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सांसद हरिद्वार और पूर्व सीएम उत्तराखंड श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संसदीय समिति के अपने चार दिवसीय अध्ययन दौरे के दौरान आंध्र प्रदेश में चेन्नई, श्रीहरिकोटा और तिरुपति का भ्रमण किया। 

MP Trivendra  singh Rawat at   shri Harikota


उन्होंने वहां विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरणीय, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय प्रगति और चुनौतियों का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया। इस दौरान उन्हें श्रीहरिकोटा में PSLV C-61/EOS-09 के प्रक्षेपण का प्रत्यक्ष अवलोकन का भी किया।

 उन्होंने इस दौरान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) और अंतरिक्ष विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3, आदित्य L1 जैसे मिशनों की सफल लॉन्चिंग और गगनयान की तैयारी भारत को आत्मनिर्भर और अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं। 


इस अध्ययन दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि विज्ञान, पर्यावरण और CSR के क्षेत्र में सहयोग, नीति और अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण संवाद और जमीनी निरीक्षण का अवसर प्रदान करता है, जिससे नीति निर्धारण में ठोस तथ्य आधारित सुझाव देने में सहायता मिलेगी।

नैनीताल;

Antariksh day first time celebrated in uttarakhand


अल्मोड़ा में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को जोर शोर से मनाने की तैयारी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन आने वाला केंद्रीय संचार ब्यूरो नैनीताल एसएसजे विश्वविद्यालय में 2 दिवसीय चित्र प्रदर्शनी और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. कार्यक्रम के आयोजक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नीरज कुमार भट्ट ने मीडिया को बताया कि 22 अगस्त को प्रदर्शनी और जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत होगी. 23 अगस्त को कार्यक्रम का समापन होगा. 

केंद्रीय संचार ब्यूरो की श्रद्धा गुरुरानी तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर सतपाल बिष्ट करेंगे. समापन समारोह में एरीज नैनीताल के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहित जोशी, वैज्ञानिक नवीन जोशी, कर्नल मनोज कांडपाल सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल होंगे. 

कार्यक्रम के संयोजक भास्कर जोशी ने बताया कि पूर्व प्रचार के तहत प्रेस कांफ्रेंस के साथ साथ अल्मोड़ा इंटर कॉलेज, शारदा पब्लिक स्कूल में शिक्षार्थियों के साथ अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि पर संवाद किया गया. दृश्य कला संकाय परिसर में शामिल होने जा रहे प्रतिभागियों के बीच निबंध, चित्रकला, भाषण प्रतियोगिताओं कर साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. 

क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नीरज भट्ट ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को जनसामान्य तक पहुंचाना है. आपको बता दें कि 23 अगस्त 2023 के दिन चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिण ध्रुव पर सफल लैंडिंग हुई थी.

 

रसायन विज्ञान अर्थात केमिस्ट्री अर्थात रंगों की दुनिया से जिन्हें प्रेम है वह इस यूट्यूब वीडियो लिंक को अवश्य देखें  "CHEM-ALEXA"  के नाम से यह यूट्यूब वीडियो धूम मचा रहा है। 

https://youtube.com/@CHEM-ALEXA

Chem alexa you tube channel


चिन्मय  डिग्री कॉलेज, हरिद्वार के भौतिक रसायन के प्रोफेसर  आनन्द शंकर ने रसायनों के महत्व, दैनिक जीवन मे रसायनों के महत्व, सही प्रकार से इस्तेमाल के तरीके बताए है। 

 


यही नही उनके बताए गए टॉपिक सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उपयोगी है। 30 वर्ष से अधिक के अध्यापन पठन पाठन   से समय निकालकर उन्होंने यह यू ट्यूब चैंनल बनाया है ताकि इससे विद्यार्थी और शोधार्थी सीधे सीधे लाभ उठा सके। 

तो सोचना क्या है चैनल को लाइक एवम सब्सक्राइब कर रसायनों की दुनियां में खो जाईये।

अभी तक उन्होंने दर्जनों किताबें लिखी हैं जिनमें 12 राष्ट्रीय स्तर पर की है।1 शोध कार्य जो  अमेरिकन पेटेंट है उनके नाम है। चार राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार उन्हें मिल चुके है। 

 इसके अलावा उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा परिषद और बोर्ड ऑफ स्टडीज ऑफ यूनिवर्सिटी के सलाहकार विशेषज्ञ भी है।


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को आई.आई.टी रूड़की में सौर ऊर्जा पर आधारित ‘पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया मीट-2023’ में खटीमा से वर्चुअल प्रतिभाग किया।

CM dhaami participated in IIT Roorkee solar energy meet


 उन्होंने आईआईटी रुड़की और पेरोवस्काइट सोसाइटी ऑफ इण्डिया की टीम को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस सेमिनार के आयोजन के लिए बधाई दी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारत में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देकर ऊर्जा के क्षेत्र में पूर्ण सुरक्षा और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज रूड़की में ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की विकासवादी सोच पर आधारित सेमिनार का आयोजन हो रहा है। सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से देश की प्रगति में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा निरन्तर मार्गदर्शन दिया जा रहा है।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल मौसम होने के कारण उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं विकसित करने की अपार संभावनायें हैं। राज्य सरकार सौर ऊर्जा के अपार संसाधनों के उचित प्रयोग से प्रदेश में “ऊर्जा क्रांति“ लाने के लिए प्रयासरत है। उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा अत्यंत प्रभावी साबित हो सकती है। सौर ऊर्जा का किफायती दरों पर उपलब्ध होना पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। यही वजह है कि दुर्गम क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए  राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के प्रत्येक घर तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो। इसे पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखने वाले महानुभाव सेमिनार के माध्यम से उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के कुशल संचालन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि यह सेमिनार एक रोडमैप विकसित करने में मददगार साबित होगा। जिससे हम उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतवर्ष में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर सकेंगे।


इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विधायक रूड़की श्री प्रदीप बत्रा, आई.आई.टी रूड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त, सेमिनार के संयोजक प्रो. सौमित्र सतपति एवं विभिन्न प्रदेशों से आये वैज्ञानिक उपस्थित थे।

 आज दिनांक 28.02.23 को शहीद दुर्गामल्ल राजकीय महाविद्यालय डोईवाला में उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (USERC) द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। 



कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. डी.सी. नैनवाल द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा सी वी रमन के शोध तथा प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान की भूमिका पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

 उद्घघाटन सत्र में डॉ डी एन तिवारी, डॉ एन के नैथानी, डॉ पल्लवी मिश्रा तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ त्रिभुवन खाली द्वारा विज्ञान के विभिन पहलुओं पर विचार रखे गए। 


आज के इस आयोजन में विज्ञान पर आधारित क्विज जिसमे विवेक, आयुषी, वंशिका तथा अंशु उनियाल की टीम प्रथम रही, भाषण प्रतियोगिता में प्रथम वंशिका, द्वितीय आर्यन, दिव्यांशु तृतीया स्थान पर रहे तथा पोस्टर प्रतियोगिता में मधुसूदन प्रथम, नौरीन द्वितीय तथा ज्योति फरसवान तृतीय स्थान पर रहे। प्रतियोगिताओं में निर्णायक समिति में डॉ. पंचोला, डॉ. पूनम पांडे, डाॅ अंजली वर्मा, डॉ. राकेश भट्ट, डॉ. किरण जोशी, डॉ. पूरन प्रकाश खाती, डॉ. मनीषा सारस्वत रहे। आज के इस कार्यक्रम में बीए, बीएससी, बी कॉम तथा एमए के छात्र/ छात्राएं तथा महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ डी पी सिंह, डॉ एन डी शुक्ला, डॉ प्रीतपाल सिंह, डाॅ अनिल कुमार,डाॅ सतीश पंत, डॉ नूूर हसन, डाॅ संगीता रावत आदि उपस्थित रहे।

 


Prof Data Ram Purohit honored by president


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरूवार 23 फरवरी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश भर से चयनित प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं आदिवासी कलाकारों और रंगकर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान हेतु वर्ष 2019, 2020, 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है। श्रीनगर गढ़वाल निवासी प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद प्रो दाता राम पुरोहित को उत्तराखंड की लोक कलाओं के संवर्धन में अमूल्य योगदान के लिए साल 2021 का संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया. देश के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है। जिसके तहत हर साल संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और अन्य विविध प्रदर्शन कला के क्षेत्र में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। प्रो डी आर पुरोहित ने अपना पूरा जीवन उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवम  उसके कलाकारों के संवर्धन के लिए समर्पित कर दिया. उत्तराखंड की लोक कलाओं को अपने शोध कार्यों के माध्यम से पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाने के लिए प्रो पुरोहित ने जर्मनी की प्रतिष्ठित हाइडिलबर्ग युनिवर्सिटी से लेकर अमेरिका की प्रिंस्टन युनिवर्सिटी तक दुनियाभर की दर्जनभर विश्वविद्यालयों और संस्थानों में व्याख्यान दिए. प्रो पुरोहित ने उत्तराखंड की ढोल वाद्य शैली, पंडवाणी, भड़वार्ता, जागर, रम्माण, नंदा के गीत और बादी बदीणों के गीतों पर शोध कर उनके अकादमिक प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई है. श्रीनगर के हेनब गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केन्द्र की अवधारणा एवम उसे मूर्त रूप देने का श्रेय भी प्रो डी आर पुरोहित को जाता है. प्रो पुरोहित अभी भी उत्तराखंड में लोक नाट्य कलाओं की जड़े सींचने के लिए निरंतर स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्यों, लेखन, निर्देशन एवं नए कलाकारों के मार्गदर्शन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान प्रो डी आर पुरोहित के अलावा शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्र, लोक गायिका तीजन बाई, भजन गायक अनूप जलोटा समेत देश के कई प्रतिष्ठित कलाकारों को भी सम्मानित किया. अकादेमी फेलो के सम्मान में तीन लाख की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादेमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्व विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संगीत नाटक अकादेमी की चेयरपर्सन डॉ संध्या पुरेचा भी उपस्थित रहे.

 *उत्तराखण्ड को विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में अग्रणी राज्य बनाना हमारा उद्देश्य- मुख्यमंत्री*


       मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में अग्रणी राज्य बनाना हमारा उद्देश्य है। इसी के तहत बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से वैज्ञानिकों, समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों के सुझाव राज्य हित में आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

 


        सोमवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखण्ड @ 25 बोधिसत्व विचार श्रृंखला के अंतर्गत प्रदेश में स्थित विभिन्न केंद्रीय संस्थानों एवं तकनीकि उपक्रमों के प्रमुखों के साथ विचार मंथन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ की समस्या के समाधान के लिये हमें एक छत के नीचे बैठकर कार्य करना होगा, तथा राज्य के शहरों के सर्वेक्षण पर ध्यान देना होगा तथा उनकी धारण क्षमता का आकलन करना होगा। हमें राज्य के विकास के मॉडल को इकोलॉजी तथा इकोनामी के समन्वय के साथ आगे बढ़ाना होगा।


      मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विचार मंथन सत्र हिमालय की पारिस्थितिकीय विभिनता के दृष्टिगत अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न प्रयोग करने का हमारे लिए एक बेहतरीन मंच है। हम पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं जिस वजह से हमे कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ता है और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति एक चिंतनीय विषय है। जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या से हम सब परेशान है इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक सुझाव भी आमंत्रित है। राज्य के सतत विकास के लिए समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर ही आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 


    मुख्यमंत्री ने कहा कि 108वीं राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस में प्राइड ऑफ इंडिया एक्सपो में उत्तराखण्ड के पवेलियन को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इस कांग्रेस में देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं शोध संस्थानों ने प्रतिभाग किया था। अपने उद्घाटन संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान के महत्व पर विशेष जोर देकर शोध, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को “लैब से लैंड“ तक लाकर आमजन के जीवन को सहज, सरल और समृद्ध बनाने की बात कही है। उत्तराखण्ड/25 पहल के पीछे भी विज्ञान आधारित सोच के माध्यम से विकास की रूपरेखा तय करना हमारा उद्देश्य रहा है। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए एक सशक्त विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति की नितान्त आवश्यकता है।


       इसी संदर्भ में बोधिसत्व विचार श्रृंखला के माध्यम से आपसी संवाद के माध्यम से आपके सुझावों के आधार पर इस नीति का एक ऐसा मसौदा तैयार कर सकें जो उसके त्वरित कार्यान्वयन में सहायक हो सके। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों एवं वृहद ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण हमारे समक्ष अलग प्रकार की चुनौतियां हैं जिनका समाधान हमें अत्याधुनिक तकनीकी शोध एवं नवाचारों के माध्यम से स्वयं ढूंढना है। 


      मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के महत्व को समझते हुए हमने इस संदर्भ में प्रदेश में स्थित प्रमुख वैज्ञानिक एवं शोध संस्थानों के साथ-साथ प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के साथ भी समन्वय स्थापित किया है। इसी क्रम में सीमान्त जनपद चम्पावत को केन्द्र में रखते हुए नोडल एजेन्सी यूकॉस्ट के माध्यम से हम आदर्श चम्पावत का मॉडल विकसित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमारा देश माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी 20 की मेजबानी कर रहा है। यह अत्यंत गौरव की बात है कि विश्व स्तर पर भारत के नेतृत्व को महत्वता मिली है। हमें उत्तराखण्ड में इस आयोजन में दो महत्वपूर्ण सत्र करने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ जैसे गंभीर प्रश्नों का समाधान भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीक के माध्यम से ही संभव है, अतः इस हेतु सभी प्रमुख केन्द्रीय शोध संस्थानों को राज्य सरकार के साथ समन्वयन एवं सहभागिता स्थापित कर कार्ययोजना तैयार करनी है। इसके अलावा राज्य में स्थित सभी वैज्ञानिक संस्थानों को साथ लाकर समग्र एवं सर्वागीण विकास का एकीकृत मॉडल विकसित करना हमारी प्राथमिकता है जिसके माध्यम से हम प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों को विकास की मुख्यधारा के जोड़ते हुए इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में बराबर संतुलन बनाते हुए इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की हमारी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आंकाशाओं को मूर्त रूप दे सकें। विज्ञान एवं तकनीक के माध्यम से उत्तराखण्ड/25 की अवधारणा के अनुरूप एक सशक्त, सक्षम एवं समृद्ध उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए उन्होंने राज्य स्थित सभी प्रतिष्ठित संस्थानों की सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा भी की।


       मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संस्थान आपसी समन्वय से राज्य हित में बेहतर कार्य कर सकते हैं। आपसी विचार विमर्श नये ज्ञान का सृजन करता है। इससे समस्याओं के समाधान की राह भी प्रशस्त होती है। उन्होंने सभी संस्थानों से राज्य में स्थापित हो रही साइंस सिटी में अपने संस्थानों की प्रदर्शनी के आयोजन की व्यवस्था की भी अपेक्षा की।


      सचिव श्री शैलेश बगोली ने आभार व्यक्त किया तथा यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।


     इस अवसर पर जिन्होंने अपने विचार रखे उनमें डा0 आर0पी0 सिंह, निदेशक भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, डा० कलाचंद सैन, निदेशक, वाडिया भूविज्ञान संस्थान, देहरादून। श्री विक्रम सिंह, निदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, कर्नल रजत शर्मा, निदेशक, भारतीय सर्वेक्षण विभाग देहरादून, श्रीमती मीनाक्षी तिवारी, उप निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, श्री जे०पी० सिंह, अपर निदेशक, यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान, प्रो. वर्तिका सक्सेना, प्रोफेसर, अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश, डा० एस0के0 सिंह, प्रभारी अधिकारी, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण विभाग, डा० गौरव शर्मा, प्रभारी अधिकारी, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग, डा० डी०वी० सिंह, प्रमुख वैज्ञानिक, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, प्रो0 अक्षय द्विवेदी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की आदि के साथ आनलाइन माध्यम से डा० डी०के० असवाल, निदेशक, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं पर्यावरण ग्रुप, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई, प्रो0 दीपांकर बैनर्जी, निदेशक, आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान, नैनीताल, डा० प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, केन्द्रीय औषधीय एवं संगध पौधा संस्थान लखनऊ - एरोमा प्रोजेक्ट, शामिल रहे।

 ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दुनिया शीघ्र ही 2023 में एक और भयानक महामारी का सामना करेगी। अनुमानतः जिसका संक्रमण पूरी दुनिया को आधी से भी कम जनसंख्या पर ले आएगा, यह भविष्यवाणी बाबा वेंगा ने की थी। 

zombie virus can effect human


अब यह जानिए कि न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में अब तक जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस को जिंदा कर दिया है. फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने एक और महामारी की आशंका जताई है।

न्यूयॉर्क पोस्ट ने एक वायरस अध्ययन का हवाला दिया है जिसकी अभी तक -समीक्षा की जानी बाकी है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन से प्राचीन प्रीमाफ्रॉस्ट तेजी से पिघल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप लाखों वर्षों तक जमे हुए कार्बनिक पदार्थ निकल रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने, शायद अजीब तरह से, साइबेरियाई प्रीमाफ्रॉस्ट से इनमें से कुछ तथाकथित "ज़ोंबी वायरस" को जाने अनजाने पुनर्जीवित किया है।

सबसे पुराना, पैंडोरावायरस येडोमा  2013 में इसी टीम द्वारा खोजा   गया था  जो 30,000 साल पुराना था इसी  वायरस के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ता हुआ 48,500 साल पुराना माना जा रहा है नया वायरस । 

हांलांकि बाहरी पर्यावरणीय चर के संपर्क में आने पर इन अज्ञात विषाणुओं की संक्रामकता के स्तर का आकलन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

यह  भी  बताया जा रहा है  कि  वैज्ञानिको
*BioRxiv द्वारा 10 नवंबर, 2022 को  प्रकाशित प्रीप्रिंट पेपर
  के अनुसार
   *  जीन-मिशेल क्लेवेरी,  फ्रांस में ऐक्स-मार्सिले विश्वविद्यालय में चिकित्सा के प्रोफेसर
    *कनाडा के अल्बर्टा में कैलगरी विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान के प्रोफेसर, क्लाइड शुल्त्स, पीएचडी द्वारा लिखित शोध लेख
    *  पाउलो वेरार्दी, पीएच.डी., कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी और वैक्सीनोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर
के अनुसार  लगभग 50,000 वर्षों के बाद साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से पुनर्जीवित "ज़ोंबी" वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर सकता।

परन्तु दुनिया को एक और महामारी के प्रकोप के सामना करने से इनकार नही किया जा सकता है।


•  राजकीय महाविद्यालय डाकपत्थर में रसायन‌विभाग में बतौर प्राध्यापिका कार्यरत हैं।

• महाविद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों ने शुभकामनाएं दी।


देहरादून:




   अमेरिका के प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी की गयी विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की सूची में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर (देहरादून) के रसायन विज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉo रुचि बडोनी सेमवाल को स्थान मिला है I  

सम्बन्धित गुणवत्ता परख शोध सर्वे की सूची का प्रकाशन एल्सवियर द्वारा किया गया है I उक्त सूची में इस वर्ष राज्य सरकार के अधीन संस्थानो में कुमाऊं विश्वविद्यालय से 01, दून विश्वविद्यालय से 01, आयुर्वेद विश्वविद्यालय से 01, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय से 03, राजकीय महाविद्यालयों से 01 एवम्‌ जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी से 02 वैज्ञानिकों को स्थान मिला है I  इसके अलावा उत्तराखंड के आइआइटी रूड़की से 61, आइआइपी देहरादून से 07, गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से 02, वाडिया इंस्टिट्यूट से 02, एनआइटी श्रीनगर से 01, जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान से 01, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से 01, पैट्रोलियम विश्वविद्यालय से 03, उत्तरांचल विश्वविद्यालय से 01  पतंजलि योगपीठ से 01, डीआइटी से 01 एवम्‌ ग्राफिक ईरा से 05 वैज्ञानिकों को स्थान मिला है I डॉ रुचि सेमवाल की प्राथमिक शिक्षा अगस्तमुनि (चमोली) तथा माध्यमिक एवम्‌ उच्च शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल से हुई है I गढ़वाल विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के उपरांत उनके द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ एवम्‌ श्वाने विश्वविद्यालय प्रिटोरिया साउथ अफ्रीका से पोस्ट डॉक्टरेट शोध कार्य किया गया । उनके द्वारा हिमालय के कई औषधीय पौधों पर शोध किया गया है एवम्‌ उनके 100 से अधिक शोधपत्र कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं I इसके अलावा उनके द्वारा 05 पुस्तक एवम्‌ 2 पेटेंट का भी प्रकाशन किया जा चुका है I वैज्ञानिकों द्वारा आज तक उनके शोधपत्रों को 2500 से अधिक बार साइट किया जा चुका है एवम्‌ उनका एच इंडेक्स 22 है I उनके द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट शोध कार्यों से आज के युवा वैज्ञानिकों विशेष रूप से महिला वैज्ञानिकों को प्रेरणा मिलेगी I डाकपत्थर महाविद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त शिक्षकों ने डॉ रुचि बडोनी सेमवाल की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को  मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय  में सूचना प्रोद्योगिक विकास  एजेंसी में स्थित ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर के द्वारा आयोजित "Shot on my drone " प्रतियोगिता मे विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।  यह  प्रतियोगिता 22 जून को आयोजित की गयी थी। जिसमे सौ से अधिक  प्रतिभागियों ने  प्रतिभाग किया था।



 इस प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान नितिन छाबरा (रुद्रपुर ), द्वितीय  स्थान अमित कुमार सिंह (नैनीताल ), तथा तृतीय  स्थान नितेश अग्रवाल (देहरादून ) ने प्राप्त किया। सभी विजेताओं को मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण  पत्र तथा  पुरस्कार वितरित किये गए।



 मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में उत्तरखंड सरकार DARC के माध्यम से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग कराएगा तथा समस्त ड्रोन पायलटों को "ड्रोन मित्र" के तहत सूचीबद्ध कर रोजगार उपलब्ध करवाएगा.

 *मुख्यमंत्री ने किया मेक इन इंडिया के तहत प्रदेश की पहली ड्रोन फैक्ट्री का शुभारम्भ*


     



First drone  factory in uttarakhand


      मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रुड़की में रोटर प्रेसिजन इंस्ट्रूमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मेक इन इंडिया के तहत प्रदेश की पहली ड्रोन फैक्ट्री का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने स्वदेशी तकनीक से बनाए जा रहे ड्रोन उपकरणों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के साथ ही रोटर ग्रुप को बधाई देते हुए कहा कि आज प्रदेश के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है जब देश की सबसे बड़ी और प्रदेश की पहली आधुनिक ड्रोन तकनीक फैक्ट्री की शुरुआत हुई है।


     मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आदिकाल से ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में आगे रहा है, वेद पुराणों में भी पुष्पक विमान जैसे आधुनिक विमानों का उल्लेख  है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत मेक इन इंडिया के तहत ड्रोन तकनीक और हथियार निर्माण के क्षेत्र में बहुत तेजी से कार्य कर रहा है। आज भारत तमाम देशों को हथियार निर्यात कर रहा है जो कि भारत को एक विश्व शक्ति के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।


     मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार संसाधनहीन प्रतिभाओं को मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया के तहत प्रोत्साहित कर रही है। उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियों के लिहाज से बेहद जटिल राज्य है, यहां ड्रोन तकनीक बेहद कारगर सिद्ध हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन का राज्य में और कितना बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है इसके लिए सभी विशेषज्ञ अपने सुझाव सरकार तक पहुंचा सकते हैं। राज्य सरकार राज्य हित से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अवश्य संज्ञान लेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर डार्क स्थापित किया गया है। हमारी सरकार का लक्ष्य है अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना है। हम विकल्प रहित संकल्प के सिद्धांत के साथ काम कर रहे हैं।


     कार्यक्रम में रोटर ग्रुप द्वारा जानकारी दी गई कि इस ड्रोन फैक्ट्री में प्रति माह 150 से अधिक सर्वेक्षण ड्रोन और भारतीय सेना के लिए 50 से ज्यादा एडवांस ड्रोन बनाने की क्षमता है । फैक्ट्री में ड्रोन के सुरक्षित और कुशल उपयोग के साथ-साथ भू-स्थानिक डेटा उत्पादन में पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए एक स्वतंत्र प्रशिक्षण अकादमी भी होगी।


    कार्यक्रम में विधायक रुड़की श्री प्रदीप बत्रा, सर्वे ऑफ़ इंडिया, आईआईटी रुड़की समेत अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तेलंगाना राज्य के रंगा रेड्डी जिले के शादनगर में स्थित इसरो के केंद्र, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) इंटीग्रेटेड मल्टी मिशन अर्थ स्टेशन का दौरा किया। 

trivendra singh rawat at telangana



श्री. रावत का एनआरएससी के निदेशक और एनआरएससी के वरिष्ठ कर्मचारियों द्वारा स्वागत किया गया है और उन्हें प्रसंस्करण और अनुप्रयोग के लिए उपग्रह डेटा अधिग्रहण की विभिन्न एनआरएससी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है। श्री. रावत ने रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों की एनआरएससी तकनीकी टीमों, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन सहायता और आपातकालीन प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस और भुवन जियोपार्टल के साथ भी बातचीत की। पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड ने वास्तविक समय के आवेदनों को प्रदर्शित करने में एनआरएससी टीम के प्रयासों की सराहना की और उन्हें उत्तराखंड राज्य के लिए अनुकूलित करने की संभावना पर चर्चा की। नागरिक केंद्रित परियोजनाओं को शुरू करने के लिए इसरो समुदाय को धन्यवाद दिया।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ग्राफ़िक एरा में आयोजित 15-16वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी कांग्रेस का शुभारंभ किया।  




इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने  उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं तकनीक कांग्रेस   एवं उत्तराखंड के बहुमूल्य उत्पादों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। बीते साल कोरोना महामारी के कारण साइंस कांग्रेस का आयोजन नहीं हो पाया था, इसलिए UCOST द्वारा 15 एवं 16वीं साइंस कांग्रेस का साझा आयोजन किया गया।


 मुख्यमंत्री  श्री पुष्कर सिंह धामी ने  अपने संबोधन में कहा कि हम सब का सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि इस तरह के मंथन कार्यक्रम सिर्फ आयोजन तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसे मंथन कार्यक्रमों से निकला ज्ञान रूपी अमृत राज्य की और देश की प्रगति के लिए उन्नत तकनीक के रूप में सामने आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस कार्यक्रम से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश को आगे बढ़ाने का रास्ता भी मिलेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में उनको सबसे अधिक अनुभव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष आदिकाल से ही ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। 


 मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 8 सालों में भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में कई नए कीर्तिमान हासिल किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में नई शिक्षा नीति लागू की है। जो कि हर पहलू को केंद्रित कर बनाई गई है। उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने शोध और परीक्षण कर कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए दो-दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार की, जो कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव था। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश का मान सम्मान और स्वाभिमान बढा है। हमारी कल्पना वसुधैव कुटुम्बकम की है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों से आवाहन करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से हम संकल्प को शक्ति बनाकर “विकल्प रहित संकल्प” के ध्येय वाक्य के साथ आगे बढ़े। 

उन्होंने कहा कि साल 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी” के क्षेत्र से जुड़े सभी वैज्ञानिक एवं शोधार्थियों के सुझाव आमंत्रित हैं।  हम हर क्षेत्र में विशेषज्ञों के विचारों को लेकर भविष्य का रोडमैप तैयार कर रहे हैं, क्योंकि उत्तराखंड को शिखर पर ले जाने की जिम्मेदारी हम सब की सामूहिक रूप से है।


कार्यक्रम में सचिव आईटी श्रीमती सौजन्या ने  साइंस कांग्रेस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा UCOST के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं साइंस सिटी का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम में  ग्राफिक एरा ग्रुप के चेयरमैन प्रोफ़ेसर डॉ. कमल घनशाला ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस दौरान कर्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से जुड़े वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं छात्रा-छात्राएँ मौजूद रही।

 उत्तराखंड विज्ञानं शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र ने किया सिपेट द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकी गतिविधियों का भ्रमण

राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी दिवस के अवसर पर उत्तराखंड विज्ञानं शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (युसर्क) ने हरज्ञानचंद  सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज तथा पब्लिक इंटर  कॉलेज में पढने वाले छात्र छात्राओ को   डोईवाला स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) संस्थान का भ्रमण कराया I



 कार्यक्रम का उद्घाटन सभी अतिथियों के स्वागत से किया गया इसके बाद कार्यक्रम संयोजक श्री समीर पुरी ने सिपेट संस्थान की स्थापना के उद्देश्य के बारे में बताया तथा स्किल , टेक्नोलॉजी , शैक्षणिक तथा रिसर्च (STAR) गतिविधियों के बारे बताया इसके बाद सभी स्कूली छात्र- छात्राओ ने विज्ञानं और टेक्नोलॉजी के अंतर को समझा , इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों का अवलोकन किया जिसमे प्लास्टिक प्रोसेसिंग वर्क शॉप में विभिन्न प्रकार की प्लास्टिक प्रोडक्ट्स बनाने वाली तकनीक जैसे ऑटोमोबाइल , एग्रीकल्चर , मेडिकल  डिवाइस, ट्रांसपोर्ट इत्यादि के  क्षेत्र इंजेक्शन मोल्डिंग , एक्सट्रूजन,  ब्लो मोल्डिंग , रोटेशनल मोल्डिंग , ट्विन स्क्रू कम्पाउण्डर , रीसाइक्लिंग एक्सट्रूडर इत्यादि  NABL प्रमाणित  प्लास्टिक परिक्षण प्रयोगशाला जिनमे  प्लास्टिक प्रोडक्ट्स और मटेरियल का परिक्षण करने वाली मशीनों जैसे – मेल्ट फ्लो इंडेक्स, यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन , एटॉमिक एब्सोर्बशन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, एफ.टी.आई.आर. , डी. एस.सी. , डब्लू. वी.टी.आर. तथा टूल रूम विभाग में प्लास्टिक प्रोडक्ट को आकार देने के लिए जिन मोल्ड अथवा डाई तथा नोज़ल इत्यादि का प्रयोग किया जाता है उनको बनाने के लिए उपयोग में आने वाली सी.एन.सी.- लेथ,  सी.एन.सी.- मिलिंग, वायर कट- ई.डी एम इत्यादि मशीनों के कार्य को बारीकी से देखा और उनके उपयोगो को समझा I इसके साथ छात्र- छात्राओ को  सिपेट के तकनीकी अधिकारी – साईंराज आदित्य कुमार वर्मा ने विभिन्न प्लास्टिक उद्योगों को प्रदान की जाने वाली तकनिकी सेवाओ तथा तृतीय पक्ष इंस्पेक्शन सेवाओ के साथ साथ पी.वी..सी. / एच .डी.पी.ई. पाइप टेस्टिंग तथा गेहू अथवा अनाज को पैक किये जाने वाले वोवन सैक बैग टेस्टिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी I कार्यक्रम के अंत में सिपेट के टूल रूम विभागाध्यक्ष श्री पार्थ सारथी दस  ( सहायक तकनीकी अधिकारी ) ने सभी को धन्यवाद प्रकट किया I इस अवसर पर उत्तराखंड विज्ञानं शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (युसर्क) से डॉ. श्री ओम प्रकाश नौटियाल (साइंटिस्ट), डॉ. श्री भारतोष शर्मा  (साइंटिस्ट), श्री उमेश जोशी (सॉफ्टवेयर इंजीनियर ), श्री हेमंत कुमार गुप्ता (इनवायरमेंटलिस्ट)- पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, चंद्रशेखर गैरोला(सहायक अध्यापक) - विद्या मंदिर डोईवाला , विवेक बधानी (सहायक अध्यापक) – पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला, सिपेट के टेस्टिंग विभाग से श्री रत्नेश, प्रोसेसिंग विभाग से- श्री तपस्वी काले तथा टूल रूम विभाग से श्री  थिरुमल. एम  उपस्थित रहे I

 

*प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना हेतु दी जायेगी 25 प्रतिशत

*योजना के तहत सब्सिडी की अधिकतम धनराशि होगी 7 लाख रूपये।*

*हमारे पारम्परिक आहार के उत्पाद है औषधीय गुणों से युक्त तथा पौष्टिकता से भरपूर।*

*कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान से बढ़ रही खेती की दशा एवं दिशा*

*किसानों की खुशहाली एवं कृषि उत्पादों का बढ़ावा देने का हो रहा है प्रयास।*





मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को लाडपुर, रिंग रोड़ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय पौष्टिक आहार महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने किसानों के व्यापक हित तथा पारम्परिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में एक जनपद एक उत्पाद के तहत प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना के लिये 25 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की घोषणा की। सब्सिडी की अधिकतम धनराशि 7 लाख रूपये होगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पारम्परिक उत्पाद पौष्टिता से भरपूर है। किसानों की खुशहाली तथा उनकी आर्थिकी की मजबूती के लिये राज्य सरकार गंभीरता से प्रयासरत है। किसान एवं खेती की दशा को सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान विज्ञान एवं अनुसंधान का लाभ किसानों तक पहुंचाना भी हमारा लक्ष्य है। आधुनिक तकनीकि के बल पर खेती एवं कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने में बड़ी मदद मिलेगी। कृषि उत्पादों को मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें पहचान दिलाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की खुशहाली तथा राज्य के पारम्परिक उत्पादों को बढ़ावा देने में केन्द्र सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानांं की आय को दुगुना करने तथा उनके जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की है, इससे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहा है। राज्य सरकार की जरूरतों को केन्द्र सरकार द्वारा प्राथमिकता प्रदान कर उन्हें पूरा किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में किये गये सकारात्मक प्रयासों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को पुरस्कृत भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य गठन के मूल में पर्यटन, ऊर्जा के साथ ही कृषि की अवधारणा भी शामिल रही है। हम इन क्षेत्रों में गंभीरता से प्रयासरत रहते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास के प्रति भी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। 

मडुआ, झंगोरा, गहत कोणी, बारा अनाज आदि हमारे पर्वतीय क्षेत्रों की पहचान रही है। हमारे ग्रामीण परिवेश से इन आहारों की औषधीय गुणवत्ता एवं पौष्टिकता की स्वीकार्यता सर्वविदिति हैं। उन्होंने कहा अन्तर्राष्ट्रीय पौष्टिक आहार महोत्सव जैसे आयोजन देश व दुनिया में इनकी पहचान बनाने में मददगार हांगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजय सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए टूरिज्म, आयुष, वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा और सर्विस सेक्टर पर फोकस किया गया है। ग्रामोदय से राज्य उदय के मंत्र पर कार्य करते हुए हमारे द्वारा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर बेस अप्रोच पर ग्रोथ सेंटर डेवलप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना भी समय राज्य के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें मिला है, उसका पल पल राज्य के विकास के लिए समर्पित किया है। हमारा संकल्प है कि जब राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होंगे तब हम उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बना देंगे। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा श्री विजय गड़धारी की पुस्तक ‘‘उत्तराखण्ड की खाद्य प्रजातियां’’ तथा कृषि विभाग के लोगो का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री राज्य के पारम्परिक अनाजों के विविध व्यजंन बनाने वाले शेफ देवेन्द्र जोशी को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय को दुगनी करने की दिशा में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में अनेक योजनाओं पर कार्य कर रही है जिसमें केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। किसानों को खेती के लिये अनेक सहूलियत दी जा रही है। उनके उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था की जा रही है। किसानों के उत्पादों के विपणन के लिये मण्डी परिषद् में रिवालिंग फण्ड की व्यवस्था दी गई हैं सहकारिता के माध्यम में भी उनके उत्पादों को क्रय की व्यवस्था की गई हैं। उत्पादों के विपणन के लिये 1380 आउटलेट विकसित करने का लक्ष्य रखा गया।

विधायक श्री उमेश शर्मा ‘ काऊ’ द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर औद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही कृषि विभाग के उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान एवं कास्तकार उपस्थित थे।

*नवीन चकराता टाउन शिप विकसित होने से क्षेत्र का होगा विकास-मुख्यमंत्री*

युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

*मुख्यमंत्री युवाओं से की स्वरोजगार के प्रति ध्यान देने की अपील*

*प्रदेश का सर्वागीय विकास हमारा लक्ष्य*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रसिद्ध गायक श्री जुबिन नौटियाल एवं श्री रामशरण नौटियाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जौनसारी बावर क्षेत्र के युवाओं एवं छात्रों ने भेंट की। उन्होंने नवीन चकराता टाउन शिप विकसित करने के लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी-नागथात-लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किया जायेगा। इसके लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को अवमुक्त करने की घोषणा पूर्व में की जा चुकी हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘नवीन चकराता टाउनशिप’’ को चकराता -मसूरी राजमार्ग से लगी भूमि पर विकसित किया जायेगा तथा इसके अतंर्गत पड़ने वाले ग्रामों की पौराणिक पहचान एवं सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए टाउनशिप की सीमाओं को इन ग्रामों के आबादी क्षेत्र से बाहर रखा जायेगा। इस टाउनशिप के विकास से यहां पर्यटन उद्योग को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ-साथ यहां की जलवायु तथा भौगोलिक स्थिति के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किये जा सकेंगे जिससे स्थानीय बेरोजगारों के लिये स्वरोजगार के कई आयाम स्थापित होंगे।

उन्होंने युवाओं से स्वरोजगार के प्रति ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियां हजारों में है जबकि बेरोजगार युवा लाखों में। युवा रोजगार लेने वाले नही रोजगार देने वाले बने इसके लिए राज्य सरकर द्वारा विभिन्न स्वरोजगार योजनायें संचालित की है तथा योजनाओं के ऋण सुविधा आसान बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर आने वाले सालों में किस तरह सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाकर कार्य किया जाए इसके लिए सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 5700 करोड़ लखवाड़ वाली परियोजना का स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे भी क्षेत्र का विकास होगा तथा राज्य का 300 मेगावॉट बिजली उपलब्ध होगा तथा 6 राज्यों को पानी उपलब्ध होगा। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जिनकी पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी। मोदी जी ने पहाड़ पर रेल पहुचाने के सपने को साकार किया है। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे देहरादून से दिल्ली की दूरी को और कम करने वाला है। 

इस अवसर पर श्री यशपाल चौहान, अर्जुन शर्मा, बाबी पंवार, लाखी राम जोशी, सरदार सिंह, महिपाल सिंह आदि उपस्थित थे।




भारत ने आज अंटार्कटिका के लिए 40वाँ वैज्ञानिक अभियान शुरू किया। यह भारतीय अभियान दक्षिणी सफेद महाद्वीप में देश के वैज्ञानिकों केचार दशकों के प्रयास का प्रतीक है।

40वें अभियान को 5 जनवरी 2021 को गोवा से रवाना किया जाएगा, जिसमें 43 सदस्य जहाज पर होंगे। चार्टर्ड आइस-क्लास पोत एमवी वासिली गोलोवनिन यह यात्रा करेगा और 30 दिन में अंटार्कटिका पहुंचेगा। 40 सदस्यों की एक टीम को छोड़ने के बाद, यह अप्रैल 2021 में भारत लौट आएगा। वापसी पर, यह इससे पहले गई शीतकालीन टीम को वापस लाएगा।



भारतीय अंटार्कटिक अभियान 1981 में शुरू हुआ था। पहला अभियान दल डॉ. एसज़ेड क़ासिम के नेतृत्व में  किय गया था जिसमें 21 वैज्ञानिकों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम शामिल थी।

एक विनम्र शुरुआत के बाद, भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम ने अब अंटार्कटिका में तीन स्थायी अनुसंधान बेस स्टेशन बनाने का श्रेय हासिल कर लिया है, जिसका नाम दक्षिण गंगोत्री, मैत्री और भारती है।

अब तक, अंटार्कटिका में भारत के दो चालू अनुसंधान स्टेशन हैं जिनका नाम मैत्री और भारती है। नेशनल सेंटर फ़ॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर), गोवा, संपूर्ण भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम का प्रबंधन करता है।

इससे पहले अंटार्कटिका के लिए 39वें भारतीय वैज्ञानिक अभियान की शुरूआत नवंबर 2019 में हुई थी। इसने 27 वैज्ञानिक परियोजनाओं को शुरू किया, जो जलवायु संबंधी प्रक्रिया और उसका जलवायु परिवर्तन से संबंध, क्रस्टल एवोल्यूशन, पर्यावरणीय प्रक्रियाओं और संरक्षण, स्थल और समुद्र तट के निकटवर्ती क्षेत्रों के पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यवेक्षण अनुसंधान और ध्रुवीय टेक्‍नोलॉजी पर केन्द्रित हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पोलर रिसर्च, जापान के साथ दो अतिरिक्‍त सहयोगी परियोजनाएं भी शुरू की गईं। अपना मिशन मेनडेट पूरा करने के बाद, यह 2020 के मई में भारत लौट आया। इसने मैत्री और भारती में जीवन रक्षक प्रणाली के संचालन और रखरखाव के लिए खाद्य, ईंधन, रसद, स्नोमोबाइल्स की वार्षिक आपूर्ति और पुर्जों की भी भरपाई की। इसने शीतकालीन ऑपरेशन के लिए अंटार्कटिका में 48 सदस्यों की एक टीम को तैयार किया।

कोविड-19 महामारी से जुड़ी मौजूदा चुनौतियों के कारण 40वें भारतीय अंटार्कटिक अभियान की वैज्ञानिक और लॉजिस्टिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य जलवायु परिवर्तन, भूविज्ञान, महासागर पर्यवेक्षण, बिजली और चुंबकीय प्रवाह माप, पर्यावरण निगरानी पर चल रही वैज्ञानिक परियोजनाओं में सहयोग करना; भोजन, ईंधन, रसद और अतिरिक्त पुरजों की फिर से आपूर्ति; और सर्दियों के चालक दल की वापसी को पूरा करनाहै।

 भारत अंटार्कटिका महाद्वीप को कोविड-19 से मुक्त बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अभियान काउंसिल ऑफ मैनेजर्स ऑफ नेशनल अंटार्कटिक प्रोग्राम्‍स (सीओएमएनएपी) के अनुसार मनुष्‍यों और सामग्री की तैनाती के लिए सभी प्रोटोकॉल का विधिवत पालन करेगा। कार्गो को साफ करने के लिए अतिरिक्त सावधानियां, अनिवार्य चौदह दिन का क्‍वारंटाइन (अभियान से पहले और बाद में), और आइस क्‍लास पोत में सवार होने से पहले आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है।


डोईवाला;






आज के प्रतिस्पर्धा के युग में गुणवत्तापूर्ण (क्वालिटी एजुकेशन)की आवश्यकता है।इसके लिए नियमित अध्ययन और जिज्ञासाओं का समाधान करना जरुरी है।                          शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शुक्रवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने यह बात उतराखंड स्पेस एप्लिकेशन सेंटर(यूसैक) की एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही।उन्होंने कहा कि डोईवाला कालेज में तीन करोड़ की लागत से लड़कियों के लिए छात्रावास का निर्माण करवाया जा रहा है।इसके अलावा कालेज को फर्नीचर, पुस्तकों और अध्यापकों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। 15 विद्यार्थी उपलब्ध होने पर आगामी सत्र से एम.एस-सी. की कक्षाएं भी प्रारंभ करवा दी जायेंगी।स्नातक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली समाप्त करने के लिए छात्रों की बहुमत की राय ली जायेगी।यूसेक के निदेशक डा.एम.पी.एस.बिष्ट ने 'धरती के नजारे-अतरिक्ष के सहारे' स्लाइड शो के माध्यम से बताया कि आपदा प्रबन्ध में स्पेस एप्लिकेशन का अत्यंत महत्व है और जल,जंगल और जमीन से जुड़ी हर आपदा से निपटने में इसकी अत्यंत उपयोगिता है।तकनीकी सत्रौं में यूसैक के वैज्ञानिक डा.प्रियदर्शी उपाध्याय ने भारत सरकार के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र आधारित डीएससी के द्वारा आपदा प्रबंधन की दिशा में किये जा रहे कार्यों व सिस्टम मैनेजर हेमंत कुमार ने जियो आईटीसी उपयोगों और विभिन्न प्रकार के एप् की विस्तृत जानकारी दी। प्राचार्य डा.एम.सी.नैनवाल ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए उच्च शिक्षा मंत्री व यूसेक परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया।कार्यशाला का संचालन डा.रवि रावत ने किया। अवसर पर डा.के.एल.तलवाड़, डा.डी.एस.नेगी,डा.एस.पी.सती,डा.महाबीर सिंह रावत,डा.संतोष वर्मा, डा.राखी पंचोला, डा.आर.एम.पटेल, डा.एस.के.कुडि़याल,डा.डी.पी.सिंह, सुधाकर भट्ट, छात्र संघ अध्यक्ष निशांत मिश्रा, उपाध्यक्ष सुरेखा राणा सहित बडी़ संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘पीएसएलवी’ के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई दी




प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘पीएसएलवी के एक और सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई। इस प्रक्षेपण ने भारत के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा निर्मित कलामसैट को कक्षा में स्‍थापित कर दिया है। यही नहीं, इस प्रक्षेपण के साथ ही भारत सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण संबंधी प्रयोगों के लिए एक कक्षीय प्‍लेटफॉर्म के रूप में एक अंतरिक्ष रॉकेट के चौथे चरण का उपयोग करने वाला पहला देश बन गया है।’



पीएसएलवी-सी44 ने माइक्रोसैट–आर और कलामसैट-वी2 को सफलतापूर्वक लांच किया

भारत के प्रक्षेपण यान, पोलर सैटेलाइट लांच व्यिकल (पीएसएलवी-सी44) ने माइक्रोसैट–आर और कलामसैट-वी2 को उनकी निर्धारित कक्षाओं में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। पीएसएलवी-सी44 ने 24 जनवरी, 2019 को 23 : 37 बजे (आईएसटी) सतीश धवन स्पेस सेंटर एसएचएआर, श्री हरिकोटा के फर्स्ट लांच पैड से उड़ान भरी  जो इसकी 46वीं उड़ान थी।
उड़ान भरने के लगभग 13 मिनट 26 सेकंड के बाद माइक्रोसैट-आर को 274 किमी की निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। प्रक्षेपण के बाद सैटेलाइट की दो सौर श्रृंखलाएं स्वतः स्थापित हो गई और बेंगलुरू स्थित इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) ने सैटेलाइट की नियंत्रण में ले लिया।
इसके बाद प्रक्षेपण यान के चौथे चरण (पीएस4) को परीक्षण के उद्देश्य से 453 किमी की अधिक की वृत्ताकार ऊँचाई पर कक्षा-स्थापना के लिए भेजा गया। उड़ान भरने के 1 घंटा 40 मिनट के बाद कलामसैट-वी2 जो एक छात्र पेलोड है, को पूर्व निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। इसमें कक्षीय-प्लेटफार्म के रूप में पीएस4 का पहली बार उपयोग किया गया।
यह उड़ान पीएसएलवी-डीएल का पहला मिशन था जो पीएसएलवी का नवीन संस्करण है। इसमें मोटर से दो पट्टियां जुड़ी हुई हैं।
पीएसएलवी का पिछला लांच 29 नवंबर को हुआ था जिसमें भारत के एचवाईएस आईएस तथा अन्य देशों के 30 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
लांच के बाद चेयरमैन डॉ. के.सिवन ने अपने संबोधन में कहा कि पीएसएलवी-सी-44 मिशन अपने आप में अनूठा है क्योंकि इसरो ने पहली बार रॉकेट के अंतिम चरण का उपयोग अंतरिक्ष में परीक्षण के लिए किया है।
डॉ. सिवन ने कहा, “मैं आशा करता हूँ कि छात्र समुदाय इसरो द्वारा उपलब्ध कराये गए इस अवसर का बेहतर उपयोग करेंगे। यह नवीन व किफायती प्रौद्योगिकी छात्रों को अंतरिक्ष में परीक्षण करने की सुविधा प्रदान करेगी। इसमें उपकरणों को रॉकेट के अंतिम चरण के लिए जोड़ा जा सकता है।”
डॉ. सिवन ने निपुणता के साथ सैटेलाइट-निर्माण के लिए कलाम सैट-वी2 टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, “हमें विज्ञान-प्रेरित भारत के लिए प्रयास करना है। इसरो में पूरे भारत के सभी छात्रों का स्वागत है। हम चाहते हैं कि छात्र अपने सैटेलाइट हमारे पास लाएं और हम उन्हें लांच करेंगे। युवा वैज्ञानिक भारत के भविष्य का निर्माण करेंगे।”
उन्होंने कलामसैट-वी2 टीम का परिचय दिया। मिशन-निदेशक श्री आर. हटन ने लांच को सफल बनाने के लिए पीएसएलवी-सी-44 टीम को उनके अथक प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
इसके पहले 24 जनवरी, 2019 को डॉ. सिवन ने श्रीहरिकोटा में “छात्रों के साथ संवाद” (एसडब्ल्यूएस) कार्यक्रम के तीसरे संस्करण की अध्यक्षता की थी। निकटवर्ती क्षेत्रों के लगभग 300 स्कूली छात्रों को डॉ. सिवन से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ था।
एसडब्ल्यूएस इसरो का एक नया कार्यक्रम है जिसके तहत युवाओं में विज्ञान के प्रति रूचि जगाने का प्रयास किया जाता है। कार्यक्रम का पहला व दूसरा संस्करण क्रमशः 1 जनवरी, 2019 को बेंगलुरू में और 20 जनवरी, 2019 को कोच्चि में आयोजित किया गया था।
डॉ. सिवन ने एसडब्ल्यूएस प्रतिभागियों से कहा, “पूरी तन्मयता के साथ वर्तमान पर ध्यान केन्द्रित करें। दुविधाएं समाप्त हो जाएंगी। एक अच्छा छात्र असफलता से भयभीत नहीं होता। ज्ञान प्राप्ति के लिए असफलताएं आवश्यक हैं क्योंकि ये नये अवसर प्रदान करती हैं।”

केबीसी कैम्पेन की थीम होगी, कब तक रोकोगे

 

लखनऊ:
 केबीसी ज्ञान की शक्ति पर आधारित है। ज्ञान ही वह ताकत है जो आम आदमियों और महिलाओं को बिना किसी बाधा के वह सब हासिल करने की शक्ति देता है जिसे वे हासिल करना चाहते हैं। अपने १० वें सीजन में केबीसीए होस्ट अमिताभ बच्चन के साथ हर संघर्ष के पीछे रही। कभी हार न मानने वाली भावना की तारीफ करेंगे। हार न मानने की इसी भावना का जश्न मनाते हुए सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन ने तय किया है कि इस साल के लिए केबीसी कैम्पेन की थीम होगी, कब तक रोकोगे। नीतेश तिवारी और निखिल मेहरोत्रा ने इस कैम्पेन की कल्पना की है और इसे लिखा भी है। कैम्पेन से मिलती-जुलती तीन कहानियों के जरिये इसे हाईलाइट किया गया है। हम जीवन में अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं जो हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने से रोकती हैं। 

 

सीएम का यूपी दौरा छलावा:कांग्रेस


लखनऊ:
 सरकार द्वारा दावे किये जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने १६ महीने में यूपी के सभी ७५ जनपदों का दौरा कर चुके हैं और हजारों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। क्या यह उत्तर प्रदेश की जनता के साथ छलावा नहीं है कि जो २०१७ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि हम १४ लाख प्रतिवर्ष रोजगार देंगे, किसानों का कर्जा माफ  करेंगे और उत्तर प्रदेश की हमारी बहनों, महिलाओं को सुरक्षा का वातावरण देंगे। आज पूरे प्रदेश में बराबर अपराध बढ़ रहे हैं। हमारी बहनों के साथ दुराचार और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं उन्हें इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि उन्नाव में हुई बलात्कार की घटना में शामिल विधायक पर आज तक भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तरफ  से कोई कार्यवाही नहीं की जबकि सीबीआई ने उसके खिलाफ  आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बिजनौर की एक हमारी बहन मुख्यमंत्री से न्याय मांगने आती है न्याय न मिलने पर वह आत्महत्या करने पर विवश होती है। इलाहाबाद में पूरे परिवार की हत्या हो जाती है और सरकार उस पर मौन रहती है। पूरे प्रदेश में जिस तरीके से यह घटनाएं हुईं और सरकार ने शिथिलता दिखाई, यदि मुख्यमंत्री इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते तो निश्चित तौर से एक अच्छा संदेश जाता। 


सपा राज में हुआ सरकारी स्कूलों का इस्लामीकरण:भाजपा

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लखनऊ:
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान प्रदेश के कुछ सरकारी स्कूलों का इस्लामीकरण किये जाने का प्रकरण गंभीर है और योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में जांच कराकर सुनिश्चित कराये कि किसी भी सरकारी स्कूल में इस्लामिक शिक्षा व्यवस्था न चलने पाये और बच्चों को आधुनिक शिक्षा मुहैया कराई जाये। इस दिशा में देवरिया के प्रशासनिक अधिकारियों को भी ऐसे लोगों के खिलाफ  कार्रवाई करने को भी कहा गया है, जिन्होनें सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी इस्लामिक शिक्षा पद्धति लागू करने का प्रयास किया था। प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने वोटों के तुष्टीकरण की खातिर तमाम ऐसे फैसले लिए जो प्रदेश के खिलाफ  थे। किसे याद नहीं है कि महज मुस्लिम वोटों को खुश करने की खातिर सपा सरकार ने एक वक्त आतंकियों तक के मुकदमें वापस लेने का फैसला किया था। इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी कुछ मौलानाओं को बकायदे सरकारी हेलीकाप्टर से बुलवाकर मुख्यमंत्री आवास में भोजन तक कराया गया। इसी का नतीजा है कि अखिलेश सरकार में कुछ कट्टरपंथियों ने सरकारी स्कूलों के कायदे कानून बदलकर वहां इस्लामिक शिक्षा पद्धति कायम कर दी और सपा सरकार चुपचाप यह अराजकता देखती रही। इन स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दी जाने लगी और उर्दू में पढ़ाई शुरू करा दी गयी। हैरानी की बात यह है कि सरकारी स्कूल होते हुए भी सपा सरकार में इन स्कूलों में इस्लामिक कानून चलते रहे और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आते ही प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इन स्कूलों में सरकारी कायदे-कानून लागू कर दिये गये हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ  कार्रवाई के आदेश दिए गये हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों में इस्लामिक शिक्षा पद्धति लागू करने की कोशिश की। श्री त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों से जुड़ी शिक्षा व्यवस्था में धर्म की आड़ लेकर किया गया ये प्रयास अपराध की श्रेणी में आता और ऐसे में जो लोग भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ  सख्त कानूनी कार्रवाई भी होगी। 



योगी सरकार जनसमस्याओं के त्वरित निवारण हेतु कृत संकल्पित: राणा


लखनऊ:
 योगी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सुरेश राणा ने आज कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार जनसमस्याओं के त्वरित निवारण हेतु कृत संकल्पित हैं। सरकार के साथ-साथ पार्टी संगठन भी लगातार जनसहयोग केन्द्र के माध्यम से प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए काम कर रहा है। पार्टी मुख्यालय पर जनसमस्याओं के समाधान के लिए बने जन सहयोग केन्द्र में आज श्री राणा ने कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल के साथ मौजूद रहकर आमजन की समस्याओं को सुना और उनके निराकरण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश भी दिये। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं विधायक पंकज सिंह, प्रदेश मंत्री कामेश्वर सिंह व धर्मवीर प्रजापति भी मौजूद थे। श्री राणा ने जनता की समस्याओं के निस्तारण के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अपनी समस्याओं को लेकर लखनऊ आने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के प्रभारी मंत्रियों सहित शासन-प्रशासन के अधिकारियों को भी यह निर्देश दे रखे है कि आम जनता को अपनी समस्याओं को लेकर भटकना न पड़े जिला स्तर पर ही उनकी समस्याओं का निस्तारण हो ऐसी हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं ही इतने कम समय में पूरे प्रदेश के सभी जिलों का दौरा कर आमजन के हितो के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा कर चुके है। मुख्यमंत्री खुद भी लगातार अपने दौरों के माध्यम से जनता के बीच पहुंचकर उनके सुख-दुख के भागीदार बन रहे है। 


भाजपा की नवगठित क्षेत्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक कल


लखन:
। भाजपा की नवगठित क्षेत्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक २६ जुलाई को विकासनगर के शहनाई गेस्ट हाउस में आयोजित की गयी है। इस बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री संगठन राम लाल, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, क्षेत्रीय महामंत्री संगठन प्रद्युम्न कुमार एवं अवध क्षेत्र के प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर मौजूद रहेगे। बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों एवं आयोजनों के क्रियान्वय पर विस्तृत चर्चा के साथ-साथ केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में चलायें जा रहे कार्यक्रमों एवं नीतियों पर चर्चा के साथ विजन २०१९ के लिए भी विस्तृत कार्यक्रम तय किये जायेगें। भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश मिश्रा डाक्टर ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी सहित सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी एवं मोर्चा, प्रकोष्ठ, प्रकल्प व विभाग के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।

चमोली के रथगॉव के बाढ़ में फंसे परिवारों को सेना ने बचाया


लखनऊ:
 उत्तराखंड मेें चमोली जिले के रथगांव के बाढ़ में फंसे ४१ परिवारों को सेना द्वारा बचाया गया। विगत १६ जुलाई को बादल फटने के बाद चमोली जिले के थराली तहसील के रथगांव को जोडऩे वाला पुल तीव्र जल-प्रवाह में बह गया था। स्थानीय नागरिक प्रशासन की मांग पर पर्वतीय ब्रिगेड के फील्ड इंजीनियर कंपनी के दो अधिकारियों एवं १३ जवानों का राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचकर विपरीत चुनौतियों का सामना करते हुए अपने अथक प्रयासों से लगातार ३६ घंटों में एक पैदल सेतु का निर्माण किया। लगातार वर्षा के बीच यह चुनौती जटिल था क्यों कि रास्ते में कई सड़क मार्ग टूट चुके थे। राहत एवं बचाव के दौरान प्रभावितों लोगों को राशन पहुंचाने के लिए सैनिकों द्वारा पांच जगहों पर सड़क निर्माण एवं अस्थायी क्रॉसिंग प्वाइंट बनाने पड़े। सेना अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी परिस्थितियों में हर चुनौतियों से निबटने के लिए तत्पर है। 

कारगिल विजय दिवस पर युद्धवीरों को दी जायेगी श्रद्धांजलि


लखनऊ:
 भारत में प्रतिवर्ष २६ जुलाई को कारगिल युद्ध में हुई हमारी शानदार विजय के उपलक्ष्य में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है और हम इस दिन कारगिल के जाबांज शहीद सैनिकों के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। १९९९ का वह ऐतिहासिक दिन जब हमारे भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने लगातार ६० दिनों की लड़ाई के बाद लद्दाख क्षेत्र से लेकर हिमालय तक अत्यन्त दुर्गम व जोखिम तथा ग्लेशियर से भरे गगनचुंबी चोटियों पर स्थित चौकियों पर सफलतापूर्वक फतेह हासिल की। लखनऊ छावनी में स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर भव्य श्रद्धांजलि समारोह के साथ होगी। इस अवसर पर मध्य कमान के सेनाध्यक्ष ले. जनरल बीएस नेगी एवं अन्य सेवारत सैन्यधिकारियों सहित भूतपूर्व सैन्यधिकारी मध्य कमान के युद्ध स्मारक 'स्मृतिकाÓ पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर आयोजित एक सम्मान समारोह में ले. जनरल बीएस नेगी कारगिल युद्ध में भाग लेनेवाले जाबांज सैनिकों सहित वीर नारियों, कारगिल शहीद सैनिकों की पत्नियों, भूतपूर्व सैनिकों एवं युद्ध विधवाओं को सम्मानित करेगें एवं उनसे रूबरू होगें। 

पावरग्रिड के सहयोग से राजधानी में लगेंगी 500 सोलर लाइटें


लखनऊ:
 लखनऊ के सांसद/गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री के प्रेरणा से पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा ५०० लाइटें लगायी जाएगी। कैण्ट विधानसभा में इको गार्डेन के पास गीतापल्ली में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुये प्रदेश महामंत्री विधायक पंकज सिंह ने कहा लखनऊ के चंहुमुखी विकास के लिये जो भी सम्भव प्रयास है वह किये जा रहे हैं, चाहे आउटर रिंग रोड, पिपराघाट पुल, रेलवे स्टेशन के विकास, एयरपोर्ट क्षेत्र एवं टर्मिनल का विकास सहित छोटे-छोटे सड़क और सोलर,
समरसेबिल, फ्लाई ओवर के कार्य तो चल ही रहे हैं। इस अवसर पर डा. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लखनऊ इतिहास में संस्कृति में तो अव्वल है ही लेकिन पूर्व की सरकारों ने जितना विकास किया उससे ज्यादा तो आज अकेले राजनाथ सिंह ने विकास कार्य कर रहे हैं। महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि लखनऊ संसदीय क्षेत्र को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का नेतृत्व प्राप्त होता रहा। इस अवसर पर क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी, महानगर महामंत्री त्रिलोक सिंह अधिकारी, अंजनी श्रीवास्तव, पुष्कर शुक्ला, राजधानी बैंक के चेयरमैन मान सिंह, महानगर उपाध्यक्ष आनंद द्विवेदी, अशोक तिवारी, विवेक सिंह तोमर, पार्षद दल के नेता रामकृष्ण यादव, मुख्य सचेतक रजनीश गुप्ता, मण्डल
अध्यक्ष पवनेश सिंह, विनायक पाण्डेय, सुधीर श्रीवास्तव, अम्बेश मिश्रा, पार्षद सुधीर मिश्रा, अमित मिश्रा, श्रवण नायक, रेखा भटनागर, युवा मोर्चा अध्यक्ष टिंकू सोनकर, हरशरणलाल गुप्ता, पीयूष दीवान, महानगर मंत्री जया शुक्ला, अर्चना साहू, सीमा स्वर्णकार, नीलमबाला प्रजापति,राघवराम तिवारी, हर्षित दीक्षित, वीरू जसवानी, संजय राठौर, अमित मौर्या सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कांग्रेस एमएलसी ने सरकार को चेताया

लखनऊ:
 विगत वर्ष उत्तर प्रदेश योगी सरकार द्वारा दिए गए शर्मनाक बयान अगस्त में बच्चे मरते ही हैं चुकि जुलाई माह समाप्ति पर है और अगस्त माह आने को है इस बार पहले  इस लिए चेता रहा हूं  और मुख्यमंत्री और उनके स्वास्थ्य मंत्री से पूछना चाहता हूं की सरकार ने क्या इन्तजामाद किये है जलजनिक वीमारियों से बचाव के लिए। कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि 
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज सहित सभी सेंटरों पर पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते इंसेफलाइटिस के मरीजों, आईसीयू सहित दूसरे आईसीयू व वार्डों में ऑक्सीजन खत्म होने से विगत वर्ष बच्चों की मौत हुई थी।

27 जुलाई, 2018 को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केंद्र से गुज़र जाएगा। 15 जून, 2011 से यह पहला केंद्रीय चंद्र ग्रहण होगा।



चूंकि यह apogge  के पास होगा, यह ग्रहण 21 वीं शताब्दी में सबसे लंबा पूर्ण  चंद्र ग्रहण होगा। यह लगभग 103 मिनट तक रहेगा


यह ग्रहण 2018 में दूसरा  पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जनवरी में एक के बाद यह पूर्वी अफ्रीका, और मध्य एशिया पर पूरी तरह से दिखाई देगा, जो दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और यूरोप में बढ़ रहा है, और पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया में स्थापित है। 
कब, होता है चंद्र ग्रहण 
 चंद्रमा ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के छाया (umbra) के भीतर गुजरता है। जैसे ग्रहण शुरू होता है, पृथ्वी की छाया पहले चंद्रमा को थोड़ा सा अंधकार देती है। फिर, छाया चंद्रमा के हिस्से को "कवर" करने लगती है, इसे एक गहरा लाल-भूरे रंग का रंग बदलती है (आमतौर पर - रंग वायुमंडलीय परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकता है) चंद्रमा रैले स्कैटरिंग के कारण  लाल रंग का प्रतीत होता है (वैसे ही जैसे , रैले स्कैटरिंग के कारण ही सूर्यास्त लाल दिखता है) और पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा उस प्रकाश की अपवर्तन में उस प्रकाश का अपवर्तन होता है।

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