Halloween party ideas 2015
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The Met Gala, the benefit event for the Metropolitan Museum of Art's Costume Institute, is considered the highlight of New York's social calendar, attracting fashion designers and stars from around the world.


It is known for its expensive tickets, exclusive guest list, and extravagant outfits that are based around a different theme each year.

This year, the theme was Heavenly Bodies: Fashion and the Catholic Imagination, which showcases how Catholicism has influenced fashion throughout history.


Celebrities hit the red carpet on Monday night, sporting papal-inspired gowns, chainmail costumes reminiscent of the Crusades and in singer Katy Perry's case - oversized angel wings.
From BBC



एस०जे०वी०एन० के संयोजन में रीच द्वारा आयोजित पांच दिवसीय थिएटर फेस्ट में आज पांचवे दिन दर्शकों ने ए०एन०एम०घोष ऑडिटोरियम में कोरस रेपेट्री ग्रुप द्वारा प्रस्तुत शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक 'मैकबेथ' का आनंद लिया ।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि. अरविन्द पाण्डेय शिक्षा मंत्री उत्तराखंड ,.प्रमोद कुमार गुप्ता (चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स) एवं . आर०एन० मिश्रा जी रहे।

    मैकबेथ एक बहुत ही खतरनाक महामारी का नाम है ।जिसके प्रमुख लक्षण घमंड , असंख्य इच्छाऍ, झगड़ालू प्रवृत्ति आदि है। इस बीमारी का निदान बहुत मुश्किल है क्योंकि यह बीमारी दिखाई नहीं देती बल्कि किसी के अंदर घर कर लेती है और उस व्यक्ति को दूषित कर देती है। यह बीमारी किसी के अंदर धीरे धीरे पनपती है फिर उसे घृणा और साजिश के लिए उकसाती है।जिस दिन यह बीमारी सबके अंदर घर कर लेगी उस दिन सम्पूर्ण मानव जाति को बर्बाद कर देगी। इस बीमारी के उन्मूलन का तरीका साहित्य , कला , विज्ञान एवं ईश्वर को प्रत्येक व्यक्ति के अंदर पहुंचाना है ।

  मैकबेथ ईश्वर की विशेष रचना मनुष्य के कुरुप रूप को दर्शाता है।

 रतन थियम जी ने इसमें ज्यादा से ज्यादा वास्तविक शब्दों का प्रयोग किया यहाँ तक जो मैनपुरी भाषा नहीं जानते वो भी शेक्सपियर को जान सकते हैं।

   मैकबेथ किसी एक कि कहानी नहीं है बल्कि उस बिमारी का नाम है जो समकालीन दुनिया में तेजी से फैल रही है।

  इसके चरित्र मौखिक बात नही करते बल्कि इशारों का प्रयोग करते हैं। यह कहानी मैकबेथ के जिंदगी से बढ़कर छवि के निराकरण के साथ समाप्त होता है। वह उस संक्रमित बूढ़े की तरह है जो मुस्कुराते हुए सर्जिकल मास्क पहन कर खुद को झाड़ू से साफ करता है ।

  इसी के साथ पांच दिवसीय थिएटर फेस्ट आज समाप्त हो गया।




देहरादून:


एस०जे०वी०एन० के संयोजन में रीच द्वारा आयोजित पांच दिवसीय थिएटर फेस्ट में आज तीसरे दिन आज अंक ग्रुप ने अपने सबसे पुराने नाटक 'हाय मेरा दिल ' का मंचन ए०एम०एन घोष ऑडिटोरियम में किया । यह नाटक इतिहास में सबसे ज्यादा समय चलने वाले नाटकों में से एक है। इस नाटक के अबतक 1067 शो हो चुके हैं।

 इस नाटक में मदन एक कुशल गृहणी से शादी करके अच्छी जिंदगी  बिता   रहे होता है लेकिन अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता है कई डॉक्टर से मिलता है अनेक जांच कराता है। जांच के बाद एक दिन मदन अचानक ही डॉक्टर को ये कहते सुनता है कि इसके पास कुछ ही सप्ताह बाकी हैं।

 यह सुन मदन साहस दिखाते हुए आने वाली आपदा का सामना करने की तैयारी करता है ।उसकी सबसे पहली फिकर अपनी पत्नी के लिए होती है। इसके लिए मदन अपने एक शराबी वकील दोस्त की मदद लेता है। मदन तीन समाधि के लिए जगह लेना चाहता है। जिसमे से एक समाधी अपने लिए दूसरी अपनी बीवी के लिए ओर तीसरी अपनी पत्नी के दूसरे पति के लिए।वह अपनी पत्नी की दूसरी शादी अपने कॉलेज के दोस्त मोहन से करने की तैयारी करता है। वह ऐसा इसलिए नही करता की वह मोहन को पसंद करता है बल्कि इसलिए कि भिखारियो के पास कोई पसंद नही होती उनके पास सिर्फ वह होता जो हम उन्हें देते है।

 दर्शकों ने इस हास्य नाटक का जमकर आनंद लिया। नाटक के प्रमुख कलाकार प्रीता ठाकुर , अमन गुप्ता , अतुल माथुर, एस०सी०मखीजा , शंकर अय्यर , आशीष सलीम अजीत सावंत और शिल्पा चक्रवर्ती हैं।

 थिएटर फेस्ट में कल रतन थियम के कोरस रेपेट्री थिएटर ग्रुप के प्रसिद्ध नाटक 'उरुभंगम' का मंचन होगा।


 राजस्थान में अब क्षत्राणियां सामने आईं।  उन्होंने कहा ." संजय लीला भंसाली आग से खेलने की कोशिश नहीं करें"।


10 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें विवादित फिल्म पद्मावती पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट का कहना रहा कि अभी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट नहीं दिया
है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता। अब फिल्म के समर्थक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विरोधियों को झटका बता रहे हैं, जबकि देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट को फिल्म पर कोई फैसला करना ही नहीं था, क्योंकि हमारी
सनातन संस्कृति का अपमान करने वाली इस फिल्म को रोकने की जिम्मेदारी सेंसर बोर्ड की है और सब जानते है कि देश का सेंसर बोर्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के अधीन काम करता है।

भले ही सेंसर बोर्ड को स्वतंत्र माना जाता हो, लेकिन सब जानते हैं कि सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केन्द्र सरकार अपने नजरिए से करती है। ऐसा नहीं हो सकता कि सेंसर बोर्ड मोदी और वसुंधरा सरकार का नजरिया नहीं समझे।


कांग्रेस के शासन में भाजपा के नेताओं ने कई बार आरोप लगाया कि सेंसर बोर्ड में वामपंथी विचार धारा के लोग बैठे हैं, जिन्हें हमारी सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाने में मजा आता है। इसलिए अब सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग चाहते हैं कि मोदी और वसुंधरा की सरकार पद्मावती फिल्म पर दो टूक फैसला लें। सरकार चाहे तो फिल्म की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन भी कर सकती है, जब देश का आम व्यक्ति यह मान रहा है कि यह फिल्म लोगों की भावनाओं के खिलाफ है तो सरकार को ऐसी फिल्म रिलीज होने पर रोक लगा देनी चाहिए।


क्षत्राणियां सामने आईंः


10 नवम्बर को जयपुर में राजपूत समाज की महिलाओं ने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि अपने सम्मान के खातिर चित्तौड़ की महारानी पद्मावती ने 16 हजार स्त्रियों के साथ जौहर किया था और अब पद्मावती फिल्म के विरोध में 32 हजार क्षत्राणियां सड़कों पर आजाएंगी।


सरकार को सम्पूर्ण हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
इसके साथ ही पद्मावती के एक वंशज का कहना रहा कि सवाल किसी प्रेम प्रसंग का नहीं है। सवाल राजपूत संस्कृति की मर्यादाओं का है। संजय लीला भंसाली ने फिल्म के एक नृत्य का जो प्रसारण किया है वह पूरी तरह राजपूत संस्कृति के विरुद्ध है। किसी भी राजपरिवार की महिला इस तरह नृत्य नहीं करती है। जिस रानी ने 16 हजार स्त्रियों के साथ अग्निकुंड में कूद कर जान दे दी, उस रानी को नृत्य करते हुए दिखाया जाना बेहद ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भंसाली ने फिल्म बनाने से पहले हमारे परिवार से कोई अनुमति नहीं ली।


हमारी अनुमति के बगैर ही हमारे किसी परिवार के सदस्य पर फिल्म बनाना गैर कानूनी काम है। आग से ना खेले भंसालीः निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फिल्म का जो ट्रेलर और एक घूमर नृत्य जारी किया है उसको लेकर भी राजस्थान सहित देशभर में विरोध हो रहा है। भंसाली ने यह कहा है कि इस फिल्म में अल्लाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रेम प्रसंग का कोई दृश्य नहीं है। लेकिन पूरा देश देख रहा है कि पद्मावती के बलिदान की ख्याति को भंसाली ने कमाई का जरिया बनाया है।


इसलिए भंसाली और इस फिल्म का जगह-जगह विरोध हो रहा है। भंसाली को स्वयं चाहिए कि वह एक दिसम्बर को फिल्म के रिलीज को टाल दें। वैसे माना यही जा रहा है कि सेंसर बोर्ड गुजरात चुनाव से पहले सर्टिफिकेट नहीं देगा।

मुंबई:

सुशांत सिंह राजपूत के साथ  लीड रोल में सारा खान जल्द ही फिल्म केदारनाथ में नज़र आएँगी।

सैफ अली खान और अमृता की बेटी सारा खान गजब की सुन्दर होने के साथ साथ काफी एक्टिव भी है। जिम और मार्किट से लेकर ट्रैवेलिंग तक में किताबों से उनका साथ नहीं छूटता। पढ़ने की शौक़ीन सारा खान अभिषेक कपूर के निर्देशन में बानी फिल्म केदारनाथ की फर्स्ट शेडूयल की शूटिंग पूरी कर मुंबई लौट आयी है ।

उनका नाम बॉलीवुड के पॉपुलर स्टार किड्स में भी शामिल है। फिलहाल कुछ कारणों से फिल्म की शूटिंग को कुछ वक्त के लिए रोक दिया गया है। इसके साथ ही अब फिल्म की रिलीज डेट को भी आगे खिसका दिया गया है । फिल्म अगले साल रिलीज़ होगी ।

Shri Anupam Kher, veteran cine star, has been appointed as Chairman of Film and Television Institute of India (FTII), Pune.  Shri Kher succeeds Shri Gajendra Chauhan.



Shri Kher who has appeared in over 500 films is a recipient of the Padma Shri in 2004 and the Padma Bhushan in 2016 for his contribution in the field of cinema and arts.


The veteran star has won many national and international awards including the ‘Filmfare Award for Best Performance in a Comic Role’ five times. He has appeared in acclaimed international films such as the 2002 Golden Globe nominated Bend It Like Beckham, 2007 Golden Lion award-winning Lust, Caution and 2013 Oscar-winning Silver Linings Playbook. He has appeared in more than 100 plays and has also authored the book ‘The Best Thing about You Is You’.


Earlier he served as the Chairman of the Central Board of Film Certification (CBFC) and was the Director of National School of Drama from 2001 to 2004. He is also an alumnus of National School of Drama (1978 batch).


  FTII is an autonomous body under the Ministry of Information and Broadcasting and is regarded as a center of excellence across the world. Films made by FTII’s students have enjoyed excellent receptions in festivals in India and abroad and have won National and International awards.


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