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 श्री बदरीनाथ धाम यात्रा 2025

 श्री बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया* 

 *पंच पूजा के अंतर्गत दूसरे दिन शनिवार को श्री आदिकेदारेश्वर; जी के कपाट  बंद हुए* 

• *25 नवंबर अपराह्न को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे


श्री बदरीनाथ धाम: :

श्री badrinath dhaam panch puja


..श्री बदरीनाथ धाम के  कपाट बंद होने की  प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजायें बीते कल  शुक्रवार से प्रारंभ हो गई । परंपरा के अनुसार दूसरे दिन विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आदि केदारेश्वर मंदिर तथा आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हो गये। श्री बदरीनाथ मंदिर में भोग लगने के बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी ने आदि केदारेश्वर मंदिर में अन्नकूट का भोग चढ़ाया। आदि केदारेश्वर मंदिर के शिवलिंग को पके चावलों से ढ़का गया तत्पश्चात कपाट बंद हेतु पूजा-अर्चना शुरू हुई ठीक दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।

इसके बाद सवा दो  बजे आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि  श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने हेतु  बीकेटीसी की ओर तैयारियां चल रही है  कहा कि 

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।


आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट एवं अमित बंदोलिया एवं आदि केदारेश्वर मंदिर के पुजारीगणों ने पूजा-अर्चना संपन्न की।इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित  पूर्व अपर धर्माधिकारी सत्यप्रकाश चमोला,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, धड़िया ऋतेश सनवाल, प्रवेश मेहता,विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।


 जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के  तीसरे दिन रविवार 23 नवंबर को पूजा के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा जबकि चौथे दिन  24 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को आमंत्रण तथा

25 नवंबर  अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।


आज का राशिफल

दिनाँक 23 नवंबर 2025

दिन रविवार

मार्गशीर्ष

rashifal today 23 nov 2025


मेष

अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्‍थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवेक से कार्य करें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं।

राशि फलादेश


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। कारोबारी वृद्धि की योजना बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय की अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से कोई भी कार्य न करें। विवाद में न पड़ें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। मनोरंजन का समय मिलेगा।

राशि फलादेश

मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। बाहर जाने की योजना बनेगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ समय मनोरंजन में व्यतीत होगा। आय होगी। व्यापार ठीक चलेगा। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।


कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों की सहायता करने का मौका मिलेगा। समय अच्छा व्यतीत होगा। प्रसन्नता रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। कुसंगति से दूर रहें। हानि संभव है। विवाद को बढ़ावा न दें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें।



कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जल्दबाजी न करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

व्यापार ठीक चलेगा। यात्रा में विशेष सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। तनाव रहेगा।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

यात्रा मनोरंजक रहेगी। सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार ठीक चलेगा। परिवार के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। दूर से अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। मित्रों के साथ समय मनोरंजक बीतेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। कोई आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी।

मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे। तीर्थदर्शन की योजना बनेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार के साथ रहने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।

कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

हल्की हंसी-मजाक न करें। विवाद हो सकता है। किसी व्यक्ति की नाराजी से मन खराब होगा। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मनोरंजन होगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी व लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों का सहयोग व साथ मिलेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। समय सुखमय व्यतीत होगा। बुद्धि का प्रयोग किसी भी समस्या का



आज का राशिफल 

दिनांक 22 नवंबर 2025

 शनिवार 

मार्गशीर्ष

rashifal today 22 nov 2025



मेष

अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा।



वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।


कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।


मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा। कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी।



 आज का राशिफ

 दिनांक 21 नवंबर 2025 

दिन शुक्रवार

rashifal today 21 nov,2025


मेष 

 आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। कार्यभार व अधिकार में वृद्धि हो सकती है। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

आय में निश्चितता रहेगी। समय शीघ्र सुधरेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बेवजह कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनहानि की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय में धीमापन रह सकता है।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति के काम में हस्तक्षेप न करें। विवाद होगा। मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा।


कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

भूले-बिसरे साथियों व संबंधियों से मुलाकात होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रमाद न करें।



सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे।


कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। बेकार बातों पर बिलकुल ध्यान न दें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। आय में कमी होगी।

राशि फलादेश


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

नए अनुबंध होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता रहेगी, लाभ लें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नया काम मिलेगा।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

तत्काल लाभ नहीं होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके कार्यों में गति आएगी। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। प्रमाद न करें।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

कारोबार में वृद्धि होगी। आसपास का वातावरण सुखद रहेगा। पार्टनरों तथा भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। विवेक का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। अध्यात्म में रुझान रहेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी।



मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

आय बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि की आशंका बनती है, सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि भी आशंका है। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे।

मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। चारों तरफ से सफलता मिलेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। चिंता तथा तनाव कम होंगे। भूमि-भवन व मकान-दुकान इत्यादि की खरीद-फरोख्त मनोनुकूल लाभ देगी। बेरोजगारी दूर होगी

 *श्री बदरीनाथ धाम यात्रा 2025*

*25 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।* 

• *कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी  सहित बीकेटीसी पदाधिकारी सदस्य मौजूद रहेंगे।*

minister ganesh joshi, shri badri vishaal


श्री बदरीनाथ/ ज्योर्तिमठ/ गोपेश्वर: 20 नवंबर । विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी मंगलवार 25 नवंबर को  अपराह्न 2 बजकर  56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे । कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत कल  शुक्रवार 21नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी।


 श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने जानकारी दी कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजाओं के  पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी।शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे दूसरे दिन 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे  दिन 23 नवंबर को खडग - पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा।चौथे दिन  24  नवंबर मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग चढाया जायेगा 25 नवंबर को अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट  शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।


26 नवंबर  प्रातः को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेंगे।

श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी शीतकाल में  गद्दीस्थल पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 27 नवंबर को श्री नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचेगी।


 जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया जायेगा  बताया कि कपाट बंद के समय बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती,  उपाध्यक्ष विजय कप्रवान,  रावल अमरनाथ नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी / कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल हकहकूकधारी एवं तीर्थ पुरोहित एवं श्रद्धालुजन मौजूद रहेंग


प्रदेश के कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने किये श्री बदरीनाथ विशाल के दर्शन* 


बदरीनाथ धाम: 20 नवंबर:


प्रदेश के कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज प्रातः भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए  प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं सभी के लिए मंगलकामना की।


 *बदरीनाथ धाम में पहुँचने पर श्री बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने कैबिनेट मंत्री का स्वागत किया।मंदिर में दर्शन एवं पूजा के पश्चात  बीकेटीसी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को बदरीविशाल  का प्रसाद, तुलसी माला एवं अंगवस्त्र भेंट किया।इससे पहले बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल ने  कैबिनेट मंत्री की अगवानी की*

 *बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी ने मंत्री को बदरीनाथ धाम यात्रा व्यवस्थाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी बताया कि बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के दिशा-निर्देश में बदरी- केदार यात्रा सफलतापूर्वक संचालित हुई है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद हो गये है।25 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।अभी तक साढ़े सोलह लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर लिए है*।उन्होंने मंदिर परिसर, दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध, यात्री सुविधाओं तथा तैयारियों की जानकारी दी ।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि  तीर्थयात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा  पुष्कर सिंह धामी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।


मंत्री ने मंदिर समिति द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं  को सराहा। कहा कि बदरीनाथ धाम को  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप दिव्य भब्य बनाने हेतु  चल रहे मास्टर प्लान के कार्यों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने हेतु सरकार निरंतर प्रयासरत है।


इस अवसर पर प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेद पाठी रविंद्र भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, लेखाकार भूपेंद्र रावत ,  प्रभारी दफेदार हरेंद्र कोठारी,   विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।



आज का राशिफल

दिनाँक - 20 नवम्बर,2025

दिन बृहस्पतिवार

मार्गशीर्ष

अमावस्या

rashifal today 20 nov 2025



मेष

अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। धनार्जन होगा। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी।


कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।


कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं।

तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।



कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है।


मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

नौकरी में रुतबा बढ़ेगा। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी।


आज का राशिफल

19 नवम्बर,2025

दिन बुधवार

rashifal today 19 nov 2025


आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

भागदौड़ अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। मेहनत अधिक होगी। लाभ में कमी रह सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय-व्यापार मनोनुकूल चलेगा। आय बनी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा, सावधानी रखें। बुरी खबर मिल सकती है।

वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

मान-सम्मान मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शत्रु तथा ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है। समय की अनुकूलता है। सामाजिक कार्य करने का मन लगेगा।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

पुरानी संगी-साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।

कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। उत्साह रहेगा।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। फालतू खर्च पर नियंत्रण नहीं रहेगा। हल्की मजाक करने से बचें। अपेक्षित काम में विलंब होगा। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम से काम रखें। लाभ के अवसर मिलेंगे। विवेक का प्रयोग करें। आय में वृद्धि होगी।


कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

यात्रा लाभदायक रहेगी। संतान पक्ष से बुरी खबर मिल सकती है। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। नए उपक्रम प्रारंभ करने संबंधी योजना बनेगी।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

सामाजिक कार्य करने में मन लगेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

चोट व रोग से कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। परिवार तथा मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दौड़धूप रहेगी। नकारात्मकता हावी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

यात्रा लाभदायक रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। सरकारी कामों में सहूलियत होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर में सुख-शांति रहेंगे। कारोबारी अनुबंध हो सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। झंझटों में न पड़ें।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। विवेक से कार्य करें।


मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। आनंद के साथ समय व्यतीत होगा। मनपसंद व्यंजनों का लाभ मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। किसी व्यक्ति से बहस हो सकती है। आशंका-कुशंका से बाधा होगी।


श्री मद्महेश्वर जी की चलविग्रह उत्सव डोली  का देव निशानों के साथ 21 नवंबर  को उखीमठ आगमन ।* 

*20 नवंबर से शुरू हो रहा तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेला।*

 

उखीमठ/ रूद्रप्रयाग  18 नवंबर

second kedar madmaheshwar ji


द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट आज  मंगलवार प्रातः 8 बजे शीतकाल हेतु मार्गशीर्ष कृष्ण  चतुर्दशी स्वाति नक्षत्र के  शुभ मुहूर्त में बंद हो गये है । सोमवार से ही मंदिर को फूलों से सजाया गया था इस अवसर पर साढ़े तीन सौ से अधिक श्रद्धालु तथा बीकेटीसी कर्मचारी अधिकारी , वनविभाग एवं प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर खुला श्रद्धालुओं ने दर्शन किये पूजा-अर्चना अर्चना  के बाद  सात बजे से कपाट बंद ही प्रक्रिया शुरू हो गयी।इसके पश्चात पुजारी शिवलिंग ने बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, बीकेटीसी सदस्य  प्रह्लाद पुष्पवान एवं पंच गौंडारी हकहकूकधारियों की उपस्थिति में श्री मदमहेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया। स्थानीय पुष्पों एवं राख से ढ़का इसके बाद प्रातः आठ  सात बजे  मंदिर के कपाट श्री मदमहेश्वर जी के जय घोष   के साथ शीत काल हेतु बंद हो गये।



कपाट बंद होने के बाद श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण तथा मंदिर की परिक्रमा पश्चात ढ़ोल- दमाऊं के साथ प्रथम पड़ाव गौंडार हेतु प्रस्थान किया।


 श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने अपने संदेश में द्वितीय केदार  श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।  श्रद्धालुओं से अपील की है  मंदिरों कपाट बंद होने तर शीतकालीन तीर्थस्थलों में  दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित करें।वहीं बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती एवं उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण ने श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने पर बधाई दी है।



मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल  ने द्वितीय केदार मदमहेश्वर से बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच इस यात्रा वर्ष द्वितीय केदार मदमहेश्वर में बाईस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।

बताया कि कपाट बंद होने के बाद श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास हेतु पहले पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई ।



जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने  बताया कि 19 नवंबर बुधवार को  भगवान मदमहेश्वर जी की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी तथा 20 नवंबर गुरुवार को गिरिया प्रवास करेगी तथा  21 नवंबर शुक्रवार को चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। बताया कि श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली के स्वागत हेतु श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तैयारियां शुरू हो गयी हैं।


आज कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान,

पंच गौंडारी हकहकूकधारी पूर्व प्रधान वीरसिंह पंवार, सरपंच फतेह सिंह, शिवानन्द पंवार,दीपक पंवार , पारेश्वर त्रिवेदी, मनीष तिवारी देवेन्द्र पटवाल, बृजमोहन, दिनेश पंवार सहित वन विभाग एवं प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी श्रद्धालुज मौजूद हे।

 आज का राशिफल 

दिनांक 18 नवंबर 2025

 दिन मंगलवार

 मार्गशीर्ष

 

rashifal today 18 nov 2025

मेष


नौकरी में कार्यभार रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें। एकाएक स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है, लापरवाही न करें। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यर्थ दौड़धूप होगी। विवाद से स्वाभिमान को चोट पहूंच सकती है। काम में मन नहीं लगेगा।



वृषभ

व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। लाभ देगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें। लाभ होगा।


मिथुन


दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए काम करने का मन बनेगा। फिजूलखर्ची ज्यादा होगी। शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। दूर यात्रा की योजना बनेगी। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में चैन रहेगा। जोखिम न लें।


कर्क


व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ने के योग हैं। कोई बड़ी समस्या का अंत हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लेन-देन में सावधानी रखें। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे।


सिंह


स्वयं के काम पर ध्यान दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा। कार्यकुशलता कम होगी। कोई बड़ा खर्च एकाएक सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। किसी व्यक्ति के काम की जवाबदारी न लें।


कन्या


व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें। घर के छोटे सदस्यों संबंधी चिंता रहेगी।


तुला


सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। धनहानि हो सकती है। सावधानी आवश्यक है। थकान महसूस होगी।


वृश्चिक


तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी जानकार व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे।


धनु


भागदौड़ होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। लाभ के लिए प्रयास करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों से कहासुनी हो सकती है।


मकर


व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश सोच-समझकर करें। नौकरी में चैन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी।



कुंभ


भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्‍य संबंधी चिंता बनी रहेगी। आशंका व कुशंका रहेगी। कार्य में बाधा संभव है। उत्साह बना रहेगा। नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। सुख के साधन जुटेंगे।


मीन


यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक का प्रयोग करें। समस्याएं कम होंगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा।


आज का राशिफल

दिनाँक 17 नवम्बर,2025

सोमवार

मार्गशीर्ष

rashifal today 17 novnber, 2025


मेष


मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। 

कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।

कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय।

तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है।


वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें।


धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।



मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें।



मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


आज का राशिफ़ल

16 नवम्बर,2025

मार्गशीर्ष, त्रयोदशी तिथि

rashifal today 16 november 2025


मेष

 लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी। कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी।


वृषभ


जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है।


मिथुन


जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।



कर्क


किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी।


सिंह


शत्रु शांत रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा।


कन्या


संतान पक्ष से स्वास्थ्‍य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।



तुला


थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।


वृश्चिक


प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी।

धनु


कानूनी बाधा संभव है। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी।


मकर


सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।


कुंभ


मनोरंजक यात्रा की आयोजना हो सकती है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें। आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।


मीन


दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें।


*बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया* 

हरिद्वार/ देहरादून: 11 नवंबर



 राम मंदिर रुड़की में धर्मजागरण समन्वय के संस्कृति आयाम द्वारा आयोजित पुरोहित समागम कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी  बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए समागम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा अतिथियों के सम्मान के साथ शुरू हुआ।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीकेटीसी अध्यक्ष ने  कहा कि आज  देवभूमि उत्तराखंड अपने 25 वर्ष की विकास यात्रा पूरी कर रजत जयंती समारोह उत्साह पूर्वक मना रहा हैं | इन 25 वर्ष में उत्तराखंड ने कई महत्वपूर्ण और गौरवशाली उपलब्धियां प्राप्त हैं | देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में और उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी  के नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार प्रगति की ओर अग्रसर हैं | राज्य को इस रजत जयंती वर्ष में 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का गौरव प्राप्त हुआ। इन राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड़ ने 103 पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि इन 25 वर्षो में राज्य ने कई उपलब्धियां प्राप्त की हैं, किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाना है। इस महान उद्देश्य की प्राप्ति जन सहयोग से ही संभव है। 


बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के गठन से लेकर आज तक की इन 25 वर्षों की सफल विकास यात्रा में उत्तराखण्ड नेअर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति की है। 25 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना, प्रति व्यक्ति आय 18 गुना और बजट 20 गुना से अधिक बढ़ा है। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनकर उत्तराखण्ड ने फिर एक बार अपनी विशेष भूमिका को रेखांकित किया है। राज्य की मातृ शक्ति, युवा शक्ति, राज्य आंदोलनकारी, पूर्व सैनिक और प्रवासी उत्तराखण्डियों की भागीदारी से एक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि हमारा पुरोहित समाज का गौरव हमेशा से ऐतिहासिक रहा है और धर्म और संस्कृति का मूल ज्ञान अगली पीढ़ी को समझाने में आपका बड़ा योगदान हैं।हम सभी मिलकर पुरोहित समाज को आगे बढ़ने का काम करेंगे । पुरोहित समाज सनातन संस्कृति के धर्म पथ पर चलने का रास्ता दिखाते हैं। सनातन संस्कृति के मजबूत करने में इस समाज का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान है। हमारा समाज हमेशा से ही ज्ञान, संस्कार और धार्मिकता का केंद्र रहा है। आज उसी गौरवशाली परंपरा को बनाए रखने के लिए हमें एकजुट होना होगा। आज उत्तराखंड सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विकास का केंद्र बन रहा है। संत समाज ने प्रदेश के लिए सकारात्मक बदलाव, विरासत संरक्षण और धार्मिक-सांस्कृतिक को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा हैं  2027 में हरिद्वार कुंभ को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार के साथ मिलकर कार्य करेंगे। कुंभ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सनातन परंपरा, भारतीय संस्कृति और वैश्विक आध्यात्मिक चेतना का महासंगम है। 


समागम को अवधूत मंडल आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश जी महाराज, दायित्वधारी शोभाराम प्रजापति,दीपक गुलाटी,  पंडित कैलाश सेमवाल,पदम् गिरी विभाग संयोजक धर्म जागरण समन्वय हरिद्वार,  लोकेन्द्र त्यागी विभाग संयोजक धर्म जागरण समन्वय हरिद्वार, ओम जी वैदिक जिला प्रमुख संस्कृति आयाम धर्म जागरण समन्वय रुड़की, कार्यक्रम के मार्ग दर्शक  किसलय कुमार प्रांत संयोजक धर्म जागरण समन्वयक ने भी संबोधित किया।


इस अवसर पर सभासद अल्का सैनी,दीपा कौशिक,ऋषि सेनी  आलोक तोमर, राजीव जी, आचार्य रजनीश शास्त्री,संजय पालीवाल सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।




*दिल्ली बम विस्फोट के मद्देनजर श्री बदरीनाथ धाम में सघन चैकिंग अभियान* 



श्री बदरीनाथ धाम/गोपेश्वर /देहरादून:11 नवम्बर। दिल्ली में हुए  बम विस्फोट की  दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनज़र श्री बदरीनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी )अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के निर्देश पर मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया।

अभियान के संबंध में बीकेटीसी अध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पंवार से बातचीत की तथा  तीर्थयात्रियों ने फूलप्रूफ सुरक्षा हेतु कहा।


मंदिर समिति एवं जिला चमोली पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में यह अभियान आज सुबह से शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं के सामान, वाहनों तथा आवासीय परिसरों की गहन जांच की गई। सुरक्षाकर्मियों को मंदिर परिसर, बाजार क्षेत्र तथा पार्किंग स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार एवं बीकेटीसी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि समिति और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से लगातार निगरानी की जा रही है तथा पुलिस व मंदिर समिति के कर्मचारी संयुक्त रूप से सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हैं।


मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि सुरक्षा कर्मियों को चौबीसों घंटे ड्यूटी के लिए लगाया गया है। साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे संदिग्ध वस्तु अथवा व्यक्ति की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।


धाम में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते श्रद्धालु भी अपने को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और विधिवत पूजन-अर्चन जारी है।  आज इस अवसर पर 7 असम राइफल्स के अधिकारी एवं जवान, बदरीनाथ प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, ईओ नगरपंचायत सुनील तिवारी ,पुलिस, एसडीआरएफ के अधिकारी जवान सहित मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।




इस यात्रा वर्ष डेढ लाख* *तीर्थयात्रियों ने किये दर्शन

शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेंगे: हेमंत द्विवेदी

श्री तुंगनाथ/ रूद्रप्रयाग:



तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे शुभ मुहूर्त में शीतकाल हेतु बंद हो गये है 

कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया इस अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था तथा पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे।

आज  प्रात: काल भगवान तुंगनाथ जी का मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ खुल गया था इसके पश्चात नित्य पूजा-अर्चना संपन्न हुई तथा तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किये। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में साढ़े दस बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो गयी भोग यज्ञ हवन पूजा के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया तथा पूर्वाह्न साढ़े  11.30 बजे श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये इससे पहले श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली मंदिर के अंदर से  परिसर में विराजमान हुई मंदिर की परिक्रमा तथा श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए ढ़ोल नगाड़ो के साथ समारोह पूर्वक प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान हुई इस अवसर पर बाबा तुंगनाथ जी की जय घोष से वातावरण गूंज उठा।


 श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर शुभकामनाएं दी है बताया कि इस यात्रा वर्ष डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री तुंगनाथ जी के दर्शन का पुण्य अर्जित किया कहा कि श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली के श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचने के बाद श्री तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी मंदिर समिति शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेगी।


 बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण तथा उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती सहित मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल  एवं सभी बीकेटीसी सदस्यों ने श्री तुंगनाथ जी कपाट बंद होने के अवसर पर प्रसन्नता जतायी हैं कहा श्री तुंगनाथ जी की यात्रा अपेक्षा के अनुरूप रही।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चौपता प्रवास हेतु प्रस्थान हुई। कल  शुक्रवार 7 नवंबर दूसरे पड़ाव भनकुन  प्रवास करेगी। चल विग्रह डोली शनिवार 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।


कपाट बंद होने के अवसर पर  बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवान, सदस्य  श्रीनिवास पोस्ती, प्रह्लाद पुष्पवान,देवी प्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, मंदिर समिति सहित मठापति रामप्रसाद मैठाणी, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी  यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक बलबीर नेगी, अरविंद शुक्ला प्रकाश पुरोहित, दीपक पंवार,चंद्र मोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी अजय मैठाणी,  सहित अधिकारी कर्मचारी हक हकूकधारी मौजूद रहे।

 *बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकालीन यात्रा बैठक।* 


• *श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ परिसर स्थित उषा अनिरुद्ध विवाह मंडप में दिल्ली निवासी दंपति का विवाह।* 


उखीमठ /रुद्रप्रयाग: 5 नवंबर





श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति  (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के दिशा-निर्देश पर  मंगलवार को  पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल तथा बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान की उपस्थिति में शीतकालीन यात्रा  के संबंध  बैठक आयोजित हुई जोकि देर शाम तक चली।‌ बैठक में मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।


बैठक में श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाओं, 6 नवंबर को श्री तुंगनाथ तथा 18 नवंबर कपाट बंद होने के बाद द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी की शीतकालीन पूजाओं की तैयारियों के  संबंध में विचार विमर्श हुआ‌ तथा श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर उखीमठ स्थिति ऊषा अनिरूद्ध विवाह मंडप स्थल‌ को श्री त्रियुगीनारायण की तरह वैडिंग डेस्टीनेशन के रूप में प्रचार - प्रसार किये जाने पर भी चर्चा हुई।


वहीं मंगलवार शाम को  बैकुंठ चतुर्दशी के पावन पर्व पर  उषा अनिरुद्ध विवाह स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में दिल्ली निवासी अश्वनी एवं आकांक्षा 

विवाह बंधन में बंधे। इस अवसर पर सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान तथा मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने नव‌ विवाहित दंपति को शुभकामनाएं दी।


वहीं बैठक में शीतकालीन गद्दीस्थलों श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, श्री तुंगनाथ जी के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ  में दर्शन व्यवस्था, परिसर में  स्वच्छता, सुरक्षा, विद्युत एवं पेयजल के संबंध में चर्चा की गई।


वहीं उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण ने बताया कि  भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजायें शुरू हो गयी है द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी तथा तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद के पश्चात भगवान मदमहेश्वर जी तथा श्री तुंगनाथ की शीतकालीन पूजायें शुरू होंगी।


मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने  बैठक को संबोधित करते हुए कहा  कि मंदिर समिति द्वारा शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 शीतकालीन यात्रा के प्रोत्साहन हेतु स्थानीय प्रशासन तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जा रहे है‌ कहा कि श्री त्रियुगीनारायण की तरह श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ स्थित उषा - अनिरुद्ध विवाह मंडप को  वेंडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने हेतु कार्य योजना बनयी जा रही है।बैठक में  बीकेटीसी सदस्य प्रह्लाद पुष्पवान ने कहा गया  कि केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजन व्यवस्थाएँ इस बार और अधिक सुव्यवस्थित एवं श्रद्धालुओं हित में होंगी।


बैठक में मुख्य कार्याधिकारी / कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित  सदस्य,‌प्रह्लाद‌‌ पुष्पवान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण,प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान,   और पुजारी शिवशंकर लिंग,  बागेश लिंग, आदि मौजूद रहे।


 



कार्तिक मास को सभी महीनों का राजा कहा गया है।

 ज्योतिषाचार्य के अनुसार भगवान कृष्ण कहते हैं कि जितने भी मास हैं, उनमें कार्तिक मास मैं ही हूं। कार्तिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

 कार्तिक मास में ही सभी महत्वपूर्णं त्योहार होते है, यही कारण है कि कार्तिक मास में ही मां लक्ष्मी और अमृत कलश लिए हुए भगवान धन्वंतरी का समुद्र मंथन के समय इस सृष्टि में प्राकट्य हुआ था।

 देवोत्थान का समय भी एकादशी शुक्ल पक्ष को होता है। इसी के बाद सब शुभ कार्यों का आरंभ माना गया है। 

उदया तिथि के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा 5 नवम्बर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 नवम्बर 2025, रात्रि 10:36 बजे शुरू होकर 5 नवम्बर 2025, रात्रि 06:48 बजे तक रहेगा. गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय 4 बजकर 52 मिनट से लेकर  प्रातः 05:44 बजे तक रहने वाला है. इस पावन अवसर पर दीपदान, तुलसी पूजा, गंगा स्नान और जरूरतमंदों को दान करने से  पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके बाद सुबह की पूजा का मुहूर्त 7 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 20 मिनट  होकर 9 बजकर  20 मिनट तक रहने वाला है. जबकि शाम को प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 15 बजे से शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. 

  

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूनानक जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने हमें सच्चाई, न्याय और मानवता की राह पर चलने की प्रेरणा दी है।

 

उन्होंने कहा कि गुरूनानक जी ने समाज की बुराईयों को दूर करने के लिए अपने उपदेशों एवं शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। गुरूनानक जी के उपदेश हमें समाज में भाईचारा, सद्भाव और आपसी एकता को बढावा देने की भी प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है और समाज का मार्गदर्शन कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर गुरुनानक देवजी के संदेशों को आत्मसात कर मानव कल्याण तथा देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदारी निभाने का संकल्प लेने का भी आह्वान प्रदेशवासियों से किया है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने समाज में ऊंचनीच, भेदभाव, वैमनस्यता को दूर करने के लिए अथक प्रयास किए। उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है और समाज का मार्गदर्शन कर रही है। उनके उपदेशों में मानव कल्याण की कामना की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि हमें इस पावन अवसर पर गुरुनानक देवजी के संदेशों को आत्मसात कर मानव कल्याण तथा देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा।





 

ऋषिकेश : 



जोगीवाला माफी  में रविवार को पारंपरिक लोकपर्व ईगास बग्वाल बड़े ही हर्षोल्लास और सांस्कृतिक धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन ओम स्टार क्लब के संस्थापक शोबन सिह कैन्तुरा एव उनकी टीम के  विशेष प्रयासों से किया गया। पूरे क्षेत्र में लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक इस आयोजन में देखने को मिली।


कार्यक्रम मे मौजूद  क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ,जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ताजेन्द सिंह, ब्लाक प्रमुख डोईवाला गौरव सिंह ,जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि हिमांशु पंवार ,ग्राम प्रधान शैलेन्द्र रागड़ ,मोहर सिंह असवाल,क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रीति रावत मौजूद रहे |


कार्यक्रम का सबसे आकर्षक क्षण तब आया जब लोकगायक गजेन्द्र राणा मंच पर पहुंचे। उनके आते ही दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। राणा ने “नंदा देवी जागर” से शुरुआत करते हुए “पुष्पा छोरी”, “बबली तेरू मोबाइल”, “हीरा समधी”और “फूरकी बाद” जैसे सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति दी। उनके गीतों पर दर्शक झूमते और थिरकते नजर आए। एवं पूनम सती की गीत ओ लछिमा,रामदेई का होटल की गीत गाया |

 मेले-थौले और पारंपरिक आयोजन उताराखंड की जीवंत सांस्कृतिक विरासत: डीएम स्वाति 

देवलेश्वर महादेव बैकुंठ चतुर्दशी मेले में उमड़ी आस्था की भीड़, ‘चक्रव्यूह’ मंचन बना आकर्षण का केंद्र 

पौड़ी:

संदीप रावत



तहसील पौड़ी के अंतर्गत गगवाड़स्यूँ घाटी के प्रसिद्ध सिद्धपीठ देवलेश्वर महादेव मंदिर बलोड़ी में बैकुंठ चतुर्दशी मेले के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पौड़ी गढ़वाल की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।


स्वाति भदौरिया ने  देवलेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन कर जिले की सुख-समृद्धि की कामना की।


मेले में उपस्थित स्थानीय जनसमुदाय ने जिलाधिकारी को अपने बीच पाकर उत्साह और हर्ष व्यक्त किया। लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया तथा मंदिर समिति की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।


 जिलाधिकारी स्वाति ने उपस्थित स्थानीय जनसमुदाय को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि देवलेश्वर महादेव मंदिर इस घाटी के 34 से अधिक गाँवों की आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। 


उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि लोक परंपरा, लोककला और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।


समिति की मांग पर जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि मंदिर के ऊपरी भाग पर टाइल्स की जगह शिल्प सम्बन्धी कार्य के अलावा इतिहास, स्थापत्य और विरासत को सहेजने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे तथा मंदिर परिसर में सूचना-पट्ट (साइनेज) लगाए जाएंगे, ताकि इस तीर्थ की पहचान केवल घाटी तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे जनपद और प्रदेश तक पहुँचे।


उन्होंने कहा कि देवलेश्वर महादेव मंदिर हमारी लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यहां के मेले-थौले और पारंपरिक आयोजन इस क्षेत्र की जीवंत सांस्कृतिक विरासत हैं। हमें इन्हें सहेजने और नयी पीढ़ी तक पहुँचाने की सामूहिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए।


इस अवसर पर मंदिर की आरती एवं स्तुति पुस्तिका का विमोचन किया गया। जनसमुदाय के बीच प्रस्तुत ‘चक्रव्यूह’ नाट्य मंचन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। 


 इस अवसर पर तहसीलदार दीवान सिंह राणा, ग्राम प्रधान बलोड़ी पूजा देवी, मंदिर समिति के अध्यक्ष केसर सिंह कठैत,समिति के सचिव जगत किशोर बड़थ्वाल, संचालक नागेंद्र जुगराण सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे

  देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल, इगास पर्व(बग्वाल), बूढ़ी दीपावली की शुभकामनाएं, तुलसी विवाह की शुभकामनाएं.

उत्तराखंड में इस एकादशी को लोक पर्व  इगास पर्व,  बूढ़ी दीपावली ,बग्वाल  के नाम से भी पुकारा जाता है।और बड़ी धूमधाम से पहाड़ों में मनाया जाता है। अपने पैतृक गांवों में जाकर सभी लोग  श्री हरि नारायण और लक्ष्मी जी का गुणगान करते है।


*मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी इगास पर्व की बधाई, प्रदेश वासियों से अपनी लोक परम्पराओं एवं समृद्ध लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का किया आह्वान।*



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व/बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति एवं परम्परा देवभूमि की पहचान है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य की लोक  संस्कृति एवं लोक परम्परा उस राज्य की आत्मा होती है, इसमें इगास का पर्व भी शामिल है। हमारे लोक पर्व एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सामाजिक जीवन में जीवंतता प्रदान करने का कार्य करते हैं।



मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संपूर्ण देश में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, उसी तरह उत्तराखंडवासी अपने लोकपर्व इगास को आज बडे़ उत्साह से मना रहे हैं। 



मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग इगास पर्व पर अपनी परम्पराओं के साथ अपने पैतृक गांवों से भी जुड सके इसके लिये राज्य में इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की परम्परा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं लोक पर्वों से जुड़े इसके भी प्रयास होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपने लोक पर्व को अपने गांव में मनाने का प्रयास करें तथा प्रदेश के विकास में सहभागी बने। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-शांति एवं समृद्धि की भी कामना की है।

 देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल पक्ष की  एकादशी को कहते हैं। दीपावली के बाद आने वाली एकादशी को ही देवोत्थान एकादशी अथवा देवउठान एकादशी या 'प्रबोधिनी एकादशी' कहा जाता है। 

आषाढ़, शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को देव शयन करते हैं और इस कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान (देव-उठनी) एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु, जो क्षीरसागर में सोए हुए थे, चार माह उपरान्त जागे थे। विष्णु जी के शयन काल के चार मासों में विवाहादि मांगलिक कार्यों का आयोजन करना निषेध है। हरि के जागने के बाद ही इस एकादशी से सभी शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं।





कहा जाता है कि चातुर्मास के दिनों में एक ही जगह रुकना ज़रूरी है, जैसा कि साधु संन्यासी इन दिनों किसी एक नगर या बस्ती में ठहरकर धर्म प्रचार का काम करते हैं। देवोत्थान एकादशी को यह चातुर्मास पूरा होता है और पौराणिक आख्यान के अनुसार इस दिन देवता भी जाग उठते हैं। माना जाता है कि देवशयनी एकादशी के दिन सभी देवता और उनके अधिपति विष्णु सो जाते हैं। फिर चार माह बाद देवोत्थान एकादशी को जागते हैं। देवताओं का शयन काल मानकर ही इन चार महीनों में कोई विवाह, नया निर्माण या कारोबार आदि बड़ा शुभ कार्य आरंभ नहीं होता। इस प्रतीक को चुनौती देते या उपहास उड़ाते हुए युक्ति और तर्क पर निर्भर रहने वाले लोग कह उठते हैं कि देवता भी कभी सोते हैं क्या श्रद्धालु जनों के मन में भी यह सवाल उठता होगा कि देवता भी क्या सचमुच सोते हैं और उन्हें जगाने के लिए उत्सव आयोजन करने होते हैं पर वे एकादशी के दिन सुबह तड़के ही विष्णु औए उनके सहयोगी देवताओं का पूजन करने के बाद शंख- घंटा घड़ियाल बजाने लगते हैं। पारंपरिक आरती और कीर्तन के साथ वे गाने लगते हैं-


    उठो देवा, बैठो देवा, अंगुरिया चटकाओं देवा।‘


देवताओं को जगाने, उन्हें अंगुरिया चटखाने और अंगड़ाई ले कर जाग उठने का आह्रान करने के उपचार में भी संदेश छुपा है। 



04 महीने तक देवताओं के सोने और इनके जागने पर कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी पर उनके जागने का प्रतीकात्मक है। प्रतीक वर्षा के दिनों में सूर्य की स्थिति और ऋतु प्रभाव बताने, उस प्रभाव से अपना सामंजस्य बिठाने का संदेश देते हैं। वैदिक वांग्मय के अनुसार सूर्य सबसे बड़े देवता हैं। उन्हें जगत् की आत्मा भी कहा गया है। हरि, विष्णु, इंद्र आदि नाम सूर्य के पर्याय हैं। वर्षा काल में अधिकांश समय सूर्य देवता बादलों में छिपे रहते हैं। इसलिए ऋषि ने गाया है कि वर्षा के चार महीनों में हरि सो जाते हैं। फिर जब वर्षा काल समाप्त हो जाता है तो वे जाग उठते हैं या अपने भीतर उन्हें जगाना होता है। बात सिर्फ़ सूर्य या विष्णु के सो जाने और उस अवधि में आहार विहार के मामले में ख़ास सावधानी रखने तक ही सीमित नहीं है।

 इस अनुशासन का उद्देश्य वर्षा के दिनों में होने वाले प्रकृति परिवर्तनों उनके कारण प्राय: फैलने वाली मौसमी बीमारियों और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के कारण अक्सर गड़बड़ाता रहता है। निजी जीवन में स्वास्थ्य संतुलन का ध्यान रखने के साथ ही यह चार माह की अवधि साधु संतों के लिए भी विशेष दायित्वों का तकाजा लेकर आती है। घूम-घूम कर धर्म अध्यात्म की शिक्षा देने लोक कल्याण की गतिविधियों को चलाते रहने वाले साधु संत इन दिनों एक ही जगह पर रुक कर साधना और शिक्षण करते हैं।


जिस जगह वे ठहरते उस जगह माहौल में आध्यात्मिक, प्रेरणाओं की तंरगे व्याप्त रहती थीं। इस दायित्व का स्मरण कराने के लिए चातुर्मास शुरू होते ही कुछ ख़ास संदर्भ भी प्रकट होते लगते हैं। आषाढ़, पूर्णिमा को वेदव्यास की पूजा गुरु के प्रति श्रद्धा समर्पण, श्रावणी नवरात्र जैसे कई उत्सव आयोजनों की शृंखला शुरू हो जाती है जिनका उद्देश्य आध्यात्मिक उत्कर्ष की प्रेरणा देना ही होता था। उल्लेखनीय है प्रारंभ चाहे जिस दिन हो समापन कार्तिक पक्ष की एकादशी के दिन ही होता है।

 वहीं कार्तिक शुकलपक्ष की एकादशी को देवोत्थानी (देवताओं के जागने की) कहा गया है।
एक समय भगवान नारायण से लक्ष्मी जी ने कहा- 'हे नाथ! अब आप दिन-रात जागा करते हैं और सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वर्ष तक को सो जाते हैं तथा उस समय समस्त चराचर का नाश भी कर डालते हैं। अत: आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। इससे मुझे भी कुछ समय विश्राम करने का समय मिल जाएगा।' लक्ष्मी जी की बात सुनकर नारायण मुस्काराए और बोले- 'देवी'! तुमने ठीक कहा है। मेरे जागने से सब देवों को और ख़ास कर तुमको कष्ट होता है। तुम्हें मेरी सेवा से जरा भी अवकाश नहीं मिलता। इसलिए, तुम्हारे कथनानुसार आज से मैं प्रति वर्ष चार मास वर्षा ऋतु में शयन किया करूंगा। उस समय तुमको और देवगणों को अवकाश होगा। मेरी यह निद्रा अल्पनिद्रा और प्रलयकालीन महानिद्रा कहलाएगी। यह मेरी अल्पनिद्रा मेरे भक्तों को परम मंगलकारी उत्सवप्रद तथा पुण्यवर्धक होगी। इस काल में मेरे जो भी भक्त मेरे शयन की भावना कर मेरी सेवा करेंगे तथा शयन और उत्पादन के उत्सव आनन्दपूर्वक आयोजित करेंगे उनके घर में तुम्हारे सहित निवास करूँगा।

Tulsi vivah


तुलसी विवाह


कुछ धार्मिक व्यक्ति इस दिन तुलसी और शालिग्राम के विवाह का आयोजन भी करते हैं। तुलसी के वृक्ष और शालिग्राम की यह शादी सामान्य विवाह की तरह पूरे धूमधाम से की जाती है। देवता जब जागते हैं, तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। इसीलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है। तुलसी विवाह का सीधा अर्थ है, तुलसी के माध्यम से भगवान का आहावान। शास्त्रों में कहा गया है कि जिन दम्पतियों के कन्या नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य अवश्य प्राप्त करें। इस दिन सारे घर को लीप-पोतकर साफ़ करना चाहिए तथा




 ऋषिकेश :



आजाद क्लब की ओर से छिद्दवाला में आयोजित रामलीला मंचन में शुक्रवार की रात अशोक वाटिका, लंका दहन, हनुमान वापसी और विभीषण शरणागति की लीला का सजीव और भावनात्मक प्रस्तुतीकरण किया गया। रामभक्त हनुमान और प्रभु श्रीराम की जयकारों से पूरा पांडाल गूंज उठा।

लीला में दर्शाया गया कि अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट के बाद हनुमानजी फल खाने के बहाने पूरी वाटिका को तहस-नहस कर देते हैं। रावण द्वारा भेजे गए पुत्र अक्षय का वध करने के बाद मेघनाद ब्रह्मास्त्र से हनुमानजी को बंधन में ले आता है। रावण के आदेश पर जब हनुमानजी की पूंछ में अग्नि लगाई जाती है, तो वे पूरी लंका को जला डालते हैं।

इसके बाद मंचन में दिखाया गया कि विभीषण रावण को समझाने दरबार में पहुँचते हैं और जानकी माता को श्रीराम को लौटाने की सलाह देते हैं। परंतु रावण के क्रोध से विभीषण को लंका से निकाल दिया जाता है, जिसके बाद वे प्रभु श्रीराम की शरण में आते हैं।

इससे पूर्व के मंचन में सीता हरण, जटायु-रावण संघर्ष और खर-दूषण वध की लीलाएँ दिखाई गईं।

रामलीला में रावण की भूमिका रोशन कुड़ियाल, खर की अनु रावत, दूषण की दीपक बिष्ट, सीता की हनी थापा, राम की नरेश पैन्यूली, और लक्ष्मण की मंगल राणा ने प्रभावशाली ढंग से निभाई।

कार्यक्रम में रामलीला निर्देशक सुरेश गुरुंग, अध्यक्ष कमल रावत,प्रमोद रागड़, कुलबीर बिष्ट, रोशन रावत, अमित थापा, सनोज पैन्यूली, राजेश पंवार, शुभम तिवारी, रोशन व्यास , मनोज सजवाण मौजूद  रहे।

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