यह सर्वविदित है कि कोरोना वायरस की बीमारी एक वैश्विक महामारी के रूप में घोषित है, ऐसे में जहां पूरी दुनियां बीमारी से निबटने में जुटी है वहीं दुनियांभर में समाज में अनेकों जागरूक लोग अपनी-अपनी सेवा भी जरूरतमंद लोगों के जीवन बचाने में प्रदान कर रहे हैं । बीते 23 दिनों से लगातार गरीबों की सेवा में जुटा है एक ऐसा परिवार जो खूब सुर्खियां बटोर रहा है ।समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी 11 वर्षीय बेटी यशस्विनी और 14 वर्षीय बेटी मनस्विनी हर रोज सैकड़ों राशन की किट गरीबों के घर-घर पहुंचाने के लिए तैयार करती हैं जबकि उनके पिता शशि भूषण मैठाणी सुबह से लेकर शाम तक हर वक़्त जरूरमंद परिवारों की एक फोन कॉल पर तुरन्त कई किलोमीटर दूर-दूर तक जाकर उन्हें रसद आपूर्ति करते हैं ।
सोशल मीडिया पर आजकल मैठाणी परिवार की यह दो बेटियां न सिर्फ प्रदेश में बल्कि प्रदेश के बाहर भी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं । हजारों लोग इस परिवार के अनूठे सेवाभाव को अपनी-अपनी फेसबुक वॉल व व्हाट्सप के मार्फ़त फॉरवर्ड अथवा शेयर कर चुके हैं ।
हालाँकि पूरे प्रदेश सैकड़ों संगठन अलग-अलग समूह में सेवा दे रहे हैं परन्तु यह परिवार अकेले दम पर लगातार 23 दिनों गरीबों की सेवा में जुटा है । मजेदार बात यह कि दो नन्हें हाथों से की जाने वाली सेवा से क्या आम और क्या खास सभी प्रभावित हो रहे हैं ।
और यही वजह रही अब इस परिवार के समर्पण से प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल खासा प्रभावित हुए हैं । श्री अग्रवाल ने बाकायदा यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी को पत्र जारी कर इस परिवार की प्रशंसा की है साथ चिंता व्यक्त करते हुए इस परिवार को कोरोना के संक्रमण से बचने की भी सलाह दी है ।
- हरिद्वार की संस्था बीइंग भगीरथ के अथक प्रयास और गंगा रसोई पिछले 23 दिनों से फील्ड में हरिद्वार के विभिन्न बस्तियों में गरीब और भिखारियों को दिन रात भोजन उपलब्ध करा रहे है. गंगा रसोई की इस अनूठी मिसाल को प्रधानमत्री कार्यालय गया है.
- देहरादून के युवा पियूष मौर्या जिन्हे उत्तराखंड में सबसे अधिक बार रक्तदान करने का गौरव प्राप्त है ,वह भी पिछले 24 दिनों से दिन- रात भोजन वितरण में लगे हुए है.
- डोईवाला स्थित मनीष उपाध्याय वैसे भी गरीबों और भिखारियों को अपनी गाड़ी के द्वारा प्रतिदिन भोजन वितरित करते है. परन्तु जनता कर्फू के बाद से ही पुलिस और कोरोना योद्धाओं ने उनसे कहीं अधिक बने बनाये खाने का वितरण करवाया.
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