इस दिशा में आपसी समन्वय के साथ ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करने के उन्होंने निर्देश दिए हैं।


बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, आईजी श्री के.एस.नगन्याल, अपर सचिव श्री बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

 भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने इस्टोफ दिया। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से उन्होने अपने पद से  त्यागपत्र दे दिया।

resignation of vice president jagdeep dhankhad

vice president dhankhad resigned


 मुख्यमंत्री ने की केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल से भेंट*


*राज्य की 5 जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन का किया अनुरोध* 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देर सांय नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल से भेंट की। 

om birla, CM Dhami and central



मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से उत्तराखण्ड़ के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिये मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में विशेषज्ञ समिति द्वारा संस्तुति की गई  राज्य की 21 जल विद्युत परियोजनाओं में 5 जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को सकारात्मक कार्यवाही के प्रति आश्वस्त किया ।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला से की शिष्टाचार भेंट


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला  से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री बिड़ला को उत्तराखंड के चारधाम का प्रसाद भेंट किया और देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए राज्य के विभिन्न स्थानीय उत्पाद भी उन्हें भेंट किए ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य चारधाम, प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उन्होंने लोकसभा 7a6अध्यक्ष को राज्य में चल रहे विकास कार्यों, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन, सड़क संपर्क, स्वास्थ्य, और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी।

 नई दिल्ली:

CM Dhami and PM Modi



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री जी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं।  मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार ( धारचूला) का घी , लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।


मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। 


मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को  सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया। 


मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत,  पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड रूपए की वित्तीय सहायता दिये  जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोङने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोङा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरूङ, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोङा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया। 


मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।


प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। 


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

 कुछ किताबें केवल पढ़ी नहीं जातीं बल्कि वे अनुभव की तरह दिल में उतरती हैं। ‘The Emergency Diaries: Years that Forged a Leader’ ऐसी ही एक कृति है। यह उन सालों की साक्षी है जब बोलना गुनाह था और चुप रह जाना आत्मसमर्पण।

The Emergency Diaries: Years that Forged a Leader’


इन पन्नों में एक ऐसे व्यक्तित्व की छाया मिलती है, जिन्होंने उस सन्नाटे में भी अपने विचारों की मशाल जलाए रखी। संघर्ष की आंच में तपकर जो नेतृत्व आज विश्वमंच पर भारत की आवाज़ बन चुका है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की जीवनयात्रा का यह अध्याय पढ़ते हुए मन गर्व से भर उठता है।


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*दंत चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्ता और मानकीकरण पर बीआईएस का सशक्त संवाद

- बीआईएस ने रुड़की में मानक मंथन एवं उद्योग संवेदनशीलता कार्यक्रम किया आयोजन

- ⁠मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्रीमती कल्पना सैनी ने बीआईएस के प्रयासों की सराहना की 

रुड़की : 



भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून शाखा द्वारा दिनांक 25 जून 2025 को होटल दीप रेज़ीडेंसी, रूड़की में "मानक मंथन एवं उद्योग संवेदनशीलता कार्यक्रम" का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य दंत चिकित्सा उपकरणों से संबंधित अधिसूचित भारतीय मानकों — IS 19051:2025, IS 18951:2025 एवं IS 18101:2023 — तथा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की जानकारी उद्योग को प्रदान करना था।


मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्रीमती कल्पना सैनी ने बीआईएस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गुणवत्ता और सुरक्षा एक सशक्त राष्ट्र की नींव हैं। उन्होंने सभी उद्यमियों से बीआईएस मानकों को अपनाने एवं “मेक इन इंडिया” अभियान को मजबूती देने का आह्वान किया।


कार्यक्रम में श्री शोभराम प्रजापति, राज्य मंत्री (माटी कला बोर्ड, उत्तराखंड) एवं श्री भरत भूषण, अध्यक्ष (रुड़की स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़) ने भी सहभागिता की और एमएसएमई को बीआईएस प्रमाणन से होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला।


बीआईएस देहरादून के निदेशक एवं प्रमुख श्री सौरभ तिवारी ने सभी अतिथियों के स्वागत संबोधन करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया कि दंत चिकित्सा उपकरणों में मानकों का अनुपालन रोगी-सुरक्षा, जैव-संगतता और वैश्विक गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।  इसके अतिरिक उन्होंने जीवन रक्षक उपकरण,उन्नत निदान उपकरण,सहायक प्रौद्योगिकी के बारे में भी चर्चा की और सरल, डिजिटल और उद्योग-अनुकूल प्रमाणन प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी।


कार्यक्रम में 60 से अधिक दंत उपकरण निर्माता, आपूर्तिकर्ता, एवं शैक्षणिक/सरकारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने बीआईएस विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष संवाद कर तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त किया।

 देहरादून:



*Prevention is better than cure (इलाज से बेहतर रोकथाम है।) - की भावना को साकार करता है योग

योग भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण है

उत्तराखंड  भारत के योग, चेतना और विरासत का केंद्र

president Murmu inaugurated  yoga festival


महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ करते हुए योग को भारत की चेतना और विरासत का केंद्र कहा तथा इसे भारत की सॉफ्ट पावर का भी सशक्त उदाहरण बताया।


महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि योग एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय से तथा एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम करता है।  दुनिया भर के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। 


उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति स्वस्थ रहता है; तो परिवार स्वस्थ रहता है।  और जब परिवार स्वस्थ रहता है;  तो देश स्वस्थ रहता है। 


उन्होंने सभी को योग को जीवन जीने का माध्यम बनाने की प्रेरणा दी तथा सभी संस्थाओं से अपील की कि योग को जनसुलभ बनाया जाए।


*योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है;  जिसने संपूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य किया है।– राज्यपाल*


राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है जिसने संपूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य किया है। प्रसन्नता की बात है कि आज यह दिवस न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए स्वास्थ्य, शांति और समरसता का प्रतीक बन चुका है।


राज्यपाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने की प्रक्रिया है। यह  आत्मानुशासन, संयम, और मानसिक शांति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज योग एक वैश्विक अभियान बन चुका है, और यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि दुनिया भारत की इस विरासत को स्वीकार करके और अपनाकर लाभान्वित हो रही है।


उन्होंने कहा कि इस वर्ष *अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग।”*  भारत की सनातन सोच ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ की वैश्विक अभिव्यक्ति है जो हमें याद दिलाता है कि हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य, हमारी प्रकृति, हमारा पर्यावरण और हमारी सामाजिक संरचना - सभी परस्पर गहराई से गूंथे हुए हैं।


राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसी आध्यात्मिक और प्राकृतिक भूमि पर योग का अभ्यास विशेष महत्व रखता है। उन्होंने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें।


इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से उत्तराखंड द्वारा तैयार की गई भारत की पहली *योग नीति- 2025* की विशेषताएं और लक्ष्य बताए।


कहा कि यह नीति भारत का पहला योग उद्यमिता और अनुसंधान हब बनाएगी। 


इसमें योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना हेतु अधिकतम 20 लाख रुपए तक का पूंजीगत अनुदान है।


 योग अनुसंधान कार्यों हेतु 10 लाख रुपए तक का शोध अनुदान।


मौजूद संस्थानों में योग को बढ़ावा देने के लिए योग अनुसंधान एवं पारिश्रमिक प्रतिपूर्ति की व्यवस्था।


 योग शिक्षकों के प्रमाणन हेतु योग सर्टिफिकेशन बोर्ड के माध्यम से प्राप्त प्रमाणन को प्राथमिकता।


 तथा


 योग निदेशालय की स्थापना को भी इसकी कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है। 


कैबिनेट मंत्री ने *उत्तराखंड की योग नीति 2025 के लक्ष्य* बताते हुए कहा कि - 


वर्ष 2030 तक उत्तराखंड में कम - से - कम-पांच नए *योग हब्स* की स्थापना।


 मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर्स में योग सेवाओं की उपलब्धता।


 समुदाय आधारित माइंडफूलनेस कार्यक्रम की शुरुआत जो विभिन्न आयु, लिंग और वर्ग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किए जाएंगे।


 योग संस्थाओं का शत - प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।


 एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा।


 तथा


 मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी विकसित करने का भी इसमें लक्ष्य रखा गया है।


उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह योग्य नीति राज्य के पारंपरिक ज्ञान, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक धरोहर को समसामयिक अवसरों से जोड़ने का माध्यम बनेगी।

 

एनआईईपीवीडी में विज्ञान व गणित कक्षाओं की शुरुआत सरहानीय : केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार 

देहरादून : 

president murnu  celebrated bday with NIEEPVD students



राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन दिनों तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंची हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। 


अपने 67वें जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान ( एनआईईपीवीडी) में आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की। 


इस अवसर पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत बधाई गीत ने सभी का मन मोह लिया और गीत को सुनकर खुद राष्ट्रपति भी भावुक हो उठीं। 


इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा देशभर में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और बताया कि देश में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए 9 राष्ट्रीय संस्थान कार्यरत हैं। उन्होंने एनआईईपीवीडी में विज्ञान व गणित कक्षाओं की शुरुआत को सराहा और बताया कि यहां से पढ़े तीन छात्र आईएएस बने हैं। 

उन्होंने कहा यह समारोह दिव्यांग बच्चों के हौसले और प्रतिभा को सलाम करने का प्रेरणादायक क्षण बना।

 

  गृह मंत्री अमित शाह  शाम को  अहमदाबाद,गुजरात पंहुचे। वहां उन्होंने विमान हादसे में घायल मरीजों का हाल जाना। एकमात्र बचे हुए यात्री रमेश कुमार विश्वास से मिले और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गृह मंत्री ने प्रेसवार्ता मे मुख्य बिंदु रखे।

home minister meet to victims of plane crash


गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु :

एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 की दुर्भाग्पूर्ण घटना से पूरा देश स्तब्ध है, सभी देशवासी इस हादसे में हताहत यात्रियों के परिजनों के साथ खड़े हैं

भारत सरकार, गुजरात सरकार और प्रधानमंत्री जी की ओर से सभी हताहतों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ

भारत सरकार और गुजरात सरकार मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटी है

इस हादसे में बचने वाले घायल यात्री से हॉस्पिटल में मिला

मृतकों की आधिकारिक संख्या डीएनए परीक्षण के पश्चात ही अधिकारिक रूप से घोषित की जाएगी।

घटना के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, पुलिस विभाग, और भारत सरकार की CAPF इकाइयों को भी शामिल करते हुए आपदा प्रबंधन की सभी इकाइयों को अलर्ट कर दिया और सभी मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए।

घटनास्थल के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया।

जिन यात्रियों के परिजन घटनास्थल पर पहुँच चुके हैं, उनके डीएनए नमूने लेने की प्रक्रिया भी अगले 2-3 घंटों में पूरी हो जाएगी। जिनके परिजन विदेश में हैं, उन्हें सूचना दी जा चुकी है और उनके पहुँचते ही उनके डीएनए नमूने लिए जाएंगे।

गुजरात की FSL (Forensic Science Laboratory) और NFSU (National Forensic Sciences University) मिलकर कम से कम समय में डीएनए परीक्षण पूर्ण करेंगी और उसके बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे।

परिजनों के रहने, मानसिक सांत्वना और जिन लोगों को मानसिक ट्रॉमा हुआ है, उनके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ कर दी गई हैं।

Aviation Department ने तीव्र गति से अपनी जांच प्रारंभ कर दी है


"जनजीवन में सकारात्मक बदलाव लाना सिविल सेवकों का मूल उद्देश्य होना चाहिए" – लोकसभा अध्यक्ष


"सिविल सेवकों को करुणा, निष्पक्षता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ समाज के कल्याण में योगदान देना चाहिए"


"भारत ने सहयोग और जनभागीदारी पर आधारित एक सशक्त लोकतांत्रिक-प्रशासनिक प्रणाली का निर्माण किया है" – लोकसभा अध्यक्ष

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"एलबीएसएनएए, मसूरी लोकतांत्रिक मूल्यों, सादगी और ईमानदारी का प्रतीक है" – लोकसभा अध्यक्ष


लोकसभा अध्यक्ष ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 127वें इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को किया संबोधित


मसूरी , 12 जून 2025:

Lok sabha chairman  at LBSNAA mussorie


लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि जनजीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही सिविल सेवकों का मार्गदर्शक उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे शासन में नवाचार और पारदर्शिता को प्रभावी उपकरण के रूप में अपनाएं, ताकि समाज की बेहतरी सुनिश्चित हो सके और आमजन की अपेक्षाओं की पूर्ति की जा सके।


लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी में 127वें इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने कहा कि विशेषकर वंचित और हाशिए पर खड़े लोग प्रशासन से आशा रखते हैं और अधिकारियों का दायित्व है कि वे करुणा, निष्पक्षता और कर्तव्यबोध के साथ उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरें।


श्री बिरला ने एलबीएसएनएए को लोकतांत्रिक मूल्यों, सादगी और ईमानदारी का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह संस्था राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को "कर्मयोगी" संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे देश की प्रगति और जनकल्याण के लिए सक्रिय और संवेदनशील भूमिका निभाएं।


लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभों में कार्यपालिका की भूमिका बेहद अहम है। नीतियों के निर्माण के बाद उन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन, सादगी और विचार आज भी लोकसेवकों को प्रेरित करते हैं।


भारत की विविधता का उल्लेख करते हुए – भाषाई, सांस्कृतिक, भौगोलिक और सामाजिक – उन्होंने कहा कि देश ने इन विविधताओं के बावजूद सामूहिक भागीदारी पर आधारित एक मजबूत लोकतांत्रिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था विकसित की है, जो विश्व भर में एक उदाहरण है।


उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों का दायित्व केवल नीतियों का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि समाज के सबसे कमजोर तबकों के जीवन में ठोस और सकारात्मक बदलाव लाना भी है। एक संवेदनशील और सहानुभूति से परिपूर्ण अधिकारी समाज की मानसिकता, व्यवहार और स्थानीय प्रशासन में गहरा परिवर्तन ला सकता है।


उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं को केवल योजनाओं के क्रियान्वयनकर्ता न समझें, बल्कि वे समाज में बदलाव लाने वाले प्रतिनिधि बनें, जो विशेषकर आपदा या संकट की घड़ी में जनता की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय और सेवा की भावना से प्रेरित कार्य करने वाले अधिकारी जनता के हृदय में बस जाते हैं और उनका सम्मान वर्षों तक बना रहता है।


श्री बिरला ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे जनसामान्य ने कई बार ऐसे अधिकारियों का समर्थन किया, जिनके तबादले राजनीतिक दबाव में किए गए थे। उन्होंने कहा कि हर छोटे-बड़े कार्य में आमजन की मदद करना, एक-एक आंसू पोंछना, लोक सेवा को सार्थकता प्रदान करता है। यदि प्रशासनिक कार्य ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ हो, तो नागरिकों को अपने जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत लेकर जाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।


उन्होंने सतत सीखने और प्रशिक्षण की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि बदलती तकनीकों, सामाजिक अपेक्षाओं और वैश्विक परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निरंतर आत्ममंथन और उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान अनुभवों का आदान-प्रदान, प्रशासनिक सोच को समृद्ध करता है और नई कार्यप्रणालियों को जन्म देता है।


अंत में श्री बिरला ने कहा कि एक सच्चा लोकसेवक वही है, जिसकी सेवा का भाव हर नागरिक को यह महसूस कराए कि वह सुना और समझा गया है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे हर समस्या को व्यक्तिगत दायित्व मानते हुए समाधान सुनिश्चित करें और न्याय के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाएं।


उन्होंने यह भी जोड़ा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में है।

 अहमदाबाद:

air India plane crash in Ahmedabad  that was going to london with 242 travellers


एक बहुत ही दु:खद खबर सामने आ रही है अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा हो गया है अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास यह विमान हादसा हुआ है, जिसमें एयर इंडिया का विमान जो कि लंदन जा रहा था वह रिहायशी इलाके में क्रेश हो गया है .जिसमें लगभग 242 यात्री सवार थे.कुल मिलाकर 250 से अधिक व्यक्ति इसमें सवार थे।105 की अब तक मृत्यु की।पुष्टि। पीएम मोदी ले रहै है खबर।

 जिसमें की दो पायलट और 10 क्रू मेंबर्स भी शामिल थे । मेघानी नगर में यात्री विमान  टेक ऑफ के समय क्रैश हुआ है।


 एयर इंडिया का बोइंग विमान-787 क्रैश हो गया है, एनडीआरएफ मौके पर पंहुच चुका है,  लगभग 1 बजाकर 39 मिनट पर  पायलट ने यह सूचना दी थी कि विमान  के इंजन में कुछ गड़बड़ी है और लगभग 1:50 पर या हादसा हो गया।पूर्व  सीएम विजय रुपाणी भी इस फ्लाइट मे सवार थे।

रेस्क्यू अभियान जारी है।जिस बिल्डिंग पर यह विमान गिरा है वह बिल्डिंग की जलकर खाक हो गई है।

 तेजी से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को बचाया जा सके जो जिस भी अवस्था में घायलों को अस्पताल पहुंच कर उनकी जान बचाई जा सके। पीएमओ ने विमान हादसे पर सूचना मांगी है। गृहमंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। 

 *उत्तराखंड में यूसीसी में चार माह में  डेढ लाख से अधिक आवेदन मिले : सीएम धामी*

*राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं*

*यूसीसी लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए सीएम धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया*

*मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में लागू यूसीसी पर प्रस्तुतिकरण दिया*

CM Dhami in minister counselling meeting



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में लागू समान नागरिक संहिता पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि यूसीसी लागू करने के लिए मजबूत सिस्टम का निर्माण किया गया है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के लिए एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। साथ ही ग्राम स्तर पर 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) को इससे जोड़ा गया है। 


मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए ऑटो एस्केलेशन और ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। व्यापक डिजिटल और भौतिक नेटवर्किंग के परिणामस्वरूप केवल चार माह की अवधि में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत राज्यभर से लगभग डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के लगभग 98 प्रतिशत गाँवो से आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं, जो ये दर्शाता है कि यूसीसी को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने यूसीसी के सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने दृष्टिपत्र के माध्यम से राज्य की जनता को ये वचन दिया था कि यदि जनादेश मिला, तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। चुनावों में विजय के पश्चात पहले दिन से ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए अपना कार्य प्रारंभ कर दिया। यूसीसी के बिल का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई जी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति द्वारा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में व्यापक जन-परामर्श किया गया।

जिसके माध्यम से समिति को लगभग 2 लाख 32 हजार सुझाव प्राप्त हुए। समिति ने न केवल आम नागरिकों से परामर्श किया, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वैधानिक आयोगों के प्रमुखों से भी बातचीत की।


राज्य सरकार ने 7 फरवरी, 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक को राज्य विधानसभा में पारित कर मा. राष्ट्रपति महोदया को भेजा। मा. राष्ट्रपति महोदया ने 11 मार्च, 2024 को इस ऐतिहासिक विधेयक को अपनी स्वीकृति प्रदान की। आवश्यक नियमावली एवं प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए, 27 जनवरी, 2025 को पूरे उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया। इस प्रकार उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जिसने संविधान के अनुच्छेद 44 की भावना को मूर्त रूप देते हुए समान नागरिक संहिता को व्यवहारिक धरातल पर लागू किया।


मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अन्तर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को खत्म करने का एक संविधानिक उपाय है।


इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सकेगा।इसके द्वारा अब हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा सकेगी।


संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे कि उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।


समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने भी की थी और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसे सम्मिलित किया था।


यूसीसी के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है। यूसीसी के अंतर्गत सभी धर्मों के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक और उत्तराधिकार से संबंधित मामलों में एक समान विधिक प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अब पति-पत्नी को विवाह विच्छेद के लिए निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा तथा बहुविवाह की प्रथा पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है।



इन कानूनों के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही, संपत्ति के अधिकार में बच्चों में किसी भी प्रकार का भेद नहीं किया गया है, अर्थात प्राकृतिक संबंधों के आधार पर, सहायक विधियों द्वारा या लिव इन संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा। यूसीसी के अंतर्गत बच्चों की संपत्ति में माता-पिता को भी अधिकार प्रदान किया गया है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार प्राप्त हो।


वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए,  युवा पीढ़ी विशेष रूप से युवक-युवतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें संभावित सामाजिक जटिलताओं एवं अपराधों से बचाने के उद्देश्य से इसमें लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी। यूसीसी के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण की भांति विवाह और विवाह-विच्छेद दोनों का पंजीकरण भी किया जा सकेगा। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन हेतु एक प्रभावी एवं स्पष्ट नियमावली को भी लागू कर दिया है।

 

- *मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित*

- ⁠*उत्तराखंड में राजनैतिक दलों के साथ 85 सहित देशभर में 4719 बैठक संपन्न*

chief election commission officer  India

भारत निर्वाचन आयोग ने देश में मतदान प्रकिर्या में सरल एवं सुगमता के दृष्टिगत बीते कुछ समय में अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए हाल में विभिन्न प्रावधानों में जरूरी बदलाव किए हैं।


उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित कर दी गई है। ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे। मतदाता सूची अपडेशन के लिए, मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे आरजीआई डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटर इनफार्मेशन स्लिप को अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जाएगा। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी


*उत्तराखंड समेत देशभर में राजनैतिक दलों के साथ बैठक*


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की देश के मान्यता प्राप्त दलों के साथ उत्तराखंड में सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और  ईआरओ स्तर पर 70 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देशभर में मान्यता प्राप्त दलों  के साथ 4719 बैठकें आयोजित की गईं जिसमें राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया 


निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश के राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ आयोजित की गई। जिसमें आम आदमी पार्टी, भारतीय जानता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई (एम) और एनपीपी शामिल हैं। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम ने बताया कि आयोग द्वारा नए एकीकृत डैशबोर्ड - ईसीआईनेट की शुरूआत की गई है। जिसका उद्देश्य सभी हितधारकों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएँ प्रदान करना है इसके ज़रिए 40 से अधिक ऐप/वेबसाइटों को एक ऐप के माध्यम से संचालित किया है।

 उन्होंने बताया कि आयोग ने डुप्लिकेट वोटर आइडी कार्ड की समस्या का समाधान किया है। जिसके तहत विशिष्ट इपिक नंबर के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। 


 मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया में 28 हितधारकों की पहचान की गई है, जिसमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और अन्य शामिल हैं, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर आधारित हैं। इनमें से प्रत्येक हितधारक के लिए आयोग के अधिनियमों, नियमों और निर्देशों के आधार पर ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार की जा रही हैं।



सांसद हरिद्वार और पूर्व सीएम उत्तराखंड श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संसदीय समिति के अपने चार दिवसीय अध्ययन दौरे के दौरान आंध्र प्रदेश में चेन्नई, श्रीहरिकोटा और तिरुपति का भ्रमण किया। 

MP Trivendra  singh Rawat at   shri Harikota


उन्होंने वहां विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरणीय, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय प्रगति और चुनौतियों का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया। इस दौरान उन्हें श्रीहरिकोटा में PSLV C-61/EOS-09 के प्रक्षेपण का प्रत्यक्ष अवलोकन का भी किया।

 उन्होंने इस दौरान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) और अंतरिक्ष विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3, आदित्य L1 जैसे मिशनों की सफल लॉन्चिंग और गगनयान की तैयारी भारत को आत्मनिर्भर और अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। 


इस अध्ययन दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि विज्ञान, पर्यावरण और CSR के क्षेत्र में सहयोग, नीति और अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण संवाद और जमीनी निरीक्षण का अवसर प्रदान करता है, जिससे नीति निर्धारण में ठोस तथ्य आधारित सुझाव देने में सहायता मिलेगी।

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