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कार्तिक मास को सभी महीनों का राजा कहा गया है।

 ज्योतिषाचार्य के अनुसार भगवान कृष्ण कहते हैं कि जितने भी मास हैं, उनमें कार्तिक मास मैं ही हूं। कार्तिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

 कार्तिक मास में ही सभी महत्वपूर्णं त्योहार होते है, यही कारण है कि कार्तिक मास में ही मां लक्ष्मी और अमृत कलश लिए हुए भगवान धन्वंतरी का समुद्र मंथन के समय इस सृष्टि में प्राकट्य हुआ था।

 देवोत्थान का समय भी एकादशी शुक्ल पक्ष को होता है। इसी के बाद सब शुभ कार्यों का आरंभ माना गया है। 

उदया तिथि के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा 5 नवम्बर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 नवम्बर 2025, रात्रि 10:36 बजे शुरू होकर 5 नवम्बर 2025, रात्रि 06:48 बजे तक रहेगा. गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय 4 बजकर 52 मिनट से लेकर  प्रातः 05:44 बजे तक रहने वाला है. इस पावन अवसर पर दीपदान, तुलसी पूजा, गंगा स्नान और जरूरतमंदों को दान करने से  पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके बाद सुबह की पूजा का मुहूर्त 7 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 20 मिनट  होकर 9 बजकर  20 मिनट तक रहने वाला है. जबकि शाम को प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 15 बजे से शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. 

  

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूनानक जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने हमें सच्चाई, न्याय और मानवता की राह पर चलने की प्रेरणा दी है।

 

उन्होंने कहा कि गुरूनानक जी ने समाज की बुराईयों को दूर करने के लिए अपने उपदेशों एवं शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। गुरूनानक जी के उपदेश हमें समाज में भाईचारा, सद्भाव और आपसी एकता को बढावा देने की भी प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है और समाज का मार्गदर्शन कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर गुरुनानक देवजी के संदेशों को आत्मसात कर मानव कल्याण तथा देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदारी निभाने का संकल्प लेने का भी आह्वान प्रदेशवासियों से किया है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने समाज में ऊंचनीच, भेदभाव, वैमनस्यता को दूर करने के लिए अथक प्रयास किए। उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है और समाज का मार्गदर्शन कर रही है। उनके उपदेशों में मानव कल्याण की कामना की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि हमें इस पावन अवसर पर गुरुनानक देवजी के संदेशों को आत्मसात कर मानव कल्याण तथा देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा।





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