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 रुद्रप्रयाग:

 


SNOWFALL IN KEDARDHAAM 19 APRIL,2023

      श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, 2023 को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे जिसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में संबंधित विभागों द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं के लिए अपनी-अपनी तैयारियां तत्परता से की जा रही हैं किन्तु केदारनाथ धाम में मौसम खराब होने व भारी वर्फबारी होने के कारण किए जा रहे निर्माण कार्यों एवं व्यवस्थाओं को दुरस्त करने में व्यवधान हो रहा है इसके बावजूद श्रमिकों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों में भी भारी वर्फबारी में कार्य किया जा रहा है।

 इस आशय की जानकारी देते हुए अवर अभियंता डीडीएमए सुरेंद्र सिंह रावत ने अवगत कराया है कि धाम में सुबह से ही वर्फबारी हो रही है इसके बावजूद भी विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही तैयारियों एवं व्यवस्थाओं में लगे श्रमिकों द्वारा कार्य किया जा रहा है जिससे कि सभी व्यवस्थाओं को समय से दुरस्त किया जा सके। 


     


        वर्ष-2023 श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित एवं सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यात्रा व्यवस्थाओं में तैनात किए गए सेक्टर एवं सहायक सेक्टर आॅफिसरों को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में विकास भवन सभागार में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार द्वारा उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया ताकि यात्रा के सफल संचालन में किसी प्रकार की कोई परेशानी एवं दिक्कत न होने पाए।

      प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने सेक्टर एवं सहायक अधिकारियों से कहा कि केदारनाथ धाम में दर्शन करने आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए उन्हें जो दायित्व एवं जिम्मेदारी दी गई हैं वे उनका निर्वहन कुशलता एवं संवेदनशीलता के साथ करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।

     उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार की कोई क्रूरता न हो एवं बीमार व कमजोर घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न हो इसके लिए जी मैक्स द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है जिसमें संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर, मालिक एवं हाॅकर का पूरा विवरण उपलब्ध कराया गया है। यदि किसी के द्वारा किसी भी तरह से पशु क्रूरता एवं ओवर रेटिंग करता पाया जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन नंबर डालने से ही उसको ब्लाॅक करने की भी व्यवस्था की गई है। इस संबंध में उन्हें जो भी जानकारी दी जा रही है उस जानकारी को ठीक ढंग से ग्रहण कर लें ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

     उन्होंने यह भी कहा कि यदि यात्रा मार्ग में किसी प्रकार की कोई समस्या होती है जिसमें सफाई व्यवस्था से संबंधित, पानी, विद्युत, स्वास्थ्य, हैली से संबंधित आदि समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नंबर सभी सेक्टर एवं सहायक सेक्टर अधिकारियों के पास होना आवश्यक है ताकि वह तत्काल संबंधित अधिकारी को सूचना प्रेषित करते हुए संबंधित समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की कोई समस्या है तो इसकी जानकारी तत्काल ग्रुप एवं संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया जाए।

       इस अवसर पर उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजीव गोयल, प्रतिनिधि पर्यटन विभाग, जिला पंचायत सहित संबंधित सेक्टर एवं सहायक सेक्टर अधिकारी मौजूद रहे।



        सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत विशेष कार्याधिकारी कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन विभाग उत्तराखंड शासन धर्मेंद्र पयाल ने ब्लॉक सभागार अगस्त्यमुनि में संबंधित अधिकारियों के साथ सरकार द्वारा संचालित की जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लेते हुए उनके सफल क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारियों को वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का ‘हमारा संकल्प, अनुशासित प्रदेश‘ का नारा तभी फलीभूत होगा जब अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिलेगा।

       सरकार के तीन मुख्य उद्देश्य सरकार जनता के द्वार, हमारा संकल्प बहुमुखी एवं भयमुक्त समाज के तहत संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि वह दीर्घकालिक एवं जनोपयोगी हों साथ ही योजनाओं से लाभान्वित होने तथा उसके प्रभाव का भी आंकलन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण स्तर पर पाक्षिक या मासिक दौरा करते हुए समस्याओं का समाधान करें। साथ ही यह प्रयास रहे कि जनता की समस्या का समाधान ग्राम स्तर पर ही कर दिया जाए। यदि न हो सके तो अपने उच्च अधिकारियों को समस्या से अवगत कराते हुए सुझाव भी दें जिससे भविष्य में योजनाएं बनाते समय उनके सुझाव पर भी चर्चा हो सके। कृषि, उद्यान आदि के क्षेत्र में भी संचालित हो रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार उन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली फसलों एवं फलों की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार करते हुए इसके लिए क्षेत्रीय किसानों को जागरुक किया जाए जिससे कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो।

      उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का धरातल पर भौतिक सत्यापन होना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत फलई एवं भट्वाड़ी सुनार में जाकर ग्राम जन संवाद कार्यक्रम के तहत न केवल ग्रामीणों की समस्याओं को सुना बल्कि उनका निराकरण करने का प्रयास भी किया। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भौतिक सत्यापन करते हुए उन पर ग्रामीणों का फीडबैक भी लिया। तथा सरस रेस्टोरेंट एवं विपणन केंद्र का भी निरीक्षण किया।




      इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी लोकेन्द्र सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी प्रवीण भट्ट एबीडीओ कमल सिंह पंवार, ग्रापविअ नरेश कुमार, महेश मैठाणी, अनिल चन्द्र, आरती, ताजवर लाल, रजनी गुसांई, पूर्ति, आत्मा परियोजना से दिग्विजय, मत्स्य पालन से हेमलता डंगवाल, जल संस्थान से नरेंद्र जगवाण, सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डॉ विशाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।



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