" युवा शक्ति" : युवा कौन है?
युवा वो है जिसमें समाज और राष्ट्र कल्याण की ललक हो। साधारणत: 40 वर्ष से कम आयु वालो को युवा कहा जाता है । भारत में लगभग 60 % युवा है। भारत विश्व का सबसे युवा देश है। युवा सदैव ही कर्मठ होना चाहिए । युवा का चिंतन सदैव ही समाज और राष्ट्र कल्याण के लिए होना चाहिए । युवा का लक्ष्य सदैव ही निर्धारित होना चाहिए ।लक्ष्य हीन युवा का जीवन व्यर्थ है। स्वामी विवेकानन्द जी कहते थे - " उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य को प्राप्त न कर लो"। स्वामी विवेकानन्द जी का जन्म १२- जनवरी-१८६३ में हुआ था । वे युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत हैं । विवेकानन्द जी में प्राचीन एवं आधुनिक, प्राच्य एवं पाश्रचतय , आदर्श एवं व्यवहार, राष्ट्रीय एवं वैश्विक, विज्ञान एवं अध्यात्म का मिश्रण है। वह कहते थे -" अध्यात्म भारत का विशिष्ट गुण है और धर्म भारत की आत्मा है।" राष्ट्र का उत्थान उनके मन में सर्वोपरि था। उन्होंने विशाल युवा शक्ति के लिए मंत्र दिया था- सेवा ,स्वाध्याय, सुरक्षा एवं स्वावलम्बन । नोबेल पुरस्कार विजेता श्री रवींद्रनाथ ठाकुर जी ने कहा था -" भारत को जानना है विवेकानन्द जी को जानो, उनमें सब सकारत्मक है, नकारत्मक कुछ भी नहीं "। विवेकानन्द जी का शिकागो में भाषण पश्चिमी क्षितिज पर भारत का ज्ञान रूपी सूर्य था। विवेकानन्द जी ने कहा था "भारत जागो विश्व जगाओ"।गुरू गोविन्द जी जिन्होंने स्वंय और अपने पुत्रो का राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। युगपुरूष डा0 हेडगेवार जी बचपन से देशभक्त थे। शहीदे आजम भगत सिंह जी, राजगुरु जी एवं सुखदेव जी बचपन से ही क्रांतिकारी थे एवं राष्ट्र के लिए उनहोंने बलिदान दिया ।सुभाष चन्द्र बोस जी, चंद्रशेखर आजाद जी,युवा छत्रपति शिवाजी महाराज,श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी , युवा अभिमन्यु,श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी,श्री नरेन्द्र मोदी जी आदि कई महानुभावों ने अपना जीवन राष्ट्र और समाज के कल्याण के लिए न्योछावर कर दिया । अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा जी ने कहा था - " या तो मैं तिरंगा फहराके आऊंगा , या तिरंगे में लिपट कर आउंगा ,लेकिन आउंगा ज़रूर । यह सभी महानुभाव आज के युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणासत्रोत हैं ।
युवा देश की रीढ़ की हड्डी है, इस रीढ़ की हड्डी का मजबूत एवं सुदृढ़ होना अति आवश्यक है ।युवा पीढ़ी समाज की धारा को विकास व मातृभूमि की रक्षा के साथ साथ मानव कल्याण की भावना से कार्य कर विश्व को एक नयी दिशा प्रदान करने मे समर्थ है ।युवा पीढ़ी का मुख्य उद्देश्य विश्व बन्धुतव व सर्व जन हिताय व सभी का सर्वांगीण विकास हो सके ऐसा कर्म करना चाहिए युवा पीढ़ी समाज व राष्ट्रीय व विश्व स्तर पर समाज के नव निर्माण करते हुए विश्व को एक परिवार की तरह बना सकते है तभी तो राम राज्य की कल्पना सार्थक हो सकती है।
हम सभी युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए । हम सभी को राष्ट्र हित के लिए , राष्ट्र निर्माण के लिये, राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए अपना योगदान देकर भारत को फिर से विश्व गुरू बनाना चाहिए ।
" उठो जवानों देश की वसुंधरा पुकारती, देश है पुकारता पुकारती माँ भारती "।।
।।जय हिंद जय भारत ।। वंदे मातरम् ।।
अनिरुद्ध उनियालराष्ट्रीय युवा संयोजक
आईएएमबीएसएस ।।
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