ऋषिकेश:
एम्स,ऋषिकेश में
बृहस्पतिवार को तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया,जिसमें यूजी,
पीजी, सुपर स्पेशलिटी तथा एलाइड साइंस के 1041 छात्र- छात्राओं को
डिग्रियां वितरित की गई। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य
एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख भाई मांडविया, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार जी व स्वास्थ्य
राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल जी ने एम्स स्टूडेंट्स को विभिन्न
उपाधियों का वितरण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ
इंफ्रा स्ट्रक्चर मिशन के तहत 150 बेड क्षमता के क्रिटिकल केयर अस्पताल भवन
की आधारशिला भी रखी गई।

बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान
संस्थान में आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह का बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख भाई मांडविया , केंद्रीय
स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार व प्रोफेसर एसपीएस बघेल,
संस्थान के अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर समीरन नंदी, सूबे के वित्त एवं शहरी
विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड डॉक्टर धन
सिंह रावत ने संयुक्तरूप से विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने कहा कि एम्स ऋषिकेश की
चिकित्सकीय टीम ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड और पड़ोसी
राज्यों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके लोगों का विश्वास
जीता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क
(एनआईआरएफ), भारत सरकार द्वारा संस्थान की रैंकिंग में भी काफी वृद्धि हुई
है। ऋषिकेश एम्स अब देश के शीर्ष 25 संस्थानों में से एक है।
केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि पासआउट स्टूडेंट्स ने अभी एजुकेशन की
डिग्री हासिल की है, उनके लिए सामाजिक जीवन की शिक्षा लेनी और समाज की
कसौटी पर खरा उतरना अभी बाकी है, जो कि बेहतर चिकित्सा सेवा के संकल्प से
ही संभव है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में सीखता और बदलता है वही
प्रगति करता है। कहा कि जिस दिन चिकित्सकों के मन में नागरिक स्वास्थ्य का
भाव जाग जाएगा उस दिन उन्हें पैसा गौण लगने लगेगा। उन्होंने कहा कि पासआउट
स्टूडेंट्स से उनके माता पिता, गुरुजनों के साथ ही देश की भी बहुत उम्मीदें
होती हैं, लिहाजा उन्हें इन सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया जी ने कहा कि जीवन में लक्ष्य हमेशा
ऊंचा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे देश के चिकित्सक अपने चिकित्सा
सेवा के पेशे के प्रति दुनिया के अन्य देशों से अधिक जिम्मेदार हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड 19 के दौर में दुनिया के कई विकसित देशों के
चिकित्सकों ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया, मगर हमारे
चिकित्सक प्रतिबद्धता के साथ अपना घरबार छोड़कर दिनरात मरीजों कीसेवा में
जुटे रहे।
उन्होंने पासआउट स्टूडेंट्स को सीख दी कि उन्हें हमेशा
भावना व संवेदना से सराबोर होना चाहिए, साथ ही देश की संवेदना का ध्यान
रखना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने कहा कि
हमारे जवान हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं,इसी तरह
देश की 140 करोड़ आबादी को भी देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की
आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में सफलता के लिए हमें हमेशा
समाज के प्रति कर्तव्यभाव अपनाना होगा, यही जीवन की आधारशीला है। हमारे मन
में प्रत्येक कार्य क्षेत्र में परिवार का भाव होना चाहिए। केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार दूसरी सरकारों की तर्ज पर सिर्फ चल
नहीं रही है, बल्कि अपना बेस्ट आउटपुट देने के प्रयास में जुटी है। इस अवसर
पर उन्होंने कहा कि एम्स में 100 करोड़ से अधिक लागत से तैयार होने वाले
150 बेड के क्रिटिकल केयर अस्पताल का लाभ पूरे उत्तराखंड को मिलेगा। इस
दौरान उन्होंने संस्थान की शोध पत्रिका एवं स्वास्थ्य चेतना पत्रिका का
विधिवत विमोचन किया।
इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक
प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि वर्तमान में एम्स संस्थान के लिए लगभग 2000
चिकित्सक सेवारत हैं, जो कि मेडिकल एजुकेशन के साथ साथ मरीजों के उपचार में
भी सेवारत हैं। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने एम्स की अभी तक
उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अस्पताल की स्वास्थ्य
सेवाओं, राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक ड्रोन द्वारा दवा पहुंचाने का सफल
ट्रायल, डिजिटल हेल्थ सुविधाओं, आयुष्मान योजना, आभा आईडी, टेलि
कन्सल्टेंशन, हेली एम्बुलेन्स, पीडियाट्रिक आईसीयू, किडनी ट्रांसप्लांट
सुविधा और टेलिमेडिसिन सेवाओं सहित विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र
करते हुए इसे संस्थान की उपलब्धि से जोड़ा। साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल
में 100 से अधिक सेवावीर दिन-रात मरीजों की सेवा
में जुटे हैं। कहा
कि डिग्री प्राप्त करने वाले नए चिकित्सकों को अपना एटीट्यूड विकसित करने
की आवश्यकता है। प्रैक्टिस करते समय मरीजों के साथ पेश आने का सलीके से भी
मरीज का समय पर स्वस्थ होना निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि यह हम सभी
के अथक प्रयास का नतीजा है कि एनआईआरएफ भारत सरकार की रैंकिंग में एम्स
ऋषिकेश 22 वें स्थान पर हैं।
समारोह में एम्स संस्थान
के अध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर समीरन नंदी, दीक्षांत समारोह की नोडल ऑफिसर
प्रोफेसर लतिका मोहन, डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्साअधीक्षक
प्रो. संजीव मित्तल, डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत पाटिल,डीन रिसर्च
प्रो. एसके हांडू आदि ने भी विशेषरूप से शिरकत की।
उपाधि पाने वाले छात्र- छात्राओं का विवरण ---
MBBS ( 2013-14 ) - 38
MBBS (2015) - 96
MBBS (2016)- 96
MDMS (2017-2020) -- 495
DMCH (2018-20)- 148
BSC Nursing (2016)- 56
MSC Nursing ( 2017-20 )- 33
MSC Allide/Medical ( 2018-19 )- 22
MPH ( 2018-21 ) - 39
Paramedical (2022-23) - 9
MHA - 1
Total = 1041
पद्मश्री प्रोफेसर नंदी ने किया दीक्षांत समारोह प्रथम सत्र का शुभारंभ
एम्स
के तृतीय दीक्षांत समारोह के तहत एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रोफेसर समीरन
नन्दी ने दीक्षांत समारोह के पहले सत्र का उद्घाटन करते हुए विभिन्न संकाय
के मेडिकल छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की।
सत्र के दौरान
उन्होंने कहा कि डॉक्टरी का पेशा रोगियों की सेवा के लिए समर्पित होता है।
ऐसे में प्रत्येक चिकित्सक को अपने भीतर मरीजों के प्रति नम्र व्यवहार और
मृदुभाषिता अपनाने की भावना विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात
पर प्रसन्नता व्यक्त की कि एम्स ऋषिकेश ने अब तक एक हजार से अधिक रिसर्च
कार्य पूरे कर लिए हैं। प्रोफेसर नंदी ने कहा कि चिकित्सा सेवा में
अनुसंधान कार्यों का विशेष महत्व होता है। संस्थान द्वारा शैक्षणिक
गतिविधियों में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस दौरान प्रोफेसर समीरन ने
पदक और उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी।
समारोह की नोडल
ऑफिसर प्रोफेसर लतिका मोहन ने बताया कि दीक्षांत समारोह में टॉपर छात्र
छात्राओं को 31 गोल्ड मेडल, 2 रजत और 2 कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
इंसेट
एम्स ऋषिकेश के तृतीय दीक्षांत समारोह में 1041
विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी गई। उपाधियां प्राप्त करने वाले
विद्यार्थियों में 10 पीएचडी, 495 मेडिकल स्नातकोत्तर, 1 एमबीए/एमएचए, 148
डीएम/एमसीएच स्टूडेंट्स, 230 एमबीबीएस, 39 एमपीएच, 22 एमएससी मेडिकल, 56
बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग और 33 एमएससी नर्सिंग तथा 9 पैरामेडिकल छात्र अपनी
डिग्री प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर समारोह के अतिथियों व संस्थान की
कार्यकारी निदेशक ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिए डिग्री, पदक और प्रमाण पत्र
प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।