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 18 फरवरी से हो रहे विधानसभा सत्र पर विशेष टिप्पणी

 डॉ मुरलीधर सिंह शास्त्री अधिवक्ता मा उच्च न्यायालय एवं भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता 

लखनऊ;





उत्तर प्रदेश विधानसभा का 18 फरवरी से बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है या बजट सत्र वर्ष का पहला सत्र है इस सत्र में सरकार द्वारा बजट पेश किया जाएगा तथा अपने 11 दिवस के कार्यों में पारित किया जाएगा जो चर्चित बिंदु है वह विकास के अलावा विधानसभा चुनाव और कुंभ के विषय पर विशेष चर्चा होगी 

सरकार द्वारा विगत विधानसभा सत्र में प्रेषित नजूल संबंधी विधेयक  विधान परिषद की प्रब प्रवर समिति मैं लंबित है

 विधानसभा को अधिकार है कि दोबारा पास करके उसको अधिनियम बनl सकती है 

इससे सरकार को बड़े-बड़े शहर जैसे अयोध्या वाराणसी प्रयागराज आगरा कानपुर बरेली झांसी सहारनपुर आज क्षेत्र में सरकारी काम के लिए प्रत्येक जनपद में 100 से 150 एकड़ की जमीन प्राप्त होगी

 जिस पर सरकारी भवन या कार्यालय या अन्य प्रकल्प बनाया जा सकते हैं

 उत्तराखंड की सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड 26 जनवरी से लागू कर दिया है

 उत्तराखंड सरकार उत्तर प्रदेश का एक युवा  लड़का है लड़का जब एक काम कर लिया है 

तो माता-पिता उत्तर प्रदेश की सरकार को जो हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हिंदुत्व के प्रखर राष्ट्रवादी योगी आदित्यनाथ जी हैं जो हमारे गुरुदेव भी हैं

 उनको तत्काल यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट लागू कर 

एक हिंदुस्तान में संदेश देना चाहिए और

 मैं उत्तराखंड के यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट को देखा है उसे कोड को भी थोड़ा सा मोडिफाइड का लागू कर दिया जाता है

तो कोई संवैधानिक दृष्टि से भी उचित होगा 

साथ ही या धार्मिक राज्य है यहां आबकारी की दुकानों को गुजरात एवं बिहार के तर्ज पर बंद करने के लिए काम करना चाहिए 

क्योंकि योगी जी एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो एक सिद्ध पीठ के महंत भी हैं और गेरुआ वस्त्र धारी भी है

 ऐसे में यह काम  होना एक कलश संदेश जाएगा 

और कुंभ मेला के संबंध में जहां तक कहना है जब भीड़ होती है तो छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं 

इस सरकार को आम जन् मश को विचलित नहीं होना चाहिए

 प्रभु के हाथ में जीवन मरण यस अप्यास निहित है 

आगे सरकार को  गति से कार्य करना चाहिए तथा

 मुख्य निकायों जैसे विधानसभा विधान परिषद संसदीय कार्य के प्रमुख पदों पर वर्षों से रिटायर अधिकारी रखे गए हैं

 उनको भी 28 फरवरी25 के बाद  कार्यकाल नहीं बढ़ना चाहिए 

नए लोगों को न्यायिक अधिकारियों को मौका देना चाहिए 

और जो अग्रिम आदेश तक की पत्रावलियां लंबित हैं 

उसे पर भी निर्णय लिया जाना चाहिए

 

 डॉक्टर मुरलीधर सिंह शास्त्री अधिवक्ता मान्य उच्च न्यायालय एवं भारतीय जनता पार्टी का एक सक्रिय कार्यकर्ता 

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