डोईवाला:
विगत 08 फरवरी से देहरादून से हरिद्वार और हरिद्वार से देहरादून आने जाने वाली गाड़ियों का संचालन प्रारम्भ हो गया है. डोईवाला प्लेटफॉर्म की दशा लम्बे समय बाद सुधर गयी है. अब यहाँ अप्प दोनों तरफ शानदार प्लेटफार्म , शेड सहित कुर्सियां, पानी की व्यवस्था कर शौचालय की व्यवस्था देख पाएंगे. देहरादून से हरिद्वार के रेलवे ट्रैक को 04 महीने की मेहनत के बाद दुरुस्त किया गया है. इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण कुम्भ मेला भी है.
इतनी शानदार मेहनत के बाद भी कई खामियां रेलवे स्टेशन के आस पास पाई गयी है. सिंघई की जो नहर रेलवे स्टेशन को पार कर आगे खेतों में जाती है. उसकी हालत बदतर हो गयी है. नहर के प्रवेश पर रेलवे ने एक खुला मुहाना छोड़ा हुआ है जिसकी गहराई लगभग 15 फुट कर दी गयी है. हालत यह है कि बाजार से बहती आ रही इस नहर के प्रदूषित कचरे के कारण यह गहराई घटकर 05 फुट रह गयी है. इसके निर्माण के समय न तो सिंचाई विभाग और ना ही नगरपालिका ने इस पर संज्ञान लिया. यहाँ तक कि किसी किसान ने भी इसकी सुध नहीं ली है.इस मुहाने की गहराई जानलेवा साबित भी हो सकती है। गर्मियों में जब सिंचाई के लिए खेतों को पानी नहीं पहुंचेगा , तब इसकी सुध ली जाएगी.
इसके अतिरिक्त एक फुटओवर ब्रिज की डोईवाला स्टेशन पर अत्यंत आवशयकता थी क्योंकि स्कूली बच्चे , ग्रामीण, वृद्ध, बीमार, युवा नौकरी पेशा लोग कुड़कावाल, बुल्लावाला से मुख्य बाजार को आने के लिए रेलवे स्टेशन की पटरियों को दिन रात क्रॉस करते है.
इसी प्रयास में यहाँ अनेक लोगों की जान जा चुकी है. रात्रि में यहाँ प्रकाश पथ व्यवस्था भी बेहाल है. ऐसे में राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार का तालमेल बेहतर नहीं बन पाया है. जिसका नुक्सान आम जनता को रहेगा।
विगत 08 फरवरी से देहरादून से हरिद्वार और हरिद्वार से देहरादून आने जाने वाली गाड़ियों का संचालन प्रारम्भ हो गया है. डोईवाला प्लेटफॉर्म की दशा लम्बे समय बाद सुधर गयी है. अब यहाँ अप्प दोनों तरफ शानदार प्लेटफार्म , शेड सहित कुर्सियां, पानी की व्यवस्था कर शौचालय की व्यवस्था देख पाएंगे. देहरादून से हरिद्वार के रेलवे ट्रैक को 04 महीने की मेहनत के बाद दुरुस्त किया गया है. इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण कुम्भ मेला भी है.
इतनी शानदार मेहनत के बाद भी कई खामियां रेलवे स्टेशन के आस पास पाई गयी है. सिंघई की जो नहर रेलवे स्टेशन को पार कर आगे खेतों में जाती है. उसकी हालत बदतर हो गयी है. नहर के प्रवेश पर रेलवे ने एक खुला मुहाना छोड़ा हुआ है जिसकी गहराई लगभग 15 फुट कर दी गयी है. हालत यह है कि बाजार से बहती आ रही इस नहर के प्रदूषित कचरे के कारण यह गहराई घटकर 05 फुट रह गयी है. इसके निर्माण के समय न तो सिंचाई विभाग और ना ही नगरपालिका ने इस पर संज्ञान लिया. यहाँ तक कि किसी किसान ने भी इसकी सुध नहीं ली है.इस मुहाने की गहराई जानलेवा साबित भी हो सकती है। गर्मियों में जब सिंचाई के लिए खेतों को पानी नहीं पहुंचेगा , तब इसकी सुध ली जाएगी.
इसके अतिरिक्त एक फुटओवर ब्रिज की डोईवाला स्टेशन पर अत्यंत आवशयकता थी क्योंकि स्कूली बच्चे , ग्रामीण, वृद्ध, बीमार, युवा नौकरी पेशा लोग कुड़कावाल, बुल्लावाला से मुख्य बाजार को आने के लिए रेलवे स्टेशन की पटरियों को दिन रात क्रॉस करते है.
इसी प्रयास में यहाँ अनेक लोगों की जान जा चुकी है. रात्रि में यहाँ प्रकाश पथ व्यवस्था भी बेहाल है. ऐसे में राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार का तालमेल बेहतर नहीं बन पाया है. जिसका नुक्सान आम जनता को रहेगा।
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