Halloween party ideas 2015

 *उत्तराखंड के आकर्षण में खिंचे चले आए डेलीगेट्स*

*चार दिन के आयोजन में जुटे 54 देशों के 300 डेलीगेट्स*


*आयुष भूमि होने की वजह से लोगों ने आने में दिखाई रुचि


12000 delegates registered in world congress dehradun


चार दिन के विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के दसवें संस्करण में 12 हजार डेलीगेट्स के पहुंचने का आंकड़ा दर्ज हुआ है। इस विश्व स्तरीय आयोजन के इतिहास में डेलीगेट्स की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस लिहाज से उत्तराखंड ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। इस आयोजन में 54 देशों की भागीदारी रही। 300 विदेशी डेलीगेट्स ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर आयुष के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया।


पिछले वर्ष गोवा में आयोजित इस आयोजन के नौवें संस्करण में सबसे ज्यादा डेलीगेट्स पहुंचे थे। वहां पर 5102 डेलीगेट्स का पंजीकरण हुआ था।  कोच्चि में आयोजित इस आयोजन के पहले संस्करण में 1800 डेलीगेट्स का ही पंजीकरण हुआ था। देहरादून उत्तराखंड में जब इस आयोजन का एलान हुआ, तब ही ये माना जा रहा था कि यहां रिकॉर्ड पंजीकरण हो सकते हैं। आयुष के लिहाज से सबसे समृद्ध राज्य होने को इसकी वजह माना जा रहा था। ये अनुमान सही साबित हुआ है। देश विदेश के डेलीगेट्स ने उत्तराखंड आने में खास दिलचस्पी दिखाकर पंजीकरण का नया रिकॉर्ड रच दिया है।


आयुष विभाग के अपर सचिव डॉ विजय जोगदंडे के अनुसार, इस आयोजन में कुल 12 हजार पंजीकरण हुए हैं। 54 देशों के 300 प्रतिनिधियों की भी आयोजन में भागीदारी हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान आयुष पर गहन चर्चा के साथ ही नई संभावनाओं पर भी बात हुई है।

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*विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो 2024 के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड देश विदेश से आए डेलीगेट्स के प्रति आभारी है। आयुष भूमि उत्तराखंड में विचार विमर्श महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। आयुष के विकास और इससे आम जन को लाभ पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।*

*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*


*प्रेस नोट*

 देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित 10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 के अंतिम दिन विषय विशेषज्ञों और पैनलिस्टों द्वारा प्लेनरी सैशन में विभिन्न विषयों पर  व्याख्यान दिए।


 यह आयोजन 12 से 15 दिसंबर 2024 तक  कुल 4 दिन चला चला, जिसमें देश-विदेश के आयुर्वेद विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशननर्स और शिक्षाविदों ने भाग लिया।


10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा शुभारंभ किया गया और आज  महामहिम राज्यपाल द्वारा इसका समापन किया गया।

  यह आयोजन न केवल आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का अवसर था, बल्कि वैश्विक मंच पर आयुर्वेद को मजबूती से स्थापित करने का प्रयास भी है।


  विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन, आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड  सरकार के समन्वय से इसका सफल आयोजन संपादित हुआ। 


चार दिवसीय इस आयोजन में आयुर्वेद से संबंधित बड़े बहुमूल्य सत्र संपादित हुए।   *आयुर्वेद महाविद्यालयों के प्राचार्यों का सम्मेलन:शिक्षण गुणवत्ता और नवाचार पर केंद्रित*


*औषधीय पौधों पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी:औषधीय पौधों की खेती, उनके औद्योगिक उपयोग, और वैश्विक बाजार में उनकी भूमिका पर चर्चा*


*पशु आयुर्वेद पर सम्मेलन:पारंपरिक और आधुनिक पशु चिकित्सा के एकीकरण पर विचार।*


*गुरु-शिष्य सम्मेलन (RAV):आयुर्वेद की परंपरा और आधुनिक शिक्षा के बीच सेतु बनाने का प्रयास*


*आयुर्वेद फिल्म महोत्सव:फिल्मों के माध्यम से आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं को जनसामान्य तक पहुंचना*

इत्यादि सत्र उल्लेखनीय रहे।


10 वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के चौथे दिन में फ्री आयुष क्लिनिक में 1576 मरीजों का स्वास्थय परीक्षण कर उपचार किया गया व आवश्यक औषधियां वितरित की गयी।


आरोग्य एक्सपो में विभिन्न आयुर्वेद कंपनियों जैसे- हिमालय वैलनेस, पतंजलि वैलनेस, सोमथीराम आयुर्वेद ग्रुप, धूतपापेश्वर लि०, मुल्तानी, डाबर लि०, संजीवनी, आर्य वैद्यशाला कोट्टाकल, अमृतधारा, देशरक्षक, वैद्यरत्नम, आरोग्य, श्री नारायण आयुर्वेदिक फार्मेसी, आर्य  वैद्यशाला फार्मेसी कोइम्बटोर, हंस हर्बल्स, प्लेनेट, झंडू, प्लेनेट आयुर्वेदा, श्रीधारीयम, श्री श्री तत्त्व, बैद्यनाथ लि०, संदु, नागार्जुन आयुर्वेदा, आयुबल वैलनेस, उमा आयुर्वेदिक्स, श्रीमोहता रसायनशाला हाथरस, नीडको हर्बल हेरिटेज आदि के स्टाल उपलब्ध थे। 


अलकनंदा हॉल में 27 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, भागीरथी  हॉल में 28 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, मन्दाकिनी हॉल में 39 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, पिंडर हॉल में 33 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, नंदाकिनी  हॉल में 35 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, धौलीगंगा हॉल में 26 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए, कोसी  हॉल में 41 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए तथा गिरी  हॉल में 46 वैज्ञानिक सत्र आयोजित हुए जिसमे 3140 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया गया। 


 डॉ सिनिमोल टी पी ने मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) के प्रारंभिक लक्षणों के  प्रबंधन पर अपना वीडियो प्रस्तुतीकरण दिया जिस हेतु इनको बेस्ट पेपर के पुरस्कार से समान्नित  किया गया। 

 इटली के डॉ अंटोनिओ ईश्वर मरांडी ने विज्ञान और आध्यात्मिकता का सामंजस्य पर व्याख्यान दिया जिसमे उन्होंने G.A.N.E.S.H.- Global ayurvedic network for excellence in science harmonisation का विचार दिया।  यह वैश्विक आयुर्वेद नेटवर्क (Global Ayurvedic Network) आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान को एकीकृत कर एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर एक मानक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिससे यह आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ प्रभावी रूप से जुड़ सके।


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