Halloween party ideas 2015

                                     
                                                                                                                                                                                                                एम्स ऋषिकेश में  देश की पहली एजोरियन मॉडल कैथ लैब का विधिवत शुभारंभ हाे गया। एम्स के हृदय रोग विभाग में इस कैथ लैब की स्थापना से संस्थान में हृदय रोगियों के उपचार में अब और अधिक सहूलियत हो जाएगी,जिससे अधिकाधिक मरीजों को जल्द उपचार मिलने में सुविधा होगी।                                                                                                                                                                                              मंगलवार को एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत, नीति आयोग के सदस्य व आयोग की टीम के प्रमुख डा. वीके पॉल, एम्स दिल्ली के ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. सुरेश कुमार शर्मा ने संयुक्तरूप से कॉर्डियक कैथ लैब का विधिवत लोकार्पण किया। हृदय रोग विभाग में पृथक कैथ लैब की स्थापना से संस्थान में दिल की विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीजों के उपचार में तेजी आएगी।                                                                                                                  इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में देश की पहली मॉड्यूलर कॉर्डियक कैथ लैब स्थापित होने से हृदय संबंधी रोगों से जुड़े एंजियोप्लास्टी आदि उपचार की सुविधा  उपलब्ध कराई जाएगी,जिससे अधिकाधिक मरीजों की बीमारी का निदान किया जा सके। उन्होंने बताया कि विभाग में आधुनिक कैथ लैब की स्थापना से माहभर में होने वाले एंजियोप्लास्टी उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इस सुविधा से संस्थान में करीब सालभर से किए जा रहे दिल की गति की डिजिज एबेलेशन के उपचार में भी तेजी आएगी और ऐसे रोगियों को जल्द ईलाज उपलब्ध किया जा सकेगा।                                                                                                                                                                                                एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया ​कि उत्तराखंड में सिर्फ एम्स संस्थान में पैदायशी हृदय की बीमारी दिल में छेद का बिना ऑपरेशन दूरबीन विधि से उपचार संभव है। नई कैथ लैब में उपलब्ध सॉफ्टवेयर स्ट्रक्चरल इंटरवेंशन के द्वारा दूरबीन विधि से हार्ट में जन्मजात पाए जाने वाले सुराग का उपचार और आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि संस्थान में पिडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी विभाग व एबेलेशन संबंधी बीमारियों के निदान के लिए इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी एंड हार्ट फेलियर सब स्पेशलिटी विभाग जल्द स्थापित करने की योजना है।                                                                                                                                        हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा. भानु दुग्गल ने बताया कि संस्थान में अब तक रेडियोलााजी व कॉर्डियोलााजी की संयुक्त कैथ लैब कार्य कर रही थी, जिससे माहभर में विभाग में लगभग 100 एंजियोप्लास्टी  के मामले किए जाते थे, विभाग की अलग लैब बनने से एंजियोप्लास्टी के मामले लगभग दोगुना हो जाएंगे, साथ ही लैब के संचालित होने से एबेलेशन के मामलों में भी इजाफा होगा। अब  एम्स में बच्चों से लेकर वयस्कों तक के हृदय में जन्मजात छेद का दूरबीन विधि से  इलाज संभव हो सकेगा।  इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, हृदय रोग विशेषज्ञ  डा. रोहित वालिया, डा. देवेंदू खानरा, डा. यश श्रीवास्तव, डा. बलराम जीओमर,डा. नवनीत कुमार बट्ट, संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुलेमान अहमद, ईई एनपी सिंह आदि मौजूद थे।

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