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देहरादून: 

 27 अप्रैल को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व सभी तैयारियां पूरी कर दी गयी हैं। आज योग बदरी पांडुकेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी तथा गाडू घड़ा तेल कलश श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गया है।

                                           shri badri dhaam before open kapaat


shri kedarnath dhaam after open kapaat
 

श्री केदारनाथ धाम के कपाट विगत 25 अप्रैल को खुल गये हैं। इस वर्ष भारी बर्फवारी के चलते विषम परिस्थितियों में  शासन -प्रशासन तथा श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के प्रयासों से केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ खोले गये। पहले ही दिन साढ़े अठ्ठारह हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने सुगमतापूर्वक दर्शन किये हैं। 


श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस बार धाम में

मौसम के कारण परिस्थितियां लगातार विकट बनी हुई हैं। रुक- रुक कर बारिश व बर्फबारी जारी है। इसके बावजूद यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों व मजदूरों ने पूरी तत्परता के साथ पैदल मार्ग को खोलने से लेकर, बिजली - पानी, स्वास्थ्य, आवास, संचार आदि सुविधाओं को जुटाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। 

अजेंद्र ने बताया कि दानीदाताओं के सहयोग से श्री केदारनाथ मंदिर को 30 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलने से दो दिन पूर्व पैदल मार्ग ग्लेशियर टूटने से बाधित होने के कारण फूलों को केदारनाथ पहुंचाना बड़ी चुनौती बन गई थी। मगर तमाम चुनौतियों के बावजूद मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया था।

उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि की सफाई व्यवस्था को लेकर खड़े किए गए विवाद को अनावश्यक बताया। उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा करने से पूर्व वहां की परिस्थितियों को समझना जरूरी है। शंकराचार्य निर्वाण स्थल के बेसमेंट में कई कई फूट बर्फ जमा थी। वहां से बर्फ और पानी को ऊपर निकालने में मंदिर समिति व लोक निर्माण विभाग के मजदूरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ऐसी परिस्थितियों में समाधि के श्रृंगार में  समय लगा। मगर यह कहना कि आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि की उपेक्षा हुई यह गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसा विवाद खड़ा करने वाले  केदारनाथ धाम की विकट परिस्थितियों में काम कर रहे विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रशंसा में दो शब्द बोल देते तो उन कार्मिकों का मनोबल भी बढ़ता। 


उन्होंने यह भी कहा कि धामों में दर्शनों व पूजा- अर्चना के लिए आने वाले सभी साधु-संतों का हमेशा पूर्ण श्रद्धा के साथ सम्मान करती है। सभी संतों के प्रति समभाव रहता है। केदारनाथ में कपाट खुलने के समय अनेक वरिष्ठ संत उपस्थित थे। सभी को आदरपूर्वक दर्शन कराए गए। किसी को भी प्रोटोकॉल देने और नहीं देना जैसा कोई विषय नहीं है।


आज केदारनाथ धाम से बदरीनाथ धाम पहुंचे मंदिर समिति अध्यक्ष  अजेंद्र ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देश में चारधाम यात्रा व्यवस्थाएं सुचारू हैं। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध है।



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