Halloween party ideas 2015

 

डोईवाला-


 हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में भविष्य में बिमारी के उपचार के लिए नए टीके या दवा का क्लिनिकल ट्रायल भी हो सकेगा। हॉस्पिटल के कैंसर रिसर्च सेंटर में क्लिनिकल ट्रायल सेंटर शुरू किया गया है। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने सेंटर का औपचारिक उद्घाटन कर जन स्वास्थ्य को समर्पित किया।

हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। नई दवाओं के इस्तेमाल से पूर्व उसके परीक्षण के लिए क्लिनिकल ट्रायल सेंटर का उद्घाटन किया गया है।

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने सेंटर का उद्घाटन करते हुए कहा कि किसी भी टीके या दवाई की विकास प्रक्रिया में क्लिनिकल ट्रायल सबसे अहम होता है।


क्लिनिकल ट्रायल सेंटर में नियुक्त डॉ.निक्कू यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा जोकि पूरी तरह सुरक्षित होता है। रोगियों के इस्तेमाल से पूर्व पांच चरणों में दवाई का परीक्षण किया जाता है। इस सेंटर में तीसरे व चौथे चरण का परीक्षण किया जाएगा। डॉ.निक्कू यादव ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल को फर्मास्यूटिक्लस की बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से प्रोजेक्ट साझा किया जाएंगे।


इस दौरान प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी, डॉ.सुनील सैनी, कुलसचिव सुशीला नौटियाल, डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.मुश्ताक अहमद, डॉ.सीएस नौटियाल, डॉ.आशा चंदोला, डॉ.डीसी धस्माना, सोमाया रिसर्च एंड हेल्थ सर्विसेज के अरविंद कुमार, शुभम तोमर, निधि यादव सहित हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के क्लिनिकल रिसर्च व एपिडियोमोलॉजी के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

*क्या है क्लीनिकल ट्रायल ?*

क्लीनिकल रिसर्च के तहत जब कोई शोध या परीक्षण किया जाता है तो उसे क्लीनिकल ट्रायल कहते हैं। जब हम किसी बीमारी के रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा तैयार करते हैं या हमें विकसित की जा रही उस दवा या टीके जिसमें संबंधित रोग को रोकने की पर्याप्त क्षमता दिखती है तो उसका क्लीनिकल ट्रायल (टेस्टिंग) किया जाता है। इससे पहले के टेस्ट, ट्रीटमेंट्स की प्रक्रिया को प्री-क्लीनिकल ट्रायल कहा जाता है। क्लीनिकल ट्रायल में हम इंसान पर उस दवा या इलाज के इस्तेमाल के प्रभाव/ दुष्प्रभाव का आकलन करते हैं। इस लंबी प्रक्रिया में सैद्धांतिक रूप से पांच चरण होते हैं।


*एसआरएचयू का सोमाया रिसर्च एंड हेल्थ सर्विसेज के साथ एमओयू*

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट और सोमाया रिसर्च एंड हेल्थ सर्विसेज ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के तहत क्लिनिकल ट्रायल सेंटर में परिचालन और प्रशासनिक सहायता सेवाएँ प्रदान करता है। इसमें नियामक और अनुपालन गतिविधियों को संभालने से लेकर रोगी पंजीकरण के प्रबंधन तक सब कुछ शामिल है।


Post a Comment

www.satyawani.com @ 2016 All rights reserved

www.satyawani.com @ 2016 All rights reserved
Powered by Blogger.