ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दुनिया शीघ्र ही 2023 में एक और भयानक महामारी का सामना करेगी। अनुमानतः जिसका संक्रमण पूरी दुनिया को आधी से भी कम जनसंख्या पर ले आएगा, यह भविष्यवाणी बाबा वेंगा ने की थी।
अब यह जानिए कि न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में अब तक जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस को जिंदा कर दिया है. फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने एक और महामारी की आशंका जताई है।
न्यूयॉर्क पोस्ट ने एक वायरस अध्ययन का हवाला दिया है जिसकी अभी तक -समीक्षा की जानी बाकी है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन से प्राचीन प्रीमाफ्रॉस्ट तेजी से पिघल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप लाखों वर्षों तक जमे हुए कार्बनिक पदार्थ निकल रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने, शायद अजीब तरह से, साइबेरियाई प्रीमाफ्रॉस्ट से इनमें से कुछ तथाकथित "ज़ोंबी वायरस" को जाने अनजाने पुनर्जीवित किया है।
सबसे पुराना, पैंडोरावायरस येडोमा 2013 में इसी टीम द्वारा खोजा गया था जो 30,000 साल पुराना था इसी वायरस के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ता हुआ 48,500 साल पुराना माना जा रहा है नया वायरस ।
हांलांकि बाहरी पर्यावरणीय चर के संपर्क में आने पर इन अज्ञात विषाणुओं की संक्रामकता के स्तर का आकलन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
यह भी बताया जा रहा है कि वैज्ञानिको
*BioRxiv द्वारा 10 नवंबर, 2022 को प्रकाशित प्रीप्रिंट पेपर
के अनुसार
* जीन-मिशेल क्लेवेरी, फ्रांस में ऐक्स-मार्सिले विश्वविद्यालय में चिकित्सा के प्रोफेसर
*कनाडा के अल्बर्टा में कैलगरी विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान के प्रोफेसर, क्लाइड शुल्त्स, पीएचडी द्वारा लिखित शोध लेख
* पाउलो वेरार्दी, पीएच.डी., कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी और वैक्सीनोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर
के अनुसार लगभग 50,000 वर्षों के बाद साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से पुनर्जीवित "ज़ोंबी" वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर सकता।
परन्तु दुनिया को एक और महामारी के प्रकोप के सामना करने से इनकार नही किया जा सकता है।
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