अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जूनियर पिकासो 2019 ऑनलाइन चित्रकारी प्रतियोगिता हुई जिसमें 2 - 10 वर्ष के छात्र ,छत्राओं ने प्रतिभाग किया । ऋषिकेश के दून इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की छात्राओ ने न इसमे प्रतिभाग किया बल्कि उत्कृष्ट पर्दर्शन कर बेस्ट आर्टिस्ट कैटगरी में नाम दर्ज कराया
इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 23 से ज्यादा देश के 1400 बच्चों ने प्रतिभाग कर अपनी कलात्मक प्रतिभा का उदहारण दिया । कक्षा 4 की अनुष्का भट्ट, अंजलि नेगी व परिणीता कंडियाल ने अपनी कलाकारी से सिद्ध कर दिया कि हुनर हर बच्चे के भीतर छिपा है बस जरूरत है तो उसे प्रदर्शित करने के लिए एक मंच की व एक गुरु की जो उसे सही मार्ग दिखाए। 8,9 वर्ष के ये बच्चे आज अमेरिका , बुल्गेरिया,स्लोवेनिया आदि देश के बच्चों से प्रतियोगिता कर अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर आज सभी के लिए एक प्रेणा स्त्रोत बन गए है।
विधालय की प्रधानाध्यापिका डॉ तनुजा पोखरियाल ने पुरुस्कृत छात्राओं को बधाई दी और बताया कि सभी को भविष्य में इस तरह की हर प्रतियोगिता में बड़ चढ़ कर प्रतिभाग करना चाहिए। कलाकारी में बालिकाओं के सर्वश्रेष्ठ पर्दर्शन ने 24 जनवरी बालिका दिवस के लिए एक बेहतरीन उदहारण पेश किया है विद्यालय के कला शिक्षक राजेश चन्द्र व ईशा चौहान ने बताया कि हर बच्चे को अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वह अपनी प्रतिभा से न अपने माता पिता बल्कि देश का नाम रोशन कर सकता है।
इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 23 से ज्यादा देश के 1400 बच्चों ने प्रतिभाग कर अपनी कलात्मक प्रतिभा का उदहारण दिया । कक्षा 4 की अनुष्का भट्ट, अंजलि नेगी व परिणीता कंडियाल ने अपनी कलाकारी से सिद्ध कर दिया कि हुनर हर बच्चे के भीतर छिपा है बस जरूरत है तो उसे प्रदर्शित करने के लिए एक मंच की व एक गुरु की जो उसे सही मार्ग दिखाए। 8,9 वर्ष के ये बच्चे आज अमेरिका , बुल्गेरिया,स्लोवेनिया आदि देश के बच्चों से प्रतियोगिता कर अपना उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर आज सभी के लिए एक प्रेणा स्त्रोत बन गए है।
विधालय की प्रधानाध्यापिका डॉ तनुजा पोखरियाल ने पुरुस्कृत छात्राओं को बधाई दी और बताया कि सभी को भविष्य में इस तरह की हर प्रतियोगिता में बड़ चढ़ कर प्रतिभाग करना चाहिए। कलाकारी में बालिकाओं के सर्वश्रेष्ठ पर्दर्शन ने 24 जनवरी बालिका दिवस के लिए एक बेहतरीन उदहारण पेश किया है विद्यालय के कला शिक्षक राजेश चन्द्र व ईशा चौहान ने बताया कि हर बच्चे को अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वह अपनी प्रतिभा से न अपने माता पिता बल्कि देश का नाम रोशन कर सकता है।
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