पर्यटन नगरी धनौल्टी में क्या नियम गरीब लोगों के लिए लागू होता है? अन्य को नोटिस तक नहीं दिया .
इस भेदभाव से ठेले वाले नाराज हैं
यह एक तरफ का फैसला है गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीनना
धनौल्टी:
ये कुछ सवाल पूछ रहे है स्थानीय और बेरोजगार हो चले रेहड़ी वाले।
विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धनौल्टी में आज से हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान व सरकार के आदेश का अनुपालन करते हुए पर्यटन नगरी धनोल्टी में ईको पार्क के अतिक्रमण किया गया था उसे वन विभाग के नोटिस के बाद आज आज 72 घंटे बाद खाली कर दिया गया है।
आसपास के ठेली, रेहड़ी संचालकों ने दिल पर पत्थर रखकर स्वयं ध्वस्त किया अपना रोजगार व परिवार के भरण पोषण का एकमात्र जरिया सब समाप्त कर दिया। उन्हें कहीं से भी कोई उम्मीद की किरन नजर नहीं आ रही है।
बेरोजगारी से पलायन की कगार पर 50 से अधिक ठेली, रेहड़ी संचालक।
हाई कोर्ट का सम्मान गरीब लोग कर सकते है, परंतु क्या सरकार को नही चाहिए था सत्यता की जांचोउपरांत उनको अन्यत्र रोजगार उपलब्ध कराती। पलायन और बेरोजगारी का दंश उनके परिवार को किस हद तक प्रभावित करेगा इस पर भी मंथन जरुरुई है। पहाड़ की पीड़ा जानने का दावा करनेवाले को चाहिए, उनकी पीड़ा को समझे और यथोचित कार्यवाही करें।
अन्यथा विश्वास की कड़ी टूटते देर नही लगती।
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