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   ऋषिकेश :  

      कोविड 19 उपचार के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में भर्ती उत्तराखंड के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी की दूसरे कोविड सैंपल की रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई है। जबकि उनकी पत्नी रजनी भंडारी की रिपोर्ट नेगेटिव है। चिकित्सकों के अनुसार दोनों का स्वास्थ्य स्थिर है। गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र  सिंह भंडारी और उनकी पत्नी चमोली जिला पंचायत की अध्यक्ष रजनी भंडारी बीते 3 दिनों से कोविड19 उपचार के लिए एम्स, ऋषिकेश में भर्ती हैं। उनका स्वास्थ्य स्थिर है और वह रूम एयर पर सामान्य स्थिति में हैं।                             

       संस्थान के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि भर्ती होने पर दोनों लोगों का 7 दिसंबर सोमवार को एम्स में भी कोविड सैंपल लिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मंत्री भंडारी की दूसरी कोविड रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई है। जबकि उनकी पत्नी रजनी भंडारी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। प्रो. मिश्रा ने बताया कि दोनों में कोविड संबंधी कोई नया लक्षण विकसित नहीं हुआ है। दोनों ही सामान्य स्थिति में हैं और चिकित्सकीय टीम की निगरानी में उनका समुचित उपचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों लोगों का पहला कोविड सैंपल बीते 4 दिसंबर को चमोली में लिया गया था, जिसमें दोनों की रिपोर्ट कोविड पाॅजिटिव आई थी। 


 

                                                                                    

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के हैलीपेड का आपात स्थिति में सुदूरवर्ती क्षेत्रों के मरीजों को सीधा लाभ मिलने लगा है। राज्य के सीमांत क्षेत्रों से पिछले 3 दिनों के भीतर ही आपात स्थिति के 4 मरीज उपचार के लिए एम्स अस्पताल पहुंच चुके हैं। जबकि इससे पूर्व भी एक मरीज को इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर एम्स लाया गया था।


एम्स ऋषिकेश को एयर एंबुलैंस सुविधा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 अगस्त-2020 को एम्स के हैलीपेड का उद्घाटन किया था। भौतिक और तकनीकी तौर पर यहां हैलीपेड संचालन की अनुमति प्रदान करने से पूर्व 28 जुलाई को डीजीसीए की टीम द्वारा 6 सीटर हैलीकाॅप्टर की ट्राॅयल लैंडिंग भी की गई थी। अब एम्स ऋषिकेश में हैलीपेड की सुविधा होने से इमरजेंसी उपचार की आवश्यकता वाले मरीजों को इसका सीधा लाभ होने लगा है। इससे खासतौर से उन गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार मिल पा रहा है जिन्हें सीमांत अथवा सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों से एयर लिफ्ट कर एम्स पहुंचाए जा रहे हैं।          

                   उल्लेखनीय है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य में सबसे बड़ी समस्या आपदाओं व दुर्घटनाओं के दौरान घायल लोगों व अन्य आपात स्थिति के मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने की रहती है। ऐसे में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की दूरदर्शी सोच के चलते तैयार किया गया यह हैलीपेड अब राज्यवासियों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध हो रहा है। 

बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे एयर एंबुलैंस के माध्यम से जनपद चमोली के लंगासू क्षेत्र से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज और अन्य बीमारियों से ग्रसित 55 वर्षीय एक कोविड पाॅजिटिव मरीज को एयरलिफ्ट कर एम्स लाया गया। जबकि दो दिन पूर्व बीते सोमवार को भी राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी, उनकी पत्नी रजनी भंडारी को भी हैली एंबुलैंस सेवा के माध्यम से दूरस्थ चमोली गढ़वाल से इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स लाया गया था। 


इस बाबत एम्स ऋषिकेश के एविएशन एंड एयर रेस्क्यू इंचार्ज डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि दो महीने पहले पौड़ी जिला मुख्यालय से एक चिकित्सक को हैली एंबुलैंस से एम्स लाया गया था। जो कि स्ट्रोक की वजह से गंभीर स्थिति में थे। लिहाजा एयर एंबुलैंस सेवा के चलते उन्हें समय पर उपचार मिल पाया और स्वास्थ्य होने पर कुछ ही दिनों में उन्हें एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था। डाॅ. उनियाल ने बताया कि हैली एंबुलैंस सुविधा को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने के लिए एम्स की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे उत्तराखंड के गरीब से गरीब परिवारों को भी इस सुविधा का लाभ मिल सके।






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