ऋषिकेश:
परमार्थ निकेतन में रिस्पना नदी के लिये बनी कार्ययोजना
परमार्थ निकेतन में देहरादून से बौद्ध सम्प्रदाय क आचार्य किन्ले ग्यालत्सेन, लामा नामग्या, लामा ताशी पधारे उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंटवार्ता की। साथ ही बौद्ध धर्मगुरू ड्रिकुंग चिटसंग रिमपोचे जी के द्वारा भेजे सन्देश एवं आगामी कार्ययोजनाओं के विषय में भी स्वामी से चर्चा की।
स्वामी जी महाराज ने गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन द्वारा लद्दाख में किये जा रहे वृक्षारोपण अभियान एंव संस्कृतियों के आदान-प्रदान हेतु लद्दाख की बौद्ध भिक्षुणियों को परमार्थ निकेतन में ध्यान, योग और पर्यावरण संरक्षण के विषय में प्रशिक्षित करने, प्रयाग महाकुम्भ मेला के दौरान बौद्ध ध्यान का आयोजन करने, रिस्पना के तटों पर वृक्षारोपण करने आदि अनेक भावी योजनाओं पर विचार विमर्श किया।
स्वामी जी ने बताया कि रिस्पना के तट पर वृक्षारोपण हेतु एक नर्सरी भी तैयार कि गयी है जिसमें जल शुद्ध करने वाले, जीविका प्रदान करने वाले तथा औषधियुक्त पौधों को उगाया जा रहा है जिसका रोपण रिस्पना के तटों पर किया जायेगा।
’गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक’ योजना के अन्र्तगत देहरादून, लद्दाख, ऋषिकेश में पर्यावरण और जल को स्वच्छ करने तथा लोगों को आजीविका प्रदान करने वाले पौधों के रोपण पर विस्तृत चर्चा हुई। गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण हेतु एक योजना बनायी जा रही है इस हेतु स्थानीय सभी लामा, भिक्षु, अन्य धार्मिक संगठन, जन समुदाय एवं सामाजिक संस्थाओं को प्रेरित किया जायेगा। आगामी जून माह में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में अन्तर धार्मिक धर्मगुरूओं एवं बौद्ध सम्प्रदाय के विद्वानों द्वारा देहरादून और ऋषिकेश क्षेत्र में भारी मात्रा मंे वृक्षारोपण किया जायेगा, इस पर भी मसौदा तैयार किया गया। हाल ही में एक कार्ययोजना बनायी गयी कि रिस्पना तथा देश की अन्य नदियों के तटों पर सहजन (मोरिंगा ओलिफेरा) जो अत्यंत उपयोगी पेड़ है; यह पोषक तत्वों से युक्त होने के साथ जल को भी स्वच्छ करता है का रोपण किया जायेगा।
गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक प्र्रोजेक्ट की स्थापना का श्रेय देहरादून में 37 वें ड्राइकुंग कायबाॅन चेटसंग जी को जाता है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य हिमालयी संस्कृतियों को पुनर्जीवित करना तथा हिमालयी संस्कृति एवं पर्यावरण की रक्षा करना है। गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक प्रोजेक्ट मिलकर इस योजना को पूरे भारत के विस्तर देंगे।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा में बदलने का एक स्वप्न देखा है, उस स्वप्न को सकार करने के लिये आगामी मानसून में 1000 से अधिक लामा, अनेक विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी, सामाजिक संस्थायें, धार्मिक संस्थायें, सेना और सरकार मिलकर देहरादून की जीवनरेखा रिस्पना के तट पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान चलायेंगे। उन्होने सभी से आह्वान किया कि ’रिस्पना स्वच्छता और सौन्दर्यीकरण’ अभियान में सहयोग करे। स्वामी जी ने बताया इस कार्य योजना में गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, लामा, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध धर्म के अनुयायी, मेक इन डिफरेंस के अभिजय नेगी, पूर्व कर्नल श्री राणा एवं अन्य संस्थायें मिलकर कार्य करेगीं।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि ’नदियों की स्वच्छता के लिये हम सब को एकजुट होना होगा। अपना सपना, सुन्दर रिस्पना, ’’रिस्पना बनें ऋषिपर्णा’’। उन्होने कहा कि नदियां बिना किसी भेदभाव के, बिना चाह के सबके लिये सदैव बहती है अतः हम सभी को इस अभियान में मिलकर कार्य करना होगा ताकि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ जल और सुरक्षित भविष्य मिल सके। स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति प्रदत्त ये जलाशय, झरने और नदियां हमारे लिये ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमुल्य वरदान है। नदियांें ने हमें संस्कृति, सभ्यता, जीवन और जीविका प्रदान की है अब उन नदियों के लिये कार्य करने का समय है।’
इस अवसर पर स्वामी . महाराज ने नदियों के लिये सतत कार्य करने का संकल्प कराया। उन्होने बौद्ध सम्प्रदाय के विद्वानों को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया तथा विश्व स्तर पर स्वच्छ जल एवं स्वच्छता की उपलब्धता के लिये वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
परमार्थ निकेतन में रिस्पना नदी के लिये बनी कार्ययोजना
परमार्थ निकेतन में देहरादून से बौद्ध सम्प्रदाय क आचार्य किन्ले ग्यालत्सेन, लामा नामग्या, लामा ताशी पधारे उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंटवार्ता की। साथ ही बौद्ध धर्मगुरू ड्रिकुंग चिटसंग रिमपोचे जी के द्वारा भेजे सन्देश एवं आगामी कार्ययोजनाओं के विषय में भी स्वामी से चर्चा की।
स्वामी जी महाराज ने गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन द्वारा लद्दाख में किये जा रहे वृक्षारोपण अभियान एंव संस्कृतियों के आदान-प्रदान हेतु लद्दाख की बौद्ध भिक्षुणियों को परमार्थ निकेतन में ध्यान, योग और पर्यावरण संरक्षण के विषय में प्रशिक्षित करने, प्रयाग महाकुम्भ मेला के दौरान बौद्ध ध्यान का आयोजन करने, रिस्पना के तटों पर वृक्षारोपण करने आदि अनेक भावी योजनाओं पर विचार विमर्श किया।
स्वामी जी ने बताया कि रिस्पना के तट पर वृक्षारोपण हेतु एक नर्सरी भी तैयार कि गयी है जिसमें जल शुद्ध करने वाले, जीविका प्रदान करने वाले तथा औषधियुक्त पौधों को उगाया जा रहा है जिसका रोपण रिस्पना के तटों पर किया जायेगा।
’गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक’ योजना के अन्र्तगत देहरादून, लद्दाख, ऋषिकेश में पर्यावरण और जल को स्वच्छ करने तथा लोगों को आजीविका प्रदान करने वाले पौधों के रोपण पर विस्तृत चर्चा हुई। गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा के दोनों तटों पर वृक्षारोपण हेतु एक योजना बनायी जा रही है इस हेतु स्थानीय सभी लामा, भिक्षु, अन्य धार्मिक संगठन, जन समुदाय एवं सामाजिक संस्थाओं को प्रेरित किया जायेगा। आगामी जून माह में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में अन्तर धार्मिक धर्मगुरूओं एवं बौद्ध सम्प्रदाय के विद्वानों द्वारा देहरादून और ऋषिकेश क्षेत्र में भारी मात्रा मंे वृक्षारोपण किया जायेगा, इस पर भी मसौदा तैयार किया गया। हाल ही में एक कार्ययोजना बनायी गयी कि रिस्पना तथा देश की अन्य नदियों के तटों पर सहजन (मोरिंगा ओलिफेरा) जो अत्यंत उपयोगी पेड़ है; यह पोषक तत्वों से युक्त होने के साथ जल को भी स्वच्छ करता है का रोपण किया जायेगा।
गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक प्र्रोजेक्ट की स्थापना का श्रेय देहरादून में 37 वें ड्राइकुंग कायबाॅन चेटसंग जी को जाता है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य हिमालयी संस्कृतियों को पुनर्जीवित करना तथा हिमालयी संस्कृति एवं पर्यावरण की रक्षा करना है। गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक प्रोजेक्ट मिलकर इस योजना को पूरे भारत के विस्तर देंगे।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा में बदलने का एक स्वप्न देखा है, उस स्वप्न को सकार करने के लिये आगामी मानसून में 1000 से अधिक लामा, अनेक विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी, सामाजिक संस्थायें, धार्मिक संस्थायें, सेना और सरकार मिलकर देहरादून की जीवनरेखा रिस्पना के तट पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान चलायेंगे। उन्होने सभी से आह्वान किया कि ’रिस्पना स्वच्छता और सौन्दर्यीकरण’ अभियान में सहयोग करे। स्वामी जी ने बताया इस कार्य योजना में गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, लामा, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध धर्म के अनुयायी, मेक इन डिफरेंस के अभिजय नेगी, पूर्व कर्नल श्री राणा एवं अन्य संस्थायें मिलकर कार्य करेगीं।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि ’नदियों की स्वच्छता के लिये हम सब को एकजुट होना होगा। अपना सपना, सुन्दर रिस्पना, ’’रिस्पना बनें ऋषिपर्णा’’। उन्होने कहा कि नदियां बिना किसी भेदभाव के, बिना चाह के सबके लिये सदैव बहती है अतः हम सभी को इस अभियान में मिलकर कार्य करना होगा ताकि भावी पीढ़ियों को स्वच्छ जल और सुरक्षित भविष्य मिल सके। स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति प्रदत्त ये जलाशय, झरने और नदियां हमारे लिये ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमुल्य वरदान है। नदियांें ने हमें संस्कृति, सभ्यता, जीवन और जीविका प्रदान की है अब उन नदियों के लिये कार्य करने का समय है।’
इस अवसर पर स्वामी . महाराज ने नदियों के लिये सतत कार्य करने का संकल्प कराया। उन्होने बौद्ध सम्प्रदाय के विद्वानों को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया तथा विश्व स्तर पर स्वच्छ जल एवं स्वच्छता की उपलब्धता के लिये वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
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