रुद्रप्रयाग;
भूपेंद्र भंडारी
गुलाबराय मैदान में चल रहे रुद्रनाथ महोत्सव की दूसरी नाइट जागर सम्राठ प्रीतम भरतवाण के नाम रही। कडाके की ठण्ड में भी दर्शक रात तक प्रीतम के गीतों व जागरों पर झूमते रहे। नगर पालिका द्वारा आयोजित महोत्सव का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने किया। प्रीतम भरतवाण जैसे ही मंच पर पहुंचे तो सैकडों की तादाद में दर्शकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। फिर गीतों व जागरों की ऐसी गंगा बही कि दर्शक थिरकने को मजबूर हो गये।प्रीतम ने स्वयं ही ढोल बजाकर जागर गाये। और दर्शकों की फरमाइस के गीतों को गाया। वहीं सांस्कृतिक संध्या से पूर्व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने सामाजिक, राजनैतिक, व फूहड फैसन पर जमकर तंज कसे और दर्शकों को खूब गुदगुदाया। जागर सम्राठ ने कहा कि लोक भाषा व संस्कृति को बचाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किये जाने चाहिए और युवा पीडी को भी अपनी बोली भाषा व संस्कृति को अपनाना चाहिए।
भूपेंद्र भंडारी
गुलाबराय मैदान में चल रहे रुद्रनाथ महोत्सव की दूसरी नाइट जागर सम्राठ प्रीतम भरतवाण के नाम रही। कडाके की ठण्ड में भी दर्शक रात तक प्रीतम के गीतों व जागरों पर झूमते रहे। नगर पालिका द्वारा आयोजित महोत्सव का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने किया। प्रीतम भरतवाण जैसे ही मंच पर पहुंचे तो सैकडों की तादाद में दर्शकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। फिर गीतों व जागरों की ऐसी गंगा बही कि दर्शक थिरकने को मजबूर हो गये।प्रीतम ने स्वयं ही ढोल बजाकर जागर गाये। और दर्शकों की फरमाइस के गीतों को गाया। वहीं सांस्कृतिक संध्या से पूर्व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने सामाजिक, राजनैतिक, व फूहड फैसन पर जमकर तंज कसे और दर्शकों को खूब गुदगुदाया। जागर सम्राठ ने कहा कि लोक भाषा व संस्कृति को बचाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किये जाने चाहिए और युवा पीडी को भी अपनी बोली भाषा व संस्कृति को अपनाना चाहिए।
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