डॉक्टर प्रियंका रेड्डी ही नहीं, हम बात कर रहें है महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार की बात।
हमारे देश में सब कुछ हो सकता है, परन्तु महिलाओं की आशाओं को पंख नहीं लग सकते. बड़े मार्मिक और पीड़ा भरे होते है वो पल जब किसी महिला के बलात्कार की खबर वायरल होती है. वायरल होती है क्योंकि रेटिंग बढ़ानी है.
काश ! मीडिया , देश की जनता, देश के नेता इस मुद्दे पर एकसाथ केंद्रित हो जाते , लोकसभा राजयसभा में बिल पास कराते तो निर्भया की यादें प्रियंका के रूप में ताजा न हो जाती. घृणित कार्यों का घड़ा छलक रहा है. देश में बहु बेटियों की इज़्ज़त से खिलवाड़ हो रहा है. और अभी तक निर्भया माँ रो रही है. कमजोर कानून अभी तक निर्भया के हत्यारों को भी फांसी नहीं दे पायी है.
हम , बापू के देश की, राम की धरती की, गौतम बुद्ध की भूमि की महिलाएं, एक बार फिर सन्न रह गयी जब प्रियंका रेड्डी जो कि एक डॉक्टर है उसे सामूहिक बलात्कार के बाद जिन्दा जला दी गयी. हत्यारे पकड़ लिए गए पर फांसी कब होगी? जैसे को तैसे का विधान कब होगा? कौन करेगा इस देश की स्त्रियों का उद्धार?
प्रश्न चिन्ह है ? व्यवस्था पर, आचार व्यवहार पर और महिलाओं की सुरक्षा कर स्वतंत्रता पर.
शायद ईश्वर ही आएंगे, स्त्रियों की लाज रखने के लिए , या आधी आबादी पहचान ले अपनी ताकत। इन्ही शब्दों के साथ श्रद्धांजलि। प्रिय प्रियंका तुम भी हम हो, और हम ही तुम है.
.png)
एक टिप्पणी भेजें