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ऋषिकेश :
                                                                                                                                                                    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों के मूल्यांकन के आधार पर बेहतर शिक्षा कार्य करने वाले चिकित्सा शिक्षकों को संस्थान की ओर से सम्मानित किया गया। कोरोना महामारी में सुरक्षा के मद्देनजर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपूर्ण कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया।  



   एम्स में शिक्षक दिवस पर आयोजित वेब कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ने कहा कि शिक्षकों की हमारे  जीवन में अभिन्न महत्ता होती है, वह एक व्यक्ति को शिक्षा के साथ साथ उसके व्यक्तित्व को भी ऊंचा उठाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संकाय क्षेत्र में शिक्षक होना एक गर्व की बात है,क्योंकि यहां पर एक शिक्षक जनता की चिकित्सा सेवा के साथ साथ अध्यापन का कार्य भी करते हैं।      
                                                                                                                                             
    इस दौरान एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने चिकित्सा क्षेत्र में विद्यार्थियों के बेहतर मार्गदर्शन में मदद करने वाली नवीन पद्दतियों को अपनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों से सीख लेनी चाहिए, जहां पर गुरु एवं मार्गदर्शक को छात्र के जीवन में बदलाव लाने के आधार पर विभिन्न श्रेणियों जैसे उपाध्याय, आचार्य, दृष्टा आदि में विभाजित किया गया है। निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने चिकितसा विज्ञान के साथ- साथ शोध की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बिना शोध को साथ लिए आगे बढ़ना मुश्किल है।                    

  डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी ने कहा कि जीवन में व्यक्ति किसी न किसी रूप में सामाजिक सेवा से जुड़ा होता है अथवा वह एक अध्यापक होता है, किंतु चिकित्सा शिक्षा एक अकेला ऐसा क्षेत्र है, जहां पर शिक्षक दोनों जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है, लिहाजा जरुरी है कि मेडिकल शिक्षक इस जिम्मेदारी को समझें एवं विद्यार्थियों को उचित दिशा देकर उनका उचित मार्गदर्शन करें।    
 
  डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर प्रो. पुनीत धर ने सभी का स्वागत किया, अपने स्वागत भाषण में कहा कि शिक्षक जीवन में सर्वोपरि है, मगर इसके लिए जरुरी है कि शिक्षक अपने आपको एक आदर्श की तरह प्रस्तुत करे, ताकि विद्यार्थी स्वत: ही उनका अनुरण करने को  प्रेरित हों। कार्यक्रम में छात्रों के मूल्यांकन पर आधारित उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सा शिक्षकों को संस्थान की ओर से निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने पुरस्कार भेंटकर सम्मानित किया गया।

 इसके अलावा अनुसंधान के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को भी सम्मान से नवाजा गया। साथ ही कोरोना महामारी से लड़ने में विशेष योगदान देने वाले चिकित्सा शिक्षकों को भी संस्थान द्वारा सम्मान किया गया। इस दौरान निदेशक एम्स ने कोरोना महामारी के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए डीएचए प्रो. यूबी मिश्रा की सराहना की व उन्हें संस्थान की ओर से सम्मानित किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर वाइस डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर डा. रवि गुप्ता ने एम्स निदेशक, संकायाध्यक्ष, डीन स्टूडेंट वैलफेयर व टीम के अन्य सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।इस दौरान छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर डा. गीता नेगी,डा. मनीषा नैथानी, डा. गौरव चिकारा, प्रसूना जैली, पैस्टिन, डा. अनुभा अग्रवाल आदि मौजूद थे।

                                                                                                                                                                        अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर सेंटर (आईबीसीसी) का द्वितीय स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस अवसर पर कोविड19 संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर गूगल मीट के माध्यम से केक कटिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया।                                                        

     शनिवार को एम्स ऋषिकेश में स्थापित स्पेशल कैंसर सेंटर के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ने बताया कि एम्स में स्थापित आईबीसीसी का कांसेप्ट अमेरिका के एक हॉस्पिटल से लिया गया है, जिसमें हमने पाया कि वहां पर मरीज को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं व उपचार दिया जाता है। मरीज को एक ही स्थान पर कई विभागों के चिकित्सक परीक्षण व उपचार दे सकते हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि आईबीसीसी के खाते में पिछले दो साल में काफी सफलताएं दर्ज हो चुकी हैं। निदेशक एम्स ने स्पेशल कैंसर सेंटर के सफल संचालन के लिए आईबीसीसी प्रमुख प्रो. बीना रवि, डा. अंजुम सईद, डा. प्रतीक शारदा एवं सेंटर की संपूर्ण टीम को बधाई दी। उन्होंने प्रो. बीना रवि की एक ही विषय महिलाओं में अत्यधिक पाए जाने वाले ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी को लेकर गंभीरता से कार्य करने व इस दिशा में उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा की।                                                                                                                                   आईबीसीसी प्रमुख प्रो. बीना रवि जी ने बताया कि कैंसर सेंटर में अब तक लगभग 9 हजार ब्रेस्ट से संबंधित बीमारियों के मरीज पंजीकृत हुए हैं,जिनमें से 3 हजार मरीज ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित थे। जिनमें से 2 हजार महिला रोगियों का उपचार पूर्ण किया जा चुका है व वह अब पूरी तरह से स्वस्थ है, जबकि 1 हजार मरीजों का ब्रेस्ट कैंसर का उपचार सफलतापूर्वक चल रहा है। उन्होंने महिलाओं में पाई जाने वाली इस सबसे गंभीर बीमारी का उपचार ऋषिकेश एम्स में सुलभ कराने के लिए निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी का आभार जताया व आईबीसीसी की टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।                                                                                                                                                                                              सेंटर के असिटेंट प्रोफेसर डा. प्रतीक शारदा ने निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी, डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी, आईबीसीसी प्रमुख प्रो. बीना रवि जी व डा. अंजुम सईद जी का धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनकी देखरेख व ​निरंतर प्रयासों से सेंटर बेहतर तरीके से संचालित हो रहा है और इसके परिणाम भी काफी आ रहे बेहतर हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सेंटर की टीम भ​विष्य में भी बेहतर परिणाम देने के लिए सतत प्रयासरत रहेगी।   डीन प्रो. मनोज गुप्ता जी व डीन हॉस्टिपल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा जी ने आईबीसीसी के सफल संचालन के लिए सभी को बधाई दी।                                           इस अवसर पर डा. आकृति कपूर, डा. सतीश चैतन्य, डा. अनन्या, डा. मृगांकी, डा. गंगोत्री मौजूद थे।

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