अधिशासी निदेशक के अथक प्रयास से लक्ष्य से अधिक 31,28,744 कुन्तल गन्ना पेराई कर विगत वर्ष से अत्यधिक
2022-23, चीनी उत्पादन के साथ दिनांक 15.04.23 को हुआ पेराई सत्र 2022-23 का समापन
श्री दिनेश प्रताप सिंह, अधिशासी निदेशक, चीनी मिल डोईवाला ने अपनी प्रशासकीय क्षमता का लोहा मनवाते हुए कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ मिल कर्मचारियों/अधिकारियों एवं कृषकों के सहयोग से इस पेराई सत्र 2022-23 में अनेक उपलब्धियों को प्राप्त कर यह स्पष्ट कर दिया है कि डोईवाला चीनी मिल अभी बूढी नहीं हुई है.
उन्होंने विगत वर्षों से मिल के जरजर होने, मशीनरी पुरानी होने का मिथक तोडते हुए वर्तमान पेराई सत्र मात्र 140 दिन 31,28,744 कुन्तल गन्ना पेराई कर 3,08,320 कुन्तल चीनी का उत्पादन किया।
जबकि विगत पेराई सत्र 2021-22 में 152 दिन में कुल 28,71,890 कुन्तल गन्ना पेराई कर मिल में कुल 2,63,710 कुन्तल चीनी का उत्पादन हुआ था .
जिससे यह स्पष्ट हो चुका है कि विगत पेराई सत्र 2021-22 की अपेक्षा इस पेराई सत्र में लगभग 12 दिन पूर्व 2,56,854 कुन्तल अधिक गन्ना पेराई कर पिछली बार उत्पादित चीनी से अधिक चीनी का निर्माण किया गया जो कि चीनी मिल के लिए एक उपलब्धि है।
विगत पेराई सत्र 2021-22 में प्लान्ट यूटिलाईजेशन 75.99% था वहीं वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में प्लान्ट यूटिलाईजेशन लगभग 90% पेराई सत्र 2021-22 में लगभग 567 घण्टे की बन्दी हुई थी ,जबकि वर्तमान पेराई सत्र में मात्र 164.30 घण्टे की बन्दी हुई है।
डोईवाला चीनी मिल में पेराई सत्र 2022-23 का सफल संचालन करने के उपरान्त समापन किया गया।
। विगत
इस अवसर पर मिल अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिल में उपरोक्तानुसार प्राप्त परिणाम का श्रेय डी0पी0सिंह, अधिशासी निदेशक को देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की साथ ही अधिशासी निदेशक द्वारा किये गये अथक प्रयास, उनकी आक्रमक कार्यशैली एवं कृषक हित में लिये गये निर्णयों के कारण विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष मिल को अत्याधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद
किया ।
श्री दिनेश प्रताप सिंह, पी०सी०एस०, अधिशासी निदेशक ने बताया कि उन्होंने दिनांक 31.08.2022 को अपराहन् में मिल के अधिशासी निदेशक पद पर कार्य भार ग्रहण किया गया था तत्समय उनके पास दो ढाई महीने के बाद पेराई सत्र प्रारम्भ करने का लक्ष्य था किन्तु उक्त तिथि में मिल के अनेक रिपेयर एण्ड मेंटीनेंश सम्बन्धी कार्य लम्बित थे। अधिशासी निदेशक ने बताया कि मिल में पदभार ग्रहण करने के उपरान्त उनके द्वारा मिल कार्यो को समझने की कोशिश की गई जो कि निश्चित रूप से उनके लिए एक चेलेंजिंग जॉब था । उन्होंने स्पष्ट किया कि मिल की उन्नति के लिए जो भी प्रयास जरूरी थे उन प्रयासों को योजनाबद्ध तरीके से मेहनत एवं लगन के साथ क्रियान्वित किया गया। उन्होनें बताया कि वे प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ साथ कृषक परिवार से हैं, उन्होंने कृषकों की जिन परेशानियों एवं पीड़ा को समझा उन परेशानियों का तत्काल प्रत्यक्ष रूप से निदान करने का पूर्ण प्रयास किया।
मिल का पेराई सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व मात्र दो माह में उनके द्वारा मिल हित एवं कृषक हित में कृषक विश्राम ग्रह, केन यार्ड का निर्माण, सी०सी०रोड़ का निर्माण, सुलभ शौचालय, स्वच्छ पेयजल एवं कैन्टीन की व्यवस्था करवायी गई। गदरपुर चीनी मिल से लायी गई क्वाड बॉडियों को योजनाबद्ध तरीके से अल्प अवधि में स्थापित करवाया गया। उन्होंने बताया कि डोईवाला क्षेत्र के व्यापारियों एवं जनता द्वारा मांग की गई थी कि पेराई सत्र के दौरान गन्ने के वाहनों से अक्सर बाजार में जाम लगा रहता है जिस कारण स्थानीय निवासियों को आने जाने में अत्याधिक परेशानी का सामना करना पडता है उन्होंने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से इस पेराई सत्र में स्थानीय जनता के सामने कभी भी गन्ना वाहनों के जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी।
श्री दिनेश प्रताप सिंह, अधिशासी निदेशक ने बताया कि पेराई सत्र 2022-23 में प्राप्त सकारात्मक परिणाम कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा मिलजुल कर की गई मेहनत से ही सम्भव हुए जिसमें उन्हें सभी कृषकगणों क सहयोग प्राप्त हुआ जिसके लिए उन्होंने कृषकों का आभार भी व्यक्त किया।
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