श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के
साथ किसी प्रकार की कोई पशु क्रूरता न हो तथा पशु क्रूरता को रोकने के लिए
यात्रा मार्ग में तैनात किए गए अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा पुलिस के
अधिकारियों एवं जवानों को जिला प्रशासन के तत्वाधान में दो दिवसीय
प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे की अध्यक्षता
में विकास भवन सभागार में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में
पीपुल्स फाॅर एनिमल्स पशु कल्याण संगठन की सदस्य श्रीमती गौरी मौलखी ने
प्रतिभाग किया तथा उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पशु क्रूरता
अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम
दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे
ने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि
केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी
प्रकार की कोई क्रूरता न हो इस पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी कड़ी निगरानी
रखते हुए संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें एवं किसी
घोड़े-खच्चर के साथ किसी भी प्रकार से कोई क्रूरता की जाती है तो संबंधित
घोड़े-खच्चर स्वामी एवं संचालक के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत
त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में
संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों पर कड़ी निगरानी रखें।
कार्यशाला को
संबोधित करते हुए पीपुल्स फाॅर एनिमल्स पशु कल्याण संगठन की सदस्य श्रीमती
गौरी मौलखी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि श्री केदारनाथ धाम की यात्रा
गर्व की बात है तथा तीर्थ धाम में पशुओं के साथ किसी भी प्रकार का बुरा
व्यवहार एवं क्रूरता की जाती है तो यह उत्तराखंड के लिए अच्छी बात नहीं है
इसके लिए उन्होंने यात्रा मार्ग में तैनात किए गए अधिकारियों से कहा कि
यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से
कोई पशु क्रूरता न हो इस पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी कड़ी निगरानी रखें
तथा यात्रा के दौरान किसी भी पशु के साथ किसी भी प्रकार की कोई क्रूरता की
जाती है तो संबंधित घोड़ा-खच्चर स्वामी एवं संचालक के विरुद्ध आवश्यक
कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने पशु क्रूरता अधिनियम के संबध में
विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि धारा-11 में परिभाषित किया गया है कि
किसी भी पशु पर अधिक बोझ लादना, विकलांग, घायल, कमजोर, वृद्ध आदि से कार्य
किया जाना तथा पोष्टिक आहार व गरम पानी न देना, लगातार कार्य कराना पशु
क्रूरता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाता है उसके विरुद्ध पशु
क्रूरता अधिनियम के तहत त्वरित कार्यवाही की जानी नितांत आवश्यक है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने भी उपस्थित अधिकारियों
एवं कर्मचारियों से कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले
घोड़े-खच्चरों पर यदि किसी तरह से कोई क्रूरता न हो तथा उन्हें प्रशिक्षण
में जो जानकारी उपलब्ध कराई गई है उस मानक के तहत घोड़े-खच्चरों का संचालन
ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है तो संबंधित के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही
करना सुनिश्चित करें तथा सभी से अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता से करने
के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, उप
जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष
रावत, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, जिला उद्यान अधिकारी
योगेंद्र सिंह चैधरी, जिला बचत अधिकारी सूरत लाल, जिला युवा कल्याण अधिकारी
वरद जोशी, यात्रा हेतु तैनात किए गए नोडल, सहायक नोडल, सेक्टर व सहायक
सेक्टर अधिकारी सहित पुलिस अधिकारी व पुलिस के जवान मौजूद रहे।
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