आसमा सा है जिसका विस्तार,
चाँद तारों सा जो सजाए घर संसार।
धरती सी सहनशीलता है जिसमें,नारी से ही ये संसार
आज 8 मार्च यानि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस,आज के दिन हम महिलाओं के हर क्षेत्र में असाधारण योगदान को नमन करते हुए उनको विशेष तौर से एक बड़े स्तर पर बधाई देते हैं,महिला जो एक माँ,बहिन,पत्नी ,बेटी,चाची, ताई, ,नानी,मौसी,मामी,सास,साली,बहू,दोस्त,शिक्षक आदि के रूप में हमे सदैव अपने स्नेह,सहयोग,सम्मान से ऊँचा उठानी है, हमे जीवन जीने की दिशा देती है,माँ के रूप में हमारी जन्मदाता,जीवन के सुख दुःख को बाँटने के लिए पत्नी रूप में,सदैव हमें शक्ति देती है।आज महिला हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में है राजनीति, कला,वॉलीवुड,संगीत,गायन,,साहित्य,विज्ञान,चिकित्सा,सेना,वाणिज्य,जल,थल,नभ,खेल,शिक्षा,पत्रकारिता,पायलट,प्रशासनिक सेवा,पुलिस,पर्वतारोहण,अंतरिक्ष यात्रा,समुद्र यात्रा आदि हर क्षेत्र में महिलाओ ने एक विशेष स्थान प्राप्त किया है,अपनी उपलब्धि से महिलाओं ने स्वयं के साथ साथ अपने परिवार,अपने क्षेत्र,समाज,राज्य,देश को गौरवान्वित किया है,सदैव हर किसी को आगे बढ़ने का हौसला देने वाली मातृ शक्ति को कोटि कोटि कोटि नमन, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक बधाई।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक मज़दूर आंदोलन से उपजा है,इसका बीजारोपण साल 1908 में हुआ था।
आज हम महिलाओं की उपलब्धि की बात पर तो गौरवान्वित होकर खूब बात करते हैं,महिलाओं को बराबरी के अधिकार की बात करते हैं,लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि यदि हमारे समाज में कोई महिला विधवा हो तो उसे हेय की दृष्टि से देखा जाता है,कई लोग उसे उपभोग की वस्तु समझते हैं,आज के आधुनिक समय में ही महिलाओं के लिए टँच माल और जुगाड़,कुल्टा, डायन जैसे घटिया शब्द कहे जाते हैं ,जबकि हमारे पूर्वजों ने तो हमे नही ये सब सिखाया,जो कि कम पढ़े लिखे थे,तो क्या आधुनिकता दिखाने के चक्कर में हम अपनी शिक्षा,संस्कृति भूलते जा रहे हैं?कई लोग महिलाओं को सिर्फ भोगने और इस्तेमाल करने की वस्तु समझते हैं, यही कारण है कि समाज में आज बढ़ते बलात्कार,महिलाओं से छेड़खानी,महिला उत्पीड़न,दहेज के लिए पड़ताडित करना आदि घटनाओं में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है,जो कि बेहद चिंताजनक है।साथ ही एक बात और आज की पीढ़ी में या आज के दौर में दिख रहा है जिसे कि कम से कम हमारी भारतीय संस्कृति तो नही ही स्वीकार करती है,वो है लिव इन रिलेशन,या धारा 497 यानि शादी के बाहर सम्बन्ध,या,पति, पत्नी किसी अन्य से सैक्स सम्बन्ध,ये सब बातें पाश्चात्य संस्कृति में देखने सुनने को मिलती थी लेकिन आज हमारे देश के महानगरों समेत कई छोटे शहरों और यहाँ तक कि गॉवों में भी देखने सुनने को मिलते हैं,जो कि बेहद दुःखद है, इस तरह के सम्बन्धो से परिवार उजड़ेगा,टूटेगा,,बिखरेगा ही,अतः सभी लोग अपने परिवार को उजड़ने से रोकने के लिए इस तरह के आधुनिक भी न बने,आज कई महिलाएं वॉलीवुड एक्ट्रेस की तरह शराब,सिगरेट,ड्रग्स जैसे नशे की आदी हो रही हैं जो कि उन्ही के शरीर को खोखला करके उनके जीवन को समाप्ति की तरफ ले जा रहा है,आप एक देवी हो उसी के अनुरूप आचरण रहे तो आप सदैव ही पूजी जायेगी, क्योंकि हमारे देश में स्त्री को देवी का रूप माना जाता है, केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा हाल ही में संसद और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण वाला बिल विशेष संसद सत्र बुलाकर लाया है,यानि आने वाले समय में देश की संसद एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की बड़ी भागीदारी सुनिश्चित होगी, उत्तराखंड में बी सी खंडूरी सरकार ने पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देकर एक नई पहल शुरू की थी,महिलाएं सेना में पिछले कुछ सालों से पूर्णकालिक कमीशन भी प्राप्त कर रही है,महिला दिवस के अवसर पर पुनः सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई,आप सदैव हम सबको एक नई राह,ऊर्जा और हौसला देते रहे और अत्याचार से लड़ने के लिए आप दुर्गा से काली रूप पर आ जाये,सदैव अपने परिवार के साथ साथ समाज को एक नई दिशा दे, घर परिवार व देश समाज की रीढ़,घर के चूल्हे चौके से लेकर देश दुनिया में महत्वपूर्ण ओहदों को सुशोभित करने वाली सभी मातृशक्ति के स्वस्थ शरीर और दीर्घायु की कामना के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च की पुनः देश दुनिया की सभी महिलाओं हार्दिक शुभकामनाएं।
यत्र नारी पूज्यन्ते,रमन्ते तत्र देवता।
जय माता की।
शुभकामनाओं सहित
चन्द्रशेखर पैन्यूली।
प्रधान,लिखवार गॉव
मीडिया प्रभारी प्रतापनगर प्रधान संगठन/जिला सचिव प्रधान संघ टिहरी गढ़वाल।
मंडल उपाध्यक्ष भाजपा
प्रतापनगर, टिहरी गढ़वाल।
उत्तराखंड।
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