ऋषिकेश :
एम्स से निष्कासित कर्मचारियों के प्रकरण पर राज्य के सत्ताधारी नेताओं एवं केन्द्र मे उत्तराखंड का प्रतिधिनित्व करने वाले नेताओं की चुप्पी से सवाल खडे होने लगे है । जहां हर चुनाव मे युवाओं को रोजगार के वादे किये जाते है ।
लेकिन अब तो ऐसा लगने लगा है । कि विभिन्न राजनीतिक दल और उनके नेता अपने कुछ स्वार्थों के चलते एम्स से निष्कासित राज्य के युवाओं के बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है ।जहां युवाओं का आमरण अनशन चल रहा है ।वहीं राज्य एवं केन्द्र चुप्पी कही सवाल खडे करती हैं जहां युवाओं के स्तर से लगाए नेताओं की भूमिका पर सवाल खडे कर रहे है । जहां प्रदेश युवाओं का युवा केन्द्र से लेकर राज्य तक नौकरी बचाने की गुहार लगा चुके है । लेकिन सबने युवाओं की इस माँग अनसुना कर दिया है ।
सरकार इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। जबकि मामला पूरी तरह से सरकार संज्ञान में भी है।जहां युवा सरकार के सामने कई बार नौकरी बचाने की गुहार भी लगा चुके है । लेकिन युवाओं की माँगो अनसुना कर दिया गया ।
जहां अभी तक एम्स प्रशासन को कोस रहे युवा अब राज्य के सत्ताधारी नेताओं एवं केन्द्र के नेताओं की भूमिका पर सवाल उठने लगे है ।वही एम्स निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष दीपक रयाल ने कहा कि । राज्य एवं केन्द्र के सत्ताधारी नेता अंहकार मे डूबे है । जिन्हें युवाओं का दर्द नहीं दिख रहा है ।आने वाले समय मे इन नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला जायेगा ।
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