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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत से मुख्यमंत्री आवास में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि जी महाराज के नेतृत्व में हरिद्वार के प्रमुख संतों ने भेंट की। भेंट करने वाले संतों में निर्मल आश्रम के श्री महंत जसजीत जी, गरीबदास जी,  महंत आनंद, वाल्मीकि समाज के संत श्री महंत मान दास जी महाराज, वैष्णव अखाड़े से श्री महंत दुर्गा दास जी महाराज एवं नगर के प्रसिद्ध एडवोकेट श्रेयस अग्रवाल थे। संतो ने हरिद्वार नगर में संतों के आश्रम का पंजीकरण कमर्शियल किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज की। बिजली के बिल भी कमर्शियल आने पर मुख्यमंत्री जी से अपनी बात रखी।
      मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने संतो को आश्वासन दिया और तुरंत कार्रवाई का निर्देश भी दिया। संतों ने कहा आगामी कुंभ में जिस प्रकार की भी व्यवस्था और परिस्थिति होगी, सन्त सरकार का भरपूर सहयोग करेंगे। कुंभ हमारी प्राचीन परंपरा है किंतु कोरोना महामारी के चलते हुए जैसी भी स्थिति होगी उसी प्रकार से सभी संत और अखाड़े सरकार का सहयोग करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी जी ने केदारनाथ मॉडल पर ही बद्रीनाथ गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के विकास हेतु प्रयासरत मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत स्थानीय पुरोहित समाज के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। सभी संतो ने मुख्यमंत्री जी को स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया।
देहरादून 28 सितम्बर, 2020 :
 
 
      मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर जिला योजना के लिए सभी जिलों को कुल 100 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त की जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजना के लिए प्राविधानित 665 करोड़ 50 लाख रूपए के सापेक्ष 350 करोड़ रूपए की धनराशि पहले ही अवमुक्त की जा चुकी है। अब 100 करोड़ रूपए और अवमुक्त किए जाने पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन किया है।  
       इन 100 करोड़ रूपए में से जनपद नैनीताल हेतु 7 करोड़ 2 लाख 20 हजार 160 रूपये, ऊधमसिंह नगर हेतु 07 करोड़ 42 लाख 18 हजार 140 रूपये, अल्मोड़ा हेतु 07 करोड़ 47 लाख 74 हजार 250 रूपये, पिथौरागढ़ हेतु 07 करोड़ 17 लाख 98 हजार 10 रूपये, बागेश्वर हेतु 05 करोड़ 96 लाख 54 हजार 70 रूपये, चम्पावत हेतु 05 करोड़ 83 लाख 76 हजार 520 रूपये, देहरादून हेतु 09 करोड़ 94 लाख 98 हजार 200 रूपये, पौड़ी हेतु 11 करोड़ 98 लाख 84 हजार 490 रूपये, टिहरी हेतु 09 करोड़ 51 लाख 45 हजार 110 रूपये, चमोली हेतु 07 करोड़ 42 लाख 92 हजार 990 रूपये, उत्तरकाशी हेतु 07 करोड़ 65 लाख 77 हजार 750 रूपये, रुद्रप्रयाग हेतु 05 करोड़ 81 लाख 81 हजार 120 रूपये, हरिद्वार हेतु 06 करोड़ 73 लाख 79 हजार 190 रूपये की राशि शामिल है।


  • गरीब आदमी के रोजगार को मजबूत बनाने का निगम पक्षधर-अनिता ममगाई
  • महापौर की संवेदनशीलता से सब्जी विक्रेताओं की जिंदगी पटरी पर लौटी
  • फुटकर फल एवं सब्जी विक्रेताओं का व्यापार हुआ शुरू, खिले चेहरे

ऋषिकेश:

कोरोनाकाल के चलते प्रशासनिक नियमों का शिकार हो रहे सब्जी विक्रेताओं की व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी हैं। नगर निगम प्रशासन की अनुमति के बाद आज बेहद व्यवस्थित ढंग से निगम कार्यालय के बाहर हरिद्वार रोड पर एवं आईएसबीटी के समीप  सब्जी विक्रेताओं ने अपनी ठेलियां लगाई। पुनः व्यापार से जुड़ने की खुशी सब्जी एवं फल विक्रेताओं के चेहरों पर साफ देखी जा सकती थी।
नगर निगम महापौर अनिता ममगाई की संवेदनशीलता ने सब्जी एवं फल विक्रेताओं के व्यापार को फिर से शुरू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सब्जी विक्रेताओं द्वारा अपने समाज के व्यापार को लेकर महापौर से गुहार लगाई गई थी जिसके बाद महापौर ने तमाम स्थितियों का बेहद बारीकियों से अवलोकन करने के पश्चात सब्जी एवं फल विक्रेताओं को नगर निगम कार्यालय के बाहर सुव्यवस्थित ढंग से अपना व्यापार चलाने की अनुमति दे दी थी।

 सोमवार को नगर निगम कार्यालय के बाहर सब्जी विक्रेताओं ने ठेलियांं लगाई। इसके अलावा आईएसबीटी मिल भी निगम की ओर से उससे भी सब्जी विक्रेताओं को नियमों के साथ व्यापार की अनुमति प्रदान की गई है जिसके तहत आज वहां पर भी सब्जी एवं फल विक्रेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने व्यापार को पुनः सुचारु रुप से शुरू कर दिया।

 नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि नगर निगम प्रशासन नियमों के साथ फुटकर व्यापारियों के व्यापार को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा है। प्रशासनिक गाइडलाइन का अनुपालन करने की वजह से सब्जी विक्रेताओं को कुछ दिक्कतें झेलनी पड़ी है । लेकिन उनकी तमाम समस्याओं को दूर करते हुए फौरी तौर पर फिलहाल नगर निगम के बाहर हरिद्वार रोड पर एवं आईएसबीटी परिषद क्षेत्र में सब्जी व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमति दे दी गई है।



14 अगस्त,2020  प्रातः 05.30  बजे जनपदों से ली  गई सूचना के अनुसार जनपद  पिथौरागढ़ ,चम्पावत, अल्मोड़ा, नैनीताल तथा यू एस नगर में वर्षा हो रही है शेष जनपदों बागेश्वर,चमोली, पौड़ी,टिहरी,उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग,देहरादून और हरिद्वार में बादल लगे हुए।


चार धाम यात्रा मार्ग की स्थिति

ऋषिकेश -बदरीनाथ मार्ग  लामबगड़ तथा तोता घाटी में मलवा आने के कारण अवरुद्ध है।
ऋषिकेश - श्री केदारनाथ मार्ग विद्यापीठ गुप्तकाशी के पास अवरूद्ध है ।

शेष चार धाम मार्ग यातायात हेतु खुले हैं।

पिथौरागढ़ मज कोट मुंसारी मार्ग बंद है, जौलजीवी मजकोट चामी के पास,तवाघाट पांगला गसकू और मलघट के पास,तवाघाट सोबला कनजोती के पास ,  चौकीघाट पिथौरागढ़  की तरफ 500 मी0 आगे अवरूध्द  है,अस्कोट ओगल मार्ग पिनौरा के पास बंद है।                              


जनपद पिथौरागढ़ -अस्कोट जौलजीवी  मार्ग लखनपुर में बंद  है।
जनपद चमोली- गोपेश्वर पोखरी    मार्ग बंद है|

जनपद अल्मोड़ा-अल्मोड़ा पिथौरागढ़ मार्ग में पनार से आगे मकड़ाऊ के पास मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था , मार्ग  खुल गया है।

टिहरी NH-94 आमसेरा चंबा के पास पत्थर आने से अवरुद्ध हो गया था , मार्ग  खुल गया है।

चमोली एन0एच0 लामबगड़,कर्णपयाग  से 2-3 किलो0मी0 आगे मार्ग बंद है, लिंकरोड़-

 गोपेश्वर-पोखरी-हापला, मंडल-धोतीधार अवरुद्ध है।

जनपद चम्पावत -टनकपुर -चम्पावत मार्ग खुल गया है।



    ऋषिकेश :

                                                                                                                                                                       मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव  ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में हेलीपैड सुविधा उपलब्ध होने से उत्तराखंड में एयर एंबुलेंस सेवा को बढ़ावा मिलेगा,जिससे उत्तराखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में गंभीर बीमार मरीजों व आपदा, सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर मृत्युदर को कम किया जा सकेगा। इस सेवा से आम व्यक्ति को जोड़ने के लिए राज्य सरकार एक टोल फ्री अथवा टोलफ्री नंबर जारी करने पर विचार कर रही है।    
    
                                                                                       
   एम्स ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव  ने कहा कि संस्थान में हेलीपैड बनने से सरकार राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गरीब पृष्ठभूमि के गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस सेवा से जोड़ने के लिए योजना पर कार्य कर रही है। सरकार का प्रयास है कि एयर एंबुलेंस सुविधा का आर्थिक बोझ गरीब व्यक्ति पर न पड़े, इसके लिए सरकार इसे राज्य द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ने पर भी विचार कर रही है।                                                                                    
  उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड में 12 कंपनियां हेली सेवा प्रदान कर रही हैं। लिहाजा उनसे सरकार की हेली एंबुलेंस सेवा के लिए वार्ता चल रही है। सीएम के उड्डयन सलाहकार कैप्टन श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा को बढ़ावा देने व प्रत्येक व्यक्ति को इससे जोड़ने के लिए जल्द टोल फ्री नंबर अथवा वाट्सएप नंबर जारी करेगी,जिस पर विचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि एम्स में हेलीपैड निर्माण में राज्य सरकार के सहयोग व सहमति का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में आपदाओं अथवा सड़क दुर्घटनाओं के समय लोगों को त्वरित उपचार मुहैया कराकर लोगों की जान बचाना है।                                                                                                                                                                        
  इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि संस्थान उत्तराखंड के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने को लेकर कृत संकल्पित है, इसके लिए अस्पताल में अति अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में सततरूप से कार्य किया जा रहा है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि आपदा, सड़क दुर्घटनाओं के समय घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए एम्स ऋषिकेश पूर्णरूप से उत्तराखंड सरकार के साथ है। इस अवसर पर एम्स के हेली सर्विसेस इंचार्ज डा. मधुर उनियाल  आदि मौजूद थे।        
   
 मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन श्रीवास्तव ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों के गंभीर रोगियों व घायलों को एयर एंबुलेंस से तत्काल अस्पताल पहुंचाने की उत्तराखंड का यह मॉडल व अस्पताल परिसर में ही हेलीपैड सुविधा उत्तर प्रदेश के महानिदेशक सिविल एविएशन को काफी पसंद आई है व उन्होंने इसकी सराहना की है, साथ ही इसे उत्तर प्रदेश में भी लागू करने पर विचार करने की बात कही है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में पिछले 24 घंटे में विभिन्न गंभीर रोगों से ग्रसित 4 कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई। इसके अलावा 20 लोगों की कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें 8 स्थानीय लोग भी शामिल हैं। संस्थान की ओर से इस बाबत स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को सूचित कर दिया गया है।                                                                                                                                            एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल जी ने बताया कि ज्वालापुर, हरिद्वार निवासी 35 वर्षीय  महिला सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर बीती 5 अगस्त को एम्स में भर्ती हुई थी, जिसका कोविड सेंपल पॉजिटिव पाया गया था, उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। जहां कोविड वार्ड आईसीयू में वेंटिलेटर पर थी,उक्त मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई। दूसरा मामला बागपत, उत्तरप्रदेश का है। उत्तरप्रदेश के बागपत निवासी 60 वर्षीय पुरुष जो कि फेफड़ों से संबंधी दिक्कतों के चलते बीते माह 22 जुलाई को एम्स आया था,जिसकी कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था, जहां उपचार के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गई।                                                                                                                                                                                                                                               तीसरा मामला हरिद्वार का है। आर्यनगर ज्वालापुर, हरिद्वार निवासी 72 वर्षीय पुरुष जो कि किडनी व सांस रोग से ग्रसित था व बुखार आदि शिकायत के साथ बीती 10 अगस्त को एम्स ऋषिकेश आया था। जिसका कोविड सेंपल पॉजिटिव आने पर उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था, उक्त पेशेंट की उपचार के दौरान मौत हो गई। जब​कि चौथा मामला कनखल हरिद्वार का है। हरिद्वार निवासी 76 वर्षीय पुरुष जो कि डायबिटीज, हाईपरटेंशन, सांस लेने में तकलीफ तथा बुखार की शिकायत पर बीती 4 अगस्त को एम्स में आया था,जिसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उसके बाद उक्त व्यक्ति को कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। बुधवार सुबह कोविड आईसीयू में उपचार के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गई।  

इसके अलावा बीस बीघा,ऋषिकेश निवासी 31 वर्षीय पुरुष जो कि एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर है कोविड संक्रमित पाया गया है, इसके अलावा ऋषिकेश निवासी एक 50 वर्षीय पुरुष, वीरभद्र मार्ग निवासी 29 वर्षीय पुरुष जो कि एम्स कोविड ओटी में हेल्थ केयर वर्कर है की कोविड सेंपल रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है। इसके अलावा टिहरी विस्थापित आमबाग, ऋषिकेश एक 25 वर्षीय पुरुष जो कि एम्स में नर्सिंग ऑफिसर है की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। एम्स का एक 28 वर्षीय व दूसरा एक 23 वर्षीय हेल्थ केयर वर्कर की कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शिव मंदिर,ऋषिकेश निवासी 42 वर्षीय पुरुष व टिहरी विस्थापित क्षेत्र निवासी 26 वर्षीय पुरुष जो कि एम्स में हेल्थ केयर वर्कर है, की कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
नगीना बिजनौर निवासी 45 वर्षीय महिला व झबरेड़ा, हरिद्वार निवासी 42 वर्षीय पुरुष, देहरादून निवासी 57 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। बिहारीगढ़, हरिद्वार निवासी 83 वर्षीय पुरुष तथा देहरादून निवासी 39 वर्षीय पुरुष की कोविड सेंपल रिपोर्ट बुधवार को पॉजिटिव पाई गई है। उधमसिंहनगर निवासी 55 वर्षीय पुरुष, ज्वालापुर, हरिद्वार 29 वर्षीय पुरुष, मोतीबाजार देहरादून निवासी 28 वर्षीय पुरुष, ज्वालापुर, हरिद्वार निवासी 21 वर्षीय पुरुष की कोविड सेंपल रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इसके अलावा हरिद्वार निवासी 35 वर्षीय पुरुष व देहरादून निवासी 42 वर्षीय पुरुष जो कि एम्स में हेल्थ केयर वर्कर है की सेंपल रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है। मुरादाबाद निवासी 36 वर्षीय एक व्यक्ति की रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव पाई गई है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी कोविड पॉजिटिव रोगियों के बाबत एम्स की ओर से स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को अवगत करा दिया गया है।

  ऋषिकेश;


एम्स के अनुसार मुंबई ,महाराष्ट्र से आए उत्तरकाशी निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह व्यक्ति मुंबई से बस से उत्तरकाशी के लिए आया था। भरत मंदिर स्कूल स्थित कैंप में इस व्यक्ति की प्रारंभिक जांच हुई। जहां से इसको 17 मई को एम्स ऋषिकेश की स्क्रीनिंग ओपीडी में भेजा गया, जहां उसका सैपल लिया गया जो 18 मई को पॉजिटिव आया है। स्टेट सर्विलांस आफिसर को इस बारे में सूचना दे दी गई है व मरीज को ट्रेस करने को कहा गया है। एम्स द्वारा भी इस व्यक्ति से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।
मगर उसका मोबाइल नंबर बंद आ रहा है।इसके अलावा एम्स में उत्तरकाशी से प्राप्त एक अन्य सैंपल भी पॉजिटिव पाया गया है।


रायवाला/ गौहरी माफ़ी;


अटल टिंकरिंग लैब (ATL) युवा छात्रों में जिज्ञासा और नवीन मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग के तहत अटल इनोवेशन मिशन  द्वारा संचालित एक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य छात्रों में 21 वीं सदी के कौशल और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। यह संपूर्ण मां आनंदमयी मेमोरियल स्कूल रायवाला व राज्य की शिक्षा बिरादरी के लिए गौरव का क्षण है क्योंकि इस विद्यालय को अटल टिंकरिंग लैब को मार्च महीने के लिए उत्तराखंड के शीर्ष 5 अटल इनोवेशन मिशन में चुना गया है।  अटल ईनोवेशन मिशन समस्या कथनों पर अभिनव समाधान प्रस्तुत करने और संचालित गतिविधियों के लिए प्रत्येक माह 5 उच्च-प्रदर्शन वाले शैक्षिक संस्थाओं को पुरस्कृत करता है।

उत्तराखंड में  लगभग 60 अटल ईनोवेशन मिशन हैं और माँ आनन्दमयी मेमोरियल विद्यालय को  स्थापित मानदंडों के अनुरूप बनाया गया है। इस अवसर पर, अटल इनोवेशन मिशन प्रभारी अर्जुन माधवनकुट्टी ने बताया, हाल ही में कोविड -19 फ्रंटलाइनरों के बीच 3 डी प्रिंटेड फेस शील्ड का वितरण किया है और इस तरह के और अधिक प्रोटोटाइप बनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की सामाजिक रूप से प्रासंगिक परियोजनाओं जैसे अर्ली फ्लड अलार्म सिस्टम और अल्ट्रासोनिक सेंसर वाले डस्टबिन पर छात्रों द्वारा काम किया जा रहा है।

माँ आनन्दमयी मेमोरियल विद्यालय के निदेशक अर्पित पंजवानी ने कहा कि इस तरह की मान्यताएं नवप्रवर्तन में स्कूल प्रबंधन के विश्वास की पुनर्व्याख्या करती हैं। उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने छात्रों से नवाचार और वैश्विक और स्थानीय समस्याओं के समाधान की तलाश जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने अटल इनोवेशन एमिशन विशेष रूप से मिशन निदेशक, आर रामनान को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
नवाचार और उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार का अटल इनोवेशन मिशन एक प्रयास है, जो के दृष्टिकोण और मिशन के साथ समवर्ती है। इसका उद्देश्य विश्व स्तरीय नवाचार हब, भव्य चुनौतियों, स्टार्ट-अप व्यवसायों और अन्य स्व-रोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में सेवा करना है, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी-संचालित क्षेत्रों में।  इस योजना का उद्देश्य युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देना, डिजाइन मानसिकता, कम्प्यूटेशनल सोच, अनुकूली शिक्षा, अन्य पहलुओं के बीच शारीरिक कंप्यूटिंग जैसे कौशल विकसित करना है। गौर्तलब   है की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रायवाला मे 27 अगस्त 2019 को मां आनंदमयी मेमोरियल सीनियर स्कूल में अटल टिंकरिंग लैब का विधिवत  उद्घाटन किया था । अटल टिंकरिंग लैब के तहत, केंद्र सरकार स्कूल के छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार और रचनात्मकता को स्थापित करने के लिए धन और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है।

शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष Covid-19 के विरुद्ध लड़ाई में ₹128361 (एक लाख अठ्ठाईस हजार तीन सौ इकसठ )  दान  किए हैं।



शहीद दुर्गा मल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला में 15 अप्रैल से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं की ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो चुकी हैं। ऑनलाइन क्लासेज के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डीसी नैनवाल ने दो समितियों का गठन किया है

1. परामर्श समिति  2. छात्र संकाय सहायता समिति परामर्श समिति की संयोजक डॉ बल्लरी कुकरेती हैं एवं डॉ वंदना गौड़ व डॉ पूनम पांडे सदस्य के रूप में शामिल हैं। छात्र संकाय सहायता समिति में विज्ञान संकाय के संयोजक डा० एसपी सती हैं ।

कला संकाय के संयोजक डॉ डीएन तिवारी हैं। कॉमर्स संकाय के संयोजक डॉ आर एम पटेल हैं ।प्राचार्य द्वारा सभी संकाय का ऑनलाइन टाइम टेबल जारी कर दिया गया है उसी के अनुसार प्रत्येक विषय की कक्षाएं प्रातः 10:00 से सांय 4:00 बजे तक संचालित हो रही हैं। प्रत्येक विषय के छात्रों का व्हाट्सएप ग्रुप बन चुका है एवं  प्रत्येक विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास को अटेंड कर रहा है।

लॉक डाउन होने के कारण लगभग 90% छात्र-छात्राएं ऑनलाइन क्लासेस को ज्वाइन कर रहे हैं। विज्ञान वर्ग में डॉक्टर एसपी सती,डा० एम० एस० रावत डॉ एसके कुडियाल, डा० नवीन नैथानी,डा० दीपा शर्मा ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। कला संकाय में डॉ डी० एन० तिवारी ,डॉ आर० एस० रावत,डा० अनिल भट्ट,डा० नीलू कुमारी,डा० एन० डी० शुक्ला ,डा० संतोष वर्मा,डॉकंचन सिंह, डा० एस० एस० बलूड़ी,डा०राखी पंचोला,डा० अंजली वर्मा,डा० प्रभा विष्ट,डा० बल्लरी कुकरेती,डा० वन्दना गौड़,डा०पूनम पांडे ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं।तथा कॉमर्स संकाय में डा० आर० एम० पटेल  एवं डा० कंचनलता सिन्हा ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ एसके कुडियाल ने बताया कि महाविद्यालय अपनी वेबसाइट को भी प्रत्येक दिन अपलोड कर रहा है एवं विषय से संबंधित जानकारी अपलोड की जा रही है। छात्र छात्राएं महाविद्यालय की वेबसाइटsdmgovtpgcollege.in  पर log in कर अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।


उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ  एवं शांतिकुंज के निदेशक  डॉ प्रणवगे पंड्या देंगे, डॉ.स्वामी राम को श्रद्धांजलि

डोईवालाः


 हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) में संस्थापक डॉ.स्वामी राम के 24वीं पुण्यतिथि पर आयजोजित वार्षिक समारोह के आयोजन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख व निदेशक डॉ.प्रणब पंड्या समारोह डॉ.स्वामी राम को देंगे श्रद्धांजलि।
एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि हरिद्वार में भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद जी को मरणोपरांत स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2019 से सम्मानित किया जाएगा। 

उनको यह सम्मान समाज के कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में किए गए अहम योगदान के लिए दिया जाएगा। उन्हें गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपये का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। साथ ही स्वामी राम हिमलायन विश्वविद्यालय सहित प्रदेशभर के करीब सकैड़ों छात्र-छात्राओं को छात्रवृति बांटी जाएगी।
 इस दौरान संस्थान से जुड़े कर्मचारियों को बेस्ट इंप्लवाई अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद दोपहर में भंडारा आयोजित किया जाएगा। शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रसिद्ध भजन गायिका मैथिली ठाकुर अपनी प्रस्तुति देंगी। समारोह में देश-विदेश से स्वामी जी के हजारों अनुयायी भी शिरकत करेंगे।

 डॉ. स्वामी राम जी का जीवन परिचय

डोईवालाः

 स्वामीराम को लोग एक संत, समाजसेवी, चिकित्सक, फिलोसफर, लेखक के रुप में जानते हैं। लेकिन इन सबसे इतर दुनिया उन्हें मानव सेवा के संदेश वाहक के रुप में भी जाना जाता है।
साल 1925 में पौड़ी जनपद के तोली गांव में स्वामीराम का जन्म हुआ। किशोरावस्था में ही स्वामीराम ने संन्यास की दीक्षा ली। 13 वर्ष की अल्पायु में ही विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठों में हिंदू और बौद्ध धर्म की शिक्षा देना शुरू किया। 24 वर्ष की आयु में वह प्रयाग, वाराणसी और लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कारवीर पीठ के शंकराचार्य पद को सुशोभित किया। गुरू के आदेश पर पश्चिम सभ्यता को योग और ध्यान का  मंत्र देने 1969 में अमेरिका पहुंचे। 1970 में अमेरिका में उन्होंने कुछ ऐसे परीक्षणों में भाग लिया, जिनसे शरीर और मन से संबंधित चिकित्सा विज्ञान के सिद्धांतों को मान्यता मिली। उनके इस शोध को 1973 में इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ईयर बुक ऑफ साइंस व नेचर साइंस एनुअल और 1974 में वर्ल्ड बुक साइंस एनुअल में प्रकाशित किया गया।
स्वास्थ्य सुविधाओं से महरुम उत्तराखंड में विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थान बनाने का स्वामीराम ने सपना देखा था। उन्होंने अपने सपने को आकार देना शुरू किया 1989 में। इसी साल उन्होंने गढ़वाल हिमालय की घाटी में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट की स्थापना की। ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्त्य सुविधाओं के पहुंचाने के मकसद से 1990 में रुरल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (आरडीआई) व 1994 में हिमालयन अस्पताल की स्थापना की। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को महसूस करते हुए स्वामी जी ने 1995 में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की। नवंबर 1996 में स्वामी राम ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद स्वामी जी के उद्देश्य व सपनों को साकार करने का जिम्मा उठाया ट्रस्ट के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने। डॉ.धस्माना की अगुवाई में ट्रस्ट निरंतर कामयाबी के पथ पर अग्रसर है।, 2007 में कैंसर रोगियों के लिए अत्याधुनिक अस्पताल कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यट (सीआरआई) की स्थापना की। 2013 में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) स्थापना की गई। इसके तहत सभी शिक्षण संस्थाएं संचालित की जा रही हैं।

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