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योग का चौथा अंतर्राष्ट्रीय दिवस आज दुनिया भर में मनाया गया है।  भारत में, उत्तराखंड के देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशका नेतृत्व करते हुए नियमित योगाभ्यास करने की प्रेरणा दी, जिससे हमारा तन और मन स्वस्थ और निरोग रह सके. . श्री मोदी ने कहा, योग दुनिया में सबसे बड़ी एकजुट शक्ति के रूप में उभरा है और यह सबसे बड़ा जन आंदोलन बन गया है।


प्रधान मंत्री ने कहा, योग भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है और यह लोगों को एकीकृत करता है। उन्होंने कहा, विभाजित करने के बजाय, योग एकजुट होने की बजाए, एकजुट हो जाता है, योग आत्मसात करता है और पीड़ा के बजाय, योग ठीक करता है।

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एफआरआई मैदान, देहरादून में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में योगाभ्यास किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल डाॅ.कृष्णकान्त पाल, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय राज्य आयुष मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक, आयुष मंत्री श्री हरक सिंह रावत, कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, संतों एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा योगाभ्यास किया गया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एफआरआई मैदान से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चैथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां गंगा की इस भूमि पर, जहां चारधाम स्थित हैं, जहां आदि शंकराचार्य आए, जहां स्वामी विवेकानंद कई बार आए, वहां योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना, किसी सौभाग्य से कम नहीं। उत्तराखंड तो वैसे भी अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के ये पर्वत स्वतः ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं। सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है, तो उसे एक अलग तरह की, एक दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति है, स्पंदन है, सम्मोहन है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज उगते सूर्य के साथ जैस-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा,  वहाँ-वहाँ लोग योग से सूर्य का स्वागत हो रहा है। देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहान्सबर्ग तक विश्व योगमय है। हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपता रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में, हर जीवन को समृद्ध कर रहा है। व्यक्तियों के बीच समाज के बीच देशों के बीच बिखराव को योग जोड़ने का काम करता है।

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि जब यूनाइटेड नेशन्स में योग के लिए प्रस्ताव रखा तो, यह पहला ऐसा प्रस्ताव था जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने कॉस्पान्सर किया। ये पहला ऐसा प्रस्ताव था जो जब यूनाइटेड नेशन्स के इतिहास में सबसे कम समय में स्वीकृत हुआ। आज विश्व का हर नागरिक, विश्व का हर देश योग को अपना मानने लगा है और अब हिन्दुस्तान के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी है, हम उन महान परम्परा की विरासत को संजोय हुए है। आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि हिन्दुस्तान ने फिर से एक बार योग के सामथ्र्य से दुनिया को जोड़ दिया है। योग ने दुनिया को वैलनेस का रास्ता दिखाया है। यही वजह है कि दुनिया भर में योग की स्वीकार्यता इतनी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जो लोग योग के साथ जुड़े हैं, वो नियमितता लाएं और जो अब भी योग से नहीं जुड़ पाएं हैं, वो एक बार प्रयास जरूर करें। योग के बढ़ते प्रसार ने विश्व को भारत के और भारत को विश्व के ज्यादा निकट ला दिया है। हम सभी के निरंतर प्रयासों से आज योग को दुनिया में जो स्थान मिला है, वो समय के साथ और मजबूत होगा। स्वस्थ और खुशहाल मानवता के लिए, योग के बारे में समझ को और अधिक विकसित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने योग की इस कार्ययोजना के लिए उत्तराखण्ड सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड को मिला यह हम सब के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री जी के सानिध्य में योग करने का सौभाग्य उत्तराखण्डवासियों को मिल रहा है, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखण्ड से गहरा लगाव है। संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में प्रधानमंत्री ने योग को जन-जन तक पंहुचाने का प्रस्ताव रखा। इसके परिणामस्वरूप 21 जून को विश्व भर में योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने विश्व का आहवान किया कि जब हम होलस्टिक हैल्थ केयर, क्लाइमेट चेंज, प्रकृति के साथ जुड़ने एवं बैक टू बेसिक की बात करते हैं तो इसके लिए हमें योग से जुड़ने की जरूरत है। योग हमारे पुरातन परम्परा की अमूल्य देन है। योग मन, शरीर, विचार, कर्म, संयम और उपलब्धि की एकाग्रता तथा मानव प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। योग स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम न होकर अपने आप से वह प्रकृति के साथ तादात्म्य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवनशैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन में लडने में सहायक सिद्ध हो सकता है। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को लेकर सारे देश एकजुट हो गये।
  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री  ने जब समस्त जग के कल्याण का मंत्र दिया तो दुनिया के 193 देशों ने रिकार्ड समय में इस प्रस्ताव को अपना लिया। इसके फलस्वरूप आज चैथे अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का मेजबान बनने का सौभाग्य उत्तराखण्ड को मिला। दुनिया को योग से जोड़कर प्रधानमंत्री  ने भारत का विश्व के साथ एक ऐसा नाता जोड़ दिया जिसके मूल में मानव कल्याण है।

 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में एफ.आर.आई. देहरादून मे सामूहिक योग प्रदर्शन के शानदार व सफल आयोजन के लिए प्रदेशवासियों के साथ ही सभी प्रतिभागियों व इससे जुड़ी सभी संस्थाओं व विभागों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि इस आयोजन से देहरादून व उत्तराखण्ड को अंतरराष्ट्रीय फलक पर आने का मौका मिला है। योग कार्यक्रम के प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। न केवल एफ.आर.आई. में लक्ष्य के अनुरूप लोग आए बल्कि पूरे प्रदेश मे जगह-जगह पर यहां तक कि घरों मे भी लोगों ने योग किया। योग कार्यक्रम मे प्रतिभागियों ने जिस अनुशासन व लगन का परिचय दिया वह काबिलेतारीफ है। आज के दिन देवभूमि से दुनियाभर में योग के माध्यम से शांति व सामंजस्य का महत्वपूर्ण संदेश गया है।
मुख्यमंत्री ने आयुष मंत्रालय, प्रदेश के आयुष, सूचना, पुलिस, लोनिवि, स्वास्थ्य, जिला प्रशासन सहित अन्य सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने एफ.आर.आई. के अधिकारियों का भी सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी इसी तरह के उत्साह, एकजुटता से हमें जनाकांक्षाओं के अनुसार उत्तराखण्ड को उन्नति के शिखर पर ले जाना है।

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