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 उत्तरकाशी:


  • गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट खुले

  • जयकारों के बीच हजारो श्रद्धालुओं ने किये अखंड ज्योति के दर्शन


विश्व सुप्रसिद्ध चार धामों में से दो धाम गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के मौके पर  वैदिक मंत्रोच्चार व पूजा अर्चना के साथ आज सुबह हजारो श्रद्धालुओं की मौजूदगी में ग्रीष्म काल के लिए दर्शनार्थ
खुल दिया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ,देश विदेश से आये यात्रियों को अखंड ज्योति के दर्शन करने का अवसर मिला जो कि निरंतर जलती रहती है।

बता दे कि मंगलवार सुबह गंगा की भोग मूर्ति व डोली अपने रात्रि पड़ाव भैरोघाटी से ढोल बाजे व सेना के बैड की धुन  के साथ प्रस्थान कर गंगा के जयकारो के बीच गंगोत्री पहुंची। गंगोत्री धाम में  गंगा स्नान के उपरांत पूजा अर्चना के साथ गंगा की भोग मूर्ति को मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित कर उसका श्रृंगार किया गया और सभी धार्मिक परंपराओं व शुभलग्नानुसार  ठीक साढ़े 11 बजे  गंगोत्री मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार,पूजा अर्चना के साथ खोल दिए गए।  कपाट खुलने का इंतजार   मैं लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालुओं ने बारी-बारी से मंदिर में गंगा के दर्शन किये।
कपाट खुलने के मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत,विधायक गोपाल रावत,पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण,  पालिका चेयरमैन रमेश सेमवाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, गढ़वाल कमिश्नर डा.बीवीआरसी पुरूषोत्तम, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य,उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, श्याम डोभाल, जगमोहन, विजय बहादुर, सत्य सिंह राणा,सुरेश चौहान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख, चंदन सिंह पंवार, कनक सिंह परमार आदि उपस्थित रहे.

 सोमवार से ही  श्रद्धालुओं के जत्थे धाम को पहुंचने शुरू हो गए हैं।  यमुना के के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में यमुनोत्री धाम के लिए मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास  खरसाली से अपने भाई शानि महाराज के साथ यमुनोत्री धाम पहुंचे जहां पूजा - पाठ के बाद शुभलग्नानुसार ठीक 1:15 पर श्रद्धालुओं के लिये माँ यमुना के कपाट खोल दिये गये , कपाट खुलने के मौके पर प्रवासी ग्रामीणों के साथ ही श्रद्धालु भी मौजूद रहे हैं।


 अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मां यमुना की विदाई भाई शनि देवता की अगुआई में एक बेटी के समान मायके से की जाती है। (शनिदेव का यहां चमत्कारिक एवं अद्भुत मन्दिर है।) मां यमुना इसी दिन अपने धाम यमुनोत्री में विराजती हैं। विदाई के लिए चलने वाले अनुष्ठान भी  किया जाता हैं।

 अक्षय तृतीया (इस वर्ष 07 मई, 2019) के पावन पर्व पर हर वर्ष 6 माह के मायके के शीतकालीन प्रवास के बाद मां यमुना की वापसी यमुनोत्री धाम के लिए होती है। इस दिन खरसाली गांव में ग्रामीणों सहित क्षेत्र के लोग एकत्र होकर गांव को सजा कर मां यमुना की विदाई बेटी की तरह करते हैं। विदाई केअवसर इस कदर भावुक हुये है ,कि स्थानीय महिलाओं के आंखों में अश्रुधारा देखने को मिली है।

महिलायें वे मां की विदाई को गांव के अंतिम छोर तक गई हैं, जबकि तीर्थ पुरोहितों सहित क्षेत्र के पुरुष व बालिकायें यमुनोत्री धाम तक मां यमुना को पहुंचाने गये हैं। इस मौके पर   यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान, उपजिलाधिकारी बड़कोट, अनुराग आर्य,  मंदिर समिति के उपाध्यक्ष र्कीतेश्वर उनियाल, सहित पंचपंडा समाज मौजूद रहे हैं।।

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