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देहरादून:

*उत्तराखंड को हार्टिकल्चर का हब बनाएंगे – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान*

*किसान चौपाल में किसानों से संवाद कर समस्याएं सुनीं, दिए समाधान के सुझाव*

union agriculture minister shivraj singh in  Doiwala Dehradun village chaupal progrqmme


उत्तराखंड की भूमि को खेती-किसानी की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को देहरादून के डोईवाला ब्लॉक अंतर्गत पाववाला सौड़ा गांव में आयोजित किसान चौपाल में भाग लिया। खेतों के मध्य खाट पर बैठकर उन्होंने किसानों से आत्मीय संवाद किया और जमीनी स्तर की समस्याओं को समझा। इस दौरान उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम के तहत पौधरोपण भी किया।


इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। चौपाल में किसानों ने बीज, सिंचाई, विपणन, फसल बीमा योजना और कृषि उत्पादों के उचित मूल्य से जुड़ी अपनी बातें रखीं। लीची, बासमती चावल, कटहल और सब्जी उत्पादकों ने भी अपनी समस्याएं साझा कीं और समाधान हेतु सुझाव दिए।


श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों की आय को दोगुना करने और ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं किसान परिवार से हूं, किसान का दर्द जानता हूं। इसी कारण आज सीधे खेत में आकर खाट पर बैठा हूं, ताकि यह जान सकूं कि सरकार की योजनाओं का लाभ जमीन तक पहुंच रहा है या नहीं। किसानों से सीधा संवाद ही उनकी सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करता है।”

केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की बताई समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए। 

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड को हार्टिकल्चर (बागवानी) का राष्ट्रीय हब बनाएंगी। उत्तराखंड के फल, अनाज और सब्जियों की गुणवत्ता अद्वितीय है और उनमें वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की पूरी क्षमता है।


मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा पवित्र देवभूमि में आकर मन, बुद्धि और आत्मा एक नई ऊर्जा से भर जाती है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार खेती के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। भारत सरकार उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि यहां के किसानों को न केवल आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ मिले, बल्कि उनके उत्पादों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाज़ार भी उपलब्ध हो। श्री चौहान ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती, तकनीकी नवाचार और जल संरक्षण पर विशेष बल देकर खेती को भविष्य में और अधिक लाभकारी बनाया जाएगा।



*आगामी कार्यक्रम*


किसान चौपाल के बाद केंद्रीय मंत्री शुक्रवार दोपहर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेंगे।

 तत्पश्चात, दोपहर 3 बजे गढ़ी कैंट स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत एक और किसान संवाद कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

 उत्तरकाशी:

विगत दिनों मे अति ओलावृष्टि होने के कारण यमुना घाटी के किसान बागवान भाइयों को सेव तथा कई अन्य नगदी फसलों को काफ़ी नुकसान हुआ है ।



इस सम्बन्ध समाज सेवक सोवत राणा ग्राम चोपड़ा खाटल नौगांव उत्तरकाशी ने कृषि मंत्री श्रीमान गणेश जोशी  से मुलाकात करके यमुना घाटी के समस्त किसान बागवान भाईयों को  ओलावृष्टि होने के कारण सेव तथा अन्य नगदी फसलों के उचित मुआवजा दिलवाने के लिए आग्रह किया ।

उचित मुआवजा अवमुक्त करवाने के लिए बागवान निदेशक को मंत्री गणेश जोशी ने  उचित कार्यवाही के लिए आदेश करते हुए किसान बागवान भाइयों को उचित मुआवजा के लिए आश्वासन दिया   ।  

 

धामी सरकार का बड़ा फैसला, मधुमक्खी पालन से स्वरोजगार को बढ़ावा, रुपये 350 प्रति मौनबॉक्स से बढ़ाकर रुपये 750 प्रति मौनबॉक्स किया गया*


*कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जताया आभार


देहरादून:



 उत्तराखंड सरकार ने मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन देने और भूमिहीन किसानों व नवयुवकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 

अब मधुमक्खीपालन योजना के तहत पर-परागण के लिए दी जाने वाली राज सहायता को रुपये 350 प्रति मौनबॉक्स से बढ़ाकर रुपये 750 प्रति मौनबॉक्स कर दिया गया है। 

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस फैसले के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। 

    कृषि मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन केवल शहद उत्पादन का साधन नहीं, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में पर-परागण की प्रक्रिया को बढ़ाकर फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करने का एक महत्वपूर्ण जरिया भी है।


 विशेष रूप से सेब और लीची जैसी फसलों में मधुमक्खियों की उपस्थिति से अधिक पैदावार मिलती है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने से उत्तराखंड के कृषि और बागवानी क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और कृषकों की आर्थिक स्थिति सुधारने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। 

मधुमक्खी पालन से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


*सरकारी सहायता से किसानों और मौनपालकों को होंगे ये प्रमुख लाभ:* 

*कृषि क्षेत्र में सुधार:* मधुमक्खियां फूलों से पराग इकट्ठा कर फसलों के प्राकृतिक पर-परागण में मदद करती हैं, जिससे पैदावार में वृद्धि होती है। 

*बागवानी फसलों को मिलेगा लाभ:* सेब, लीची, बादाम, सरसों और अन्य फल-फूल आधारित फसलों में उत्पादन बढ़ेगा। 

*शहद उत्पादन से अतिरिक्त आय:* किसानों को मधुमक्खी पालन से शहद, मोम और अन्य मधु उत्पादों से अतिरिक्त आमदनी होगी।

*राज सहायता से किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा:* रुपये 750 प्रति मौनबॉक्स की सहायता मिलने से किसानों को मौनबॉक्स खरीदने में आर्थिक राहत मिलेगी। 

*स्वरोजगार को बढ़ावा:*  यह योजना भूमिहीन नवयुवकों और बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान करेगी। 

*पर्यावरण संतुलन में योगदान:* मधुमक्खियां जैव विविधता बनाए रखने और पर्यावरण को संतुलित करने में मदद करती हैं

 

पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को हुआ 186 करोड़ का भुगतान, उत्तरकाशी में सर्वाधिक 76 करोड़: कृषि मंत्री गणेश जोशी*


देहरादून, 10 मार्च


कृषि मंत्री गणेश

PM kisan yojna uttarakhand transaction to farmers

जोशी ने आज कैंप कार्यालय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2023-24 के किसानों और सेब उत्पादकों को मुआवजा वितरण के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

 बैठक में अधिकारियों द्वारा विभागीय मंत्री को अवगत कराया गया कि संयुक्त निदेशक उद्यान रतन कुमार की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की प्रथम बैठक हो चुकी है, जिसमें बीमा कम्पनी और डाटा कम्पनी से एक सप्ताह के भीतर आवश्यकता जानकारियां देने के निर्देश दिये गये हैं।

    बीमा कंपनी के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2023-24 की रबी और खरीफ फसलों के लिए अब तक कुल ₹186 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। इसमें रबी 2023 की फसल के लिए ₹97.09 करोड़ और खरीफ 2024 के लिए ₹88.06 करोड़ का भुगतान शामिल है। जिसमे जनपद उत्तरकाशी के किसानों को ₹76.08 करोड़ की राशि दी गई है।

   बैठक में बागवानी मिशन के निदेशक महेंद्र पाल, एसबीआई एग्रीकल्चर जनरल इंश्योरेंस कंपनी के रीजनल हैड परमानंद शर्मा, क्लेम मैनेजर नवीन चौहान आदि उपस्थित रहे।

देहरादून:

Job for gardener uttarakhand


 उत्तराखंड में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों में स्थित विभिन्न राजकीय उद्यानों और पौधशालाओं में 415 माली के पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। भर्ती होने वाले सभी कार्मिक आउटसोर्स से लिए जाऐंगे।

    मंगलवार को देहरादून के हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग की बैठक के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने यह बात कही। मंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द आउटसोर्सिंग के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार युवाओं को रोजगार देने के लिए नए कदम उठा रही है और अभी तक तीन वर्षों में 20 हजार से अधिक लोगों के रोजगार प्रदान कर चुकी है। 

    विभागीय मंत्री ने कहा कि मालियों की नियुक्ति के बाद राज्य के उद्यानों और पौधशालाओं में उद्यानों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे बागवानी, फल-फूल उत्पादन और वृक्षारोपण कार्यों में भी तेजी आएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि यह फैसला उत्तराखंड में बागवानी क्षेत्र को और मजबूत करेगा तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को आगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले उत्तराखंड की प्रगतिशील महिला किसानों के सम्मान कार्यक्रम की सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

    इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार, निदेशक कैप डा0 नृपेन्द्र सिंह, डा0 रतन कुमार, रेशम निदेशक प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

 ऋषिकेश :



 शनिवार को ग्राम पंचायत जोगीवाला माफी में प्रधानमंत्री  किसान सम्मान निधि एव कृषि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को जैविक खेती करने पर जोर दिया गया। जैविक खेती के लाभ के बारे में किसानों को बताया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता निवर्तमान  क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री ने की| कार्यक्रम का संचालन  ग्राम  प्रशासक सोबन सिंह कैतूरा द्वारा किया गया | गोष्ठी में किसान को खेती करने में आ रही समस्या के बारे में पूछा गया। उन्होंने किसान सम्मान निधि में कुछ लोगों का केवाईसी नहीं हुआ था और अन्य समस्याएं का निदान किया गया।


इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा, कृषि एवं भू संरक्षण अधिकारी अशोक गिल, सहायक कृषि अधिकारी सोहन पोखरियाल, कृषि वैज्ञानिक विजयपाल सिंह चौहान, सहायक कृषि अधिकारी सोनिया चौहान, संजय बडथ्वाल,  रविंद्र उनियाल, रघुवीर सिंह बिष्ट ,मौजूद रहे |


*कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जताया आभार*


*प्रदेश में अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के दिए थे निर्देश*


देहरादून, 19 फरवरी;

Agriculture minister ganesh joshi


सुबे के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा विभागीय अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के क्रम में आज उद्यान विभाग में केन्द्रपोषित बागवानी मिशन योजनान्तर्गत भारत सरकार ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान चौबटिया, अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टैम्परेट फ्रूट की स्थापना के लिए रुपये 671.62 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसके लिए कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

    यह परियोजना इण्डो-डच नीदरलैण्ड वर्किंग ग्रुप के सहयोग के साथ फसलों पर नवीन तकनीक अपनाते हुए कियान्वित की जायेगी। यह परियोजना में मुख्यतः शीतोष्ण फलों की फसल पर केन्द्रित है जिसमें सेब, आडू, नाशपाती, प्लम एवं अखरोट को सम्मिलित किया गया है। इस प्रस्ताव में आधार भूत संरचना, ट्रेनिंग हॉस्टल, सिंचाई प्रणाली, पॉलीहाउस, सॉर्टिंग ग्रेडिंग यूनिट, प्रदर्शन प्रखण्ड के साथ-साथ कोल्ड रूम की मंजूरी प्रदान की गयी है। जिसमें राज्य सरकार द्वारा मृदा प्रयोगशाला तैयार किये जाने के लिए भी सहयोग प्रदान किया जायेगा। परियोजना का लक्ष्य फसल में नवीन तकनीक अपनाते हुए उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता में वृद्धि करना है। जिस हेतु फसलवार एवं नवीन तकनीक सहित प्रदर्शन प्रखण्ड स्थापित किये जायेंगें। विदित है कि उत्कृष्ठता केन्द्र अनेक अच्छी कृषि पद्धतियों और किस्मों का मूल्याकन करेगा तथा किसानों को प्रर्दशनी के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा ताकि कृषक उपयुक्त पद्धति को अपनाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके।

    कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में शीतोष्ण फल उत्पादन की अपार सम्भावनायें है। यह सेंटर उत्तराखंड में शीतोष्ण फलों की उन्नत खेती, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे प्रदेश के किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी मिलेगी, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह परियोजना राज्य की बागवानी को एक नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी मिलेगी और उन्हें बाजार में अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजकीय उद्यान चौबटिया, जो पहले से ही अपनी बागवानी प्रयोगशालाओं और अनुसंधान कार्यों के लिए प्रसिद्ध है, अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में और भी विकसित होगा। इससे प्रदेश में सेब, नाशपाती, आड़ू, खुबानी और अन्य समशीतोष्ण फलों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा

 देहरादून;


*अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष की वार्षिक कार्यशाला कैलेंडर का सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया शुभारंभ* 




*अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष में वर्ष भर आयोजित होंगे सहकारिता कार्यक्रम सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत* 


*उत्तराखंड में सहकारिता ने किसानों को दी नई दिशाएं 1 लाख बनी लखपति दीदी* 


संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अन्तर्राष्ट्रीय

 सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में उत्तराखंडराज्य सहकारी संघ सभागार में आयोजित कार्यशाला *कोऑपरेटिव बिल्ड ए बेटर वर्ल्ड* थीम पर सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत, अपर सचिव/निबंधक सहकारिता श्रीमती सोनिका ,  नाबार्ड के जीएम श्री सुमन कुमार, आईसीएम निर्देशक श्री अनिल तिवारी द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया  साथी वार्षिक कार्य योजना एवं गतिविधियों के कैलेंडर कार्यशाला का  शुभारंभ किया गया


अपने संबोधन में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि पूरा देश इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मना रहा है जिसको लेकर उत्तराखंड राज्य में वर्ष भर कार्यशाला और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे

डॉ रावत बताया कि इस वर्ष मार्च महीने में वह इस विभाग के मंत्री के रूप में 8 साल पूरा कर लेंगे 

किसान कल्याण दीनदयाल  ऋण योजना की सफलता पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 10 लाख 22 हजार करोड़ ऋण वितरित किया जा चुका है,


इसके साथ ही प्रदेश में 2 लाख और 5 लाख ऋण देकर 100000 महिलाओं को हमारी सरकार द्वारा लखपति दीदी बनाया गया है, 

डॉ रावत ने बताया कि हमारे प्रदेश के लिए यह गर्व का विषय है कि समितियों के कंप्यूटरीकरण में जो मॉडल हमारे द्वारा अडॉप्ट किया गया था इस सॉफ्टवेयर से आज पूरे देश भर में समितियां को डिजिटाइजेशन किया जा रहा है 


मिलेट्स मिशन योजना की सफलता पर डॉ रावत ने बताया कि उनके द्वारा जब शुरुआत में मंडुवे और झंगोरा 18 रुपए की दर से खरीदा गया था आज प्रदेश में 42 रुपए की दर पर प्रति किलो इसकी खरीद की जा रही है जिसका प्रतिफल यह है कि आज प्रदेश में किसान मिलेट्स से अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं,


उत्तराखंड में सहकारिता के द्वारा किसानों को एक नई दिशा दी है  सरकार द्वारा विकास कार्यों का प्रतिफल है कि उत्तराखंड में आज तक एक भी किसान आंदोलन नहीं हुए,


सहकारिता मंत्री ने निर्देश दिए की 30 मार्च तक प्रदेश में 400 बहुउद्देशीय समितियां का ग्राम सभा स्तर पर गठन करना है यदि किसी जनपद में नवनिर्मित बहुउद्देशीय समितियों के गठन को लेकर लापरवाही बरती जाएगी वह कार्यवाही के लिए भी तैयार रहें,

वर्तमान में प्रदेश में 670 समितियां हैं 

 इन सभी समितियां में कार्यशालाएं और लाभार्थी कार्यक्रम ,जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे इन कार्यक्रमों के माध्यम से सीधा 10 लाख 50000 किसानों से जुड़ने की योजना है  इस वर्ष चार सहकारिता मेले  भी आयोजित किए जाएंगे वर्ष के अंत में पूरे वर्ष भर आयोजित कार्यक्रमों को लेकर मंथन और अगले वर्ष 2026 की कार्य योजना तैयार की जाएगी

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया पहाड़ी जनपदों के 42 ब्लॉकों में शत प्रतिशत ऑर्गेनिक फार्मिंग  का लक्ष्य है  उत्तराखंड राज्य पूर्णतः जैविक खेती  की दिशा में आगे बढ़े, समितियों के गठन को लेकर मंच से सहकारिता मंत्री द्वारा प्रत्येक जनपद के सहायक निबंधको से जनपदवार प्रगति रिपोर्ट भी जानी,


 अपर सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती सोनिका  ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में वर्ष पर्यंत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस में सहकारिता विभाग और सहकारी संस्थाओं की अच्छी छवि का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा की जा रही कवायद का लाभ किसानों, सहकारी संस्थाओं के सदस्यों और सहकारी संस्थाओं तक बेहतर रूप में पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए।

अपर सचिव/निबंधक  श्रीमती सोनिक ने कहा कि  सभी पैक्स फंक्शनल हों, उनका सुचारू संचालन हो और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो, यह हमारी प्राथमिकता है। वर्तमान में सहकारिता के माध्यम से बिजनेस को बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे हम खेती, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, माल ,और फन पार्क के माध्यम से अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं अमूल इसका एक बेहतर उदाहरण है, 

अपने संबोधन में निबंधक सहकारिता श्रीमती सोनिका द्वारा बहुउद्देशीय समितियों को वर्टिकल एक्सपेंशन और होरिजेंटल एक्सपेंशन का एक सफल उदाहरण दिया कैसे इस दिशा में कार्य कर सफल होना है, इसके साथ ही हमें स्वामित्व और जिम्मेदारी का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है ,


नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री सुमन कुमार ने अपने संबोधन में सामाजिक समावेशन आर्थिक सशक्तिकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियां की भूमिका पर प्रकाश डाला और वर्तमान में उत्तराखंड में सहकारिता के क्षेत्र में कारों की प्रशंसा की 

कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैक की पत्रिका का मा सहकारिता मंत्री , निबंधक सहकारिता एवं उपस्थित समस्त  महानुभावों द्वारा विमोचन किया गया,


कार्यक्रम का सफल संचालन संयुक्त निबंधक श्री मंगला त्रिपाठी द्वारा किया गया इस अवसर पर उनके द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में 54 विशेष बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण  किया गया कार्यक्रम के अंत में अपर निबंधन श्री आनंद शुक्ल द्वारा धन्यवाद  ज्ञापित किया गया 


आयोजित कार्यशाला में अपर निबंधक श्रीमती ईरा उप्रेती श्री आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक श्री नीरज बेलवाल श्री मंगला त्रिपाठी, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ रमिंद्री मंद्रवाल,समस्त जनपदों से सहायक निबंधक सहकारी बैंकों से शाखा प्रबंधक और  सहकारिता से जुड़े अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

 मौसम में गर्मी के कारण किसानों ने गन्ने की बुआई की तैयारी शुरू कर दी है गेहूं के साथ गन्ने की बुआई से जहां किसानों को दोहरा फायदा मिलेगा।

Double Agriculture


 वहीं गर्मी के मौसम मार्च से अप्रैल तक किसानों के सामने गन्ने बुआई की चुनौती रहतीं हैं शुगर मिल डोईवाला कम गन्ने के क्षेत्र के चलते अप्रैल माह में ही सीजन बंध कर देती है .

एक तरफ जहां किसानों को अभी तक आधा गन्ना सप्लाई समय से पर्ची न मिलने से नहीं कर पा रहे हैं वहीं कम समय में गन्ने बुआई के साथ गन्ने की सप्लाई चुनौती भरी है एक ओर जहां होली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार में किसानों की लेवर समस्याओं से जूझना पड़ता है।

 वहीं शुगर मिल बंद होने का भय रहता है।

 उमेद बोरा पूर्व प्रधान एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा गन्ना समिति के साथ शुगर मिल डोईवाला किसानों को समय से अच्छे गन्ने के बीज उपलब्ध कराये साथ ही रासायनिक खाद व दवाईयां समय से उपलब्ध कराते जिससे किसान समय रहते गन्ने की बुआई कर सके साथ ही अधिक उत्पादन लेकर लाभ उठा सकें। 

 



 ऋषिकेश:

ग्राम पंचायत छिद्दरवाला में कृषि विभाग द्वारा  सोमवार को एक  दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री  किसान सम्मान निधि से संबंधित दस्तावेजों को दुरुस्त किया गया। शिविर में लगभग 50 किसानों की केवाईसी की गयी । इस अवसर  सहायक कृषि अधिकारी सोहन सिंह पोखरियाल, सोनिया चौहान, संजय बड़थ्वाल, ग्राम प्रशासक छिददरवाला कमलदीप कौर ,समाजसेवी बलविंदर सिंह मौजूद रहे |

 श्री अमित शाह ने कहा कि कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी से पैक्स में पारदर्शिता आएगी, सहकारिता का जमीनी स्तर पर विस्तार होगा और ये महिलाओं और युवाओं के रोजगार का माध्यम भी बनेगा। 


उन्होंने कहा कि पैक्स, कृषि संसाधनों की सरल उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा। श्री शाह ने कहा कि हमारी तीन नई राष्ट्रीय स्तर की कोऑपरेटिव्स के माध्यम से पैक्स, ऑर्गेनिक उत्पादों, बीजों और एक्सपोर्ट के साथ किसानों की समृद्धि के रास्ते भी खोलेगा। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक और आर्थिक समानता भी आएगी क्योंकि नए मॉडल बायलॉज में महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की है, जिससे सामाजिक समरसता भी बढ़ेगी।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले पांच साल में 2 लाख नए पैक्स का गठन करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 5 साल से पहले ही हम दो लाख पैक्स का गठन कर लेंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में नाबार्ड 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा, इसी प्रकार एनडीडीबी 56,500  नई समितियाँ बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ बनाएगा।  एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियाँ बनाएगा और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करेगा। इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25000 पैक्स बनाएंगे। श्री शाह ने कहा कि नए मॉडल बायलॉज के साथ अब तक 11,695 नई प्राथमिक सहकारी समितियां पंजीकृत हुई हैं, जो हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि 2 लाख नए पैक्स बनने के बाद फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजार में पहुंचाना बड़ा सरल हो जाएगा।

   ऋषिकेश: 



 भारत रत्न व पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर जोगीवाला माफी में कृषि विभाग की ओर से एक कैंप का आयोजन किया गया। 

बुधवार को कार्यक्रम शुभारंभ कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान 200 किसानों को कृषि उपकरण वितरित किए गए। उन्होंने स्व. अटल जी का स्मरण करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नयी पहचान बनाई तथा 21 वीं शदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाया। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उनकी दूरगामी सोच, रचनाओं, पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल की लड़ाई में भारत को मिली विजय के लिये उन्हें हमेशा याद किया जायेगा।

इस दौरान डा. अग्रवाल ने 200 किसानों को कृषि उपकरण जैसे फावड़ा, दराती, खुरपी, कुदाल आदि वितरित किए गए। इस अवसर पर निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, सोबन सिंह , निवर्तमान ग्राम प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, अनिता राणा,  विमला नैथानी, अमर खत्री, अंबर गुरंग, शैलेन्द्र रांगड़, हरीश पैयूली, हुकुम सिंह रांगड़ मौजूद रहे |


देहरादून;


 मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को रिंग रोड किसान भवन में अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित सप्तम द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया गया। दो दिवसीय अधिवेशन का शुभारंभ कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

    कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिवेशन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड द्वारा जो मांग 06 सूत्रीय पत्र दिया गया है। उन पर उचित कार्यवाही की जाएगी। सभी विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

     कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी सरकार के मुख्य अंग हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी किसी भी विभाग की रीढ़ होती है। जब आपके द्वारा जनहित में सराहनीय कार्य किए जाते हैं, तो इससे सरकार के प्रति जनता का और विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर अधिकारी सरकार और आम जनमानस के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी निष्ठा और शिद्दत से कार्य कर रहे हैं। इस दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सभी को नव वर्ष अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सभी से पूरे मनोयोग से कार्य करने की आशा भी व्यक्त की।

    इस अवसर पर कृषि उप निदेशक अजय वर्मा, एमडी जैविक बोर्ड विनय कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ अध्यक्ष डी.एस.अग्रवाल, महामंत्री के.एस मनोला, संरक्षक   सी. एस.असवाल, पी.पी. सैनी, मनोज गुसाईं, विनोद पटवाल, विजय शर्मा, प्रदेश के समस्त जनपदीय अध्यक्ष एवं संगठन के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

 

Save potato from burning disease


झुलसा रोग से आलू की खेती को बचाने के लिए दवाई का छिड़काव जरुरी समय रहते आलू की खेती करने वाले किसानों को सलाह पाले पड़ने से आलू में झूलसा रोग तेजी से फैलता है .


जिससे आलू की खेती पूरी तरह नष्ट हो जाती है और किसानों को भारी नुक़सान उठाना पड़ता है.

 जिसका उपाय समय से करने पर अच्छी पैदावार ले सकते हैं .

किसान उमेद बोरा पूर्व प्रधान कृषक फेडरेशन अध्यक्ष ने कहा आलू के साथ सरसों की फसल तैयार होने को है.

 किसानों को फसल बचाने के दवाईयां समय पर छिड़काव करें .

आलू को झूलसा रोग से बचाव के लिए बहुत सी दवाईयां उपलब्ध है जिसमें कारोलिना दवाई का छिड़काव भी कर सकते हैं साथ है .

आलू के किसान बहादुर बोरा ने बताया वह आलू की खेती जैविक तरीके से कर रहे हैं .

आलू की खेती के लिए अच्छा बीज के साथ समय पर बुआई के साथ समय समय पर सिंचाई कर भी बिना दवाई छिड़काव के जैविक आलू की खेती की जा सकती हैं ,जिसका बाजार में अच्छा मूल्य भी मिलता है साथ ही आगे गन्ने बुआई के समय आलू तैयार हो जाता है.

 जिससे गन्ने की फसल में भी चक्रानुक्रम बनने से गन्ने की खेती भी अधिक लाभकारी होती हैं .

उमेद बोरा पूर्व प्रधान एवं सामाजिक कार्यकर्ता कृषक फेडरेशन अध्यक्ष


केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित 28वी आई०सी०ए०आर० क्षेत्रीय समिति-प्रथम की बैठक में प्रदेश के कृषि

राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष रूप से उगाए जाने वाले तुमड़ी आलू की पारंपरिक खेती पर शोध करने की आवश्यकता - कृषि मंत्री गणेश जोशी।


मत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित करने के लिए घेरबाड़ हेतु विशेष बजट का केंद्र सरकार से किया अनुरोध।

देहरादून:



 केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित 28वी आई०सी०ए०आर० क्षेत्रीय समिति-प्रथम की बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी सचिवालय से वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से जुड़े। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रीगण कृषि वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

    सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने क्षेत्रीय समिति की बैठक में कृषि के क्षेत्र में प्रदेश की निम्न समस्या पर शोध किये जाने पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जंगली जनवरो द्वारा खेती को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिससे कृषकों का खेती के प्रति रुचि कम हो रही है। इस हेतु खेती को जंगली जनवरो से सुरक्षा हेतु किफायती तथा उपयोगी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया और ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि पूर्व में किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए घेरबाड़ के लिए केंद्र सरकार द्वारा धनराशि दी जाती थी जो अब बंद हो गई है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि जब तक इस क्षेत्र में शोध नहीं हो जाता तब तक प्रदेश के किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित करने के लिए घेरबाड़ हेतु विशेष बजट दिया जाए। 

     बैठक के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष रूप से उगाए जाने वाले तुमड़ी आलू की पारंपरिक खेती पर शोध करने की आवश्यकता है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश में तुमड़ी आलू की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि तुमड़ी आलू की सबसे अधिक डिमांड बढ़ती जा रही है। उन्होंने तुमड़ी आलू पर शोध किया जाना भी बेहद आवश्यक है। ताकि उत्पाद को बढ़ाया जा सके और किसानों को उसका उचित दाम मिल सके। मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश जैविक खेती अपनाई जा रही है, इस हेतु कृषि एवं औद्यानिकी फसलों में कीट व्याधि की रोकथाम हेतु प्रभावी जैव रसायन की आवश्यकता है। जिससे कृषक जैविक खेती से जुडे रह सकें। उन्होंने भॉग (हैम्प) की अधिसूचित प्रजाति की आवश्यकता है, जिसमे टी०एच०सी० की मात्रा (<0.3%) कम हो। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पर्वतीय क्षेत्रों के परम्परागत फसलों के स्थानीय प्रजातियों को बीज श्रृंखला में लाये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय फसलों को जी०आई० टैग प्रदान किया गया है। जिसमें मण्डुवा, साँवा, काला भटट्, तोर, राजमा आदि सम्मिलित है। इन फसलों के बीजो के सरंक्षण तथा संवर्द्धन पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है।

    उन्होंने कहा कि जैविक खाद की प्रदेश में कमी है। इस हेतु जंगल के अवशेष से खाद बनाये जाने पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है।जिसमे शोध किया जाना आवश्यक है। पर्वतीय क्षेत्रों हेतु दलहन प्रजाति उर्द, अरहर की अधिसूचित प्रजाति विकसित किये जाने की आवश्यकता है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने चौबटिया गार्डन को विकसित करने हेतु केंद्र सरकार से सहयोग की भी मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्र में विभाजित कर 08 क्षेत्रीय समिति का गठन किया गया है।जिसमें क्षेत्रीय समिति प्रथम में उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्वाख को रखा गया है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस प्रयास से क्षेत्र विशेष की आवश्यकतानुसार तथा जलवायु को दृष्टिगत रखते हुए शोध कार्य किये जाने में सहायता मिल रही है। साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का आभार प्रकट करते हुए उनके द्वारा समय-समय पर क्षेत्रीय समिति की बैठक आयोजित कर प्रदेश की कृषि एवं रेखीय विभागो की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

      इस अवसर पर सचिव कृषि एसएन पांडे, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि केसी पाठक, डायरेक्टर उद्यान दीप्ति भट्ट, सहित विभिन्न प्रदेशों के कृषि मंत्री वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय कुलपति भी उपस्थित रहे।

 अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त श्री आनन्द बर्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को लाडपुर, देहरादून स्थित स्थानीय होटल में कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा राज्य स्तरीय कृषि गणना योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

  


इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त श्री आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कृषि संगणना के आंकड़ों का उपयोग विभिन्न हित धारकों द्वारा विकास योजना, सामाजिक आर्थिक नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थापना के लिए किया जाता है। 



उन्होंने इस कार्यक्रम को कृषि के विकास तथा कृषकों के हित में बताया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कृषि संगणना की महत्ता पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कृषि संगणना के आंकड़े हमारे देश की कृषि नीतियों और योजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  

इस अवसर पर कृषि गणना के मुख्य उद्देश्य प्रचालन स्थिति की संख्या एवं संरचना की गणना, भूमि उपयोग एवं फसल पैटर्न सहित सिंचाई एवं काश्तकारी विवरण, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला सहित विभिन्न आकार के जोतों का विवरण और कृषि में इनपुट उपयोग के पैटर्न से संबंधित उद्देश्यों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में कृषि गणना योजना के तृतीय एवं चतुर्थ चरण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत कृषि संगणना के आंकड़ों का संकलन एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फील्ड के आंकड़ों को इकट्ठा कर किया जाएगा।

  

बैठक में बताया गया कि कृषि गणना योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 20 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रफल, जोत के पट्टे की सूचना एवं फसल पैटर्न को एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फीड कर डाटा संकलन किया जाता है। कृषि गणना के तृतीय चरण में काश्तकार के परिवार के सदस्यों की संख्या, शिक्षा का स्तर, आयु एवं काश्तकार द्वारा उपयोग किये जाने वाले इनपुट-खाद, रासायनिक उर्वरक, बीज, दवाईयां, कृषि ऋण, कृषि यंत्र आदि की सूचना संकलित की जाती है।


बैठक में जानकारी दी गई कि कृषि गणना वर्ष 2015-16 के अनुसार राज्य में कुल राजस्व ग्राम 16674, कुल क्रियात्मक जोतदार 881305, कुल क्रियात्मक क्षेत्रफल 747319.695 हेक्टेयर, अनुसूचित जाति क्रियात्मक जोतदार 123800, अनुसूचित जनजाति क्रियात्मक जोतदार 28135, महिला क्रियात्मक जोतदार 105124, पुरुष क्रियात्मक जोतदार 774557, संयुक्त जोत 201318, व्यक्तिगत 678363, संस्थागत जोत 1624 है।


इस अवसर पर आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद श्री चन्द्रेश कुमार, अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ श्री शिव कुमार बरनवाल, अपर जिलाधिकारी पौड़ी श्रीमती इला गिरी, भारत सरकार की प्रतिनिधि श्रीमती जागृति गोयल, सहायक निदेशक, भारत सरकार राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों, सहायक सांख्यिकी अधिकारियों, कृषि निदेशालय उत्तराखण्ड एवं राज्य परिषद के सांख्यिकी अन्वेषण के कर्मियों ने भी भाग लिया।

डोईवाला:

Sugar mill Doiwala made full payment 2023-24 session


 शुगर कम्पनी लि०, डोईवाला द्वारा दिनांक 04.05.2024 को राज्य सरकार द्वारा ऋण स्वरूप उपलब्ध करायी गई धनराशि से भिन्न भिन्न गन्ना समितियों के माध्यम से कृषकों द्वारा पेराई सत्र 2023-24 में दिनांक 21.01.2024 से 07.03.2024 तक मिल में आपूर्ति किये गये गन्ने का भुगतान हेतु सातवीं किश्त जारी की गई। जिसके अन्तर्गत डोईवाला शुगर मिल द्वारा सहकारी गन्ना विकास, समिति डोईवाला को रू० 1853.79 लाख, देहरादून समिति को रू0 1206.56 लाख, ज्वालापुर समिति को रू0 221.54 लाख, रूड़की समिति को रू० 287.68 लाख, लक्सर समिति को रू0 27.80 लाख, पाँवटा वैली शुगर केन ग्रोवरस सहकारी समिति पाँवटा को रू0 94.26 एवं दि शाकुम्बरा शुगर केन ग्रोवरस सहकारी समिति पाँवटा को रू० 22.35 लाख, कुल रू0 3713.98 लाख का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जिससे कई हजार कृषक लाभान्वित होंगे।

श्री डी०पी०सिंह, अधिशासी निदेशक के कुशल मार्गदर्शन / नेतृत्व में यह मिल उन्नति की ओर अग्रसर है उन्होंने बताया कि कृषकों द्वारा विभिन्न गन्ना समितियों के माध्यम से पेराई सत्र 2023-24 में आपूर्ति किये गये समस्त गन्ने का भुगतान सम्बन्धित सहकारी गन्ना विकास समितियों को भेज दिया गया है। सहकारी गन्ना विकास समितियों के सम्मानित कृषकगणों द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान की सातवीं किश्त जारी होने पर हर्ष व्यक्त कर उत्तराखण्ड राज्य सरकार एवं डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक श्री डी०पी०सिंह का आभार व्यक्त किया गया।


देहरादून : 



मुख्य कृषि अधिकारी,देहरादून , लतिका सिंह ने बृहस्पतिवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है | जिसमें उन्होंने जिले के 3678 पात्र किसानों को 15 मई 2024 तक अपने बैंक खातों को आधार संख्या से लिंक कराने का आदेश दिया है। यह कदम किसान सम्मान निधि योजना के तहत आगामी किस्त का लाभ सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।


सूत्रों के अनुसार इन 3678 किसानों के बैंक खाते अभी तक आधार संख्या से जुड़े नहीं हैं | जिसके कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी ने इस गंभीर खामी पर संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


इसके साथ ही, उन्होंने बैंकों और डाकघरों को भी निर्देश दिया है कि वे किसानों को आधार से खाता लिंक करने में हरसंभव मदद करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए बैंकों और डाकघरों में विशेष शिविर लगाए जाएं और किसानों को जागरूक किया जाए।


यह भी बताया गया है कि आधार से खाता लिंक करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। किसान इसके लिए अपने नजदीकी बैंक या डाकघर में जाकर आधार कार्ड और बैंक पासबुक की  प्रतिलिपि जमा कर सकते हैं।


मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों से आग्रह किया है कि वे 15 मई 2024 तक अवश्य अपना बैंक खाता आधार से लिंक करा लें ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।


पौड़ी/देहरादून, 


Apple farming wil be developed in uttarakhand


उत्तराखंड में उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनएं हैं। राज्य सरकार इन सम्भावनाओं को हकीकत में बदलने में जुटी है। इसके लिये सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसमें सेब उत्पादन को बढ़ावा देना भी शामिल है। सहकारिता विभाग के अंतर्गत एप्पल मिशन के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मिशन के तहत प्रदेशभर के सेब काश्तकारों को जोड़ा जा रहा है ताकि जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके। 


यह बात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज सेबाग एग्रो प्रा0 लि0 द्वारा पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में आयोजित सेमिनार में कही। ‘उत्तराखंड में सेब की खेती की सम्भावनाओं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में बतौर विशिष्ट अतिथि डा0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार सम्भानाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है। ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है। डा0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। 


इसके लिये प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं। डा0 रावत ने बताया कि एप्पल मिशत के तहत अधिक से अधिक संख्या में सेब काश्तकारों को जोड़ा जायेगा ताकि जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की भांति प्रदेश में सेब के बगीचे विकसित किये जा सके। उन्होंने सेब उत्पादन में विशेष पहचान बनाने के लिये सेब की गुणवत्ता व पैकिंग पर ध्यान देने की भी बात कही। उन्होने कहा कि इसके लिये किसानों को उन्न्त किस्म की प्रजातियों व वायरस फ्री पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।


सेमीनार में दूरभाष के माध्यम से जुड़कर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में अथाह सम्भावनाएं हैं।

 इसके लिये ठोस कार्य योजना विकसित की जाना चाहिये और काश्ताकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिये साथ ही उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर कलासन फार्म के विक्रम रावत ने पहाड़ों में उच्च घनत्व वाले सेब के बाग की सफल स्थापना के बारे में जानकारी दी। 

उन्होंने सेब की खेती के लिये मिट्टी की तैयारी, रोपण दूरी, सिंचाई प्रणाली, प्रूनिंग थिनिंग और निराई के बारे में सेब काश्तकारों को कई टिप्स भी दिये। 


इस अवसर पर पदमश्री व वरिष्ठ काश्तकार प्रेमचंद शर्मा, पूर्व खेल मंत्री, उत्तराखंड नारायण सिंह राणा, कालसन फर्म एवं सेबाग एग्रो प्रा0 लि0 के प्रतिनिधि एवं स्थानीय काश्तकार उपस्थित रहे। 



 सहकारिता सम्मेलन व सहकारी चिंतन  उत्तराखंड में सहकारी प्रयासों के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के अलावा, ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।


Cooperative seminar in Haridwar


उत्तराखंड सहकारिता विभाग की ओर से पतंजलि हरिद्वार में आज 9 मार्च 2024 को आयोजित होने वाले सहकारी सम्मेलन एवं चिंतन शिविर की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।  


इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की प्रत्याशा में, हरिद्वार के सुरम्य शहर को सहकारी समितियों की उपलब्धियों से सजाया गया है।  इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री बीएल वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे, जिससे इस अवसर की गरिमा बढ़ेगी। 


इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन होगा, जिसमें पिछले 6 वर्षों में उत्तराखंड सहकारिता विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धियों का विवरण होगा। पुस्तक में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के कुशल मार्गदर्शन में सैकड़ों योजनाओं के सफल कार्यान्वयन को शामिल किया गया है, जो उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों की को-ऑपरेटिव से सफलता की कहानियों को दर्शाता है।


 विशेषांक में प्रदर्शित कई सफलता की कहानियों में से, उन व्यक्तियों की कहानियाँ भी होंगी जिन्होंने दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर प्राप्त ऋण के माध्यम से अपनी आय दोगुनी कर ली है। उत्तराखंड में सहकारी पहल के ठोस प्रभाव के प्रमाण के रूप में काम करते हैं।


यह आयोजन दो सत्रों में होगा। 11 बजे सुबह पहले सत्र में एक सहकारी सम्मेलन शामिल होगा, जिसमें राज्य भर से सहकारी प्रतिनिधि, सहकारी समितियों, को-ऑपरेटिव बैंकों से जुड़े सैकड़ों व्यक्तियों के भाग लेने की उम्मीद है। यह सम्मेलन उत्तराखंड में सहकारी प्रयासों के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के अलावा, ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।


दूसरा सत्र 3 बजे से फोकस सहकारी चिंतन की ओर जाएगा, जिसमें वर्ष 2047 तक का रोडमैप तैयार किया जाएगा। यह दूरदर्शी दृष्टिकोण भविष्य की कल्पना करने और तैयारी करने के लिए उत्तराखंड सहकारिता विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि, सहकारी सफलता की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए कायम रहेगी।


पतंजलि हरिद्वार में आयोजित होने वाला सहकारी सम्मेलन और चिंतन शिविर सहकारी पहल के क्षेत्र में वर्षों के समर्पण और कड़ी मेहनत की परिणति का प्रतीक है। तथ्य यह है कि इस आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री वर्मा , सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों की भागीदारी होगी, जो उत्तराखंड में सहकारी आंदोलन के महत्व और प्रभाव का प्रमाण है। जैसे-जैसे राज्य समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, सहकारी सम्मेलन और चिंतन शिविर विचारों के आदान-प्रदान, उपलब्धियों को मनाने और आने वाले वर्षों में और भी बड़ी सफलताओं के लिए आधार तैयार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।


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