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  • सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग एवं प्रशासक, उत्तराखण्ड शुगर्स श्री दिलीप जावलकर ने सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होने निर्देश दिये----




अच्छी गुणवत्ता के गन्ना पैदावार मे वृद्धि हेतु माइक्रो मैनेजमेंट का प्रयोग 


चीनी मिलों के आधुनिकरण के फलस्वरूप कर्मियों की होगी छंटनी


चीनी मिलें केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिये गये ,निर्देशों का अनुपालन करें


 बाजपुर, नादेही, सितारगंज, किच्छा एवं डोईवाला मिलों के पास उपलब्ध भूमि पर अक्षय ऊर्जा प्लांट लगाने का प्रस्ताव 


बकाया धनराशि का भुगतान किए जाने हेतु रु 110 करोड़ की धनराशि में से 50 करोड़ की धनराशि


सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग एवं प्रशासक, उत्तराखण्ड शुगर्स श्री दिलीप जावलकर ने सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की।उन्होने निर्देश दिये कि गन्ना सर्वे जी0पी0एस0 पद्धति से कराया जाए। चीनी मिले सम्बंधित गन्ना समितियांे ंके साथ समन्वय स्थापित करते हुए गन्ना किसानों को बीज बदलाव कार्यक्रम एवं गन्ना पैदावार मे वृद्धि किए जाने हेतु माइक्रो मैनेजमैन्ट कर अच्छी गुणवत्ता के गन्ने की बुवाई करायी जाये।


उन्होने बैठक में चीनी मिलों के आधुनिकरण किए जाने पर बल दिया जिससे चीनी मिलों के कन्वर्जन लागत में कमी आयेगी। उन्होने कहा कि चीनी मिलों के आधुनिकीकरण किए जाने के उपरान्त विस्तृत डी0पी0आर0 तैयार किया जाए।


उन्होने कहा कि डी0पी0आर0 तैयार करते समय इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि मिलों के आधुनिकीकरण के फलस्वरूप मिल को कितने कार्मिकों की आवश्यकता होगी तथा कितने कार्मिकों को कम किया जा सकता है, एवं आधुनिकीकरण के फलस्वरूप कितनी कन्वर्जन लागत आएगी।


केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चीनी मिलों को दिये गये निर्देशों के क्रम बैठक में सभी प्रधान प्रबन्धक/अधीशासी निदेशकों द्वारा मिल स्तर पर पूर्ण किये गये एवं गतिमान कार्यों से सचिव,  जावलकर को अवगत कराया गया। इस सम्बंध में श्री जावलकर ने निर्देश दिये कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन यथासमय सुनिश्चित किया जाए तथा 15 दिन के जल उत्प्रवाह को संचित किये जाने हेतु लैगून का निर्माण मनरेगा के माध्यम से कराये जाने का प्रयास किया जाए।


उन्होने समस्त प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों को निर्देश दिये कि चीनी मिलों के आकस्मिक निरीक्षण के अवसर पर मिल स्तर पर आयोजित गोष्ठियों, गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम एवं चीनी मिलों के कार्यक्रलापों का निरीक्षण किया जाए तथा सभी अभिलेखों की भी जांच की जाए।



सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड सहकारी चीनी मिल संघ के अधीन संचालित चीनी मिल गदरपुर उधमसिंह नगर को शासन द्वारा बंद किया जा चुका है। उक्त मिल के पास 44.7080 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है।


उक्त भूमि के अतिरिक्त अन्य चीनी मिलों क्रमशः बाजपुर, नादेही, सितारगंज, किच्छा एवं डोईवाला के पास भी कुछ भूमि उपलब्ध है, जिस पर भी अक्षय ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जाने के संबंध में उक्त चीनी मिलों का स्थलीय निरीक्षण कराते हुए अक्षय ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जाने के संबंध में व्यावहारिकता रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश निदेशक, उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) को दिये गये हैं।



सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि दिनांक 6 सितम्बर, 2017 को मा0 मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया था कि राज्य के सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के गन्ना किसानों की बकाया धनराशि का भुगतान किए जाने हेतु रु 110 करोड़ की धनराशि में से 50 करोड़ की धनराशि राज्य सरकार द्वारा गन्ना आयुक्त को इस आश्य से जारी की गई है कि 1 सप्ताह के अंदर किसानों का बकाया राशि का भुगतान करना सुनिश्चित करें।

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