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  • देश अब खुल गया है, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • कोरोना की वैक्सीन पर, हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी: पीएम मोदी 
  • हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी, ये सब जो सेवा कर रहे हैं: पीएम मोदी

   देश में जारी कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया ।

 प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के माध्यम से देश को संबोधित किया और कहा कि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में आगे की राह लंबी थी।

प्रधान मंत्री ने कहा कि COVID -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई लोगों द्वारा संचालित है और हमारे नागरिकों की नवीन भावना से संचालित हो रही है। उन्होंने कहा कि अब अधिक सतर्क रहना महत्वपूर्ण है क्योंकि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 के प्रकोप का शिकार हुए लोगों का कोई वर्ग नहीं है, लेकिन गरीब, मजदूरों को सबसे ज्यादा चोट पहुंची है।

पीएम मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों में टिड्डियों के हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि हमले से प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी। चक्रवात AMPHAN के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ खड़ा है, और इन राज्यों के लोगों ने उल्लेखनीय साहस दिखाया है।

शनिवार को, केंद्र ने 'अनलॉक 1' दिशानिर्देश जारी किए, जिससे देश भर में अधिकांश गतिविधियों को फिर से खोलने और 30 जून तक केवल एक महीने के लिए लॉकडाउन को प्रतिबंधित करने की अनुमति दी गई।

गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों से केवल मॉलिंग, होटल, रेस्तरां और पूजा स्थलों को 8 जून से चरणबद्ध रूप से खोलने की अनुमति है। उन्होंने कहा  केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं, उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार, लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं।

 अगर, हमारे गांव, कस्बे, जिले, राज्य, आत्मनिर्भर होते, तो अनेक समस्याओं ने, वो रूप नहीं लिया होता, जिस रूप में वो आज हमारे सामने हैं। मुझे पूरा भरोसा है आत्मनिर्भर भारत अभियान, इस दशक में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। कोरोना संकट के इस दौर में मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, लेकिन, मैं एक सीक्रेट बताना चाहूंगा- विश्व के अनेक नेताओं में इन दिनों, बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के संबंध में होती है। साथियो, जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है।

आज, हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, देश के पूर्वी हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है। जैसे, कहीं श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम हो रहा है, कहीं स्टार्टअप्स इस काम में जुटे हैं, कहीं माइग्रेशन कमिशन बनाने की बात हो रही है।

हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं- दिन-रात मेहनत कर रहें हैं। जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं। लाखों श्रमिकों को, ट्रेनों, बसों से सुरक्षित ले जाना, उनके खाने-पाने की चिंता करना, हर जिले में क्वारंटीन केंद्रों की व्यवस्था, सभी की टेस्टिंग, चेकअप, उपचार की व्यवस्था, ये सब काम लगातार चल रहे हैं और बड़ी मात्रा में चल रहे हैं।

 कोरोना की वैक्सीन पर, हमारी लैब्स में जो काम हो रहा है उस पर तो दुनियाभर की नजर है और हम सबकी आशा भी। किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है। साथियो कोरोना एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है। पहले का अनुभव नहीं है। ऐसे में नई चुनौतियां, परेशानियां हम अनुभव कर रहें हैं। ये दुनिया के हर देश में हो रहा है इसलिए भारत भी इससे अछूता नहीं है। मैं सोशल मीडिया में कई तस्वीरें देख रहा था। कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए दुकान में बड़े पाइपलाइन लगा लिए हैं।

 जिसमें एक छोर से वो ऊपर से सामान डालते हैं और दूसरी छोर से ग्राहक अपना सामान ले लेते हैं। इस दौरान पढ़ाई के क्षेत्र में भी कई अलग-अलग इनोवेशन शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर किए हैं। ऑनलाइन क्लासिज, वीडियो क्लासिज, उसको भी, अलग-अलग तरीकों से इनोवेट किया जा रहा है। साथियो ऐसे कितने ही उदाहरण, हर दिन, दिखाई और सुनाई पड़ रहे हैं। कितने ही लोग खुद भी मुझे नमो एप और अन्य माध्यमों के जरिए अपने प्रयासों के बारे में बता रहे हैं।

मेरे प्यारे देशवासियो, एक और बात जो मेरे मन को छू गई है, वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन। गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से स्टार्टअप तक, हमारी लैब्स कोरोना लड़ाई में नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं। साथियो, हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी, ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है।

 सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है। ऐसे ही एक सज्जन हैं तमिलनाडु के सी. मोहन। देश के सभी इलाकों से वूनेम सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं। गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं। तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही .

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