मिल बन्दी की तृतीय / अन्तिम सूचना
डोईवाला;
पहली बार शुगर में डोईवाला का पेराई सत्र मार्च के पहले सप्ताह में ही सिमट रहा है। इसे गन्ने के क्षेत्रफल के कम होते चले जाना कहें या बढ़ते हुए शहरीकरण की तरफ कदम। बरहाल उत्तराखंड राजधानी की एकमात्र सरकारी चीनी मिल पर संकट केबादल छाने की शुरुआत हो चुकी है।
अब तक अप्रैल तक चलने वाली चीनी मिल को गन्ना उपलब्ध न होने के कारण अधिशासी अधिकारी द्वारा निम्न सूचना कृषकों को जारी की गई है--
शुगर कम्पनी लिमिटेड, डोईवाला (देहरादून) को गन्ना आपूर्ति करने वाले सम्मानित कृषक बन्धुओं एवं सर्व सम्बन्धित को सूचित किया जाता है कि आयुक्त, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग उत्तराखण्ड द्वारा वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 हेतु इस चीनी मिल को मिल गेट के अतिरिक्त 54 वाहय गन्ना क्रय केन्द्र सुरक्षित / अभ्यर्पित किये गये थे। जिसके क्रम में जनपद - देहरादून की डोईवाला समिति के 5, देहरादून समिति के 20 जनपद - हरिद्वार की ज्वालापुर समिति के 6, इकबालपुर ( रूड़की) समिति के 20, लक्सर समिति का 1 व हिमाचल प्रदेश की पांवटा समिति के 2 गन्ना क्रय केन्द्रों को संचालित किया गया था।
मुख्य गन्ना प्रबन्धक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 04.03.2024 में अवगत कराया गया है कि उपरोक्त समस्त क्रय केन्द्रों से सम्पूर्ण गन्ना क्रय करने के उपरान्त इकबालपुर ( रूड़की) समिति के 20, ज्वालापुर समिति के 06, लक्सर समिति का 01, देहरादून समिति के 20 तथा डोईवाला समिति के 05 वाहय गन्ना क्रय केन्द्रों को बन्द कर दिया गया है ।
विगत कई दिनों से मिल गेट को फ्री करने के पश्चात् भी मिल को प्रतिदिन पेराई योग्य पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे स्पष्ट है कि अधिकांश कृषकों के पास गन्ना उपलब्ध नहीं है तथा क्षेत्र बहुत कम मात्रा में गन्ना अवशेष है जिसको मिल हित में अतिशीघ्र आपूर्ति करवाना आवश्यक है। अनुमान है कि संचालित मिल गेट पर उपलब्ध अवशेष गन्ने की पेराई चीनी मिल दिनांक 06.03.2024 तक पूर्ण कर लेगी।
अतः मिल प्रशासन द्वारा सभी कृषक बन्धुओं से अनुरोध है किया गया है कि उनके पास चीनी मिल को आपूर्ति योग्य जो गन्ना उपलब्ध है, उसकी आपूर्ति चीनी मिल को दिनांक 06.03.2024 तक अनिवार्य रूप से करने का कष्ट करें। दिनांक 06.03.2024 के उपरान्त चीनी मिल को पेराई सत्र 2023-24 हेत अन्तिम रूप से बन्द कर दिया जायेगा ।
हांलाकि मिल बन्दी की सूचना जल्द आने पर कुछ किसानों में रोष है, उन्होंने कहा है कि मिल को जल्दी बन्द किया जा रहा है जबकि गन्ना अभी खेतोँ में पड़ा है।समिति मिल को एनओसी देने पर सहमत नहीहै।
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