Halloween party ideas 2015
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उत्तरकाशी, 31 दिसंबर 2024;

New year destination  uttarkashi




साफ मौसम और चटख धूप के बीच जिले के पर्यटन स्थलों पर नये साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों का आगमन हुआ है। 

‘न्यू इयर डेस्टीनेशन‘ के रूप में खासी ख्याति बटोर रहे केदारकांठा, हर्षिल, दयारा जैसे मनोरम स्थल इन दिनों देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचने वाले पर्यटकों से गुलजार हैं।


 आज भी हर्षिल, दयारा एवं सांकरी क्षेत्र में तीन हजार से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ। जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लगभग पॉंच हजार से अधिक पर्यटकों के प्रवास की सूचना है। 


पर्यटन स्थलों एवं इनसे जुड़े आधार शिविरों पर नए साल का जश्न मनाने के लिए स्थानीय होटल व ढाबा संचालकों तथा पर्यटन व्यवसायियों के द्वारा बड़े पैमाने पर तैयारियों की गई हैं।


 मनोरम बर्फ से लकदक केदारकांठा सहित इसके आधार शिविर सांकरी-कोटगांव क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। 

इसी तरह दयारा बुग्याल क्षेत्र में गोई, भरनाला की कैम्पिंग साईट्स के अलावा इसके आधार शिविर में स्थित रैथल एवं बार्सू आदि गांवों में भी पर्यटकों की काफी चहल-पहल बनी हुई है। 


उधर हर्षिल कस्बे में आकर्षक सजावट करने के साथ ही नये साल के जश्न के लिए खास तैयारियां की गई हैं। हर्षिल क्षेत्र में बगोरी, धराली आदि गांवों में स्थित होटल व होम-स्टे भी पर्यटकों से भरे पड़े हैं। 


पुलिस व प्रशासन के द्वारा भी नव वर्ष पर पर्यटकों की बढती आवाजाही को देखते हुए सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं।


 पर्यटकों की भीड़-भाड़ वाले केदारकांठा, हर्षिल, दयारा क्षेत्र में एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन के त्वरित कार्रवाई दस्ते के जवानों की टीमें भेजी गई हैं।


 सेटेलाइट फोन, वाकी-टॉकी, स्नोचेन, सर्चलाईट सहित अन्य आवश्यक साजो-सामान से लैस इन टीमों को हिमाच्छादित इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही एवं अन्य व्यवस्थाओं की निगरानी करने को कहा गया है। 


सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए भी संवेदनशील जगहों पर आवश्यक मशीनरी व मजदूरों को तैनात किया गया है।

 जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा हर्षिल क्षेत्र में स्नोकटर व ब्लोअर मशीन को भी निरंतर तैयार रखे जाने की हिदायत देते हुए सभी विभागों व संगठनों को पर्यटकों व शीतकालीन यात्रा पर आने वाले लोगों की सुविधा, सहायता व सुरक्षा के लिए तत्परता से अपेक्षित कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आगंतुकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

माल रोड मसूरी में  स्थानीय नागरिक एवं पर्यटक जल्द करेंगे  गोल्फकार्ट की सवारी।

Golf cart new attraction for tourist in mussourie


डीएम सविन बंसल के  माल रोड पर यातायात का दबाव कम करने तथा स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों को  सुगम सुविधा आवागमन के प्रयास ला रहे हैं रंग।

  


मसूरी में कंपनी प्रशिक्षकों द्वारा स्थानीय रिक्शा चालको को  गोल्फ कार्ट चलाने का दिया जा रहा है प्रशिक्षण।


देहरादून दिनांक 15 दिसंबर 2024,  मसूरी पहुंचे गोल्फकार्ट प्रशिक्षकों द्वारा आज से स्थानीय रिक्शा  चालकों  को गोल्फ कार्ड चलाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। नगर पालिका परिषद द्वारा प्रथम चरण में चार गोल्फ कार्ट चलाए जाएंगे। मसूरी माल रोड में यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए माल रोड पर वाहनों का आवागमन पर रोक लगाते हुए, स्थानीय निवासियों एवं पर्यटकों की आवागमन हेतु सुगम सुविधा  के लिए गोल्फ कार्ड चलाने का निर्देश डीएम  सविन बंसल द्वारा दिए गए थे।

 जल्द ही मसूरी पर्यटक स्थल पर जनमानस को गोल्फ कार्ड की सुविधा मिलने जा रहे हैं।




देहरादून:

Snowfall first इन season 2024



आखिरकार उत्तराखंड की पहाड़ियां लंबे इंतजार के बाद बर्फ से ढक गई हैं। मौसम की पहली बर्फबारी ने व्यापारियों के चेहरे खिला दिए हैं बद्री केदार गंगोत्री यमुनोत्री सहित अनेक पर्यटक स्थलों में बर्फ ने क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया है।

बिना बर्फ के पहाड़ का जीवन सूना है इसी बर्फबारी के इंतजार में

विश्वप्रसिद्ध हिम क्रीड़ा स्थली औली भी था जहां विंटर गेम्स शुरू होने है।  इस बार औली में स्कीइंग के राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं प्रस्तावित हैं।


उत्तराखंड के पहाड़ी इलाको में देर रात जमकर हिमपात हुआ हैं।चारो धामो में गंगोत्री,यमुनोत्री,बद्रीनाथ,केदारनाथ धाम हेमकुंड साहिब,और कुमाऊँ के पिथौरागढ़,बागेश्वर,अल्मोड़ा ज़िले के ऊंचाई वाले इलाको और गढ़वाल के उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग,चमोली सहित टिहरी जनपद के भी मसूरी और जौनसार वाले इलाके में हल्का हिमपात हुआ हैं।

वहीं बर्फबारी होने से निचले इलाको में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी हैं। देहरादून के निचले इलाकों हरिद्वार के क्षेत्र यहां तक की दिल्ली तक हल्की-फुल्की बारिश हुई है जिससे ठंड ने पूरे उत्तर भारत में ठंड को बढ़ा दिया है।



26 दिसम्बर से 30 दिसंबर तक मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल 2024, भव्यता से मनाया जाएगा : डीएम

मसूरी पहुंचने वाले पर्यटक एवं फेस्टिवल प्रेमी अपने साथ विंटर लाईन कार्निवाल की सुखद स्मृति लेकर जाएंगे : डीएम 

डीएम ने रेखीय विभाग के अधिकारियों को विंटर लाईन कार्निवाल की प्रत्येक चरण के कार्यक्रम को एक्सीलेंट बनाने के दिए निर्देश।

आयोजन में अधिकारी/कर्मचारी सक्रियता एवं आपसीय समन्वय से सौंपे गए दायित्व का निर्वहन करेंगेः डीएम।

लोक पारंपरिक उत्पाद, व्यंजन एवं कलाकारों की प्रस्तुति लाएगी मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल में रौनक।

डीएफओ मसूरी एवं डीटीडीओ को साहसिक क्रिया-कलाप एवं बर्ड वाचिंग आदि एक्टिविटी को सफल बनाने मिला दायित्व।

फिजाओं का बदला हुआ स्वरूप पर दिखेगा, प्रथम बार मालरोड पर गोल्फकार्ड, सुसज्जीत लाईब्रेरी चौंक, बेरियर पर ई-टिकटिंग काउन्टर, मार्डन साईनेजिस, पब्लिक इंक्वारी काउन्टर आदि सुविधा से चकाचौंद मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल।

पहली बार किंग्रेग एवं हाथीपांव सेटेलाईट पार्किग से आधुनिक शटल सेवा की संचालन से मसूरी में होगी सुआगमन की सुविधा।

 देहरादून;

DM Deheadun sawin bansal


जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी मसूरी, सहित संबंधित अधिकारियों एवं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल 2024 का आयोजन, दिनांक 26 दिसंबर से 30 दिसंबर 2024 तक भव्यता से मनाए जाने को लेकर विस्तृत चर्चा करते हुए,  सुझाव एवं दिशा निर्देशों पर तेजी से कार्य करने हेतु रेखीय विभाग अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि लोक पारंपरिक उत्पाद व्यंजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों व मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल आयोजन हेतु ठोस रणनीति बनाते हुए अभी से आयोजन समिति का गठन करेंगे। आयोजन में अधिकारी/कर्मचारी सक्रियता एवं आपसीय समन्वय से सौंपे गए दायित्व का निर्वहन करने के दिये निर्देश। लोक पारंपरिक उत्पाद, व्यंजन एवं कलाकारों की प्रस्तुति लाएगी मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल में रौनक। डीएफओ मसूरी एवं डीटीडीओ को साहसिक क्रिया-कलाप एवं बर्ड वाचिंग आदि एक्टिविटी को सफल बनाने मिला दायित्व। फिजाओं का बदला हुआ स्वरूप पर दिखेगा, प्रथम बार मालरोड पर गोल्फकार्ड, सुसज्जीत लाईब्रेरी चौंक, बेरियर पर ई-टिकटिंग काउन्टर, मार्डन साईनेजिस, पब्लिक इंक्वारी काउन्टर आदि सुविधा से चकाचौंद मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल। पहली बार किंग्रेग एवं हाथीपांव सेटेलाईट पार्किग से आधुनिक शटल सेवा की संचालन से मसूरी में होगी सुआगमन की सुविधा।

वहीं मसूरी नगर एवं कार्यक्रम स्थल को सौंदर्यकृत करने हेतु उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि रंग-रोहन, लाइटिंग, सड़क, फुटपाथ से लेकर मंच इत्यादि समुचित कार्यों की तैयारी अभी कर ली जाए। साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि झूलती तारें को हटवाते हुए, विद्युत आपूर्ति इत्यादि कार्य सुनिश्चित की जाए। उन्होंने रेखीय विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल 2024 की आयोजन को भव्य स्वरूप दिया जाए, जिससे कि आने वाले पर्यटक एवं फेस्टिवल प्रेमी अपने साथ मसूरी विंटर लाईन कार्निवाल की सुखद स्मृति लेकर जा सके। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी मसूरी, डीएफओ मसूरी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, आरटीओ, अधिशासी अधिकारी लोनिवि, अधिशासी अधिकारी पेयजल एवं संबंधित अधिकारी को आयोजन की भव्यता को लेकर अपने-अपने स्तर पर बैठक करने तथा अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए।



 अभिनेता हर्षवर्धन राणे का उत्तराखंड के प्रसिद्ध एलिफेंट ब्रूक रिज़ॉर्ट, ऋषिकेश का दौरा

elephant brook resort

अपनी ऋषिकेश यात्रा के दौरान, वह शत्रुघ्न घाट पर गंगा आरती से इतने अभिभूत हुए कि उनका मन पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गया।

उन्होंने कहा, "उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता का जितना भी वर्णन किया जाए, वह कम होगा। यहां गंगा नदी के किनारे बसा शांत वातावरण सचमुच आत्मा को सुकून देता है। इसके अलावा, हर दिशा में फैले मंदिर, मठ और योगशालाएं इस क्षेत्र की गहरी अध्यात्मिकता को दर्शाती हैं।"

 *माउंट चौखंबा-III ट्रेक पर फंसी 02 विदेशी महिला ट्रेकर्स का सकुशल किया गया रेस्क्यू* 

Sdrf uttarakhand rescued treekkers


चमोली जनपद के माउंट चौखंबा-III पर ट्रैकिंग के दौरान 02 विदेशी ट्रेकर्स के लापता होने पर SDRF द्वारा व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 

प्रारंभिक चरण में 05 अक्तूबर 2024 को हेलीकॉप्टर की सहायता से हवाई सर्चिंग की गई, लेकिन दुर्गम इलाके की चुनौतियों के कारण SDRF के 04 जवानों की टीम को एडवांस बेस कैंप (4900 मीटर) पर हेलीकॉप्टर से उतारा गया। आज प्रातः से ही SDRF टीम ने ट्रेक के सबसे कठिन और जोखिम भरे हिस्सों में पैदल सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था।


पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने कहा, "एसडीआरएफ की टीम अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी संपूर्ण समर्पण और तत्परता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और दुर्गम रास्तों की चुनौतियों के बावजूद, हमारी टीम ने सर्च ऑपरेशन को शुरू कर दिया है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता लापता ट्रेकर्स को सुरक्षित निकालना है, और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। 


इसी क्रम में SDRF रेस्क्यू टीम के पैरेलल सर्च ऑपरेशन में जूटी भारतीय सेना की रेस्क्यू टीम द्वारा चॉपर के माध्यम से ट्रेक पर रैकी करते हुए दोनों ट्रेकर्स को ढूंढ़कर चॉपर की सहायता से एयरलिफ्ट कर जोशीमठ हेलीपेड पर पहुँचाया गया। दोनों ट्रेकर्स सकुशल व सुरक्षित है। सेनानायक, SDRF श्री अर्पण यदुवंशी द्वारा बताया गया कि SDRF की टीम जो एडवांस बेस कैम्प से आगे सर्चिंग कर रही थी, उसे भी आर्मी चॉपर द्वारा जोशीमठ लाया जा रहा है।

 *जनपद चमोली– माउंट चौखंबा-III पर ट्रैकिंग के दौरान 02 विदेशी ट्रेकर्स फंसे, एसडीआरएफ टीम सर्चिंग हेतु एडवांस बेस कैंप पहुंची*

02 foreign trekkers  stucked in chamoli mount chaukhambha


जनपद चमोली के माउंट चौखम्बा-III (7974 मीटर) पर ट्रैकिंग हेतु गईं 02 विदेशी महिला ट्रेकर्स (Miss Michelle Theresa USA, Miss Favgane Manners UK) मौसम खराब होने के कारण लगभग 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गईं। 04 अक्टूबर 2024 को आर्मी हेलीकाप्टर द्वारा रेस्क्यू का प्रयास किया गया, परंतु मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू संभव नहीं हो पाया।


इस घटना की सूचना जिला प्रशासन, चमोली द्वारा SDRF को दी गई, जिस पर पुलिस महानिरीक्षक SDRF के निर्देशानुसार, सेनानायक एसडीआरएफ श्री अर्पण यदुवंशी द्वारा त्वरित कारवाई करते हुए हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को 05 अक्टूबर 2024 को प्रातः सहस्त्रधारा से हेली के माध्यम से घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। 


पुलिस महानिरीक्षक SDRF श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने बताया कि, "माउंट चौखंबा-III पर 02 विदेशी ट्रेकर्स के रेस्क्यू के लिए SDRF की हाई एल्टीट्यूड टीम को सुबह हेली से जोशीमठ रवाना किया गया, जहां टीम द्वारा 02 बार एरियल रेकी की गई। सेटेलाइट फोन के माध्यम से संपर्क स्थापित हुआ है, और 04 SDRF जवानों की टीम एडवांस बेस कैंप पहुंच चुकी है, जो जल्द रेस्क्यू शुरू करेगी। एक अतिरिक्त बैकअप टीम भी जोशीमठ पहुंच चुकी है। सभी टीमों को सुरक्षित एवं त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन के निर्देश दिए गए हैं।"


सेटेलाइट फोन के माध्यम से टीम से संपर्क हुआ और टीम ने अपनी सुरक्षित स्थिति की जानकारी दी है। एक अतिरिक्त बैकअप टीम भी जोशीमठ पहुंच चुकी है, जो जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू में सहयोग करेगी। 


SDRF टीम को उच्च-ऊंचाई वाले उपकरणों, सैटेलाइट फोन और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री के साथ रवाना किया गया है ताकि सभी आपातकालीन परिस्थितियों का सामना किया जा सके।


रेस्क्यू टीम का विवरण:


टीम-01


1. Add. SI वीरेंद्र काला

2. HC सुशील कुमार

3. HC मनोज जोशी

4. FM प्रवीण सिंह


टीम-02


1S. Add. SI विजेंद्र कुड़ियाल

2. मुख्य आरक्षी सूर्यकांत उनियाल

3. आरक्षी योगेश सिंहw

 नवरात्रि के पहले दिन ,यात्रियों के 5 सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से किए दर्शन

Aadi kailash and ohm parvat


श्रृद्धालुओं को अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं, धामी सरकार ने बनाया यात्रा का 5 दिवसीय टूर पैकेज

साथ में आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के भी होंगे दर्शन


देहरादून:

First five member team reached gunji to view



भारत की भूमि से ही पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन करने का शिव भक्तों का सपना आज पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन यात्रियों के पांच सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख से माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। 




कैलाश पर्वत के दिव्य दर्शन से श्रृद्धालु भाव विभोर हो उठे। केन्द्र सरकार से हरी झण्डी मिलने के बाद श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली थी।

 कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने इसके लिए बाकायदा एक टूर पैकेज घोषित किया है।


उत्तराखण्ड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने माउण्ट कैलाश के दर्शन के लिए 5 दिवसीय टूर पैकेज बनाया है।

 इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के दर्शन भी सम्मिलित हैं। 

पैकेज के तहत यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय ग्रुप ने आज गुरुवार को माउण्ट कैलाश के दर्शन किए। 

यात्रियों के ग्रुप को बीते बुधवार को हैलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुँचाया गया।

 आज गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और माउण्ट कैलाश के दर्शन कराये गये। 

कल इन सभी यात्रियों को जौलिकाँग से आदि कैलाश के दर्शन करवाकर गूंजी में रात्रि विश्राम करवाया जायेगा। 

इसके बाद 5 अक्टूबर को सभी यात्रियों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ वापस पहुँचाया जायेगा।


इस यात्रा दर्शन कार्यक्रम में श्री नीरज मनोहर लाल चौकसे, सुश्री मोहिनी नीरज चौकसे, श्री अमनदीप कुमार जिन्दल, श्री केवल कृष्ण, श्री नरेन्द्र कुमार सम्मिलित हैं। इस यात्रा दर्शन को आये श्रद्धालु श्री चौकसे ने बताया कि भगवान शिव के इन पवित्र धामों के दर्शन कर उनको बेहद सुख की अनुभूति हुई है। माउण्ट कैलाश, आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के अलौकिक सौंदर्य के दर्शन ने उनको मंत्रमुग्ध कर दिया है।

 वहीं अन्य श्रद्धालु श्री जिन्दल ने बताया कि भगवान शिव के इन धामों के दर्शन कर उनको मानो स्वर्ग की प्राप्ति हो चुकी है। प्रकृति के इस विहंगम दृश्य को देखते ही मन को अलग ही सुख की प्राप्ति हो रही है। 

उन्होंने इस यात्रा को संचालित करने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है।

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पहले यात्रा के लिए पार करना पड़ता था चीन बार्डर


कोरोना काल से पहले तक केन्द्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिव भक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलाश मानसरोवर के दर्शन करते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिव भक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत की भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया। 

ग्रामीणों ने खोजा व्यू प्वांइंट 

 

पिथौरागढ़ जिले में स्थित स्थानीय ग्रामीणों ने 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों पर एक ऐसा व्यू प्वाइंट खोजा जहां से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची अफसरों और विशेषज्ञों की टीम ने रोड मैप, लोगों के ठहरने की व्यवस्था, दर्शन के पॉइंट तक जाने का रूट सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए सर्वे किया। फिर, केन्द्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद शासन ने 15 सितंबर से ओल्ड लिपुपास को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का फैसला लिया।  

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*भारत की भूमि से ही शिव भक्तों को कैलाश पर्वत के दर्शन् होना बहुत ही सुखद है। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं। हमारी सरकार सीमान्त गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों के पलायन की समस्या को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। भविष्य में इस यात्रा को और भी अधिक सुगम बनाने के लिए सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।*


*श्री पुष्कर सिंह धामी,*

*मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड।*

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विश्व पर्यटन दिवस समारोह में उत्तराखण्ड के जखोल, सूपी, हर्षिल और गुंजी गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार*



Best village award


*चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार*


*जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए मिला पुरस्कार*


आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह के आयोजन में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखण्ड के चयनित ग्रामों के प्रधानों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार प्राप्त किया गया।


इस वर्ष सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया, जो अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है। साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच यह गांव तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया। हर्षिल अपनी प्राकृतिक सुन्दरता, बर्फ से ढके पहाड़ों और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है, जबकि गुंजी गांव, जो चीन और नेपाल सीमा के निकट स्थित है, अपनी सामरिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखता है। इन गांवों में स्थानीय संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है। बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया। सूपी गांव अपनी पारम्परिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत यहां पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जा सके।


ज्ञातव्य हो कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्कृति एवं प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्य व जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को इसमें रखा जाता है। इन्हीं विषयों पर प्रविष्टियां राज्यों से आमंत्रित की जाती हैं। इस वर्ष प्रविष्टियों के आधार पर उत्तराखण्ड के चार ग्रामों को चयनित किया गया है।


इस अवसर पर उत्तराखण्ड के पर्यटन सचिव श्री सचिन कुर्वे, अपर निदेशक पर्यटन व नोडल अधिकारी श्रीमती पूनम चंद एवं चयनित चार ग्रामों के प्रधान एवं प्रतिनिधि यथा हर्षिल के ग्राम प्रधान श्री दिनेश सिंह, सूपी की ग्राम प्रधान श्रीमती प्रेमा देवी, जखोल के ग्राम प्रधान श्री विनोद कुमार एवं गूंजी के ग्राम प्रतिनिधि श्री कृष गुंज्याल आदि उपस्थित रहे।

 बंगलौर से 153 यात्रियों के साथ संचालित मानसखण्ड एक्सप्रेस दिनांक 24.08.2024 को लालकुआँ पहुँची।

Manaskhand express banglalore to Nainital


उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद तथा आई०आर०सी०टी०सी० द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के विभिन्न प्रमुख एवं अल्पज्ञात स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड एक्सप्रेस नामक एक विशेष पर्यटक ट्रेन शुरू की गयी है.

 जिसकी अबतक 03 यात्राओं का सफलतापूवर्क संचालन किया जा चुका है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए बंगलौर से 153 यात्रियों के साथ संचालित मानसखण्ड एक्सप्रेस नामक 3AC ट्रेन दिनांक 24.08.2024 को नैनीताल के लालकुआँ रेलवे स्टेशन पहुँची।


श्री सचिन कुर्वे, सचिव पर्यटन / मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने बताया कि पहले तीन चरणों में सचालित मानसखण्ड एक्सप्रेस की अपार सफलता को देखते हुए चौथे चरण में यह एक्सप्रेस दिनांक 22.08.2024 को बंगलौर से 153 यात्रियों/पर्यटकों को लेकर नैनीताल के लालकुआँ रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुई। 


10 रातें/11 दिनों की इस यात्रा में सभी पर्यटक कुमाँऊ क्षेत्र के विभिन्न पर्यटक स्थलों यथा कसार देवी, कटारमल, कैंचीधाम, चित्तई गोलू मन्दिर, जागेश्वर धाम, रानीखेत, भीमताल, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर के बाघनाथ, बागेश्वर, कौसानी आदि का भ्रमण करेंगे।


 साथ ही ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को पहाड़ी व्यंजन भी परोसे जायेगें। दिनांक 25.08.2024 को 153 यात्रीयों ने नैनीताल नगर में स्थित मॉ नयना देवी मन्दिर में पूजा अर्चना कर नैनीताल नगर के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया, जिससे सभी यात्रीयों मे उत्साह देखा गया। 

गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न पर्यटक स्थलों को बढ़ावा दिये जाने एवं उनके प्रचार-प्रसार हेतु दिनांक 03.10.2024 को मुम्बई से हरिद्वार/ऋषिकेश के लिए बद्री-केदार, कार्तिक स्वामी, एक्सप्रेस का संचालन किया जायेगा।


 राज्य के विभिन्न प्रमुख पर्यटक स्थलों के अतिरिक्त विभिन्न अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् की यह अनूठी पहल है, जिसमें पर्यटक ट्रेन के माध्यम से राज्य के अल्प ज्ञात स्थलों में पर्यटन को बढावा देने का प्रयास किया जा रहा है।


*-इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में दोगुना अधिक जवानों की गई है यात्रा मार्ग पर तैनाती*

चाक-चौबंद व्यवस्थाओं से यह विदेशी नागरिक खासे प्रभावित
foreginers happy with arrangements at kedardham


श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में ड्यूटी के लिए तैनात पीआरडी जवान अपने कार्यों से यात्रियों का दिल जीतने का कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से भी पीआरडी जवानों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार इन जवानों का पहली बार 10 लाख रुपये तक का बीमा कराया गया है, साथ ही उनके भोजन-पानी की भी प्रशासन के स्तर से बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। 

गौरतलब है कि केदारनाथ पैदल मार्ग में कठिन परिस्थितियों के बीच पीआरडी के ये जवान श्रद्धालुओं की सेवा से लेकर रेस्क्यू तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो म्यूल टास्क फोर्स के अंतर्गत घोड़े- खच्चरों के मानक अनुसार संचालन का कार्य भी देख रहे हैं। श्री केदारनाथ धाम तक पैदल यात्रा मार्ग को सात पड़ाव में बांटा गया है। हर पड़ाव पर समान्य ड्यूटी के लिए पीआरडी के 06 और रेस्क्यू एवं अन्य कार्यों के लिए डीडीआरएफ के 06 जवान तैनात हैं। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारियों के साथ म्यूल टास्क फोर्स के जवान तैनात हैं जो नियमित रूप से घोड़ा- खच्चर संचालन के लिए बनाए गए नियम- कानूनो का पालन करा रहे हैं। तत्परता से ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों की सेहत का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस वर्ष पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुने लोगों की ड्यूटी यात्रा मैनेजमेंट में लगायी गई है। जिससे जवान यात्रा में सुगमता से ड्यूटी कर सकें एवं उनकी सेहत भी ठीक रहे। यात्रा मार्ग पर मुस्तैदी से ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों के लिए विशेष पहल करते हुए उनकी ड्यूटी में सुधार किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने बताया कि पिछले वर्षो के मुकाबले दोगुने पीआरडी जवानों की ड्यूटी यात्रा में लगायी गई है। जहाँ पिछले साल यात्रा के दौरान 50 के आसपास ही पीआरडी जवान यात्रा मैनेजमेंट का हिस्सा होते थे तो इस वर्ष 90 से 95 जवानों को यात्रा मैनेजमेंट में लगाया गया है। इससे जवानों की ड्यूटी रोटेशन में लगायी जा रही है ताकि ड्यूटी के दौरान उन्हें आराम मिल सके। इसके अलावा प्रशासन की तरफ से इन्हें राशन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि खाने की कोई समस्या न हो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी संभाल रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवाड ने बताया कि गौरीकुंड से सभी जवानों के लिए सूखे राशन सहित अन्य अनिवार्य सामान लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं पहली दफा इन जवानों को 10 लाख रूपए तक का बीमा भी करवाया गया है।

केदारनाथ धाम में दर्शनों को पहुँच रहे विदेशी यात्री, चाक-चौबंद व्यवस्थाओं को देखकर हुए प्रभावित*


श्री केदारनाथ धाम में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन की ओर से श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं से यह विदेशी नागरिक खासे प्रभावित नजर आ रहे हैं।

जापान के रहने वाले उका मोटो ने बताया कि वे गुरुग्राम में ऑटोमोटिव कंपनी के लिए काम करते हैं। उनकी श्री केदारनाथ धाम के दर्शनों की इच्छा थी और इसी को लेकर वह सड़क मार्ग से श्री केदारनाथ धाम पहुँचे। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एक बहुत ही पवित्र स्थल है और यहां प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था की गई हैं।

इसी तरह नेपाल से आये युवाओं ने बताया कि वे गौरीकुंड से ट्रेक करके यहां तक पहुँचे और धाम में  पहुँचकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से यहां आने की सोच रहे थे और यह सपने के सच होने जैसा लग रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा की मर्जी से इस बार उन्हें यहां आकर पुण्य कमाने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यहां पर बहुत अच्छी व्यवस्थाएं सरकार ने की हैं और सब कुछ यहां अच्छे से चल रहा है।

 धनौल्टी;


Forest ranger college, Rajputana, Gujrat  43 members in dhanolti uttarakhand


देवेन्द्र बेलवाल


उत्तर भारत शैक्षणिक भ्रमण गुजरात फोरेस्ट रेंजर कॉलेज राजपिपला के  तैंतालीस सदस्य रेंज ऑफिसर क्लास ने धनोल्टी ईको पार्क का भ्रमण किया गया रेंज आफिसर द्वारा धनोल्टी ईको पार्क ईको हट आदि का भ्रमण कर ईको पार्क समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली गई व अपने सुझाव का आदान-प्रदान किया गया वन क्षेत्राधिकारी जौनपुर रेंज लाखी राम आर्य व समिति सचिव मनोज उनियाल द्वारा ईको पार्क समिति के विभिन्न आय के साधनों व ईको पार्क क्षेत्र फल समिति के  कार्यकलापों ईको पार्क संचालन ईको पार्क का वन विभाग कर्मियों के साथ समन्वय विषयक व सदस्यों को ईको पार्क अंबर जैव विविधता स्मृति वन एडवेंचर संबंधी क्रिया कलाप के बारे में जानकारी दी गई व वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी गई टीम के सदस्यों द्वारा अपने अनुभव व सुझाव ईको पार्क समिति सदस्यों के साथ साझा किए इस मौके पर वन वीट अधिकारी सुशील गौड़ कुलदीप नेगी सुरेश बेलवाल ज्योति बेलवाल बीना कठैत जसपाल बेलवाल महिपाल राणा पंकज उनियाल भगवान दास आदि मौजूद थे।

 उत्तरकाशी:






बर्फ की चादर ओढ़े उत्तरकाशी जिले का दयारा बुग्याल (मखमली घास का मैदान) स्कीइंग व साहसिक पर्यटन के लिए सैलानियों का इंतजार कर रहा है। 30 वर्ग किमी० में फैले दयारा बुग्याल में इन दिनों तीन से लेकर चार फीट तक बर्फ की चादर बिछी हुई है। जो साहसिक खेलों स्कीइंग आदि के लिए आदर्श स्थिति है। 

दयारा बुग्याल में कदम-कदम पर स्कीइंग की ढलान हैं। कई ढलान तो दो किमी० तक लंबी हैं। बार्सू गांव से चार किमी० की दूरी पर दयारा बुग्याल का ही हिस्सा भरनाला में एक किमी० लंबी ढलान है। जहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थानीय युवाओं द्वारा इन दिनों स्कीइंग भी की जा रही है।  

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व पर्यटन विभाग द्वारा भरनाला मे हर वर्ष स्कीइंग प्रशिक्षण कराया जाता है किन्तु इस वर्ष देर से बर्फबारी होने के कारण फिलहाल स्थानीय युवाओं द्वारा ही इसके प्रचार प्रसार हेतु स्कीइंग की जा रही है। 


पर्यटन व्यवसाय से जुड़े बार्सू गांव के नवीन रावत कहते हैं कि विंटर गेम्स के लिए दयारा व भरनाला में आदर्श स्थितियां हैं। उनका कहना है कि स्कीइंग करने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय ट्रैकिंग संचालकों के पास सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 


वहीं नजदीकी पाला गांव से प्रताप प्रकाश पंवार ने बताया कि सरकारी स्तर से कुछ सुविधाएं ओर मिलें और बुग्याल का प्रचार हो तो इससे अच्छी स्कीइंग कहीं और नहीं हो सकती।


बार्सू गांव के स्थानीय युवा पुष्पेंद्र रावत, सुशील रावत, आलोक रावत, रितिक रावत,नवीन सिंह रावत द्वारा पिछले 3-4 दिनों से अपने स्तर से यहाँ स्कीइंग प्रशिक्षण कराया जा रहा है।


दयारा की खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह लेने वाली है। दयारा बुग्याल से गिडारा बुग्याल, बंदरपूंछ, काला नाग पर्वत, द्रोपदी का डांडा प्रथम व द्वितीय, श्रीकंठ पर्वत सहित कई प्रमुख चोटी नजर आती हैं। इसके साथ ही गंगा घाटी का मनोहारी नजारा भी यहां से दिखता है।

सर्दियों के दौरान दयारा बुग्याल की शांति, जहां बर्फ से ढके परिदृश्य, पैरों के निशान और हिमालय की चोटी के दृश्य एक अविस्मरणीय अनुभव पैदा करते हैं!


पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय ग्रामीणों व प्रशिक्षित युवाओं द्वारा उत्तराखंड सरकार व पर्यटन विभाग से भरनाला मे शीतकालीन खेलों के आयोजन की मांग की है जिससे यहाँ रोजगार सृजन के अवसर पैदा किये जा सके।

 

देहरादून :

Mussourie winter carnival


 मसूरी विन्टर कार्निवाल की तैयारियों एवं रूपरेखा के निर्धारण के सम्बन्ध में स्थानीय विधायक/माननीय केबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार श्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में मंथनसभागार राजपुर  रोड में मसूरी विन्टरलाईन कार्निवाल की रूपरेखा के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस वर्ष 27 से 30 दिसम्बर तक मनाया जाएगा ‘मसूरी विन्टरलाईन कार्निवाल’।   


बैठक में माननीय मंत्री ने निर्देश दिए कि विन्टरलाईन कार्निवाल को आकर्षक भव्य बनाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही निर्देशित किया मॉल रोड पर जाम न लगे इसके लिए व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने पेयजल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मसूरी क्षेत्र में पेयजल लाईन के कार्य को 22 तक पूर्ण कर लें तथा 22 दिसम्बर के बाद किसी भी निर्माण के लिए सड़क न खोदी जाए तथा जहां कार्य पूर्ण हो गया है ऐसे स्थानों पर सड़क का समतलीकरण कर पक्का करें। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों को निर्देशित किया सड़क पर यहां-वहां वान पार्क न किए जाए वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही पार्क करने की व्यवस्था बनाई जाए। माननीय मंत्री ने एमडीडीए के अधिकारियों को सौन्दर्यीकरण के कार्य तथा नगर निकाय मसूरी को साफ-सफाई कार्यों को चॉक-चौबन्द रखने के निर्देश दिए। 

बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि इस वर्ष विन्टरलाइन कार्निवाल में  सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही एडवेंचर खेल प्रतियोगिताएं, गोष्ठिया एवं सांस्कृतिक, पारम्परिक कार्यक्रमों के साथ ही, फूड फेस्टिवल आयोजन, तथा राज्य के स्थानीय कलाकारों को शामिल करने, फूड फेस्टिवल में उत्तराखण्ड के पहाड़ी व्यंजन के साथ ही साहसिक खेल, मोटर बाईक रेली, कबड्डी, मैराथन, नेचरवॉक, स्टार गेजिंग, हिस्ट्रीवॉक, विन्टेज रैली आदि गतिविधि का आयोजित किए जाएंगे। 

कार्यक्रम में साईकिल रैली, हार्ले डेविडसन बाइक रैली, साहसिक खेल, विन्टेज कार रैली, स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति, स्टार नाईट आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस वर्ष आईटीबीपी, सीआरपीएफ एवं होमगार्ड का बैंड के साथ ही अलग-2 राज्यों के लोक कलाकार अपने-2 राज्यों की पारम्परिक शैली में लोक संस्कृति की प्रस्तुति देंगे। स्टार नाईट, जागर, सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त नेचर वॉक, हेरिटेज वॉक, नेचर फोटोग्राफी, ट्रैकिंग , बर्डवाचिंग कार्यक्रम, जार्ज एवरेस्ट म्यूजियम विजिट, बॉली बॉल, कराटें, स्केटिंग, रॉक क्लाईमिंग के साथ ही फूड स्टॉल आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

कार्यक्रम में इस वर्ष नई गतिविधि जोड़ते हुए स्थानीय लोगों/कलाकारों को भी मुख्य मंच पर 10-10 मिनट के लिए प्रस्तुति देने हेतु मंच दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य कलाकारों एवं लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके।  

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा, नगर मजिस्टेªट प्रत्युष सिंह,  उप जिलाधिकारी मसूरी/सचिव विन्टरलाईन कार्निवाल समिति दीपक सैनी, राकेश रावत मसूरी रावत मसूरी मण्डल अध्यक्ष, सतीश ढौंडियाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 


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कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून

 धनौल्टी :


विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल धनोल्टी दिखेगा अब नए लुक में।"जहां देश विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं 


पर्यटन के क्षेत्र में जनपद क्षेत्रांतर्गत धनोल्टी एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जहां बारामास पर्यटकों का आवागमन बना रहता है। 




जिला प्रशासन द्वारा धनोल्टी के सौंदर्यीकरण हेतु धनोल्टी बाजार में प्रथम चरण में फसाड कार्य कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत धनोल्टी बाजार की दुकानों में एकरूपता लाने के लिए ऐपण कला के डिस्पले बोर्ड तथा शटर पेंट आदि का कार्य करवाया जा रहा है, जो दिसम्बर 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।


 दूसरे चरण में बेहतर स्ट्रीट लाइट्स, वॉल पेंटिंग तथा अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य किए जायेंगे। इस कार्य के पश्चात् धनोल्टी बाजार को नया रूप मिलेगा तथा व्यापारियों एवं पर्यटकों को भी सुविधा होगी।

 टिहरी:

Across festival


"05 दिवसीय 'टिहरी एक्रो फेस्टिवल' में देश विदेश के 130 पायलट प्रतिभाग कर रहे हैं।"

'टिहरी एक्रो फेस्टिवल' का कोटी कालोनी, टिहरी गढ़वाल में हुआ शानदार आगाज।



Dr प्रेमचंद अग्रवाल


कैबिनेट मंत्री/प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा 'टिहरी एक्रो फेस्टिवल' के उद्घाटन की घोषणा करते हुए समारोह का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे। 


प्रदेश के वित्त, शहरी विकास एवं आवास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सभी को 'टिहरी एक्रो फेस्टिवल' की बधाई दी गई। उन्होंने कहा टिहरी झील के पूरे क्षेत्र की सुंदर छठा में जल क्रीड़ा एवं साहसिक खेलों के लिए अपार संभावनाएं हैं। फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, इस तरह की गतिविधियों से विश्व के मानचित्र पर क्षेत्र को एक पहचान मिलेगी तथा रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। कहा की पैराग्लाइडिंग में पी-1 से पी-4 में अलग अलग श्रेणी में लगभग 43 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने फेस्टिवल के सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। इस दौरान मंत्री जी द्वारा पैराग्लाइडरों से वार्ता कर शुभकामनाएं देते हुए पुनः उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया गया।


इस मौके पर वन, तकनीकी शिक्षा, भाषा व निर्वाचन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि साहसिक खेलों के लिए और जनपद टिहरी की आर्थिकी बढ़ाने हेतु टिहरी झील में कई संभावनाएं हैं। पैराग्लाइडिंग की सफलता, पर्यटन की निरंतरता तथा देश विदेश में अपनी पहचान बनाए रखने हेतु यह अच्छी शुरवात है। यहां के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा तथा तमाम तरह के टूरिज्म बढ़ने से आर्थिकी बढ़ेगी।


उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् के तत्वाधान में कोटी कॉलोनी टिहरी गढ़वाल में आयोजित 'टिहरी एक्रो फेस्टिवल' का

24 नवम्बर 2023 शुक्रवार को शुभारंभ हो चुका है, जो 28 नवंबर, 2023 तक चलेगा। फेस्टिवल में भारत सहित 28 देशों के 130 पायलट प्रतिभाग कर रहे हैं, जिसमें 50 विदेशी तथा 80 भारत के विभिन्न राज्यों के पायलट शामिल हैं। पैराग्लाइडरों द्वारा टैक ऑफ पॉइंट प्रतापनगर से उड़ान भरकर कर कोटी कालोनी में लैंडिंग की जा रही है। 


इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख चंबा शिवानी बिष्ट, सीडीओ मनीष कुमार, डीएफओ पुनीत तोमर, अपर मुख्य कार्याधिकारी पर्यटन यशवीन पुंडीर, सीईओ मंत्रा पैराग्लाइडिंग कम्पनी तानाजी ताकवे, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नोटियाल, महामंत्री उदय रावत, डीटीडीओ अतुल भण्डारी, एसडीएम नरेंद्रनगर देवेंद्र नेगी, एसडीएम टिहरी संदीप कुमार, अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता, सहासिक खेल अधिकारी के.एस.नेगी सभासद विजय कठेत, जनप्रतिनिधि

खेम सिंह चौहान सहित अन्य गणमान्य मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 


जिस रफ्तार से जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों की प्रासंगिकता बढ़ रही है और आमजन में उसके प्रति रुचि बढ़ रही है, उसके चलते अब पत्रकारों पर ज़िम्मेदारी बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन विषयों पर जानकारी को सटीक और जिम्मेदारी से प्रसारित करने में मीडिया कर्मियों की ख़ास जिम्मेदारी है. और इस वजह से इसलिए सस्टेनेबिलिटी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों की पत्रकारों में बेहतर समझ होना भी काफ़ी ज़रूरी है।
आगे इस नज़र से अगर देखें तो मीडिया के छात्रों, यानी भविष्य के मीडिया कर्मियों, की इसमें भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर इनके अंदर इन विषयों के प्रति समझ और जागरूकता रहेगी तो इनके माध्यम से आने वाले कल में आमजन के बीच जानकारी का बेहतर और सटीक प्रसार संभव होगा।

इसी बात को समझते हुए दिल्ली स्थित संस्था सेंटर फार मीडिया स्टडीज( सीएमएस) ने 'कम कार्बन और टिकाऊ विकास (लो कार्बन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट) पर मीडिया छात्रों की कम्युनिकेशन क्षमता बढाने के लिए देश की चार बड़े राज्यों में नए कार्यक्रम की शुरुआत की है. कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के तहत,स्नातकोत्तर मीडिया छात्रों के लिए यूपी,राजस्थान,हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं.

कार्यक्रम का तीसरा मीडिया छात्र ट्रेनिंग प्रोग्राम केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्कृति और मीडिया विभाग  के सहयोग से १६-१७ अक्टूबर को सतत विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने सुझाव दिया कि पर्यावरण पत्रकारिता जैसे विषयों में छात्रों को तकनीकी बारीकियों को समझाने की ज़रुरत है. इसलिए उनका कहना था कि मीडिया छात्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज जैसी संस्थाओं को पत्रकारिता की भाषा के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
प्रतिभागी छात्रों को संबोधित करते हुए, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ( सीएमएस) की महानिदेशक डॉ. वासंती राव ने कहा, “कल जब आप फील्ड में काम कर रहे होंगे, तब आपकी आज की यह मेहनत वहाँ काम आएगी। इस विषय पर अगर आप आज अपनी समझ बनाएँगे तो कल आपकी खबरों में न सिर्फ पैनापन आयेगा, बल्कि आपकी खबरों का व्यापक असर भी होगा।“
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की प्रोग्राम एंड एडवोकेसी की निदेशक सुश्री अन्नू आनंद ने कहा, “ऐसे युग में जहां जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बड़े पैमाने पर हैं और टिकाऊ विकास एक तत्काल आवश्यकता बन गया है, मीडिया पेशेवरों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है। जलवायु परिवर्तन और उससे जुड़े मुद्दों पर सटीक और जिम्मेदारी से जानकारी प्रसारित करने में भविष्य के मीडिया प्रोफेशनल्स की अहम् भूमिका को नकारा नहीं जा सकता.”

ग्रीनटेक नॉलेज सॉल्यूशंस की निदेशक और कार्यशाला में एक प्रशिक्षक सुश्री वर्निका प्रकाश ने कहा कि उद्योग जगत सीधे तौर पर हमारी जीवनशैली की कार्बन सघनता के लिए जिम्मेदार है। आगे, जलवायु विज्ञान संचार विशेषज्ञ और पत्रकार, श्री निशांत सक्सेना ने छात्रों को जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास जैसे जटिल से लगने वाले विषयों पर सरल भाषा में सटीक और प्रभावशाली लेखन के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी.
उद्घाटन सत्र में डीन अकादमिक प्रो डी. सी. शर्मा, और स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसेज के डीन प्रो. जगदीश जाधव और मीडिया विभाग प्रमुख अमिताभ श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में शुरुआत से ही सतत विकास पर चल रहे विश्वविद्यालय के प्रयासों संबंधित जानकारी दी. उन्होंने सतत विकास प्रति आम जनता में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
कार्यशाला का पहला दिन निम्न-कार्बन विकास, शहरी नियोजन, और निम्न-कार्बन और सतत विकास सिद्धांतों और नीतियों की आवश्यकता और उनके बेहतर और सटीक सम्प्रेषण जैसे मुद्दों पर पर केंद्रित था।
वहीं कार्यशाला के दुसरे दिन  प्रतिभागियों ने तिलोनिया स्थित बेयरफुट कॉलेज का दौरा किया और पर्यावरण संरक्षण में लोक ज्ञान की भूमिका को समझा.  
सीएमएस पिछले सात वर्षों से जलवायु परिवर्तन और संबंधित पहलुओं पर मुख्यधारा के मीडिया और मीडिया छात्रों के लिए आकर्षक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस वर्ष का क्षमता-निर्माण कार्यक्रम ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग, नई दिल्ली द्वारा समर्थित है।

 चमोली :

 

रूपकुंड ट्रैक का चार दिनों तक 60 किलोमीटर पैदल दूरी तय कर डीएम ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा।*

*ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए स्थल विकसित करने पर दिया जोर।*

*सुदूरवर्ती गांव दीदना में चौपाल लगाकर सुनी स्थानीय लोगों की समस्याएं।*





जिले में धार्मिक, साहसिक एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने और ट्रैक मार्ग पर जरूरी सुविधाओं के विकास हेतु जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों के साथ प्रसिद्व रूपकुंड ट्रैक का चार दिवसीय भ्रमण करते हुए करीब 60 किलोमीटर कठिन पैदल दूरी तय कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। 

इस दौरान जिलाधिकारी ने वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के लिए नए स्थल विकसित करने पर जोर दिया।


जिलाधिकारी ने देवाल ब्लाक के कुलिंग गांव से रूपकुंड की पैदल ट्रैकिंग शुरू की। कुलिंग से दीदना, वेदनी बुग्याल, पाथरनचीना, भगवावासा होते हुए जिलाधिकारी रूपकुंड पहुॅचे। 

इस दौरान जिलाधिकारी ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि रूपकुंड ट्रैक पर ईको टूरिज्म साइट्स विकसित करने के साथ इसका संचालन, विकास एवं रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाए।


 ईको साइट्स के विकास में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करें। क्षेत्र में ईको विकास समिति का गठन करते हुए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाए। ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अतिरिक्त अवसर मिल सके। चार दिवसीय भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी ने सुदूरवर्ती गांव दीदना में स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी और उनके निराकरण हेतु संबधितों को निर्देशित किया।


बताते चले कि प्रसिद्व नंदादेवी राजजात यात्रा हर 12 साल में कर्णप्रयाग के पास नौटी गांव से रूपकुंड के पास होमकुंड तक आयोजित की जाती है। जबकि हर साल कुरूड़ से वेदनी तक मां नन्दा की यात्रा होती है। इस कठिन पवित्र यात्रा में हजारों लोंग शामिल होते है। रूपकुंड ट्रैक मार्ग सोलो ट्रैकिंग और एडवेंचर ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्व है। सुरम्य पहाड़ी चोटियों के बीच स्थित रूपकुंड झील अपने अनसुलझे रहस्य के लिए सुर्खियों में रही है, क्योंकि यहां पुरापाषाण युग के मानव कंकालों और घोड़ों के अवशेष देखे जा सकते हैं। रूपकुंड ट्रेक पर दूर-दूर तक घने जंगल हैं। यहां से त्रिशूली और नन्दाघुंघटी पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती है। चारों तरफ पर्वतों की घाटियां इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती हैं।

 

पिथौरागढ़ के सरमोली ग्राम को देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार मिला है।

Pithoragarh village is best tourism village of Bharat


इसका श्रेय मल्लिका विर्दी को जाता है , जिन्होंने गांव में सामुदायिक और प्रकृति पर्यटन की नींव रखी।

इस उपलब्धि से पूरा गांव खुश है।


देहरादून:



  पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने आज उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद्, गढ़ीकैन्ट के परिसर  भारतीय पर्वतारोहण संघ, नई दिल्ली एवं उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बन्दरपूंछ-6316 मी0, भागीरथी द्वितीय-6512 मी0 पर्वतों पर पर्वतारोहण अभियान का फ्लैग ऑफ कर रवाना किया।  मंत्री सतपाल महाराज ने बंदरपूंछ एवं भागीरथी पर्वतों पर पर्वतारोहण दलों के सदस्यों के दलों के कैप्टन को फ्लैग देते हुए अभियान पूर्ण करने की शुभकामनाएं दी। दोनों दलों में 12-12 सदस्य है तथा  दल आज देहरादून से उत्तरकाशी तक जांएगे।

  पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य में साहसिक खेलों को बढावा देना है। इस प्रकार के आयोजनों से साहसिक पर्यटन को बढावा मिलेगा तथा स्थानीय निवासियों को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान होंगे। कहा कि गांसे (गौरी) एवं औली को विशेष रूप से विकसित किया जा रहा है ताकि यह पर्यटन स्थल सम्पूर्ण एशिया को अपनी ओर आकर्षिक करें। उन्होंने कहा कि राज्य में साहसिक पर्यटन हेतु पर्याप्त स्थान है इनको विकसित करते हुए साहसिक पर्यटन को बढावा देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। कहा कि नालंग-जादुुंग क्षेत्र को सरकार द्वारा पर्यटन हेतु खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्लाईमेंटाइजेशन को ध्यान में रखकर यात्रा करवाई जाए इसके लिए यात्रा को रेगूलेट करना जरूरी है। इस अवसर पर आईएमएफ की अध्यक्ष श्रीमती हर्षवंती बिष्ट, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, प्रधानाध्यापक आईएमएफ अंशुमान भदोरिया, कार्यकारी अधिकारी कर्नल अविनाश पुण्डीर आदि उपस्थित रहे। 

-उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद एवं भारतीय पर्वतारोहण संघ के सहयोग से बन्दरपूंछ । (6316 मी0) व भागीरथी- ।। (6512 मी0) पर्वतों पर पर्वतारोहण अभियान के लिये उत्तराखण्ड से चयिन 10-10 युवा / युवतियों को 22 दिवसीय अभियान आरोहण हेतु श्री महाराज,  पर्यटन मंत्री  द्वारा दल को iceaxe भेंट कर आरोहण के लिये रवाना किया गया।


यह दल दिनांक 18.09.2023 से 10.10.2023 की अवधि के दौरान पर्वतों पर आरोहण करेगें। दोनों दलों के पर्वतारोही दिनांक 18.09.2023 को देहरादून से उत्तरकाशी के लिये प्रस्थान करेंगे तथा अगले ही दिन अपने-अपने Expedition के लिये रवाना हो जायेगें, तद्पश्चात् प्रथम दल 03 से 04 दिनों में सुखी, नाला कैम्प होते हुए बन्दरपूँछ बेस कैम्प पहुँच जायेगें तथा द्वितीय दल 04 से 05 दिनों में भोजवासा, नन्दन वन, गौमुख होते हुए भागीरथी बेस कैम्प पहुँच जायेंगें। दोनों दलों का आधार शिविर स्थापित किये जाने के पश्चात् दलों के Acclimatization के साथ-साथ पर्वतों के अग्रिम कैम्पों को स्थापित करते हुए मौसम की स्थिति के अनुसार 10 से 15 दिनों के मध्य पर्वत शिखरों पर देश का झण्डा फहराने का कार्य सम्पन्न करेगें ।


उक्त पर्वतारोहण दल में बन्दरपूंछ । हेतु शुभम रावत, विपिन शर्मा, चंदन सिंह टोलिया, लोकेश सिंह पंवार, प्रीति, अक्षय पाण्डे, देवेश्वरी बिष्ट, सौरभ कश्यप, हिमांशु गैडा, अंशु वर्मा तथा भागीरथी- ।। हेतु शना पालीवाल, अंकित मंमगाई, संजीव सिंह पवार, अभिनव सिंह नेगी, रीना रावत, पंकज सिंह राणा, कंचन सिंह, अनुपम बेरी, बसंत मेहरा, निशान्त थापा सम्मिलित हैं।


इस अवसर   सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, भारतीय पर्वतारोहण संघ, नई दिल्ली से डॉ० हर्षवन्ती बिष्ट, एसीईओ यूटीडीबी युगल किशोर पंत, अध्यक्ष, सचिव, ग्रुप कैप्टन त्रिपाठी, कर्नल एस०एस० फोगाट, निदेशक,  विनोद चौहान, तकनीकी विशेषज्ञ, कर्नल अंशुमन भदौरिया, प्रधानाचार्य, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी, पर्यटन विभाग से कर्नल अश्विनी पुण्डीर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, साहसिक विंग, श्रीमती पूनम चंद, अपर निदेशक,  एस०एस० सामन्त, वरिष्ठ शोध अधिकारी, सतीश बहुगुणा विशेष कार्याधिकारी, केदारानाथ उत्थान चैरीटेबल ट्रस्ट, श्रीमती लता बिष्ट वरिष्ठ साहसिक खेल अधिकारी, श्रीमती सीमा नौटियाल साहसिक खेल अधिकारी सुश्री शीतल राज थल क्रीडा विशेषज्ञ आदि उपस्थित थे।

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