माँ तेरे जाने के बाद जाना कि दुनिया में मात्र तूने ही निस्वार्थ मुझे पाला पोसा , अपने शरीर का अंग बनाये रखा, मेरे लिए तकलीफें झेली और मुझे सेवा का मौका दिए बगैर ही तू कहीं चली गयी.
मातृ दिवस पर ,विशेष ---माँ ,एक ऐसा शब्द है, ऐसा नाम जो इस संसार के जीवों की जन्मदात्री है , जो इस सृष्टि के जीवो में प्राण भरती है। माँ ,एक ऐसी करुणा दया ममता की प्रतिमूर्ति है जो जीवन भर त्याग और बलिदान करती है अपवाद कहीं भी हो सकते हैं परंतु मां नाम की सार्थकता बनाए रखने में नारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। माँ के आंचल के तले सभी जीव दुख दर्द भूल जाता है। ममता की छांव में से भले ही धन -दौलत, सुख सुविधाएं ना देती हो परन्तु दुखों से तार जरूर देती है.
हमारे वेदों और पुराणों में भी माँ को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. जगतजननी माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों में माँ की महिमा का वर्णन है ,जो निश्चय ही माँ के अपनी संतान के प्रति स्नेह और दुलार को प्रदर्शित करता है .
आज जब विश्व भर में मदर्स डे मनावा जा रहा है, तो मुझे भी मौका मिला है अपनी माँ के लिए कुछ कहने का-
"माँ भले ही आप इस दुनिया में नहीं हो , परन्तु में आपको प्रतिपल याद करती हूँ। एक बेटी होने के नाते ये सच है माँ कि तुम ही मेरा संबल थी और तुम ही मेरा संबल रहोगी। और इस दुनिया में तुम से बड़ा सच कोई हो नहीं सकता कि तुम मेरी माँ और में तुम्हारी बेटी हूँ , तुम्हे सादर नमन"
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