आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज देश के आर्थिक विकास को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया है कि कोरोना के संदर्भ में भारत के हालात अन्य देशों से अच्छे हैं । हालांकि करोना के चलते पूरी दुनिया की भांति भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ा है ।
भारत की विकास दर का अनुमान 1.5% है । माना जा रहा है ,अच्छे मानसून से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी ।
आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं, उन्होंने सभी संस्थाओं का धन्यवाद दिया और बताया कि बैंक के कर्मचारी और बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं।
भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार 47.5 अरब डॉलर है. IMF ने भारत की जीडीपी 1.9 % रहने का अनुमान लगाया है। भारत की जीडीपी सबसे अधिक आंकी गई है जो कि एक अच्छा संकेत है ।
देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, भारत में रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75 परसेंट हुआ है जिसको बनाए रखने के लिए कमी नहीं होने दी जाएगी । बैंक डिविडेंड की घोषणा नहीं कर सकते। एनपीए की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 6 महीने की जाएगी।
इसी संदर्भ में आरबीआई द्वारा शिक्षण में LTRO के जरिए 50000 करोड़ रूपये डाले जाएंगे और अगर अधिक जरूरत पड़े तो और भी रुपए डाले जाएंगे ।
आरबीआई द्वारा NABARD, SIDBI को एनबीटी को 50000 करोड़ रू पर की मदद दी जाएगी
कच्चे तेल में गिरावट आने से फायदा होगा ।
सोशल डिस्पेंसिंग और लॉक डाउन के चलते भले ही देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई हो परंतु आरबीआई के सामने अब आने वाला समय इस अर्थव्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगा।
परंतु उम्मीद की जाती है कि भारत की अर्थव्यवस्था को करोना खत्म होने के बाद फिर से पटरी पर लाने की कवायद चलती रहेगी ।
उन्होंने सभी वित्त संस्थाओं को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और एक ही मंत्र दिया अंधेरे के बाद सदैव उजाले की और हमें देखना चाहिए
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