ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
गुमानीवाला में स्वराज मुक्ति आन्दोलन कार्याक्रम को संबोधित करते हुए जलपुरुष डॉ राजेन्द्र सिहं ने कहा कि देश की सत्ता अवसरवादियों के समन्वित कब्जे में है जिसे मुक्त कराने की आवश्यकता है। कहा कि देश की नब्बे प्रतिशत लोग इनके हाथ की कठपुतली बने हुए है। जिन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। देश व जनहित में अच्छा कार्य करने वाले लोग अलग-थलग पडे हुए हैं तथा गॉव की संस्कृति बाजारवाद की भेंट चढ़ रही हैं। इस अवसर पर समाजशास्त्री प्रो जेपी सिंह ने कहा कि गाय, गंगा, गीता गॉव पुरातन काल से भारत की संस्कृति रही है जिसे सुरक्षित व संरक्षित किये जाने की आवश्यकता है। आरोप लगाए की सरकार व सत्ता नामात्र चंद लोगों की सुविधा के लिए बनकर रह गई है।लोकमानस की बेहतरी से राजनीति का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। जिससे राजनीति , समाज तथा परिवार बिखर रहे है। कार्यक्रम के संयोजक श्रीकांत सिंह ने कहा कि स्वराज के सिद्धांत को लागू करने से देश के भीतर एक बेहतर सत्ता प्रबंध आएगा जो पूर्व में महज ढाई सौ वर्षों पहले तक ग्राम - सभा ही गॉव का प्रबंध और अनुशासन देखता था।इस अवसर पर 73वें संविधान संशोधन को जनोमुख करने के लिए बालकदास जी महाराज ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना और प्रदर्शन करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में संतोष बह्मचारी, अनुसूया प्रसाद बंगवाल, स्वामी विक्रमादित्य , नागेन्द्र दत्त रतूड़ी, नरेश वर्मा, सिद्धार्थ, विनोद जुगलान,और श्यामबालक ने भी अपने विचार व्यक्त किये।कायर्क्रम का संचालन रवि रस्तोगी ने किया।
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