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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत 'मन की बात' कार्यक्रम के 121वें संस्करण को सामूहिक रूप से सुना। इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, दायित्वधारी श्री अनिल डब्बू, श्री पुनीत मित्तल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकी घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की।  यह हमला आतंक के सरपरस्तों की हताशा और कायरता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई में 140 करोड़ देशवासियों की एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

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मुख्यमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम को अत्यंत प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री  समाज के विभिन्न सकारात्मक कार्यों का उल्लेख कर समाज के उन लोगों को प्रोत्साहित करते हैं, जो देश को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनता की राय, सुझाव और सफल प्रयासों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करते हैं, जिससे लाखों लोग प्रेरणा लेते हैं। 'मन की बात' कार्यक्रम आज देशवासियों से भावनात्मक और वैचारिक रूप से गहराई से जुड़ चुका है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है, यात्रा के लिए पूरे राज्य ने उत्साह का माहौल है। चारधाम यात्रा  में  देश भर से श्रद्धालु उत्तराखंड आने लगे हैं। उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखण्ड, देश और विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी श्रद्धालु  उत्तराखंड से यात्रा का अच्छा अनुभव लेकर जाएं।


मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा में सेवा का कार्य करने वाले विभिन्न लोगों, संगठनों का आभार व्यक्त  किया। उन्होंने कहा आगामी चारधाम यात्रा को सफल बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।  चार धाम यात्रा में हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। उन्होंने कहा चार धाम यात्रा से पहले हर स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


इस अवसर पर संस्कृति, साहित्य कला परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती मधु भट्ट, अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति कर्नल अजय कोठियाल, दायित्वधारी श्री पुनीत मित्तल, श्री हिमांशु चमोली, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विसेज की उच्च हिमालयी चिकित्सा सेवा का फ्लैग ऑफ किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान संजीवनी किट का भी शुभारम्भ किया। 


मुख्यमंत्री ने सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विसेज की टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सिक्स  सिग्मा द्वारा श्रद्धालुओं की दी जा रही यह स्वास्थ्य सुविधा चार धाम यात्रा के सफल संचालन के सहायक सिद्ध होगी। 


 सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विसेज की उच्च हिमालयी चिकित्सा सेवा के तहत आदि कैलास यात्रा , केदारनाथ यात्रा, बद्रीनाथ यात्रा  , मध्यमहेश्वर यात्रा , तुंगनाथ यात्रा , रुद्रनाथ यात्रा के दौरान कैंप लगाकर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। संजीवनी किट में ऑक्सीजन, आवश्यक दवाइयाँ और पोर्टेबल आई सी यू उपकरण शामिल हैं।

इस दौरान विधायक श्री खजान दास, 

श्री पुनीत मित्तल, सीईओ सिक्स सिग्मा श्री प्रदीप भारद्वाज , डॉ. अनिता भारद्वाज, डॉ. परवेज़  , डॉ. भारत शर्मा एवं अन्य लोग मौजूद थे।

*मुख्य सेवक संवाद के तहत सीएम ने स्टार्टअप संवाद कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।* 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सेवक सदन देहरादून में *मुख्य सेवक संवाद* के तहत स्टार्टअप संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।  इस दौरान उन्होंने राज्यभर से आए स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले लोगों से संवाद किया एवं उनके महत्वपूर्ण सुझावों को सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्नत उत्तराखंड नामक पुस्तक का विमोचन एवं विभिन्न स्टार्टअप पर आधारित विभिन्न स्टॉल का अवलोकन भी किया।  



*राज्य सरकार का लक्ष्य: पांच वर्षों में प्रत्येक जनपद में स्थापित होगा इन्क्यूबेशन सेंटर।*


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रत्येक जनपद में एक इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर 1000 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य रखा है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उद्यमिता से सम्बन्धित पाठ्यक्रम भी लागू किए हैं, साथ ही डेडिकेटेट स्टार्टअप पोर्टल का भी शुरू किया गया है। राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए  200 करोड़ रूपए से उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड की स्थापना भी की गई है। राज्य सरकार, स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन एवं बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान कर रही है। राज्य में स्टार्टअप इको-सिस्टम का समुचित विकास किया जा रहा है। 


*युवाओं से आह्वान : सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर राज्य में शुरू करें स्टार्टअप।*


मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया कि राज्य में स्टार्टअप शुरू करने के लिए आगे आएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना है। मुख्यमंत्री ने कहा देश में नई कार्य संस्कृति का संचार हुआ है। आज समाज में नवाचार के माध्यम से बदलाव लाने वालों को एक उचित मंच दिया जा रहा है। देश के प्रतिभाशाली युवा नवाचार के माध्यम से अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य स्टार्टअप के क्षेत्र में पूरे देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। 


*राज्य में लाई गई स्टार्टअप नीति 2023।*


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश स्टार्टअप का वैश्विक हब बनकर उभरा है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और रैंप (RAMP) योजना जैसी योजनाओं से युवाओं के लिए नए मार्ग खुले हैं। राज्य सरकार भी उत्तराखंड को स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़ा रही है।  राज्य में स्टार्टअप्स के लिए बेहतर इको-सिस्टम विकसित किया गया है। राज्य में स्टार्टअप नीति 2023 को लागू किया गया है। जिसके तहत सीड फंडिंग के लिए 15 लाख रुपये तक का अनुदान एवं प्रारंभिक चरण के 22 हजार रुपये प्रतिमाह तक का भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा है।


*नए विचारों की शक्ति, सपनों को सच करने का साहस और देश को आगे ले जाने का संकल्प है स्टार्टअप।*


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार, राज्य में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कर नये स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा राज्य में जो भी इन्क्यूबेशन सेंटर हैं, उन्हें शैक्षणिक संस्थान से भी जोड़ा गया है। सरकार इन सभी के नोडल इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में 60 करोड़ रूपए की लागत से देहरादून स्थित आई.टी. पार्क में विश्वस्तरीय उत्तराखण्ड इनोवेशन हब (यू-हब) की स्थापना कर रही है। राज्य सरकार के प्रयासों के फस्वरूप राज्य के 1300 से अधिक स्टार्टअप्स भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा स्टार्टअप नए विचारों की शक्ति, सपनों को सच करने का साहस और अपने देश को आगे ले जाने का संकल्प होता है। 


*स्टार्टअप शुरू करने वालों ने रखे अपने विचार।*


डिजाइन स्टूडियो की फाउंडर श्रद्धा नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप के लिए नई पहचान दिलाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा वो स्वयं वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दे रही हैं, वो उत्तराखंड की संस्कृति विरासत को विश्व पटल पर पहुंचने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से एक जिला एक उत्पाद में स्थानीय कला, वास्तुकला और शिल्प को सम्मिलित किए जाने का आग्रह किया। 


इन्टीग्रेटेड मेरीटाइम एक्सचेंज प्रा.लि. के श्री कुणाल उनियाल ने कहा कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हमेशा उनका साथ देती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से डिजिटल अवसंरचना के लिए नीति बनाने और राज्य स्तरीय नवाचार मिशनों में सम्मिलित करने का आग्रह किया।


पलक्स मोटर्स के विकास शाह ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने हिमालयी क्षेत्र के लिए उच्च-प्रदर्शन इलेक्ट्रिक बाइक को विकसित किया है। जिसके लिए उन्हें शुरूवात में वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री से नवाचारों को प्रारंभिक चरण से आगे बढ़ाने तक के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान करने एवं सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कर को कम करने का आग्रह किया। 


पिथौरागढ़ से आई हिमग्रेस ऑग्रेनिक्स की संस्थापक श्रीमती बबीता सिंह ने बताया कि वह  ग्रामीण क्षेत्रों में खेती कर किसानों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने वाले लोगों को विशेष रूप से सहायता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा स्टार्टअप शुरू करने वाले स्थान तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचे इसका भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।


 रनवे-यूपीईस से स्वरलीन कौर ने कहा कि  उत्तराखंड वेंचर फंड (UVI) के माध्यम से राज्य में स्टार्टअप्स को उत्कृष्ट समर्थन मिल रहा है, जो  सराहनीय है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निजी इनक्यूबेटर्स जैसे Runway को इन पहलों के तहत एकीकृत किए जाने का आग्रह किया। 


एग्रीज्वाय एल.एल.पी. के संस्थापक श्री चन्द्रमणी कुमार ने बताया वो पहाड़ में लौटकर संरक्षित खेती के माध्यम से कृषि व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्टार्टअप कर रहे लोगों के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया। 


इस अवसर पर मेयर श्री सौरभ थपलियाल, मंडी परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल डब्बू, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव उद्योग श्री विनय शंकर पांडे, महानिदेशक उद्योग श्री प्रतीक जैन, अपर निदेशक श्री शिखर सक्सेना, अपर निदेशक श्री मृत्युंजय सिंह, संयुक्त निदेशक श्री अनुपम सिंह , श्री दीपक मुरारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अनारवाला, देहरादून में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात का 114वां संस्करण सुना। 

114th episode of Maan ki baat listened by Dhami


.मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम हमेशा सबको सामाजिक सरोकारों को लेकर बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

 उन्होंने कहा कि नवरात्रि के शुभारंभ अवसर पर 03 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 10 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।


 दस सालों में इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों और लोगों द्वारा जनहित में किये गये अनेक कार्यों का जिक्र कर लोगों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर लोगों द्वारा अनेक सराहनीय कार्य किये भी जा रहे हैं। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज मन की बात कार्यक्रम में राज्य के उत्तरकाशी के सीमावर्ती गाँव झाला का जिक्र किया। यहां के युवाओं ने अपने गाँव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है। वे अपने गाँव में ‘धन्यवाद प्रकृति’ अभियान चला रहे हैं। यह स्वच्छता के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल है। इसके तहत गाँव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है। गाँव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर, उसे, गाँव के बाहर, तय जगह पर डाला जाता है। इससे झाला गाँव भी स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरूक भी हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्वच्छता के इस तरह के कार्यक्रम जनसहयोग से प्रदेश के हर क्षेत्र में चलाए जाए। राज्य में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता अभियान पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 


मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वाहन किया है कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सबको अपना योगदान देना है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ पर विशेष ध्यान देना है। त्योहारों में स्थानीय उत्पादों की खरीददारी कर हमें स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका को बढ़ाने में योगदान देना होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि हमें विकास के साथ अपनी विरासत को भी बढ़ावा देना होगा। अपनी स्थानीय भाषा, बोलियों और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास करने हैं। 


कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उन्होंने हमेशा उत्तराखंड की चाहे बाल मिठाई हो या एपण कला और आज उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी के झाला गांव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस गांव के युवा रोजाना गांव में दो घंटे सफाई करते हैं। इससे गांव स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरुक भी हो रहे हैं। उन्होंने सभी से मन की बात कार्यक्रम को सुनने की अपील की।


राज्य में 3900 क्लस्टर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा*


*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं प्रदेश के 8.88 लाख किसान*

देहरादून:



 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार, खेती किसानी की तरक्की के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।  

कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दे रहा है। सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।


इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। 

 

*सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान*


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है। 


*एससी – एसटी बहुल गांवों के लिए विशेष योजना* 

सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।  

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*राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है, जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।*


*पुष्कर सिंह धामी*

*मुख्यमंत्री उत्तराखंड*



  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को इन्दिरानगर, देहरादून में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "मन की बात" का


र्यक्रम का 113 वां संस्करण सुना।  



मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने IIT-Madras के पूर्व छात्रों द्वारा शुरू किए गए Spacetech Start-Up GalaxEye की टीम के सदस्यों से वार्ता की।

 इस टीम के  सदस्यों में से एक अल्मोड़ा, उत्तराखंड निवासी रक्षित भी हैं। रक्षित से वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैडमिंटन खिलाडी लक्ष्य सेन हमेशा उनके लिए अल्मोडा की बाल मिठाई लाते हैं। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्पेस सेक्टर में उत्कृष्ट कार्य कर रहे अल्मोड़ा के रक्षित से वार्ता कर स्पेस संबंधित विभिन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। आज हमारे प्रदेश के युवा प्रत्येक सेक्टर में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान  प्रधानमंत्री द्वारा अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई एवं प्रदेश के बैडमिंटन खिलाडी लक्ष्य सेन का जिक्र करना उत्तराखण्ड के प्रति उनके आत्मीय लगाव को प्रदर्शित करता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मन की बात’ कार्यक्रम युवा पीढ़ी, मातृशक्ति के उत्थान एवं सभी को प्रेरणा देने का काम करता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बेहतर और समृद्ध भारत की प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के कोने कोने में हो रहे उत्कृष्ट कार्य को आगे लाने का काम किया है। ऐसे अनगिनत कार्य देश के सामने लाए गए हैं, जिस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता था। इस कार्यक्रम के माध्यम से छोटे स्थानो पर होने वाले बड़े कार्यों को देश दुनिया के सामने लाया गया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ' मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री, लोगों के प्रयासों को प्रोत्साहन देकर उनका विश्वास जगाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में तिरंगा यात्रा का जिक्र किया। प्रधानमंत्री  ने मनुष्य और जानवरों के बीच के प्रेम पर भी प्रकाश डाला है। क्रिएटिविटी के माध्यम से जानवरों की रक्षा एवं फिट इंडिया के बारे में भी प्रधानमंत्री  ने सभी को बताया है। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने हमें यह एहसास कराया कि हमारा देश एक बड़े परिवार की भांति है। जहां हर एक नागरिक की देश को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पुनः विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। पूरी दुनिया प्रधानमंत्री की बातों को पूर्ण गंभीरता से लेती है।  भारत ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रत्येक भारतवासी में आज विश्वास जगा है। आज सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए कार्य कर रही है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलने का कार्य हुआ है। 50 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत साढे तीन करोड़ मकान बनाए गए हैं। 10 करोड़ से अधिक उज्जवला योजना के अंतर्गत कनेक्शन दिए गए हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन के जीवन स्तर में सुधार आया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख तक का बीमा प्रदान किया गया है। हर साल किसान सम्मान निधि को सीधा लाभार्थियों के खातों में भेजा जा रहा है। फसल बीमा योजना से किसानों की फसल को सुरक्षा प्रदान की जा रही है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, मुद्रा योजना के माध्यम से युवाओं को रोजगार एवं आत्मनिर्भर भारत की नीव को मजबूत किया जा रहा है। 


कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा महानगर देहरादून द्वारा आयोजित सदस्यता अभियान - 2024 कार्यक्रम में भी सम्मलित हुए। 


इस दौरान  कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्रीमती सविता कपूर, विधायक श्री खजान दास, विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, विधायक श्री बंशीधर भगत, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति श्री विश्वास डाबर, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ श्री अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।


ऋषिकेश;


क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  के मन की बात के 105वें एपिसोड को कार्यकर्ताओं के साथ देखा व सुना।



शिवा एनक्लेव स्थित मंदिर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ अग्रवाल ने कहा कि मन की बात के 105वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 और G20 समिट की सफलता पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने मन की बात में बताया कि मुझे चंद्रयान की सफलता के लिए कई पत्र मिले। डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत ने इस समिट में अफ्रीका को फुल मेंबर बनवाकर अपनी लीडरशिप का लोहा मनवाया है।


कहा कि प्रधानमंत्री ने मन की बात में जर्मनी की एक लड़की की भी चर्चा की। वो देख नहीं पाती, लेकिन संस्कृत के श्लोक इतने आसानी से गाती हैं जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाए। पीएम ने कार्यक्रम में 27 सितंबर को होने वाले विश्व पर्यटन दिवस और शांति निकेतन-होयसड़ा मंदिर की भी चर्चा की।


इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने 33 प्रतिशत महिला आरक्षण करने पर भी पीएम मोदी जी का आभार प्रकट किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रवींद्र राणा, मण्डल अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र दत्त सकलानी, महंत धर्मदास जी महाराज, महंत सरन दास जी महाराज, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, बूथ अध्यक्ष आदेश राम कश्यप, पार्षद तनु तेवतिया, विकास तेवतिया आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन महामंत्री गौरव कैंथोला ने किया।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को विधानसभा कैंट, देहरादून के अंतर्गत बूथ न० 59, पटेलनगर में स्थानिया जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात का 102वां संस्करण सुना। 

102 th Man Ki Baat listened by CM Dhami



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  ने जन भागीदारी, सेवा भाव से होने वाले समाजिक कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने जल संरक्षण से जुड़े स्टार्स-अप, तालाबों/ नदियों को पुनर्जीवित करने, भारत में आपदा प्रबंधन सशक्त किए जाने, टी.बी. मुक्त भारत, मियावाकी तकनीक से पौधरोपण, दुग्ध उत्पादन जैसे विभिन्न विषयों पर आम जन को जागरूक किया। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून में स्वच्छता सप्ताह के अंतर्गत आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने गांधी पार्क से पं० दीनदयाल उपाध्याय पार्क तक स्वयं झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। 



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 पर्यावरण मित्रों को सम्मानित किया। साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति शपथ भी दिलाई। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुल 102 निकायों में स्वच्छता का महा अभियान चल रहा है। आमजन में स्वच्छता को लेकर जागरूकता निरंतर बढ़ रही है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक उत्तराखंड आते हैं। राज्य का प्रत्येक जिला एवं पर्यटन स्थल स्वच्छ एवं सुंदर रखने की जिम्मेदारी यहां के प्रत्येक व्यक्ति की है। 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देहरादून को "स्वच्छ दून, सुंदर दून" बनाने के लिए जनभागीदारी से विभिन्न स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने लोगो से स्वच्छता को अपनी रोजमर्रा की आदत में लाने का आग्रह किया। जन जागरूकता से स्वच्छता के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत अभियान ने एक बड़े जनांदोलन का रूप लिया, जिसका परिणाम अब दिखने लगा है।


इस दौरान कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, विधायक संविता कपूर, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने  भारत को 2025 तक 'टी.बी. मुक्त भारत' बनाने का संकल्प को दोहराया है। प्रधानमंत्री जी ने उत्तराखंड में नैनीताल जिले के एक गांव के निक्षय मित्र दीकर सिंह मेवाड़ी का उल्लेख किया। निक्षय मित्र दीकर सिंह मेवाड़ी ने टी.बी मुक्त भारत के संकल्पों को पूर्ण करने के मकसद से टी.बी के 6 मरीजों को गोद लिया है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात के सभी कार्यक्रम आम जन से जुड़े रहते हैं। मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में सामाजिक कार्यों के प्रति प्रेरणा मिलती है। 


कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनिताल जिले के दीकर सिंह मेवाड़ी से  फोन पर वार्ता कर, उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य सरकार के स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। 


इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक सविता कपूर, सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।


देहरादून :

              



 प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री नरेन्द्र मोदी  द्वारा शुरू किये गये ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100 वां संस्करण  कल 30 अपै्रल 2023 को प्रातः 11ः00 बजे प्रसारित होगा।

 उक्त क्रम में जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए सभी सरकारी, गैर सरकारी, अर्द्धसरकारी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं तथा आमजन को सुनाये जाने हेतु विद्यालय स्तर ग्राम सभा, डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आई0टी0आई0 एवं अन्य संबंधित अधिष्ठानों में आवश्यक व्यवस्थायें कराये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया है। 

जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को मन की बात कार्यक्रम के सुगम प्रसारण हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने तथा  प्रधानाचार्यो, प्रधान ग्राम पंचायत, अंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु निर्देशित करने के निर्देश दिए। 



 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों को संबोधित मन की बात को सुना। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद एवं मेयर श्री सुनील उनियाल गामा भी मौजूद थे।



प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उत्तराखंड में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण की प्रथम डोज लगाने पर उत्तराखंड सरकार की सराहना की। मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री ने पूनम नौटियाल से बात की। श्रीमती पूनम नौटियाल ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र में लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।

 एक दिन में पर्वतीय क्षेत्रों में 8 से 10 किमी की दूरी तय कर कोविड टीकाकरण किया। बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं धात्री महिलाओं का उनके घरों पर जाकर टीकाकरण किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूनम नौटियाल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कि उन्होंने आउट ऑफ द वे जाकर लोगों का टीकाकरण किया।


मन की बात कार्यक्रम को सुनने के बाद मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मन की बात हम सभी को देशहित और समाज हित में सोचने और काम करने के लिए प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री जी ने एक अभिभावक की तरह मार्गदर्शन किया। उनका सक्षम नेतृत्व ही था कि 'सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन' अभियान से देश, 100 करोङ वैक्सीनैशन डोज का पङाव पार कर चुका है। आज देश एक नये उत्साह और ऊर्जा से आगे बढ रहा ही।  

आज भारत ने कोविड वैक्सीनैशन में दुनिया को राह दिखाई है। निस्संदेह इसमें हमारे हेल्थ वर्कर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। कोविड वारियर्स की दिन रात की मेहनत से ही हम कोविड से बाहर निकल रहे हैं। परंतु हमें अभी भी सावधानी रखनी है। हम उत्तराखण्डवासियों के लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री जी ने राज्य की हेल्थ वर्कर पूनम नौटियाल जी से बात की। उत्तराखण्ड के हेल्थ वर्कर्स का जज्बा ही है कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत पहली डोज का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। हम जल्द ही शतप्रतिशत सेकेंड डोज का लक्ष्य भी हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वोकल फॉर लोकल का जो मंत्र दिया है, हम सबको मिलकर इसे साकार करना है। त्योहारों का सीजन चल रह है, इस दौरान हमें स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है। वोकल फॉर लोकल का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों की आमदनी को बढ़ाना है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के लिए हम सभी को अपनी दिनचर्या का अंग मानकर प्रयास करने होंगे। अपने घरों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी स्वच्छता पर ध्यान देना होगा। आइये, हम संकल्प लें कि स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढाते हुए हम सब मिलकर अपने देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाएंगे और स्वच्छ रखेंगे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को जीटीसी हेलीपेड पर मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पूर्व सदस्य श्री पुष्पराज सिंह ने भेंट की। 

 

उन्होंने कहा की निर्देशक श्री चाणक्य चटर्जी द्वारा चारधाम पर एक सीरियल बनाया जा रहा है, जो जी टीवी पर प्रसारित होगा। यह एक म्यूजिकल आधारित सीरियल होगा। श्री पुष्पराज सिंह ने इस सीरियल के मुहूर्त शॉट के लिए मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया।


श्री पुष्पराज ने इस अवसर पर व्हाइट टाइगर सफारी जू को उत्तराखंड में स्थापित करने का सुझाव भी दिया । उन्होंने बताया की अभी विश्व का एकमात्र व्हाइट टाइगर सफारी जू रीवा मध्यप्रदेश में स्थापित है।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद भी मौजूद थे।

 मुख्यमंत्री ने मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बात करने वाली बागेश्वर जनपद की श्रीमती पूनम नौटियाल से फोन से वार्ता कर उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। 


 संस्मरण 

जब मार्च 2021 मझे कोरोना हुआ।  

कोविड- 19 से सावधानी ही बचाव है।



 मेरानाम डा. हरीश गौड़ है। मैं ऋषिकेश उत्तराखंड में रहता हूं।सभी को मेरा सादर 🙏🙏 है सभी आरोग्य रहें स्वस्थ रहें।


 सारी दुनिया खासकर हमारे देश में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है। ऐसे में सावधानी अपेक्षित है।   मास्क पहने ऐसा मास्क जिससे नाक मुंह ढका हो,  शोसियल डिस्टेंस रखें जैसाकि दो गज दूरी हेतु कहा जाता रहा है। हाथों को  20 सैकेंड तक साबुन से धोयें, सेनिटाईजर का प्रयोग करें। सरकार के वैक्सीनेशन का अंग बने निर्धारित आयु वर्ग के लोग कोरोना बचाव हेतु वैक्सीन जरूर लगाएं।

भीड़भाड़ में न जाये, शादी समारोहों में भीड़ न बढायें।

सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार होने पर कोरोना जांच जरूर करवायें। बिल्कुल घबराये नहीं।

कोरोना पाजिटिव आने पर अपमानित महसूस न करें, धैर्य रखें। सकारात्मक रहे। ईश्वर पर भरोसा रखें। आईशोलेशन का पालन करें।

जो लोग स्वस्थ है कोरोना पाजिटिवों से भेदभाव न करें।

अधिकांश यह देखा जा रहा है जब कोई ब्यक्ति कोरोना पाजिटिव आ जाता है तो उसके बहिष्कार करने हेतु कई लोग गुटबाजी करते है। पाजिटिव आने पर सरकार की गाईडलाईन के तहत निश्चित होता है कि रोगी कोविड सेंटर, हास्पिटल या घर निवास स्थान पर आईशोलेट होगा।  याद रहे बीमारी किसी को भी हो सकती है । किसी की मदद नहीं कर सकते हो तो मौका पाकर धक्का न दें। तथा घृणा का माहौल तैयार न करें । बीमार भी हमारे परिवार, मुहल्ले, तथा समाज का अंग है।

यह देखे पूरी दुनिया बीमारी से लड़ रही है  डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी , पुलिस, सफाईकर्मी पर्यावरण मित्र देश की अदालतें, नेता अधिकारी  दिन रात एक कर कोरोना रोगियों को बचाने में लगे हैं। स्यंमसेवी संस्थायें कार्य कर रही हैं। 

 सभी का कहना यही है बाजार में सामान, दवाइयां अनावश्यक रूप से स्टोर न करें केवल आवश्यकतानुसार ही खरीदें। आक्सीजन सिलेंडर, दवाईयां, खाद्य सामग्री स्टोर कर हम बीमारी से जूझ रहे लोगों से अन्याय कर रहे हैं।


 कोरोना उपचार हेतु बताई गयी दवाइयां जरूर  खाएं लें। आवश्यकता होने पर डाक्टर से अपना चैकअप करायें। 


जब में पिछले  मार्च महीने कोरोना पाजिटिव हुआ था तो में एम्स हास्पिटल ऋषिकेश  (उत्तराखंड) गया वहां एमरजेंसी में एक दिन एडमिट के बाद वार्ड में शिफ्ट हुआ । वार्ड में कई  कोरोना मरीज अन्य राज्यों के भी थे जो हरिद्वार कुंभ में संक्रमित हुए थे।

कोरोना वार्ड में बाहरी ब्यक्तियों, परिचितों को आने की मनायी थी दूर से ही मिल सकते थे। कई मित्र मुझसे तथा अन्य पेसेंट से मिलने आये।

सात दिन दिनरात इलाज से कई मरीज ठीक हो गये। डाक्टरों ने कहा अब हास्पिटल में रहने की जरूरत नहीं है। मै  भी एम्स से डिस्चार्ज हुआ एक हप्ते आइसोलेशन में रहा अब स्वस्थ हूं। 


एम्स में ऐलोपैथिक इलाज के अलावा आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयुर्वेदिक इलाज भी चल रहा है तथा शोध कार्य भी जारी है।कई  प्रचलित नुस्खे बताये जा रहे है। योग एवं प्राणायाम पर जोर दिया जा रहा है। हल्दी नमक को गरम पानी में मिला  कर गरारे करने को कहा जा रहा है। इसके लिए भर्ती मरीजों को अस्पताल द्वारा गर्मपानी की बोतल तथा हल्दी, नमक के छोटे डिब्बे दिये जा रहे है।


बुखार, खांसी तथा अन्य लक्षण प्रकट होने पर लक्षणों के अनुसार इलाज हो रहा है गंभीर मरीजों को  आक्सीजन सपोर्ट,आईसीयू एवं वेंटिलेटर पर रखा जा रहा है।

सामान्य मरीज जल्दी-जल्दी ठीक होकर घर जा रहे हैं।


दवाईयों के अलावा जो सावधानियां डाक्टरों ने बतायी वह लिख रहा हूं।

• निर्धारित आयु वर्ग के सभी लोग वैक्सीनेशन जरूर करवाये

जैसाकि 45 वर्ष से अधिक उम्रवालों का वैकसीनेशन हो रहा है । 1 मई से 18 से 45 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन प्रस्तावित है।

•सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार अन्य लक्षण  होने पर कोरोना टेस्ट जरूर करवायें।


•रिपोर्ट पाजिटिव आने पर दवाईया़ शुरू कर दें।


•सांस लेने में दिक्कत एवं निमोनिया की शिकायत पर तुरंत निकटवर्ती कोविड हास्पिटल में जायें। हेल्पलाईन से संपर्क करे।

•योग ध्यान प्रणायाम एवं नित्य ईश्वर की प्रार्थना, पूजा, इबादत करें अर्थात सकारात्मक बने रहें।

•सुबह शाम हल्दी में नमक  गरम पानी में मिलाकर गरारे करें।


•नीबू चाय, अदरक, सोंठ, काली मिर्च, शहद,का काढा बनाकर पियें। भोजन में लहसुन भी शामिल करें।


•सुबह शाम भाप लें। गर्म पानी पियें। दिन में दो लीटर तक पानी पिएं।


•गर्मपानी का प्रयोग करें।


 •कैलोरीयुक्त भोजन लें।

ताजे विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें।

•बुखार में अजवाईन का पानी पिएं

•गिलोय का रस पिएं

•डायरिया होने पर ओआरएस घोल बहुत प्रभावी है।

•मानसिक तनाव न रखें । 

•फोन आदि  वर्चवल माध्यमों से

लोगों के संपर्क में रहें।

• साफ सफाई का ध्यान रखें फिनाईल, सोडियम हाइपोक्लोराईट घोल से फर्स आदि की सफाई करें।


आप या आपका परिवार कोरोना के प्रभावित हो तो जल्दी स्वास्थ्य लाभ हो। यही प्रार्थना है कि हमारे देश एवं दुनिया से यह बीमारी का उन्मूलन हो।

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•डा. हरीश गौड़

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार । आज आपसे ‘मन की बात’, एक ऐसे समय कर रहा हूँ जब कोरोना, हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुःख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है । बहुत से अपने, हमें, असमय, छोड़ कर चले गए हैं । कोरोना की पहली वेव का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौंसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफ़ान ने देश को झकझोर दिया है ।



साथियो, बीते दिनों इस संकट से निपटने के लिए, मेरी, अलग-अलग sectors  के expert के साथ, विशेषज्ञों के साथ लम्बी चर्चा हुई है । हमारी farma- industry के लोग हों, vaccine manufacturers हों oxygen के production से जुड़े लोग हों या फिर medical field के जानकार, उन्होंने, अपने महत्वपूर्ण सुझाव सरकार को दिए हैं । इस समय, हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए, experts और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है । राज्य सरकार के प्रयत्नों को आगे बढ़ाने में भारत सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है । राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं ।      


   उन्होंने कहा, जैसे आज हमारे Medical Field  के लोग, Frontline Workers  दिन-रात सेवा कार्यों में लगे हैं । वैसे ही समाज के अन्य लोग भी, इस समय, पीछे नहीं हैं । देश एक बार फिर एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है । इन दिनों मैं देख रहा हूँ कोई Quarantine  में रह रहे परिवारों के लिए दवा पहुँचा रहा है, कोई, सब्जियाँ, दूध, फल आदि पहुँचा रहा है । कोई Ambulance की मुफ़्त सेवाएँ मरीजों को दे रहा है । देश के अलग-अलग कोने में इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वयं सेवी संगठन आगे आकर दूसरों की मदद के लिए जो भी कर सकते हैं वो करने का प्रयास कर रहे हैं । इस बार, गाँवों में भी नई जागरूकता देखी जा रही है । कोविड नियमों का सख्ती से पालन करते हुए लोग अपने गाँव की कोरोना से रक्षा कर रहे हैं, जो लोग, बाहर से आ रहे हैं उनके लिए सही व्यवस्थायें भी बनाई जा रही हैं । शहरों में भी कई नौजवान सामने आये हैं, जो अपने क्षेत्र में, कोरोना के case न बढ़े, इसके लिए, स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं, यानि एक तरफ देश, दिन-रात अस्पतालों, Ventilators और दवाईयों के लिए काम कर रहा है, तो दूसरी ओर, देशवासी भी, जी-जान से कोरोना की चुनौती का मुकाबला कर रहें हैं । ये भावना हमें कितनी ताकत देती है, कितना विश्वास देती है । ये जो भी प्रयास हो रहे हैं, समाज की बहुत बड़ी सेवा है । ये समाज की शक्ति बढ़ाते हैं ।


प्रधानमंत्री ने कोरोना रोगियों की सेवा में लगे डॉ शशांक, डॉक्टर नावीद और नर्स  सुरेखा , एंबुलेंस ड्राइवर प्रेमलाल से उनके अनुभव के विषय में बात की और साथ ही जो  कोविड-19 से वापस रिकवर हुए हैं उनके भी अनुभव साझा किए ।

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री की मन की बात कोरोना के प्रति लोगों के भय से उभरने को लेकर थी। जिसमें ने संदेश दिया गया कि वह पैनिक ना हो अस्पताल की तरफ नाभागे। संयम से काम ले और देश में बनाई वैक्सीन पर विश्वास करें। समाज में सहायता के अर्थ को समझें और एक दूसरे की मदद से कोरोना को हराएं।

 उन्होंने कहा ,"मेरे प्यारे देशवासियो, आज ‘मन की बात’ की पूरी चर्चा को हमने कोरोना महामारी पर ही रखा, क्योंकि, आज, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, इस बीमारी को हराना । आज भगवान महावीर जयंती भी है । इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों को शुभकामनायें देता हूँ । भगवान महावीर के सन्देश, हमें, तप और आत्म संयम की प्रेरणा देते हैं । अभी रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है । आगे बुद्ध पूर्णिमा भी है । गुरु तेगबहादुर जी का 400वाँ प्रकाश पर्व भी है । एक महत्वपूर्ण दिन पोचिशे बोइशाक - टैगोर जयंती का है । ये सभी हमें प्रेरणा देते हैं  अपने कर्तव्यों को निभाने की । एक नागरिक के तौर पर हम अपने जीवन में जितनी कुशलता से अपने कर्तव्यों को निभायेंगे । संकट से मुक्त होकर भविष्य के रास्ते पर उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेंगे । इसी कामना के साथ मैं आप सभी से एक बार फिर आग्रह करता हूँ कि Vaccine हम सब को लगवाना है और पूरी सावधानी भी रखनी है । ‘दवाई भी - कड़ाई भी’ । इस मंत्र को कभी भी नहीं भूलना है । हम जल्द ही साथ मिलकर इस आपदा से बाहर आयेंगे । इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद । नमस्कार ।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  आज सुबह 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम में देश और विदेश में लोगों के साथ अपने विचार साझा किये। यह उनका  75 वां एपिसोड है।उन्होंने लोगों को होली, नए साल के उत्सव उगादि, तमिल पुथंडु, गुड़ी पड़वा, बिहू, नावरे, पोइला बोइशाख, बैसाखी और विशु, नवरात्रि, राम नवमी, ईस्टर और अंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं दीं।


 

  मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत  ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी  के मन की बात कार्यक्रम के 75 अंक पूरे होने पर कहा कि इससे देश को आगे बढ़ने का हौसला और मार्गदर्शन मिला है। कोरोना काल में भी प्रधानमन्त्री जी के बेहतर प्रबंधन से देश में स्थितियां नियंत्रित हुई हैं। मन की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की बात हो या फिर स्वच्छता या विरासत को संजोने की, हर दिशा में उनके प्रेरणादायी संदेशों के सकारात्मक परिणाम आए हैं। 



मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के हालातों में प्रधानमंत्री जी के मन की बात कार्यक्रम ने देश को हौसला दिया है। और खराब स्थितियों में सभी को एकजुट किया।  कोरोना वॉरियर्स के प्रति जो सम्मान का भाव पीएम मोदी ने मन की बात में रखा है उसके लिए पूरा देश कृतज्ञ है। उन्होंने खेलों में महिला खिलाड़ियों की उपलब्धियां गिनाकर प्रोत्साहित किया।उन्होंने मिताली राज का उदाहरण दिया, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं। उन्होंने उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, मिताली राज ने दो दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

 श्री मोदी ने कहा, उनकी दृढ़ता और सफलता की कहानी न केवल महिला क्रिकेटरों के लिए बल्कि पुरुष क्रिकेटरों के लिए भी एक प्रेरणा है।प्रधान मंत्री ने नई दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप की शूटिंग में भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की जहां इसने स्वर्ण पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया।

उन्होंने कहा, हमारी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का तात्पर्य है कि हम नए संकल्प करते हैं और उन संकल्पों को महसूस करने के लिए, हम पूरी लगन के साथ स्वतंत्रता का दृढ़ता से पालन करते हैं। इसका मतलब समाज के कल्याण के लिए, देश की भलाई के लिए और उज्ज्वल भविष्य के लिए होना चाहिए। उन्होंने तीज त्योहारों और लोक भाषाओं के संवर्द्धन की भी जरूरत पर बल दिया।श्री मोदी ने कहा, पारंपरिक खेती के साथ-साथ नए विकल्प, नए नवाचारों को अपनाना कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कामना की कि देश के अधिक से अधिक किसान मधुमक्खी पालन के साथ-साथ उनकी खेती से जुड़ें।

उन्होंने कहा, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, भारत में 71 प्रकाश घरों की पहचान की गई है। ये लाइट हाउस अपनी क्षमता के आधार पर म्यूजियम, एम्फी-थिएटर, ओपन एयर थिएटर, कैफेटेरिया, बच्चों के पार्क, इको फ्रेंडली कॉटेज और लैंडस्केपिंग से लैस होंगे। 

प्रधानमंत्री ने ओडिशा के केंद्रपाड़ा से बिजय कुमार काबिजी के बारे में उल्लेख किया, जिन्होंने 12 वर्षों में समुद्र की ओर गाँव के बाहरी इलाके में 25 एकड़ का मैंग्रोव वन उठाया है। 

प्रधानमंत्री ने केरल के कोच्चि में सेंट टेरेसा कॉलेज के छात्रों के उदाहरण का हवाला दिया जो बेहद रचनात्मक तरीके से पुन: प्रयोज्य खिलौने बना रहे हैं। वे पुराने कपड़े, लकड़ी के टुकड़े, बैग और बक्से को खिलौने बनाने में परिवर्तित कर रहे हैं।

विश्व गौरैया दिवस के बारे में बात करते हुए, श्री मोदी ने कहा, वाराणसी में, इंद्रपाल सिंह बत्रा ने एक महान प्रयास किया है गोरैया के लिए अपने घर को  उनका घर बना लिया है। 

उन्होंने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रोफेसर श्रीनिवास पादकंदला के बारे में भी बात की जिन्होंने ऑटोमोबाइल मेटल स्क्रैप से मूर्तियां बनाई हैं। 

 श्री मोदी ने मारीमुथु योगनाथन के बारे में उल्लेख कियायोगनाथन अपने बस के यात्रियों को टिकट जारी करते समय एक नि: शुल्क पौधा भी देते हैं और असंख्य पेड़ लगा चुके हैं।

 उन्होंने  ईस्टर पर्व को जीवन के उत्साह और उम्मीदों के पुनर्जीवन का पर्व बताया। बसंत से लेकर होली के रंगों और प्रकृति के समन्वय के बारे में बताया। और विरासत को संजोने की बात कही है। यह हमारे पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी है। कहा कि बाबा साहेब की जयंती को यादगार बनाया जायेगा

 श्री मोदी ने सभी श्रोताओं को मन की बात सफल बनाने, इसे समृद्ध बनाने और जुड़े रहने के लिए धन्यवाद दिया। 

हरिद्वार:

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मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी0 रविशंकर एवं पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने सोमवार को देर रात्रि में मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0) के सभागार में महाशिव रात्रि पर्व एवं शाही स्नान के दृष्टिगत एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। 

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि वर्तमान में देश को कोविड-19 की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसके मददेनजर  भारत सरकार /राज्य सरकार द्वारा जो एस0ओ0पी0 जारी की गयी है, का पूर्णरूपेण अनुपालन कराया जाये। उन्होंने कहा कि एसओपी का पालन कराने में कोई भी कोताही न बरतें तथा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें।

दीपक रावत ने कहा कि महाशिवरात्रि शाही स्नान को गंभीरता से लें, जो श्रद्धालु शहर में आ चुके हैं और होटल, धर्मशालाओं, लाॅज आदि में ठहरे हैं, उनकी कोविड जांच की जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 20 टीमों का गठन किया गया है। टीम के साथ दो पुलिसकर्मी भी सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहेंगे। 

मेलाधिकारी ने कहा कि सीसीआर में वाॅर रूम स्थापित किया जाये, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा स्नान के दौरान सभी घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के साथ ही शत-प्रतिशत मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। यदि कोई मास्क नहीं लगाता है तो उसका चालान करें। हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सर्किल बनाएं। 

बैठक में पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ संजय गुंज्याल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे बार्डर पर सख्ती बढ़ायें तथा बार्डर पर ही श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन और रैंडम जांच की भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि होटल/धर्मशालाओं आदि में उनके मालिक से यह पता किया जाए कि कितने यात्री रूके हैं,  कितने यात्रियों ने कोविड नेगीटिव जांच रिपोर्ट दी है। यदि होटल/धर्मशालाओं आदि के मालिक की ओर से यात्रियों से बिना ब्यौरे  के रूम दिया गया है, तो उनका चालान किया जाये। 

जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने कहा कि कोविड उत्तराखंड ही नहीं बल्कि हर प्रदेश के लिये एक चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आपस में समन्वय स्थापित करते हुये कोविड-19 से सम्बन्धित एस0ओ0पी0 का पालन सुनिश्चित कराते हुये शान्तिपूर्ण ढंग से महाशिवरात्रि स्नान पर्व को सम्पन्न कराये। 

सी0 रविशंकर ने समस्त सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये (कोविड एप्रोपिएट विहैवियर) मास्क का उपयोग, सेनेटाइजर तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क रास्ता साफ-सफाई आदि को दुरूस्त रखने का पूरा उत्तरदायित्व सेक्टर मजिस्ट्रेट का होगा। 

जिलाधिकारी ने सेक्टर स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने सेक्टर में सम्बन्धित सेक्टर मजिस्ट्रेट से समन्वय स्थापित करते हुये यात्रियों/श्रद्धालुओं का अधिक से अधिक कोविड-टेस्ट निजी व सरकारी चिकित्सकों से कराना सुनिश्चित करें। यदि कोई व्यक्ति जांच के दौरान कोविड पाॅजिटिव पाया जाता है तो एस0ओ0पी में दिये गये निर्देशों के क्रम में तत्काल कार्रवाई करें। 

इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कुम्भ जन्मजेय खंडूडी, अपर मेलाधिकारी- डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, हरबीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी- अंशुल सिंह, किशन सिंह नेगी, दयानंद सरस्वती, सीओ प्रकाश देवली सहित सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट व सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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1-कोरोना से बचाव के लिये मास्क का प्रयोग करें, सामाजिक दूरी बनायें तथा हाथों को सेनेटाइज अवश्य करें। जीवन रक्षा के लिये कोरोना वैक्सीन अवश्य लगायें। 

2-गंगा की निर्मलता एवं पवित्रता बनाएं रखें। 




महाशिवरात्रि के प्रथम शाही स्नान को सुरक्षित और सकुशल संपन्न कराने के लिये गंगा सभा और व्यापार मंडल का सहयोग प्राप्त करने के लिये मेला अधिष्ठान कार्यालय में बैठक की गई। 

बैठक की अध्यक्षता करते हुये आईजी मेला संजय गुंज्याल ने कहा कि सभी के सहयोग से शाही स्नान और कुम्भ मेले को सुरक्षित और सफल बनाया जाएगा। इसके लिये विभिन्न विभागों और पुलिसकर्मियों की डयूटी लगाई है। पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये निर्देश दे दिये गये हैं। व्यापार मंडल और गंगा सभा ने आश्वासन दिया कि सभी के सहयोग से मेला को सकुशल संपन्न कराया जाएगा, यह सभी का कुम्भ है। 

इस अवसर पर एसपी नवनीत सिंह भुल्लर, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसपी ट्रैफिक प्रदीप राय, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, संजीव नैयर, शिवकुमार कश्यप, तेज प्रकाश साहू आदि उपस्थित थे।

 

 


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा , कृषि सुधारों ने किसानों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। अपने मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि किसान लंबे समय से इन सुधारों की मांग कर रहे थे और उनकी सरकार ने इस मोर्चे पर पहुंचाया। 

उन्होंने कहा कि संसद ने बहुत विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी रूप दिया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने न केवल किसानों को परेशान करने का काम किया है, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी दिए हैं।

उन्होंने कहा कि कैसे सुधारों ने महाराष्ट्र के धुले जिले के एक किसान जितेंद्र भौजी को मकई बेचने के लिए अपने बकाया भुगतान प्राप्त करने में मदद की।

उन्होंने किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए राजस्थान के बारां जिले में रहने वाले मोहम्मद असलम की सराहना की। असलम एक किसान उत्पादक संगठन के सीईओ हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र के कई किसानों को मिलाकर एक व्हाट्सएप समूह बनाया है। इस समूह में, वह किसानों के साथ क्षेत्र में पड़ोसी मंडियों में प्रचलित कीमतों पर हर रोज साझा करता है। इसलिए यह प्रयास किसानों को निर्णय लेने में भी मदद करता है।

श्री मोदी ने कहा कि जहां जागरूकता होती है वहां सच्चा संस्कार होता है। उन्होंने हरियाणा के कैथल जिले के वीरेंद्र यादव की भी प्रशंसा की, जो दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया से लौटे थे और स्टबल बर्निंग समस्या के समाधान के लिए काम कर रहे हैं। वीरेंद्र यादव ने पुआल के बंडल बनाने के लिए स्ट्रॉ बेलर मशीन खरीदी। इसके लिए उन्होंने कृषि विभाग से वित्तीय सहायता भी प्राप्त की। इस मशीन के साथ, उन्होंने स्टबल के बंडल बनाने शुरू किए और केवल दो वर्षों में, वीरेंद्र यादव ने ढाई करोड़ रुपये से अधिक के स्टबल में कारोबार किया और पचास लाख रुपये का लाभ कमाया।

श्री मोदी ने युवाओं से अपने आसपास के गांवों का दौरा करने और किसानों से बात करने और उन्हें खेती में नवाचारों और हाल ही में कृषि सुधारों के बारे में जागरूक करने का अनुरोध किया।

श्री मोदी ने कहा कि संकट के दौरान संस्कृति बहुत मदद करती है और इसे सामना करने और संभालने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की मदद से भी, संस्कृति एक भावनात्मक पुनर्भरण की तरह काम करती है। उन्होंने कहा कि देश के कई संग्रहालय और पुस्तकालय अपने संग्रह को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं और लगभग दस आभासी दीर्घाओं को शुरू करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोग अब अपने घरों की सुख-सुविधाओं में दिल्ली की राष्ट्रीय संग्रहालय दीर्घाओं का भ्रमण कर सकेंगे।

श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को अधिक से अधिक लोगों तक ले जाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस धरोहर के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक दिलचस्प परियोजना का उदाहरण दिया जहां नॉर्वे में स्वालबार्ड नामक एक द्वीप में एक आर्कटिक वर्ल्ड आर्काइव स्थापित किया गया है।

प्रधान मंत्री मोदी ने भी प्रसन्नता व्यक्त की कि अजंता की गुफाओं की विरासत और कला को भी डिजिटल रूप दिया जा रहा है और पुनर्स्थापित किया जा रहा है। डिजिटल और रिस्टोर की गई पेंटिंग के साथ-साथ इससे संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज और उद्धरण भी होंगे। उन्होंने बताया कि कैसे शिलांग में खूबसूरत चेरी ब्लॉसम की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इन चेरी ब्लॉसम ने मेघालय की सुंदरता को और बढ़ा दिया है।

कुछ दिनों पहले विश्व धरोहर सप्ताह मनाया गया था। श्री मोदी ने कहा कि कोरोना अवधि के बावजूद, लोगों ने एक अभिनव तरीके से विरासत सप्ताह समारोह में भाग लिया।

प्रधान मंत्री ने खुशी व्यक्त की कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी मूर्ति कनाडा से भारत वापस आ रही है। यह मूर्ति 100 साल पहले वाराणसी में एक मंदिर से चोरी हो गई थी, 1913 के आसपास, और देश से बाहर तस्करी की गई थी। श्री मोदी कहा कि इस मूर्ति की तरह, कई अमूल्य धरोहरों को भारत से दूर ले जाया गया है और अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों द्वारा बहुत ही महंगे दामों पर अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचा गया है।  सरकार ने भारी प्रतिबंध लगाए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि इन वस्तुओं को वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों के कारण, भारत कई मूर्तियों, और कलाकृतियों को वापस लाने में सफल रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि डॉ. सलीम अली की 125 वीं जयंती समरोह इसी महीने 12 नवंबर से शुरू हुई। डॉक्टर सलीम ने बर्ड वॉचिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया था। इसने भारत की ओर दुनिया के पक्षी दर्शकों को भी आकर्षित किया है। श्री मोदी ने कहा कि वह हमेशा लोगों के उत्साही प्रशंसक रहे हैं जो बर्ड वाचिंग के शौकीन हैं।

प्रधान मंत्री ने जोनास मैसेट्टी के बारे में बात की जो ब्राजील से हैं। मस्तिति को विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है। वह वेदांत और गीता पढ़ाते हैं  मेसेट्टी के एक मैकेनिकल इंजीनियर से शेयर बाजारों में आध्यात्मिकता तक की यात्रा के विषय में बात की. उन्होंने न्यूजीलैंड में नवनिर्वाचित सांसद डॉ. गौरव शर्मा की भी संस्कृत भाषा में शपथ लेने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रसार हर भारत को गौरवान्वित करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र कल गुरु नानक देव के 551 वें प्रकाश पर्व का जश्न मनाएगा। उन्होंने कहा कि गुरु नानक की शिक्षाएं वैंकूवर से वेलिंगटन और सिंगापुर से दक्षिण अफ्रीका तक गूंजती हैं। उन्होंने कच्छ में लखपत गुरुद्वारा साहिब के बारे में बात की, जो 2001 के भूकंप में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने खुद को धन्य और भाग्यशाली बताया कि यह गुरुद्वारा के नवीनीकरण को सुनिश्चित करने के लिए उन पर गिर गया। लखपत गुरुद्वारा के जीर्णोद्धार के प्रयासों को 2004 में यूनेस्को एशिया पैसिफिक हेरिटेज अवार्ड द्वारा डिस्टिंक्शन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार को प्रदान करने वाले निर्णायक मंडल ने पाया कि बहाली के दौरान कला और वास्तुकला के बारीक विवरणों का विशेष ध्यान रखा गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल नवंबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उद्घाटन बहुत ऐतिहासिक था। उन्होंने कहा कि अब, दरबार साहिब की सेवा में योगदान देने के लिए विदेशों में रहने वाले सिख लोगों के लिए यह आसान है। उन्होंने खुद को गुरु नानक देव की सेवा के लिए धन्य माना।

श्री मोदी ने कहा कि हाल ही में, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से IIT दिल्ली से IIT गुवाहाटी तक कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने छात्रों को स्नातक होने के बाद भी अपने संस्थानों में पूर्व छात्रों के रूप में योगदान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आईआईटीयन ने अपने अल्मा मैटर्स में कॉन्फ्रेंस सेंटर, मैनेजमेंट सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर का निर्माण किया है। 

उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों से वर्तमान छात्रों के सीखने के अनुभव में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने एक बंदोबस्ती निधि शुरू की है, जो एक शानदार विचार है। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में बंदोबस्ती करने की संस्कृति है।

प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि पूर्व छात्र अपने संस्थानों के प्रौद्योगिकी उन्नयन, भवनों के निर्माण, पुरस्कार और छात्रवृत्ति आरंभ करने और कौशल विकास के लिए कार्यक्रम शुरू करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ स्कूलों के पुराने छात्र संघों ने मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किए हैं। इन कार्यक्रमों में, वे विभिन्न बैचों के छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं और शैक्षिक संभावनाओं पर भी चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों के संघ कई स्कूलों में मजबूत हैं, खासकर बोर्डिंग स्कूलों में, जहां वे खेल टूर्नामेंट और सामुदायिक सेवा जैसी गतिविधियों का आयोजन करते हैं। उन्होंने छात्रों से अपने अल्मा मेटर के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखने का आग्रह किया।

5 दिसंबर को श्री अरबिंदो की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि श्री अरबिंदो की शिक्षाओं में बहुत गहराई है। उन्होंने युवाओं से इस महान व्यक्तित्व के बारे में अधिक जानने के लिए कहा। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वदेशी अपनाने पर श्री अरबिंदो के विचारों के बारे में पढ़ना चाहिए।प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि श्री अरबिंदो ने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान, डिग्री या नौकरी नहीं माना। श्री अरबिंदो कहते थे कि राष्ट्रीय शिक्षा को युवा पीढ़ी के दिलों और दिमागों को प्रशिक्षित करना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि आज, देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से श्री अरबिंदो के दृष्टिकोण को पूरा कर रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र ने अब लॉकडाउन चरण से बाहर निकलने के बाद COVID-19 वैक्सीन पर चर्चा शुरू कर दी है। उन्होंने हालांकि आगाह किया कि कोरोना के बारे में कोई भी लापरवाही बहुत घातक होगी। उन्होंने सभी को कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए कहा।

6 दिसंबर को बाबा साहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। प्रधान मंत्री ने सभी को देश के लिए संकल्प करने और एक व्यक्ति के रूप में संविधान द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करने के लिए कहा।

 


 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता के साथ अपने विचार साझा करेंगे।

यह आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क  पर भी प्रसारित किया जाएगा। इसे AIR, DD News, PMO और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के YouTube चैनलों पर लाइव रहेगा । यह प्रधानमंत्री मोदी  के मन की बात का 71 वां  एपिसोडऔर मन की बात -2 का 18 वां  एपिसोड होगा  ।

 



मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार! आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं। दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। लेकिन, साथ ही, ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है। आज, आप सभी बहुत संयम के साथ जी रहे हैं, मर्यादा में रहकर पर्व, त्योहार मना रहे हैं, इसलिए, जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है। पहले, दुर्गा पंडाल में, माँ के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी - एकदम, मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन, इस बार ऐसा नही हो पाया। पहले, दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप भी अलग ही है। रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियाँ लगी हैं। पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ़ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं। अभी, आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं। अभी, ईद है, शरद पूर्णिमा है, वाल्मीकि जयंती है, फिर, धनतेरस, दिवाली, भाई-दूज, छठी मैया की पूजा है, गुरु नानक देव जी की जयंती है - कोरोना के इस संकट काल में, हमें संयम से ही काम लेना है, मर्यादा में ही रहना है।

    साथियो, जब हम त्योहार की बात करते हैं, तैयारी करते हैं, तो, सबसे पहले मन में यही आता है, कि बाजार कब जाना है? क्या-क्या खरीदारी करनी है? ख़ासकर, बच्चों में तो इसका विशेष उत्साह रहता है - इस बार, त्योहार पर, नया, क्या मिलने वाला है? त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो ‘Vocal for Local’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।

    साथियो, त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में Lockdown के समय को भी याद करना चाहिए। Lockdown में हमने, समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है, जिनके बिना, हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल हो जाता - सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई-बहन, Local सब्जी वाले, दूध वाले, Security Guards, इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है, हमने अब भली-भांति महसूस किया है। कठिन समय में, ये आपके साथ थे, हम सबके साथ थे। अब, अपने पर्वों में, अपनी खुशियों में भी, हमें इनको साथ रखना है। मेरा आग्रह है कि, जैसे भी संभव हो, इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिये। परिवार के सदस्य की तरह करिये, फिर आप देखिये, आपकी खुशियाँ, कितनी बढ़ जाती हैं।

    साथियो, हमें अपने उन जाबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो, इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया, भारत  माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं, अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है – मैं, ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूँ।         

 मेरे प्यारे देशवासियो, आज जब हम Local के लिए Vocal हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे local products की fan हो रही है। हमारे कई local products में global होने की बहुत बड़ी शक्ति है। जैसे एक उदाहरण है -खादी का। लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन, हमारी खादी आज, Eco- friendly fabric के रूप में जानी जा रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ये body friendly fabric है, all weather fabric है और आज खादी fashion statement तो बन ही रही है। खादी की popularity तो बढ़ ही रही है, साथ ही, दुनिया में कई जगह, खादी बनाई भी जा रही है। मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका(Oaxaca)’। इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है।  आज, यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। ओहाका में खादी कैसे पहुँचीं ये भी कम interesting नहीं है। दरअसल, मेक्सिको के एक युवा Mark Brown ने एक बार महात्मा गाँधी पर एक फिल्म देखी। Brown ये फिल्म देखकर बापू से इतना प्रभावित हुए कि वो भारत में बापू के आश्रम आये और बापू के बारे में और गहराई से जाना-समझा। तब Brown को एहसास हुआ कि खादी केवल एक कपड़ा ही नहीं है बल्कि ये तो एक पूरी जीवन पद्धति है। इससे किस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का दर्शन जुड़ा है Brown इससे बहुत प्रभावित हुए। यहीं से Brown ने ठाना कि वो मेक्सिको में जाकर खादी का काम शुरू करेंगे। उन्होंने, मेक्सिको के ओहाका में ग्रामीणों को खादी का काम सिखाया, उन्हें प्रशिक्षित किया और आज ‘ओहाका खादी’ एक ब्रांड बन गया है। इस प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर लिखा है ‘The Symbol of Dharma in Motion’ इस वेबसाइट में Mark Brown का बहुत ही दिलचस्प interview भी मिलेगा। वे बताते हैं कि शुरू में लोग खादी को लेकर संदेह में थे, परन्तु, आख़िरकार, इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी और इसका बाज़ार तैयार हो गया। ये कहते हैं, ये राम-राज्य से जुड़ी बातें हैं जब आप लोगों की जरूरतों को पूरा करते है तो फिर लोग भी आपसे जुड़ने चले आते हैं।

    साथियो, दिल्ली के Connaught Place के खादी स्टोर में इस बार गाँधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई। इसी तरह कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत popular हो रहे हैं। देशभर में कई जगह self help groups और दूसरी संस्थाएँ खादी के मास्क बना रहे हैं। यू.पी. में, बाराबंकी में एक महिला हैं - सुमन देवी जी। सुमन जी ने self help group की अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर खादी मास्क बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनके साथ अन्य महिलाएँ भी जुड़ती चली गई, अब वे सभी मिलकर हजारों खादी मास्क बना रही हैं। हमारे local products की खूबी है कि उनके साथ अक्सर एक पूरा दर्शन जुड़ा होता है।

मेरे प्यारे देशवासियो, जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है। जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है। हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। आजकल, हमारा मलखम्ब भी, अनेकों देशों में प्रचलित हो रहा है। अमेरिका में चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर ने जब अपने घर से ही मलखम्ब सिखाना शुरू किया था, तो, उन्हें भी अंदाजा नहीं था, कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। अमेरिका में आज, कई स्थानों पर, मलखम्ब Training Centers चल रहे हैं। बड़ी संख्या में अमेरिका के युवा इससे जुड़ रहे हैं, मलखम्ब सीख रहे हैं। आज, जर्मनी हो, पोलैंड हो, मलेशिया हो, ऐसे करीब 20 अन्य देशो में भी मलखम्ब खूब popular हो रहा है। अब तो, इसकी, World Championship शुरू की गई है, जिसमें, कई देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। भारत में तो प्रचीन काल से कई ऐसे खेल रहे हैं, जो हमारे भीतर, एक असाधारण विकास करते हैं। हमारे Mind, Body Balance को एक नए आयाम पर ले जाते हैं। लेकिन संभवतः, नई पीढ़ी के हमारे युवा साथी, मलखम्ब से उतना परिचित ना हों। आप इसे इन्टरनेट पर जरूर search करिए और देखिये।

साथियो, हमारे देश मे कितनी ही Martial Arts हैं। मैं चाहूँगा कि हमारे युवा-साथी इनके बारे में भी जाने, इन्हें सीखें , और, समय के हिसाब से innovate भी करे। जब जीवन मे बड़ी चुनौतियाँ नहीं होती हैं, तो व्यक्तित्व का सर्वश्रेष्ठ भी बाहर निकल कर नहीं आता है। इसलिए अपने आप को हमेशा challenge करते रहिए।

    मेरे प्यारे देशवासियो, कहा जाता है ‘Learning is Growing’। आज, ‘मन की बात’ में, मैं आपका परिचय एक ऐसे व्यक्ति से कराऊँगा जिसमें एक अनोखा जुनून है। ये जुनून है दूसरों के साथ reading और learning की खुशियों को बाँटने का। ये हैं पोन मरियप्पन, पोन मरियप्पन तमिलनाडु के तुतुकुड़ी में रहते है। तुतुकुड़ी को pearl city यानि मोतियों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। यह कभी पांडियन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ रहने वाले मेरे दोस्त पोन मरियप्पन, hair cutting  के पेशे से जुड़े हैं और एक saloon चलाते हैं। बहुत छोटा सा saloon है। उन्होंने एक अनोखा और प्रेरणादायी काम किया है। अपने saloon के एक हिस्से को ही पुस्तकालय बना दिया है। यदि व्यक्ति saloon में अपनी बारी का इंतज़ार करने के दौरान वहाँ कुछ पढ़ता है, और जो पढ़ा है उसके बारे में थोड़ा लिखता है, तो पोन मरियप्पन जी उस ग्राहक को discount देते हैं - है न मजेदार!

कैसे वो लोगों के बालों को तो संवारते ही हैं, उन्हें, अपना जीवन संवारने का भी अवसर देते हैं। थिरुकुरल की लोकप्रियता के बारे में सुनकर बहुत अच्छा लगा| थिरुकुरल की लोकप्रियता के बारे आप सबने भी सुना। आज हिन्दुस्तान की सभी भाषाओं में थिरुकुरल उपलब्ध है। अगर मौक़ा मिले तो ज़रूर पढ़ना चाहिए। जीवन के लिए वह एक प्रकार से मार्ग दर्शक ह

   साथियों  लेकिन आपको ये जानकार खुशी होगी कि पूरे भारत में अनेक लोग हैं जिन्हें ज्ञान के प्रसार से अपार खुशी मिलती है। ये वो लोग हैं जो हमेशा इस बात के लिए तत्पर रहते हैं कि हर कोई पढ़ने के लिए प्रेरित हो। मध्य प्रदेश के सिंगरौली की शिक्षिका, उषा दुबे जी ने तो scooty को ही mobile library में बदल दिया। वे प्रतिदिन अपने चलते-फिरते पुस्तकालय के साथ किसी न किसी गाँव में पहुँच जाती हैं और वहाँ बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चे उन्हें प्यार से किताबों वाली दीदी कह कर बुलाते हैं। इस साल अगस्त में अरुणाचल प्रदेश के निरजुली के Rayo Village में एक Self Help Library बनाई गई है। दरअसल, यहाँ की मीना गुरुंग और दिवांग होसाई को जब पता चला कि कस्बे में कोई library नहीं है तो उन्होंने इसकी funding के लिए हाथ बढ़ाया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस library के लिए कोई membership ही नहीं है। कोई भी व्यक्ति दो हफ्ते के लिए किताब ले जा सकता है। पढ़ने के बाद उसे वापस करना होता है। ये library सातों दिन, चौबीसों घंटे खुली रहती है। आस-पड़ोस के अभिभावक यह देखकर काफी खुश हैं, कि उनके बच्चे किताब पढ़ने में जुटे हैं। खासकर उस समय जब स्कूलों ने भी online classes शुरू कर दी हैं। वहीं चंडीगढ़ में एक NGO चलाने वाले संदीप कुमार जी ने एक mini van में mobile library बनाई है, इसके माध्यम से गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए मुफ्त में books दी जाती हैं। इसके साथ ही गुजरात के भावनगर की भी दो संस्थाओं के बारे में जानता हूँ जो बेहतरीन कार्य कर रही हैं। उनमें से एक है ‘विकास वर्तुल ट्रस्ट’। यह संस्था प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार है। यह ट्रस्ट 1975 से काम कर रहा है और ये 5,000 पुस्तकों के साथ 140 से अधिक magazine उपलब्ध कराता है। ऐसी एक संस्था ‘पुस्तक परब’ है। ये innovative project है जो साहित्यिक पुस्तकों के साथ ही दूसरी किताबें निशुल्क उपलब्ध कराते हैं। इस library में आध्यात्मिक, आयुर्वेदिक उपचार, और कई अन्य विषयों से सम्बंधित पुस्तकें भी शामिल हैं। यदि आपको इस तरह के और प्रयासों के बारे में कुछ पता है तो मेरा आग्रह है कि आप उसे social media पर जरुर साझा करें। ये उदाहरण पुस्तक पढ़ने या पुस्तकालय खोलने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि, यह उस नए भारत की भावना का भी प्रतीक है जिसमें समाज के विकास के लिए हर क्षेत्र और हर तबके के लोग नए-नए और innovative तरीके अपना रहे हैं।  गीता में कहा गया है –

      न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्र मिह विद्यते

 अर्थात, ज्ञान के समान, संसार में कुछ भी पवित्र नहीं हैं। मैं ज्ञान का प्रसार करने वाले, ऐसे नेक प्रयास करने वाले, सभी महानुभावों का हृदय से अभिनंदन करता हूँ।

मेरे प्यारे देशवासियो, कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे। ‘मन की बात’ में, पहले भी हमने, सरदार पटेल पर विस्तार से बात की है। हमने, उनके विराट व्यक्तित्व के कई आयामों पर चर्चा की है। बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद हों - वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव। क्या आप सरदार पटेल के बारे में एक बात जानते हैं जो उनके sense of humour को दर्शाती है। जरा उस लौह-पुरुष की छवि की कल्पना कीजिये जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही, अंग्रेजों से लड़ाई  भी लड़ रहे थे, और इन सब के बीच भी, उनका sense of humour पूरे रंग में होता था। बापू ने सरदार पटेल के बारे में कहा था - उनकी विनोदपूर्ण बातें मुझे इतना हँसाती थी कि हँसते-हँसते पेट में बल पड़ जाते थे ,ऐसा, दिन में एक बार नहीं, कई-कई बार होता था। इसमें, हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियाँ कितनी भी विषम क्योँ न हो, अपने sense of humour को जिंदा रखिये, यह हमें सहज तो रखेगा ही, हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे I सरदार साहब ने यही तो किया था!

मेरे प्यारे देशवासियो, सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकजुटता के लिए समर्पित कर दिया।  उन्होंने, भारतीय जनमानस को, स्वतंत्रता आन्दोलन से जोड़ा। उन्होंने, आजादी के साथ किसानों के मुद्दों को जोड़ने का काम किया। उन्होंने, राजे-रजवाड़ो को हमारे राष्ट्र के साथ एक करने का काम किया। वे विविधिता में एकता के मंत्र को हर भारतीय के मन में जगा रहे थेI

साथियो, आज हमें अपनी वाणी, अपने व्यवहार, अपने कर्म से हर पल उन सब चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें ‘एक’ करे, जो देश के एक भाग में रहने वाले नागरिक के मन में, दूसरे कोने में रहने वाले नागरिक के लिए सहजता और अपनत्व का भाव पैदा कर सके। हमारे पूर्वजों ने सदियों से ये प्रयास निरंतर किए हैं I अब देखिये, केरल में जन्मे पूज्य आदि शंकराचार्य जी ने, भारत की चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठों की स्थापना की- उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पूरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका  I उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की, यही कारण है कि, वहाँ, एक ‘Shankracharya Hill’ है I तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता है। ज्योर्तिलिंगो और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को एक सूत्र में बांधती है। त्रिपुरा से ले कर गुजरात तक, जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित, हमारे, आस्था के केंद्र, हमें ‘एक’ करते हैं। भक्ति आन्दोलन पूरे भारत में एक बड़ा जन-आन्दोलन बन गया, जिसने, हमें, भक्ति के माध्यम से एकजुट किया I हमारे नित्य जीवन में भी ये बातें कैसे घुल गयी हैं, जिसमें एकता की ताकत है। प्रत्येक अनुष्ठान से पहले विभिन्न नदियों का आह्वान किया जाता है - इसमें सुदूर उत्तर में स्थित सिन्धु नदी से लेकर दक्षिण भारत की जीवनदायिनी कावेरी नदी तक शामिल है। अक्सर, हमारे यहाँ लोग कहते हैं, स्नान करते समय पवित्र भाव से, एकता का मंत्र ही बोलते हैं:

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वती I

नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु II

 

इसी प्रकार सिखों के पवित्र स्थलों में ‘नांदेड़ साहिब’ और ‘पटना साहिब’ गुरूद्वारे शामिल हैं। हमारे सिख गुरुओं ने भी, अपने जीवन और सद्कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है। पिछली शताब्दी में, हमारे देश में, डॉ बाबासाहब अम्बेडकर जैसी महान विभूतियाँ रहीं हैं, जिन्होंने, हम सभी को, संविधान के माध्यम से एकजुट किया।

साथियो,

Unity is Power, Unity is strength,

Unity is Progress, Unity is Empowerment,

United we will scale new heights

 

वैसे, ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बाँटने का प्रयास करते हैं। देश ने भी हर बार, इन बद-इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हमें निरंतर अपनी creativity से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है,एकता के नए रंग भरने हैं, और, हर नागरिक को भरने हैं। इस सन्दर्भ में, मैं, आप सबसे, एक website देखने का आग्रह करता हूँ - ekbharat.gov.in (एक भारत डॉट गव डॉट इन)। इसमें, national integration की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे। इसका एक दिलचस्प corner है - आज का वाक्य। इस section में हम, हर रोज एक वाक्य को, अलग-अलग भाषाओँ में कैसे बोलते हैं, यह सीख सकते हैं। आप, इस website के लिए contribute भी करें, जैसे, हर राज्य और संस्कृति में अलग-अलग खान-पान होता है। यह व्यंजन स्थानीय स्तर के ख़ास ingredients, यानी, अनाज और मसालों से बनाए जाते हैं। क्या हम इन local food की recipe को local ingredients के नामों के साथ, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ website पर share कर सकते हैं? Unity और Immunity को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है!

साथियो, इस महीने की 31 तारीख़ को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक Statue of Unity पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। आप लोग भी जरुर जुड़ियेगा।

मेरे प्यारे देशवासियो, 31 अक्तूबर को हम ‘वाल्मीकि जयंती’ भी मनाएंगे। मैं, महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूँ और इस खास अवसर के लिए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। महर्षि वाल्मीकि के महान विचार करोड़ों लोगों को प्रेरित करते हैं, शक्ति प्रदान करते हैं।  वे लाखों-करोड़ों ग़रीबों और दलितों के लिए, बहुत बड़ी उम्मीद हैं। उनके भीतर आशा और विश्वास का संचार करते हैं। वो कहते हैं - किसी भी मनुष्य की इच्छाशक्ति अगर उसके साथ हो, तो वह कोई भी काम बड़ी आसानी से कर सकता है। ये इच्छाशक्ति ही है, जो कई युवाओं को असाधारण कार्य करने की ताकत देती है। महर्षि वाल्मीकि ने सकारात्मक सोच पर बल दिया - उनके लिए, सेवा और मानवीय गरिमा का स्थान, सर्वोपरी है। महर्षि वाल्मीकि के आचार, विचार और आदर्श आज New India के हमारे संकल्प के लिए प्रेरणा भी हैं और दिशा-निर्देश भी हैं। हम, महर्षि वाल्मीकि के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेंगें कि उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के मार्गदर्शन के लिए रामायण जैसे महाग्रंथ की रचना की।

31 अक्तूबर को भारत की पूर्व-प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को हमने खो दिया। मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूँ।

मेरे प्यारे देशवासियो, आज, कश्मीर का पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज देश-भर में बच्चे अपना Home Work करते हैं, Notes बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है। कश्मीर घाटी, पूरे देश की, करीब-करीब 90% Pencil Slate, लकड़ी की पट्टी की मांग को पूरा करती है, और उसमें बहुत बड़ी हिस्सेदारी पुलवामा की है। एक समय में, हम लोग विदेशों से Pencil के लिए लकड़ी मंगवाते थे, लेकिन अब हमारा पुलवामा, इस क्षेत्र से, देश को आत्मनिर्भर बना रहा है। वास्तव में, पुलवामा के ये Pencil Slates, States के बीच के Gaps को कम कर रहे हैं। घाटी की चिनार की लकड़ी में High Moisture Content और Softness होती है, जो पेंसिल के निर्माण के लिए उसे सबसे Suitable बनाती है। पुलवामा में, उक्खू को, Pencil Village के नाम से जाना जाता है। यहाँ, Pencil Slate निर्माण की कई इकाईयां हैं, जो रोजगार उपलब्ध करा रही हैं, और इनमें काफ़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं।

साथियो, पुलवामा की अपनी यह पहचान तब स्थापित हुई है, जब, यहाँ के लोगों ने कुछ नया करने की ठानी, काम को लेकर Risk उठाया, और ख़ुद को उसके प्रति समर्पित कर दिया। ऐसे ही कर्मठ लोगों में से एक है - मंजूर अहमद अलाई। पहले मंजूर भाई लकड़ी काटने वाले एक सामान्य मजदूर थे। मंजूर भाई कुछ नया करना चाहते थे ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियाँ ग़रीबी में ना जिए। उन्होंने, अपनी पुस्तैनी जमीन बेच दी और Apple Wooden Box, यानी सेब रखने वाले लकड़ी के बक्से बनाने की यूनिट शुरू की। वे, अपने छोटे से Business में जुटे हुए थे, तभी मंजूर भाई को कहीं से पता चला कि पेंसिल निर्माण में Poplar Wood यानी चिनार की लकड़ी का उपयोग शुरू किया गया है। ये जानकारी मिलने के बाद, मंजूर भाई ने अपनी उद्यमिता का परिचय देते हुए कुछ Famous Pencil Manufacturing Units को Poplar Wooden Box की आपूर्ति शुरू की। मंजूर जी को ये बहुत फायदेमंद लगा और उनकी आमदनी भी अच्छी ख़ासी बढ़ने लगी। समय के साथ उन्होंने Pencil Slate Manufacturing Machinery ले ली और उसके बाद उन्होंने देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को Pencil Slate की Supply शुरू कर दी। आज, मंजूर भाई के इस Business का Turnover करोड़ों में है और वे लगभग दो-सौ लोगों को आजीविका भी दे रहे हैं। आज ‘मन की बात’ के जरिये समस्त देशवासियों की ओर से, मैं मंजूर भाई समेत, पुलवामा के मेहनतकश भाई-बहनों को और उनके परिवार वालों को, उनकी प्रशंसा करता हूँ - आप सब, देश के Young Minds को, शिक्षित करने के लिए, अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

मेरे प्यारे देशवासियो, Lock down के दौरान Technology-Based service delivery के कई प्रयोग हमारे देश में हुए हैं, और अब ऐसा नहीं रहा कि बहुत बड़ी technology और logistics companies ही यह कर सकती हैं। झारखण्ड में ये काम महिलाओं के self help group ने करके दिखाया है। इन महिलाओं ने किसानों के खेतों से सब्जियाँ और फल लिए और सीधे, घरों तक पहुँचाए। इन महिलाओं ने आजीविका farm fresh’ नाम से एक app बनवाया जिसके जरिए लोग आसानी से सब्जियाँ मंगा सकते थे। इस पूरे प्रयास से किसानों को अपनी सब्जियाँ और फलों के अच्छे दाम मिले, और लोगों को भी fresh सब्जियाँ मिलती रही। वहाँ ‘आजीविका farm fresh app का idea बहुत popular हो रहा है। Lock down में इन्होंने 50 लाख रुपये से भी ज्यादा के फल-सब्जियाँ लोगों तक पहुँचाई हैं। साथियो, agriculture sector में नई सम्भावनाएँ  बनता देख, हमारे युवा भी काफी संख्या में इससे जुड़ने लगे हैं। मध्यप्रदेश के बड़वानी में अतुल पाटीदार अपने क्षेत्र के 4 हजार किसानों को digital रूप से जोड़ चुके हैं। ये किसान अतुल पाटीदार के  E-platform farm card के जरिए, खेती के सामान, जैसे, खाद, बीज, pesticide, fungicide आदि की home delivery पा रहे हैं, यानी किसानों को घर तक, उनकी जरुरत की चीज़ें मिल रही हैं। इस digital platform पर आधुनिक कृषि उपकरण भी किराये पर मिल जाते हैं। Lock down के समय भी इस digital platform के जरिये किसानों को हज़ारों packet delivery किये गए, जिसमें, कपास और सब्जियों के बीज भी थे। अतुल जी और उनकी team, किसानों को तकनीकी रूप से जागरूक कर रही है, on line payment और खरीदारी सिखा रही हैं।

साथियो, इन दिनों महाराष्ट्र की एक घटना पर मेरा ध्यान गया। वहां एक farmer producer कंपनी ने मक्के की खेती करने वाले किसानों से मक्का ख़रीदा। कंपनी ने किसानों को इस बार, मूल्य के अतिरिक्त, bonus भी दिया। किसानों को भी एक सुखद आश्चर्य हुआ। जब उस कंपनी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जो नये कृषि क़ानून बनाये हैं, अब उसके तहत, किसान, भारत में कहीं पर भी फ़सल बेच पा रहे हैं और उन्हें अच्छे दाम मिल रहे हैं, इसलिये उन्होंने सोचा कि इस extra profit को किसानों के साथ भी बाँटना चाहिये। उस पर उनका भी हक़ है और उन्होंने किसानों को bonus दिया है।  साथियो, bonus अभी भले ही छोटा हो, लेकिन ये शुरुआत बहुत बड़ी है। इससे हमें पता चलता है कि नये कृषि-क़ानून से जमीनी स्तर पर, किस तरह के बदलाव किसानों के पक्ष में आने की संभावनायें भरी पड़ी हैं।

मेरे प्यारे देशवासियो, आज ‘मन की बात’ में देशवासियों की असाधारण उपलब्धियाँ, हमारे देश, हमारी संस्कृति के अलग-अलग आयामों पर, आप सबसे बात करने का अवसर मिला। हमारा देश प्रतिभावान लोगों से भरा हुआ है। अगर, आप भी ऐसे लोगों को जानते हो, तो उनके बारे में बात कीजिये, लिखिये और उनकी सफलताओं को share कीजिए। आने वाले त्योहारों की आपको और आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत बधाई। लेकिन एक बात याद रखिये और त्योहारों में, ज़रा विशेष रूप से याद रखिये- mask पहनना है, हाथ साबुन से धोते रहना है, दो गज की दूरी बनाये रखनी है।

साथियो, अगले महीने फिर आपसे ‘मन की बात’ होगी, बहुत-बहुत धन्यवाद।  


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