रुद्रप्रयाग:
भूपेंद्र भंडारी
जल ही जीवन है नदियों के धार्मिकए सास्कृतिक, वैज्ञानिक व पर्यावरणीय पहलू की समझ से ही मानव सभ्यता बची रह सकती है।यह बात रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जल सरंक्षण व गंगा की अविरलता के लिये कार्य कर रहे जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कही। जल विरादरी द्वारा माणा ; बद्रीनाथ से शुरु हुई अविरल गंगा संदेश यात्रा आज जल पुरुष राजेन्द्रसिंह की अगुवाई में रुद्रप्रयाग पहुंची ।
जल विरादरी से जुड़े कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों द्वारा अविरल गंगा संदेश यात्रा का स्वागत किया गया। बस अड्डे स्थिति नगर पालिका के बारत घर मे जल विरादरी से जुड़े लोगो को सम्बोधित करते हुये जल पुरुष राजेन्द्रसिंह ने कहा कि जब तक देश में नीर नदी ओर नारी का सम्मान होता रहा तब तक भारत विश्व गुरु की भूमिका में रहा आज विकास के नाम पर नदियों की अविरलता को बाधित किया जा रहा है जो कि पर्यावरण के लिये एक अभिशाप है। उन्होंने प्रयागो के संरक्षण पर जोर देते हुये कहा कि गंगा को बचाये रखने के लिये प्रयागो का संरक्षण जरुरी है।
इस अवसर पर रुद्रप्रयाग के विधायक श्री भरत चौधरी ने जल विरादरी द्वारा मां गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए आयोजित अविरल गंगा संदेश यात्रा की प्रशंशा करते हुये कहा कि जल पुरुष राजेन्द्रसिंह ने देश में जल संरझण के लिये अभूतपूर्व कार्य किये है उनके कार्यों को आगे बडा़ने के लिये सरकार पूरा प्रयास करेगी। जल विरादरी की प्रदेश संयोजक श्रीमती बीना चौधरी ने गंगा की रझा के लिये मातृ शक्ति को आगे आने का आवाह्नन किया।
इस अवसर पर पर्यावरण संरझण व गंगा की अविरलता को बचाने के छैत्र में किये गये कार्यों के लिये डाण् हेमा पुष्पवाण 65 दिन तक अनशन करने वाले जगमोहन सिंह झिंकवाण व वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल सुंदरियाल को राजेन्द्रसिंह द्वारा पुरस्कृत किया गया। जबकि श्रीमती लक्ष्मी जगवाण को जल विरादरी का नगर अध्यक्ष नियुक्त किया गया।कार्यक्रम का संचालन अशोक चौधरी ने किया.
एक टिप्पणी भेजें