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देहरादून;
देहरादून;
सिंगापुर नाइट सफारी की तर्ज पर कॉर्बेट पार्क में डे सफारी की योजना
उत्तराखंड को एक बुद्धिस्ट सर्किट तथा महाभारत सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना
ऋषिकेश में एक कन्वेंशन सेंटर और वेलनेस सिटी के निर्माण की योजना
पर्यटन मन्त्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में कल एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में एक बुद्धिस्ट सर्किट तथा महाभारत सर्किट के निर्माण हेतु योजना बनाने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त विभागीय योजनाओं - होम स्टे योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना तथा रोपवे सहित अन्य निर्माणाधीन योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया गया। बैठक में आगामी इन्वेस्टमेंट सम्मिट तथा 7 अगस्त को आयोजित होने वाले मिनी कान्क्लेव की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की गइ।
श्री सतपाल महाराज ने बताया कि बैठक में उत्तराखंड को एक बुद्धिस्ट सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देष दिये गये। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बौद्ध धर्म के अनुयायी एशियाई देशों के पर्यटको को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि कालसी में अशोक का महान शिलालेख स्थित है और काशीपुर के निकट गोविशाण में महात्मा बुद्ध ने एक महीने तक प्रवचन दिए थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पर्यटन विभाग इन्वेस्टमेंट समिट की जोर जोर शोर से तैयारियां कर रहा है। जिसके लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत टिहरी के कुछ मेगा प्रोजेक्ट को विकसित करने की योजना है। इसके अलावा ऋषिकेश में एक कन्वेंशन सेंटर और वेलनेस सिटी के निर्माण की योजना है।
उन्होंने कहा कि केएमवीएन तथा जीएमवीएन के कुछ गेस्ट हाउस को पीपीपी मोड में देने की योजना है। , इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से अधिक से अधिक निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने के लिए आकर्षित करने का पूरा प्रयास करेंगे और इसके लिये पर्यटन विभाग उद्योग विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है।
उन्होंने निवेशकों का आह्वान करते हुये कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद अब एक सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत हमारी सारी योजनाओं को एक निश्चित समय के अंदर को अप्रूवल दिया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि उत्तराखंड में निवेश करने की स्थिति में उनको अधिकतम सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि दीनदयाल ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना के अंतर्गत 2020 तक 5000 होम स्टे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सभी जिला पर्यटन विकास अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक इच्छुक व्यक्ति को आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायेंगे। सभी बैंकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि जल्दी से जल्दी वह लोगों की समस्याएं हल करें। जो ऋण या सब्सिडी दी जानी है उसके लिए एक ऑनलाइन सिस्टम षुरू करने के लिये निर्देषित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक 508 होम स्टे का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि होम स्टे के माध्यम से स्थानीय लोक व्यंजनों तथा पकवानों को भी बढ़ावा देने की योजना हैं और इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
उन्होने कहा कि प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर जहां भी रोपवे की आवष्यकता है वहां अधिक से अधिक संख्या में रोपवे बनाए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि पर्यटकों को बस की यात्रा से बचाया जा सके। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना धर्म स्थलों या फिर पर्यटक स्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाते हुए अधिक से अधिक पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। रामनगर में एक गेस्ट हाउस के साथ ही एक बड़ी पार्किंग के निर्माण को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये गये।
सिंगापुर नाइट सफारी की तर्ज पर कॉर्बेट पार्क में डे सफारी की योजना को अमली जामा पहनाने के लिये अधिकारियों को आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये। यह योजना है कि जेब्रा, ऑस्ट्रिच तथा जिराफ जैसे विदेशी जानवरों को भी बाहर से लाकर के यहां पर रखा जायेगा और अधिक से अधिक संख्या में पर्यटकों को यहां पर आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। भविष्य में वहां पर कैंपिंग आदि गतिविधियां भी आयोजित की जा सकेंगी।
श्री सतपाल महाराज ने बताया कि बैठक में उत्तराखंड को एक बुद्धिस्ट सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देष दिये गये। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से बौद्ध धर्म के अनुयायी एशियाई देशों के पर्यटको को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि कालसी में अशोक का महान शिलालेख स्थित है और काशीपुर के निकट गोविशाण में महात्मा बुद्ध ने एक महीने तक प्रवचन दिए थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पर्यटन विभाग इन्वेस्टमेंट समिट की जोर जोर शोर से तैयारियां कर रहा है। जिसके लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत टिहरी के कुछ मेगा प्रोजेक्ट को विकसित करने की योजना है। इसके अलावा ऋषिकेश में एक कन्वेंशन सेंटर और वेलनेस सिटी के निर्माण की योजना है।
उन्होंने कहा कि केएमवीएन तथा जीएमवीएन के कुछ गेस्ट हाउस को पीपीपी मोड में देने की योजना है। , इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से अधिक से अधिक निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने के लिए आकर्षित करने का पूरा प्रयास करेंगे और इसके लिये पर्यटन विभाग उद्योग विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है।
उन्होंने निवेशकों का आह्वान करते हुये कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद अब एक सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत हमारी सारी योजनाओं को एक निश्चित समय के अंदर को अप्रूवल दिया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि उत्तराखंड में निवेश करने की स्थिति में उनको अधिकतम सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि दीनदयाल ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना के अंतर्गत 2020 तक 5000 होम स्टे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सभी जिला पर्यटन विकास अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक इच्छुक व्यक्ति को आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायेंगे। सभी बैंकों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि जल्दी से जल्दी वह लोगों की समस्याएं हल करें। जो ऋण या सब्सिडी दी जानी है उसके लिए एक ऑनलाइन सिस्टम षुरू करने के लिये निर्देषित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक 508 होम स्टे का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि होम स्टे के माध्यम से स्थानीय लोक व्यंजनों तथा पकवानों को भी बढ़ावा देने की योजना हैं और इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
उन्होने कहा कि प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर जहां भी रोपवे की आवष्यकता है वहां अधिक से अधिक संख्या में रोपवे बनाए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि पर्यटकों को बस की यात्रा से बचाया जा सके। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना धर्म स्थलों या फिर पर्यटक स्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाते हुए अधिक से अधिक पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। रामनगर में एक गेस्ट हाउस के साथ ही एक बड़ी पार्किंग के निर्माण को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये गये।
सिंगापुर नाइट सफारी की तर्ज पर कॉर्बेट पार्क में डे सफारी की योजना को अमली जामा पहनाने के लिये अधिकारियों को आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये। यह योजना है कि जेब्रा, ऑस्ट्रिच तथा जिराफ जैसे विदेशी जानवरों को भी बाहर से लाकर के यहां पर रखा जायेगा और अधिक से अधिक संख्या में पर्यटकों को यहां पर आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। भविष्य में वहां पर कैंपिंग आदि गतिविधियां भी आयोजित की जा सकेंगी।
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