हरिद्वार;
बीइंग भगीरथ फाऊण्डेशन के स्वयं सेवियों ने कनखल स्थित सतीघाट व राजघाट पर वृहद स्तर पर सफाई अभियान चलाया। सफाई अभियान के तहत स्वयं सेवियों ने घाट पर फैली गंदगी, रेलिंग में फंसे कपड़े, गंगा तल पर व्याप्त प्लास्टिक व कूड़े को साफ कर स्वच्छता का संदेश दिया। गंगा से निकले कपड़े का उपयोग दरियां बनाने में किया जा रहा है। पुराने कपड़ों से बनी दरियां सरकारी विद्यालयों में छात्रों के बैठने के लिए व गंगा के किनारे गुजर बसर करने वाले गरीबों को वितरित की जाती हैं। बीइंग भगीरथ फाऊण्डेशन के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि फाऊण्डेशन के स्वयंसेवी प्रत्येक रविवार को गंगा घाटों व पार्को आदि की सफाई के लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाते हैं। सफाई अभियान में फाऊण्डेशन के स्वयंसेवियों को स्थानीय लोगों का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की विरासत है। इस विरासत का संरक्षण व संवर्द्धन करना सभी का कर्तव्य है। जनक सहगल व इंद्रपाल शर्मा ने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार की पहचान गंगा से ही है। ऐसे में हरिद्वार के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि गंगा को स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाने में सहयोग करे। उन्होंने सभी धर्मप्रेमियों से अपील करते हुए कहा कि पुराने कपड़े गंगा में फेंकने के बजाए फाऊण्डेशन को प्रदान करें। फाऊण्डेशन पुराने कपड़ों से दरियां बनवाकर गरीबों व सरकारी स्कूलों को देने का अभियान चला रहा है। घाटों पर कलश लगाए गये हैं ।गरीबों की मदद करने के इस अभियान में सहभागी बनें। चेतना भाटिया व व अभिनव ने कहा कि बीइंग भगीरथ फाऊण्डेशन के स्वयंसेवियों द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान में सहयोग करें। गंगा व अपने शहर को स्वच्छ बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। गंगा के सफाई के दौरान स्वयंसेवियों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। सीमित संसाधनों से ठण्डे मौसम में सफाई अभियान चलाना मुश्किलों भरा हो रहा है। उसके बावजूद स्वयंसेवी गंगा के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए निस्वार्थ सेवाभाव से सफाई अभियान में निरंतर जुटे हुए हैं। सफाई अभियान में अनुराग श्रीवास्तव, राहुल, तन्मय शर्मा, ओम् शरण, शिवम् अरोड़ा, हनी सेनी, विपिन, आदित्य, मधु भाटिया, जिया यादव आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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