ऋषिकेश :
हरिद्वार -देहरादून हाईवे से सटा गांव हरिपुरकलां के ग्रामीणों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।जहां एक बार फिर रेलवे की ओर से मोतीचूर फाटक को पूर्ण रूप से बन्द कर दिया गया देर रात्रि रेलवे ने फाटक के दोनों तरफ खाई खोद दी । जिससे सोमवार सुबह सवेरे आने जाने वालों को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं रेलवे की इस कार्यवाही से हरिपुरकलां गांव को हाईवे से जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता हमेशा के लिए बंद हो गया है। रेलवे के निर्णय से ग्रामीणों में हड़कंप की स्थिति है। ग्रामीणों का कहना है कि अब फिर से आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है।
दरअसल मोतीचूर-रायवाला के बीच फ्लाईओवर बन जाने और चीला मोतीचूर वन्य जीव गलियारे की वजह से मोतीचूर फाटक बंद किया जाना है। वही नया फ्लाईओवर बनाने के दौरान हरिपुरकलां के लिए संपर्क मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई। जिसको लेकर ग्रामीणों ने बीते वर्ष अप्रैल माह में धरना प्रदर्शन किया। तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के निर्देश पर वैकल्पिक रूप से रेलवे फाटक को खुला रखा गया और वन्यजीव गलियारे से गांव के लिए कच्चा रास्ता दिया गया था, लेकिन यह कार्य अस्थाई था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को गांव के लिए संपर्क मार्ग की स्थाई व्यवस्था करनी थी, साल बीतने को है लेकिन राजमार्ग प्राधिकरण इस दिशा में कोई काम नहीं कर पाया। इसकी वजह राजाजी टाइगर रिजर्व के कानूनी पेंच भी बताए जा रहे हैं। वहीं रेलवे के इस कार्यवाही से ग्रामीणों की मुसीबतें फिर बढ़ गई हैं उनको तीन किलोमीटर अतिरिक्त हरिद्वार की तरफ से होकर गांव में जाना पड़ेगा। हरिपुरकलां गांव ऋषिकेश तहसील से पूरी तरह कट गया है।
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